ब्रेन हेमरेज का पता कैसे चलता है? - bren hemarej ka pata kaise chalata hai?

ब्रेन हेमरेज क्या है?

ब्रेन हेमरेज एक तरह का मानसिक दौरा (स्ट्रोक) है। ये दिमाग में धमनी (आर्टरी: दिल से शरीर के बाकी हिस्सों तक खून पहुँचाने वाली नलियां) के फटने के कारण होता है जिससे आस-पास के ऊतकों में रक्तस्त्राव हो जाता है। ब्रेन हेमरेज से होने वाला रक्तस्त्राव मस्तिष्क कोशिकाओं का नाश कर देता है। 

(और पढ़ें - कोरोनरी आर्टरी डिजीज)

मनुष्य का दिमाग खोपड़ी के अंदर होता है। दिमाग से खून बहने के कारण खोपड़ी और दिमाग के बीच दबाव पैदा होता है जो दिमाग के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है। दिमाग में जब किसी रक्त वाहिका के फटने के कारण खून बहता है तो उसे हेमरेज स्ट्रोक (hemorrhagic stroke) कहते हैं।

ब्रेन हेमरेज हाई बीपी, अत्यंत कमज़ोर रक्त वाहिकाएं जिनसे खून बहता हो, दवाई के दुरूपयोग और ट्रॉमा (trauma: गंभीर चोट) के कारण होता है।

जिन लोगों को ब्रेन हेमरेज हुआ है उन्हें स्ट्रोक के जैसे ही लक्षण होते हैं। साथ ही शरीर के एक हिस्से में कमज़ोरी, बोलने में परेशानी या शरीर का सुन्न पड़ना महसूस हो सकता है। दैनिक कार्य करने में परेशानी होना, जैसे चलते-चलते गिर जाना भी ब्रेन हेमरेज का लक्षण है।

ब्रेन हेमरेज एक जानलेवा अवस्था है और इसका तुरंत इलाज कराना बहुत ज़रूरी होता है।   

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ब्रेन हेमरेज क्या है?

न हेमरेज एक तरह का स्ट्रोक है। यह तब होता है जब कोई कमज़ोर ब्लड वेसल ब्रेन में लीक हो जाती है या फट जाती है और आस-पास के एरिया में ब्लीड होने लगती है जिसके परिणामस्वरूप ब्रेन सेल्स डैमेज हो जाती हैं। यह ब्लीडिंग दो एरियाज़ में हो सकती है: स्कल के भीतर लेकिन ब्रेन टिश्यू के बाहर, या ब्रेन टिश्यू के अन्दर। यह दोनों कंडीशंस और ब्रेन हेमरेज के अलग-अलग टाइप्स नीचे दिए जा रहे हैं:

ब्रेन हेमरेज का पता कैसे चलता है? - bren hemarej ka pata kaise chalata hai?

स्कल के भीतर लेकिन ब्रेन टिश्यू के बाहर ब्लीडिंग होना ब्रेन में तीन मेम्ब्रेन लेयर्स होती हैं जिन्हें मेनिन्जेस कहा जाता है। ये लेयर्स स्कल और वास्तविक ब्रेन टिश्यू के बीच में स्थित होती हैं। मेनिन्जेस का परपस ब्रेन को कवर और प्रोटेक्ट करना होता है। ब्लीडिंग इन तीन लेयर्स के बीच में कहीं भी हो सकती है। इन तीन मेम्ब्रेंस को ड्यूरा मेटर, आर्कनॉइड और पायामेटर कहा जाता है।

एपिड्युरल ब्लीड (हेमरेज): यह ब्लीडिंग स्कल बोन और ड्यूरामेटर के बीच में होती है।
सब ड्यूरल ब्लीड (हेमरेज): यह ब्लीडिंग ड्यूरा मेटर और आर्कनॉइड मेम्ब्रेन के बीच में होती है।
सबआर्कनॉइड ब्लीड (हेमरेज): यह ब्लीडिंग आर्कनॉइड मेम्ब्रेन और पाया मेटर के बीच में होती है।

ब्रेन टिश्यू के भीतर ब्लीडिंग होना ब्रेन टिश्यू के भीतर दो तरह की ब्रेन ब्लीडिंग हो सकती है – इंट्रासेरेब्रल हेमरेज (जिसे सेरेब्रल हेमरेज और हेमोरेजिक स्ट्रोक भी कहा जाता है) और इंट्रावेंट्रिकुलर हेमरेज।

इंट्रासेरेब्रल हेमरेज: यह ब्लीडिंग ब्रेन के लोब्स, पोन्स और सेरेबेलम में होती है। (ब्रेन टिश्यू के भीतर यह ब्लीडिंग कहीं भी हो सकती है इन्क्लुडिंग ब्रेनस्टेम) इंट्रावेंट्रिकुलर हेमरेज: यह ब्लीडिंग ब्रेन वेंट्रिकल्स में होती है जो कि ब्रेन (केविटिज़) के स्पेसिफिक एरियाज़ होते हैं जहाँ सेरेबोस्पाइनल फ्लूड प्रोड्यूस होता है।

ब्रेन में क्या होता है जब सिर के अन्दर ब्लीडिंग होती है?

चूँकि ब्रेन ऑक्सीजन स्टोर नहीं कर सकता है, इसलिए यह ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के सप्लाई के लिए ब्लड वेसल्स पर निर्भर होता है। जब ब्रेन हेमरेज होता है तब फटी हुई और कमज़ोर वेसल्स के द्वारा सप्लाई की जा रही ऑक्सीजन ब्रेन टिश्यू तक नहीं पहुँच पाती है। इंट्राक्रेनियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज के कारण होने वाली ब्लड की पुलिंग भी ब्रेन पर प्रेशर डालती है जिससे ऑक्सीजन की कमी होती है।

जब हेमरेज ब्रेन के आसपास या भीतर ब्लड के फ्लो को अवरुद्ध करता है, तो ब्रेन को तीन या चार मिनिट से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन नहीं मिल पाती हैं और ब्रेन सेल्स मर जाती हैं। इस वजह से न केवल नर्व सेल्स प्रभावित होती हैं बल्कि वे कार्य भी प्रभावित होते हैं जो उनके नियंत्रण में होते हैं।

ब्रेन हेमरेज होने के कारण क्या-क्या हैं?
  • सिर में गंभीर चोट लगना ।
  • ब्लड क्लॉट जो कि ब्रेन में बना हो या बॉडी के अन्य किसी पार्ट में बन कर ब्रेन तक पहुँचा हो जिसने आर्टरी डैमेज कर दी हो और उस वजह से लीक हुआ हो ।
  • हाई ब्लड प्रेशर, जो कि ब्लड वेसल वाल्स को डैमेज कर सकता है जिसके कारण ब्लड वेसल्स फट सकती हैं ।
  • रपचर्ड सेरेब्रल एन्यूरिज़म (ब्लड वेसल वाल में बना एक वीक स्पॉट जो कि बड़ा होकर फट गया हो) ।
  • आर्टरीज़ में फैटी डिपॉजिट्स का होना (एथेरोस्क्लेरोसिस) ।
  • ब्रेन की आर्टरी वाल्स के भीतर एमिलॉइड प्रोटीन का निर्माण होना (सेरेब्रल एमिलॉइड एंजियोपेथी)।
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स या एंटी कोगुलेंट थेरेपी से इलाज (ब्लड थिनर्स) ।
  • आर्टरीज़ और वेन्स के एब्नॉर्मली निर्मित कनेक्शन के कारण लीक होना (आर्टरीवेनस मालफॉर्मेशन)
  • ब्रेन ट्यूमर जो कि ब्रेन टिश्यू को प्रेस करते हैं, जिसके परिणामस्वरुप ब्लीडिंग का होना ।
  • प्रेगनेंसी या चाइल्ड बर्थ से रिलेटेड कंडीशंस जिनमें शामिल हैं: इकलेम्पसिया, पोस्टपार्टम वेसक्यूलोपेथी, या नियोनेटल इंट्रावेंट्रिकुलर हेमरेज।
  • ब्लड वेसल वाल्स में एब्नॉर्मल कोलेजन फार्मेशन से रिलेटेड कंडीशन निर्मित होना जिसके कारण वाल्स वीक हो जाती हैं और फट जाती हैं।
  • स्मोकिंग, शराब का अधिक सेवन या अवैध ड्रग्स जैसे कोकीन का इस्तेमाल करना
ब्रेन हेमरेज के लक्षण

ब्रेन हेमरेज के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि ब्रेन का कौन सा एरिया इन्वॉल्व है। जनरली, ब्रेन हेमरेज के लक्षणों में निम्नलिखित लक्षण शामिल हैं:

  • अचानक झुनझुनी आना, कमज़ोरी लगना, चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन या पैरालिसिस होना, विशेषकर बॉडी की एक साइड में।
  • तीव्र सिरदर्द
  • मितली या उल्टी
  • कन्फ्यूज़न
  • चक्कर आना
  • सीज़र
  • निगलने में कठिनाई होना
  • देखने में कठिनाई होना
  • बैलेंस या कोआर्डिनेशन खो देना
  • गला स्टिफ हो जाना
  • लाइट के लिए सेंसिटिविटी डेवेलप हो जाना
  • एब्नॉर्मल स्पीच
  • पढ़ने और लिखने में कठिनाई होना
  • ब्रीदिंग में ट्रबल होना और हार्ट रेट एब्नॉर्मल होना (अगर ब्लीडिंग ब्रेनस्टेम में है)
क्या ब्रेन हेमरेज को प्रिवेंट किया जा सकता है?

चूँकि ज़्यादातर ब्रेन हेमरेज स्पेसिफिक रिस्क फैक्टर्स से कनेक्टेड हैं, आपकी रिस्क को आप निम्नलिखित तरीकों से कम कर सकते हैं:

  • हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करें। अध्ययनों से यह पता चलता है कि सेरेब्रल हेमरेज के 80% मरीजों की हाई ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री रही है। एक सबसे इम्पॉर्टेन्ट चीज़ जो आप कर सकते हैं वो ये कि डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाइयों से अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें।
  • स्मोकिंग ना करें।
  • ड्रग्स का सेवन ना करें। उदाहरण के तौर पर कोकीन ब्रेन में ब्लीडिंग की रिस्क बढ़ा सकता है।
  • ड्राइव सावधानीपूर्वक करें और सीट बेल्ट बाँधें।
  • बाइक चलाते समय हमेशा हेलमेट पहनें।
  • करेक्टिव सर्जरी इन्वेस्टिगेट करें। अगर आप एन्यूरिज़म जैसी अब्नॉर्मलिटी से जूझ रहे हैं तो सर्जरी भविष्य में होने वाली ब्लीडिंग से आपको बचा सकती है।
ब्रेन हेमरेज का ट्रीटमेंट

ब्रेन हेमरेज का ट्रीटमेंट हेमरेज की साइज़, ब्रेन में उसकी लोकेशन और कितनी स्वेलिंग हुई है इस पर निर्भर करेगा। जैसे ही आपके डॉक्टर ब्लीडिंग का सोर्स लोकेट कर लेंगे, ट्रीटमेंट स्टार्ट हो जाएगा जिसमें निम्नलिखित प्रोसिजर शामिल हो सकते हैं: सर्जरी: ब्रेन हेमरेज के कई मामलों में सर्जरी ही सबसे उपयुक्त विकल्प होता है। सर्जरी से ब्रेन में से ब्लड को ड्रेन किया जाता है और डैमेज हुई ब्लड वेसल्स को रिपेयर किया जाता है।

ब्रेन के चारों तरफ फैले फ्लूड को ड्रेन करना: यह हिमेटोमा के लिए रूम क्रिएट करने के लिए किया जाता है ताकि वो ब्रेन सेल्स को डैमेज किये बिना एक्सपांड हो सके।

मेडिकेशन: ब्लड प्रेशर, सीज़र और सिर दर्द को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां इस्तेमाल की जाती हैं। केथेटर: ब्लड वेसल्स से एक लम्बी, पतली ट्यूब निकाली जाती है जब तक कि वो अफेक्टेड एरिया में ना पहुँचे।

फिज़िकल, ऑक्यूपेशनल और स्पीच थेरेपी: यह ब्रेन ब्लीड ट्रीटमेंट ब्रेन फंक्शन्स (जैसे बोलने की एबिलिटी) रिगेन करने में मरीजों की मदद कर सकता है जो कि ब्रेन ब्लीडिंग के कारण प्रभावित हुए हैं।

ब्रेन हेमरेज का पता कैसे चलता है? - bren hemarej ka pata kaise chalata hai?

अगर ब्रेन हेमरेज को तुरंत डायग्नोज़ करके उसका ट्रीटमेंट स्टार्ट कर दिया जाए तो नुकसान कम होने के साथ-साथ मरीज़ के पूरी तरह ठीक होने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। डॉ. मनीष वैश भारत के प्रमुख न्यूरो सर्जन में से एक हैं जो ब्रेन हेमरेज और उससे रिलेटेड बिमारियों के लिए नॉएडा में बेस्ट ट्रीटमेंट प्रोवाइड करते हैं। उनका गुरुकृपा एडवांस्ड न्यूरो केयर इंस्टिट्यूट ब्रेन हेमरेज ट्रीटमेंट के लिए देश में बेस्ट चॉइस है।

ब्रेन हेमरेज होने से पहले क्या होता है?

ब्रेन हेमरेज के लक्षण: Brain Hemorrhage Symptoms in Hindi सुस्ती महसूस होना। देखने की क्षमता में बदलाव आना। अचानक सिरदर्द। उल्टी और जी मिचलाना जैसा महसूस होना।

हेमरेज किसकी कमी से होता है?

जब ब्रेन हैमरेज होता है, तो मस्तिष्क के ऊतकों को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां फट जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऊतकों में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिसके बाद मस्तिष्क में रक्त जमा हो जाता है। इससे वहां के ऊतकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कटौती होती है, जिससे मस्तिष्क की कोशिका मर जाती है।

ब्रेन हेमरेज कितने दिन में ठीक होता है?

रिकवरी में भी ज्यादा समय नहीं लगता है। नए उपचार में रिकवरी 15 दिन में ही हो जाती है। मस्तिष्क के भीतर या उसके आसपास रक्तस्राव हो रहा हो तो वह ब्रेन हेमरेज कहलाता है। यह अचानक हो सकता है और धमनी के फूलने या फटने के कारण भी हो सकता है।

ब्रेन हेमरेज होने का मुख्य कारण क्या है?

Brain Haemorrhage: ब्रेन हेमरेज एक प्रकार का स्‍ट्रोक है जो ब्रेन में आर्टरी के फटने की वजह से होता है. इस स्थिति में आसपास के टिश्यूज में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है और जिसकी वजह से ब्रेन सेल्‍स मर जाते हैं. ब्रेन हैमरेज को सेरेब्रल हैमरेज भी कहा जाता है.