धारा 120 क्यों लगाई जाती है? - dhaara 120 kyon lagaee jaatee hai?

स्टोरी हाइलाइट्स

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  • कारावास से दंडनीय अपराध करने की साजिश से जुड़ी है ये धारा
  • अंग्रेजी शासनकाल में लागू हुई थी आईपीसी
  • अपराध और उनकी सजा का प्रावधान बताती है IPC

भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में ऐसे व्यक्ति के बारे में प्रावधान मिलता है, जो ऐसे अपराध की करने की साजिश को छुपाता है, जिसके लिए कारावास की सजा हो सकती है. आईपीसी की धारा 120 (Section 120) में कारावास से दंडनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना और उसकी सजा के बारे में बताया गया है. आइए जान लेते हैं कि आईपीसी की धारा 120 इस बारे में क्या बताती है?

आईपीसी की धारा 120 (Indian Penal Code Section 120)
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120 (Section 120) में ऐसे अपराध की साजिश (Conspiracy to commit crime) को छिपाने के बारे में बताया गया है, जिसके कारित होने पर कारावास की सजा (Sentence of imprisonment) का प्रावधान है. IPC की धारा 120 के अनुसार, जो कोई उस अपराध (Offence) का किया जाना, जो कारावास से दंडनीय (Punishable with imprisonment) है, सुकर (Easy) बनाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा सुकर बनाएगा यह जानते हुए, ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व (Existence of the hypothesis) को किसी कार्य या अवैध लोप (illegal omission) द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा व्यपदेशन (Representation) करेगा, जिसका मिथ्या (false) होना वह जानता है.

सजा का प्रावधान (Punishment provision)
यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह उस अपराध के लिए दोषी को उपबंधित भांति के कारावास (Imprisonment of the kind provided) से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी. और अगर वह अपराध नहीं किया जाए, तो वह ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक की हो सकेगी, से दंडित रहोगा या उस पर आर्थिक दंड (Monetary penalty) लगाया जाएगा. या फिर दोनों ही तरह से दोषी को दंडित किया जाएगा.

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क्या होती है आईपीसी (IPC)
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.

अंग्रेजों ने लागू की थी IPC
ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.

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  • इंडियन पीनल कोड
  • धारा 120

धारा 120 आईपीसी (IPC Section 120 in Hindi) - कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना।

धारा 120 क्यों लगाई जाती है? - dhaara 120 kyon lagaee jaatee hai?

धारा 120 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के अनुसार, जो भी कोई उस अपराध का किया जाना, जो कारावास से दण्डनीय है, सुगम बनाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा सुगम बनाएगा यह जानते हुए कि,
ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा स्वेच्छा पूर्वक छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा वर्णन करेगा, जिसका निराधार होना वह जानता है,

  यदि अपराध होता है -- यदि ऐसा अपराध हो जाए, तो उसे उस अपराध के लिए उपबंधित किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक बढ़ायी जा सकती है, या आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा;
और यदि अपराध नहीं होता है --यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक बढ़ायी जा सकती है, या उस अपराध के लिए उपबंधित आर्थिक दण्ड से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

  लागू अपराध
कारावास से दण्डनीय अपराध करने की परिकल्पना को छिपाना
1. यदि अपराध होता है -
सजा - अपराध के लिए दीर्घतम अवधि की एक चौथाई अवधि के लिए कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।

2. यदि अपराध नहीं होता है -
सजा - दीर्घतम अवधि के आठवें भाग के लिए कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।

  यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।


Offence : एक लोक सेवक एक अपराध करने के लिए एक डिजाइन छुपा रहा है जिसे रोकना उसका कर्तव्य है, यदि अपराध किया जाए

Punishment : अपराध या जुर्माना या दोनों के आधे

Cognizance : किये गए अपराध के समान

Bail : किये गए अपराध के समान

Triable : उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है



Offence : यदि अपराध को मृत्यु दंडित किया जाए या आजीवन कारावास की सजा हो

Punishment : 10 साल

Cognizance : किये गए अपराध के समान

Bail :

Triable : उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है



Offence : यदि अपराध नहीं किया जाता है

Punishment : अपराध या जुर्माना या दोनों का एक चौथाई

Cognizance :

Bail : ज़मानती

Triable :



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IPC धारा 120 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 120 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 120 अपराध : एक लोक सेवक एक अपराध करने के लिए एक डिजाइन छुपा रहा है जिसे रोकना उसका कर्तव्य है, यदि अपराध किया जाए


आई. पी. सी. की धारा 120 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 120 के मामले में अपराध या जुर्माना या दोनों के आधे का प्रावधान है।


आई. पी. सी. की धारा 120 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 120 किये गए अपराध के समान है।


आई. पी. सी. की धारा 120 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?


आई. पी. सी. की धारा 120 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 120 किये गए अपराध के समान है।


आई. पी. सी. की धारा 120 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 120 के मामले को कोर्ट उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है में पेश किया जा सकता है।


लोकप्रिय आईपीसी धारा


धारा 120 कब लगती है?

आईपीसी की धारा 120 (Indian Penal Code Section 120) भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120 (Section 120) में ऐसे अपराध की साजिश (Conspiracy to commit crime) को छिपाने के बारे में बताया गया है, जिसके कारित होने पर कारावास की सजा (Sentence of imprisonment) का प्रावधान है.

धारा 120 बी का मतलब क्या होता है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (2): यह धारा शेष अपराधों की आपराधिक साजिश से संबंधित है। आम तौर पर, इसमें मामूली आपराधिक अपराध शामिल हैं। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि यह उन अपराधों की साजिश को कवर करता है जो 2 साल से कम कारावास की सजा है।

120 B में जमानत कैसे मिलती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 420 यानी जालसाजी एक संगेय तथा गैर जमानती अपराध है । जबकि धारा 120 बी जिस मुख्य अपराध के साथ लगाई जाती है उसी के अनुसार उसकी संगेयता असंगेयता या जमानत या गैर जमानती होती है जैसा कि आप के सवाल में ही पूछा गया है यह 420 के साथ 120b लगाई गई है अतः यह भी गैर जमानती अपराध होगा।

120 का क्या मतलब है?

धारा 120 का विवरण और यदि अपराध नहीं होता है --यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आठवें भाग तक बढ़ायी जा सकती है, या उस अपराध के लिए उपबंधित आर्थिक दण्ड से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।