रस के कितने अंग होते हैं उनका संक्षिप्त वर्णन? - ras ke kitane ang hote hain unaka sankshipt varnan?

रस के कितने अंग होते हैं उनका संक्षिप्त वर्णन कीजिए?

रस के कितने अंग होते है? रस के चार प्रमुख अंग होते हैं: स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव और संचारी भाव।

रस क्या है रस कितने प्रकार के होते हैं?

काव्य के प्रथम आठ रसों में शृंगार, रौद्र, वीर तथा वीभत्स को प्रधान मानकर क्रमश: हास्य, करुण, अद्भुत तथा भयानक रस की उत्पत्ति मानी है। शृंगार की अनुकृति से हास्य, रौद्र तथा वीर कर्म के परिणामस्वरूप करुण तथा अद्भुत एवं वीभत्स दर्शन से भयानक उत्पन्न होता है।

रस क्या है उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए?

रस का शाब्दिक अर्थ है आनन्द । काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है उसे रस कहा जाता है। रस का सम्बन्ध सृ धातु से माना गया है। जिसका अर्थ है जो बहता है अर्थात जो भाव रूप में हृदय में बहता है उसी कोरस कहते है।

रस कितने प्रकार के होते हैं Class 12th?

(1) श्रृंगार (संयोग व विप्रलम्भ) रस, (2) हास्य रस, (3) करुण रस, (4) वीर रस, (5) रौद्र रस, (6) भयानक रस, (7) वीभत्स रस, (8) अद्भुत रस तथा (9) शान्त रस