26 नवंबर संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है? - 26 navambar sanvidhaan divas kyon manaaya jaata hai?

National Constitution Day in Hindi: भारतीय संविधान के निर्माण की पृष्ठभूमि ब्रिटिश शासन काल मे ही पड़ चुकी थी परंतु इसके क्रमिक विकास की गति इस काल मे बहुत मंद थी। भारतीय संविधान के निर्माण हेतु संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 ई. को नई दिल्ली के Constitution hall, जिसे अब संसद भवन का ‘केंद्रीय कक्ष’ कहा जाता है में हुई और 2 साल 11 माह 18 दिन के पश्चात अर्थात 26 नवम्बर 1949 के दिन भारतीय संविधान पूर्णरूप से बनकर तैयार हुआ.

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In 2015, as the 125th birth anniversary year of Dr. B.R. #Ambedkar, the architect of the Constitution, the Ministry of Social Justice and Empowerment had notified the Central Government's decision to celebrate this day as '#ConstitutionDay' on 26 November.https://t.co/EFb01g2Js5

— SA News Channel (@SatlokChannel) November 27, 2021

और इसे संविधान सभा द्वारा अंगीकार (Adopted) कर लिया गया और संविधान सभा के 284 उपस्थित सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए, संविधान निर्माण में यूं तो कई सदस्यों ने अपना योगदान दिया था पर इसमें मुख्य भूमिका डॉ. भीमराव अंबेडकर की रही इसलिए उन्हें भारतीय संविधान का पिता (Father of Indian Constitution) कहा जाता है। इस समय भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद 22 भाग 8 अनुसूचियाँ है। हालांकि संविधान लागू 26 जनवरी 1950 को हुआ था।

क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?

National Constitution Day in Hindi: देश में संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था, परन्तु संविधान दिवस मनाने मनाने की परंपरा ज्यादा पुरानी नहीं है। साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था तब से प्रति वर्ष इस दिवस को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Low Day) के रुप में भी जाना जाता है।

संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?

National Constitution Day Hindi: संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को भारतीय संविधान की गौरवशाली संवैधानिक यात्रा से परिचित कराना और जीवन के अधिकार, व्यक्तिगत स्वतंत्रता को जीवंत बनाये रखने के साथ-साथ देश के संविधान के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के उद्देश्य से संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान ही है जो हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र का स्वतंत्र नागरिक होने की भावना का एहसास कराता है। 

■ Read in English: Know About the History & Significance of National Constitution Day

जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।

संविधान का संक्षेप में अर्थ क्या है?

National Constitution Day Hindi: संविधान वह वैधानिक दस्तावेज है जो उस देश की जनता के विश्वास व उसकी आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है। दूसरी परिभाषा संविधान के संदर्भ में यह भी है कि ‘नियमों कानूनों के समुच्चय को ही संविधान कहते हैं। भारतीय भू-भाग पर स्थित यह सर्वोच्च विधि है।

इस वर्ष संविधान दिवस पर विशेष क्या है?

National Constitution Day Hindi: हरियाणा में आगामी 26 नवंबर, 2022 ‘संविधान दिवस’ को गरिमापूर्ण ढंग से मनाया जाएगा। इस वर्ष भारत सरकार ने इस दिवस को ‘भारत-लोकतंत्र की जननी’ विषय (Constitution Day’s Theme) पर मनाने के निर्णय लिया है। संविधान के मूल्यों से जाग्रत कराने हेतु इस वर्ष संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा ने दो पोर्टल बनाये हैं जिनमें readpreamble.nic.in पोर्टल पर अंग्रेजी सहित 22 आधिकारिक भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना ऑनलाइन पढ़ी जाएगी। जबकि दूसरे पोर्टल constitutionquiz.nic.in पर ‘भारत-लोकतंत्र की जननी’ विषय पर ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इस प्रतियोगिता में सरकारी व निजी संस्थानों के अलावा आम नागरिकों को भी ऑनलाईन शामिल होने का अधिकार होगा और सभी को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे।

भारतीय संविधान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Interesting Fact of Indian Constitution)

  • भारतीय संविधान को तैयार होने में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था।
  • हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
  • संविधान की मूल प्रति को टाइप नहीं किया गया था अपितु इन प्रतियों को हाथ से लिखा गया था।
  • वर्तमान में संविधान की मूल प्रतियों को संसद के पुस्तकालय के भीतर हीलियम से भरे बॉक्स तथा फलालेन के कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स के साथ में सुरक्षित रखा हुआ है। इसके हर पन्ने पर सोने की पत्तियों वाली फ्रेम है और हर अध्याय के आरंभिक पृष्ठ पर एक कलाकृति भी बनाई गई है।
  • संविधान की मूल प्रतियों को सुप्रिसिद्ध लेखक प्रेम नारायण रायजादा ने तैयार किया था।
  • भारतीय संविधान की मूल सरंचना भारत शासन अधिनियम 1935 पर आधारित है।
  • हमारे संविधान में कई देशों के संविधान से कुछ महत्वपूर्ण व आवश्यक भाग लिए गए हैं जैसे कि USA से मूल अधिकार तथा स्वतंत्र न्यायपालिका ब्रिटेन से संसदीय प्रणाली तथा राष्ट्रपति का पद कनाडा से संघीय शासन प्रणाली, अफ्रीका से संविधान संशोधन पद्धति, सोवियत संघ से मौलिक कर्तव्य, जर्मनी से आपात उपबन्ध, आयरलैंड से नीति निदेशक तत्व, फ्रांस से गणतन्त्रात्मक शासन प्रणाली तथा ऑस्ट्रेलिया से समवर्ती सूची इत्यादि।
  • सर आइवर जेनिंग्स ने भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा और विस्तृत संविधान कहा था और साथ ही उनका कहना था कि भारतीय संविधान के विस्तृत होने को उसका दुर्गुण और वकीलों का स्वर्ग कहा जा सकता है।

संविधान निर्माता डॉ बीआर अंबेडकर के संविधान पर कथित कुछ प्रमुख उद्धरण (Constitution Day 2022 Quotes)

  • ‘मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
  • जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक कानून द्वारा प्रदान की गई कोई भी स्वतंत्रता आपके किसी काम की नहीं है।
  • हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है? हमारे पास यह स्वतंत्रता हमारी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए है, जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है।
  • ‘मैं किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की डिग्री से मापता हूं।’
  • संविधान केवल वकीलों का दस्‍तावेज नहीं, बल्कि ये जीवन का एक माध्‍यम है।
  • मैं समझता हूं कि कोई संविधान चाहे जितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हो। एक संविधान चाहे जितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों।
  • हमारे संविधान में मत का अधिकार एक ऐसी ताकत है जो कि किसी ब्रह्मास्त्र से कही अधिक ताकत रखता है।
  • हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं।

क्या आप जानते हैं कि पूर्ण परमात्मा का भी कोई संविधान है?

जी हाँ, आपने सही पढ़ा “भगवान का संविधान“। पूर्ण परमेश्वर का भी एक संविधान है जिसका पालन करना सभी जीवधारियों का मूल कर्तव्य है। वे व्यक्ति जो पूर्ण परमात्मा के संविधान का पालन नहीं करते हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जाती है क्योंकि कोई व्यक्ति भगवान के सामने झूठ बोलने का जोखिम नहीं उठा सकता है। उनका संविधान काफी विस्तृत है और उसी के अनुसार हमारे सभी पवित्र शास्त्रों को निर्धारित किया गया है। पूर्ण परमात्मा के संविधान को स्वयं पूर्ण परमात्मा समझाने आते हैं या अपने किसी नुमाइंदे को दूत बनाकर इस पृथ्वीलोक में भेजते हैं और अपने संविधान से परिचित करवाते हैं इस समय पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में स्वयं पूर्ण परमात्मा आये हुए हैं।

परमात्मा के संविधान के विषय में जो है सर्वोच्च

संसार के सभी अपराधों और बुराइयों को समाप्त करने की शक्ति परमेश्वर के संविधान में ही निहित है। संसार में जब भी अराजकता बढ़ती है, तो परमेश्वर स्वयं आकर या अपने अधिकृत संत को अपने संविधान और सांसारिक शांति को बहाल करने के लिए पृथ्वी पर भेजता है। 

जानिए भगवान के संविधान में कौन सी विधियां हैं जिनके उलंघन पर लगता है भयंकर पाप

  • मांस खाना पाप है
  • व्यभिचार एक जघन्य पाप है
  • शराब का सेवन वर्जित है
  • धूम्रपान तम्बाकू या हुक्का वर्जित है
  • धूम्रपान तम्बाकू या हुक्का वर्जित है
  • दहेज, रिश्वत इत्यादि का लेन-देन पाप है
  • शास्त्रविरुद्ध साधना करना पाप है
  • चोरी, लूटपाट इत्यादि करना पाप है
  • जुआ खेलना भी महापाप की श्रेणी में आता है

देश के संविधान के साथ-साथ परमात्मा के संविधान का पालन करना भी अतिआवश्यक है।

राष्ट्रीय संविधान दिवस (National Constitution Day) के अवसर पर जानें पूर्ण संत रामपाल जी महाराज का समस्त मानव समाज को सन्देश

National Constitution Day Hindi: सबसे पहले तो संत रामपाल जी ही हैं जिन्होंने हमें परमेश्वर के संविधान का पालन करना सिखाया। पूर्ण संत स्वयं परमात्मा के संविधान में वर्णित सभी नियमों का पालन करता है और अपने अनुयायियों को भी सभी नियमों का पालन करवाता है। उनके शिष्य भी उनके आदेश को ईश्वर का आदेश मानते हैं और परिणाम सभी सबके सामने है। जहां दुनिया भर के लोग भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, चोरी, नशा, शराब जैसी बुराइयों से जूझ रहे हैं, वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी इन सबको छूना तो दूर इनकी कल्पना करने को भी महापाप समझते हैं। 

संत रामपाल जी के अनुयायी सभी महिलाओं को अपनी मां और बहन के रूप में देखते हैं और सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं, किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करते। ये वे परिवर्तन हैं जो संत रामपाल जी की शिक्षाओं से उनके शिष्यों में आते हैं। वह अकेले दम पर एक बेहतर समाज का निर्माण कर रहे हैं। जैसे-जैसे भारत और विदेशों में उनके अनुयायी बढ़ रहे हैं, बहुत जल्द, पूरी दुनिया संत रामपाल जी की शिक्षाओं को सुनेगी और दुनिया रहने के लिए एक बेहतर जगह बन जाएगी। 

प्रमाण के साथ परमेश्वर के संविधान के सभी नियमों को पढ़ने के लिए आप संत रामपाल जी द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक “ज्ञान गंगा“ प्राप्त कर सकते हैं और आप साधना चैनल पर शाम 07:30 बजे (IST) उनके आध्यात्मिक प्रवचन भी सुन सकते हैं। या आप अपने एंड्रॉयड मोबाइल में “Sant RampalJi Maharaj App” को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड भी कर सकते हैं।

FAQ About National Constitution Day (संविधान दिवस के बारे में एक योग्य प्रश्नोत्तरी)

Q. राष्ट्रीय संविधान दिवस किस तारीख(National Constitution Day Date) को मनाया जाता है?

And. 2015 से प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है।

Q.  हमारा संविधान बनकर कब तैयार हुआ था?

Ans. 26 नवम्बर 1949 ई. को हमारा संविधान बनकर तैयार हो गया था और इसे संविधान सभा ने स्वीकार कर लिया था।

Q. भारतीय संविधान का पिता कौन है?

Ans. डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता (Father of Indian Constitution) कहा जाता है।

Q. संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans. भारतीय नागरिकों को संविधान के प्रति जागरूक करने और संवैधानिक मूल्यों को याद दिलाने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है।

Q. पहली बार संविधान दिवस कब मनाया गया था?

Ans. डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया था।

Q. भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा था?

Ans. 2 साल 11 माह 18 दिन।

Q. इस साल कौन से क्रम का राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाएगा?

Ans. इस वर्ष 8वें क्रम का राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाएगा।

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    26 नवम्बर को संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है?

    देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया था. हालांकि स्वीकार करने के दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था. इस वजह से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.

    संविधान दिवस का मतलब क्या है?

    Constitution Day 2022: भारतीय संविधान की उद्देशिका “भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस को मनाया जाता है। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ।

    26 नवंबर को कौन सा संविधान दिवस मनाया गया?

    26 नवंबर को हर साल देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है. 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया.

    संविधान दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

    इसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया था। अब बताते हैं कि भारत में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाए जाने की शुरुआत कब से हुई। दरअसल सबसे पहले सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट मंत्रालय ने 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया, जिससे इसकी वैल्यूज को प्रमोट किया जा सके।