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नई दिल्ली: तेलंगाना के 13वीं सदी के रामप्पा मंदिर (Ramappa Temple) को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिलने के बाद अब भारत की एक और धरोहर को सम्मान मिला है. यूनेस्को (UNESCO) ने गुजरात में स्थित धोलावीरा (Dholavira) को भी वर्ल्ड हेरिटेज साइट (World Heritage Site) घोषित कर दिया है. आइए जानते हैं धोलावीरा के बारे में सबकुछ... Updated:Jul 27, 2021, 05:22 PM IST दुनियाभर में इसलिए प्रसिद्ध है धोलावीरा1/6 धोलावीरा गुजरात के कच्छ जिले की भचाऊ तालुका के खदिरबेट में स्थित है. यह एक ऐतिहासिक स्थान है, जो लगभग पांच हजार साल पहले विश्व का प्राचीन और व्यस्त महानगर था. हड़प्पा और सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष2/6 धोलावीरा में हड़प्पा सभ्यता के अवशेष पाए जाते हैं, जो दुनियाभर में अपनी अनूठी विरासत के तौर पर मशहूर हैं. यह स्थल कच्छ के रण में स्थित नमक के विशाल मैदानों से घिरा है और इसमें प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर भी शामिल हैं. धोलावीरा ने इन शहरों को पछाड़ा3/6 इस लिस्ट में शामिल होने की रेस में धोलावीरा के साथ ईरान से हवारामन, जापान से जोमोन (Jomon), जॉर्डन से एस-साल्ट (As-Salt) और फ्रांस से नाइस (Nice) शामिल थे. यूनेस्को ने यूं दी बधाई4/6 संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने ट्वीट किया, ‘धोलावीरा : भारत में, हड़प्पाकालीन शहर को विश्व धरोहर सूची में अभी-अभी शामिल किया गया. बधाई हो!’ गुजरात में 4 विश्व धरोहर5/6 गुजरात में अब तक तीन विश्व धरोहर स्थल थे, जिनमें पावागढ़ के निकट चंपानेर, पाटन में रानी की वाव और एतिहासिक शहर अहमदाबाद शामिल हैं. इस लिस्ट में धोलावीरा चौथा स्थल बन गया है. गुजरात के लिए गर्व का दिन6/6 इस मौके पर संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा, 'मुझे भारतवासियों से यह साझा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि अब धोलावीरा के रूप में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची भारत का 40वां स्थल शामिल हो गया है.' उन्होंने कहा कि आज भारत के लिए, विशेष रूप से गुजरात के लिए गर्व का दिन है. उन्होंने कहा, ‘2014 से विश्व धरोहर सूची में भारत के 10 नए स्थान शामिल किए गए हैं जो हमारे ऐसे स्थलों का एक चौथाई हिस्सा है....’ अगली गैलरी डेली न्यूज़
यूनेस्को, रामप्पा मंदिर, कच्छ के महान रण धौलावीरा स्थल की विशिष्ट विशेषताएँ एवं इस स्थल के पतन के प्रमुख कारण, गुजरात में अन्य हड़प्पा स्थल हाल ही में यूनेस्को ने गुजरात
के धौलावीरा शहर को भारत के 40वें विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है। यह प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाली भारत में सिंधु घाटी सभ्यता ( Indus Valley Civilisation- IVC) की पहली साइट
है। धौलावीरा के बारे में: अवस्थिति: पुरातात्त्विक परिणाम: धौलावीरा स्थल की विशिष्ट विशेषताएँ: धौलावीरा का पतन: स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस× धोलावीरा कौन से राज्य में स्थित है?धोलावीरा ( गुजराती; ધોળાવીરા) भारत के गुजरात राज्य के कच्छ ज़िले की भचाऊ तालुका में स्थित एक पुरातत्व स्थल है। इसका नाम यहाँ से एक किमी दक्षिण में स्थित ग्राम पर पड़ा है, जो राधनपुर से 165 किमी दूर स्थित है।
धोलावीरा कौन सी नदी किनारे स्थित है?धोलावीरा लूनी नदी के तट पर स्थित है।
धोलावीरा शहर तीन भागों में विभाजित था। लोथल भोगवा नदी के तट पर स्थित था। मोहनजोदड़ो सिंधु नदी के तट पर स्थित था। हड़प्पा रावी नदी के तट पर स्थित था।
धोलावीरा का दूसरा नाम क्या है?धोलावीरा का उत्खनन किसने किया था धोलावीरा कहाँ स्थित है , धोलावीरा का दूसरा नाम / स्थानीय नाम क्या है ? यह गुजरात के कच्छ जिले में स्थित एक प्राचीन पुरातात्विक स्थल है। यह 'हड़प्पा सभ्यता' के नाम से विख्यात सिन्ध घाटी सभ्यता के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय भाषा में इस शहर को 'कोटाडा टिम्बा' कहा जाता है।
धौलावीरा की खोज कब और किसने की?धौलावीरा के बारे में:
इसकी खोज वर्ष 1968 में पुरातत्त्वविद् जगतपति जोशी द्वारा की गई थी। पाकिस्तान के मोहनजोदड़ो, गनेरीवाला और हड़प्पा तथा भारत के हरियाणा में राखीगढ़ी के बाद धौलावीरा सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) का पांँचवा सबसे बड़ा महानगर है।
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