सशक्त मांसपेशियों वाला शरीर उत्तम स्वास्थ्य का प्रतीक हैं, पतली कमर के उत्सुक लोग अपनी पसंद के परिधान पहन सकते हैं। जो अपने पेट की मांसपेशियों को सतुलित करना चाहते हैं,सशक्त बनाना चाहते हैं, योग उन लोगों के लिए महानवरदान हैं। जिम का अपना अलग प्रभाव हैं जबकि योग शरीर एवं मन दोनों को तरोताजा करता हैं, शरीर का चयापचय सुधारता हैं,पेट की मांसपेशियों को संतुलित कर लक्ष्य के समीप पहुँचाता हैं। यदि आप कुछ घंटे श्री श्री योग सीख लेते हैंऔर शरीर का वजन
कम करने वाले योगासन का नियमित अभ्यास करते हैं तो आप अति शीघ्र लक्ष्य तक पहुँच जाते हैं। यहाँ कुछ योगासन एवं प्राणायाम की सूची है जिनसे आप पेट की चरबी कम करने की यात्रा प्रारम्भ कर सकते हैं: एक प्राणायाम जो पेट की मांसपेशियों को सन्तुलित रखता हैं। मस्तक में तेज उत्पन्न करने वाला प्राणायाम चयापचय दर में सुधार लाता हैं,पाचन तंत्र की क्रिया सुधारता हैं और इस प्रकार आपका वजन निश्चित रूपसे कम करता है। अपने योगासन का प्रारम्भ इस प्राणायाम से करें। यह आपके पैर,कंधे और कमर को शक्ति प्रदान करता हैं। पेट को संतुलित करता हैं।रुधिर परिसंचरण तंत्र सुधारता है l यह आपके पैर,कंधे और कमर को शक्ति प्रदान करता हैं। पेट को संतुलित करता हैं। रुधिर परिसंचरण तंत्र सुधारता है। यह आसन कमर,पेट,नितम्ब एवं पेट के अंगो, घुटने के पीछे की नसों को आराम देता हैं। इस आसन से पीठ की सभी मांसपेशियां संतुलित होती हैं। यह आसन पेट के अंगों को संतुलित करता हैं तथा तंत्रिकातंत्र तक रुधिर परिसंचरण सुधारता है। यह आपके कंधे,वक्ष,पेट तथा श्रोणि को शक्ति प्रदान करता हैं। यह शरीर को तनाव मुक्त करता हैं। 7 तोलासनयह पद्मासन का एक प्रकार हैं,यह हाथ एवं पेट को शक्ति प्रदान करता है। यह पेट को संतुलित करता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है। अपने योगासन का अंत कुछ मिनट शवासन करके करना चाहिए। यह पूरे शरीर को तनाव मुक्त करता है। ऊतकों एवंकोशिकाओं की मरम्मत करता है और शरीर को पुनर्जीवन देता है। नियमित योगाभ्यास स्वस्थ शरीर एवं शांत मन के लिए बहुत आवश्यक है। यह पूरे शरीर को संतुलित कर शरीर कानिर्माण करता है। यदि आप योगाभ्यास में अनियमित हैं तो पुनः शरीर का वजन बढ़ना एक धीमी प्रक्रिया है ।जैसे जिम जाना बंद होने पर शरीर का वजन बढ़ता हैं। जिन्होंने पहले ही बेसिक योगाभ्यास प्रारम्भ कर दिया है वह एडवान्स योग श्रीश्री योग लेवल 2प्रोग्राम से शरीर को औरसंतुलित कर सकते हैं।योगाभ्यास शरीर और मन को विकसित कर स्वास्थ्य का लाभ देता है। यद्यपि यह दवा का विकल्प नहीं है। क्या आप सभी योगासनों के बारे में जानना चाहते है? योगासनों की सूची एवं जानकारी हेतु योगाभ्यास शरीर और मन को विकसित कर स्वास्थ्य का लाभ देता है। यद्यपि यह दवा का विकल्प नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि योगाभ्यास श्री श्री योग शिक्षकके निर्देशन में करें । चिकित्सीय स्थिति होने पर चिकित्सक की सलाह लेकर तथा योग शिक्षक के निर्देश में ही योग करें । अन्य कोर्स एवं आर्ट ऑफ़ लिविंग सेण्टर के बारे में जानने के लिए लिखें - जीवन को सही तरह से जीने के लिए जरूरी है कि हमारा स्वास्थ्य ठीक रहे। लेकिन आजकल लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ही परेशानियों में मांसपेशियों में दर्द की समस्या भी है। क्या है ये समस्या और इससे बचाव के उपाय, जानें- मांसपेशियों में खिंचाव तब होता है, जब वे बहुत ज्यादा तनाव का सामना करती हैं। ऐसा आमतौर पर अधिक परिश्रम, मांसपेशियों का अधिक प्रयोग या मांसपेशियों के अनुचित उपयोग के परिणामस्वरूप होता है। खिंचाव किसी भी मांसपेशी में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह निचली पीठ, गर्दन, कंधे और हैमस्ट्रिंग में सबसे सामान्य है। हैमस्ट्रिंग जांघ के पीछे की मांसपेशी (घुटने के पीछे की पांच नसों में एक नस) होती है। अकसर होने वाले दर्द बर्गर-पिज्जा का प्यार न बना दे इस गंभीर बीमारी का शिकार, जानिए इसके बारे में पेट की मांसपेशियों में दर्द : एब्डोमिनल पेन यानी पेट की मांशपेशियों में होने वाले दर्द को नजरअंदाज करना घातक साबित हो सकता है। कई लोगों को पेट के दर्द में बेचैनी या सूजन की शिकायत होती है। उदर की मांसपेशियों में अकसर दर्द रहना बोवेल कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर शरीर के इस हिस्से में चार हफ्तों से ज्यादा तक दर्द की शिकायत हो, तो चिकित्सकों की सलाह जरूरी है। कमर की मांसपेशियों में दर्द : यह दर्द बहुत आम है और आमतौर पर कुछ हफ्तों या महीनों में ठीक हो जाता है। मांसपेशी में दर्द आमतौर पर दर्दनाक लगता है। ऐसे लोग पीठ में तनाव या कठोरता महसूस कर सकते हैं। कमर दर्द कई कारणों से हो सकता है, जिसमें अचानक असामान्य गतिविधि या गिरावट, चोट या चिकित्सा की स्थिति शामिल है। दर्द आमतौर पर हड्डियों, डिस्क, नसों, मांसपेशियों और अस्थिबंधकों द्वारा की गई गतिविधियों की विधि पर निर्भर करता है। Health Alert : सिर दर्द को न करें नजरअंदाज, ये वजहें भी जानें कहीं ये बीमारियों का संकेत तो नहीं डायबिटीज फ्लू मलेरिया आथ्र्राइटिस दर्द के लक्षण क्या हैं इलाज ये सावधानी बरतें आराम के लिए क्या करें आराम करें व्यायाम करें अपनी दोनों भुजाओं को अपने सिर के ऊपर करें, जिससे हथेलियां आकाश की तरफ रहें। बाहों को थोड़ा और ऊपर खींचें और कंधों के समानांतर फैला लें। हाथ की हथेलियों और अंगुलियों को ऊपर-नीचे और दाएं-बाएं करें। इससे आपके हाथों को आराम मिलेगा। - सीधे खड़े हो जाएं और हथेलियों को कमर पर रखें। हल्के से कमर को आगे की ओर धकेल लें। इस अवस्था में आपके घुटने थोड़े से मुड़े होने चाहिए। इस अवस्था में 10 सेकेंड तक रहें। फिर सामान्य अवस्था में वापस आ जाएं। इस क्रिया को दो या इससे ज्यादा बार दोहराएं। कमर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव बनेगा, जिससे अकड़न कम होगी। कैल्शियम और पोटैशियम पेट में खिंचाव होने का क्या कारण है?कई कारण और स्थितियां हो सकती हैं जो पेट में ऐंठन का कारण बन सकती हैं। वह अंतर्निहित कारण हमेशा गंभीर नहीं होता है। यह गैस से लेकर असामान्य वृद्धि, संक्रमण, मासिक धर्म, गर्भावस्था और आंतों के विकारों तक हो सकता है। कभी-कभी गले और रक्त से संक्रमण पाचन तंत्र में प्रवेश कर सकता है और पेट में ऐंठन का कारण बन सकता है।
पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होने पर क्या करना चाहिए?योगा- पेट की मसल्स को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज भी जरूरी है. खासतौर पर इसके लिए आप कुछ योगासन जैसे-भुजंगासन, धनुरासन, उष्ट्रासन इत्यादि नियमित रूप से करें. इससे आपके पेट की मांसपेशियां मजबूत हो सकती हैं. हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आप पहली बार एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.
कभी कभी मांसपेशियों में ऐंठन क्यों होती है?गरम मौसम में ज्यादा देर व्यायाम करने से या शारीरिक काम ज्यादा करने के कारण भी मांसपेशियों में ऐंठन आ सकती है। खून की आपूर्ति में कमी: जिन धमनियों के जरिए पैरों में खून पहुंचता है, अगर वह संकुचित हो जाएं तो इससे आपके पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन आ सकती है जिसके कारण आपको व्यायाम करते समय गंभीर दर्द महसूस हो सकता है।
मांसपेशियों में खिंचाव को क्या कहते हैं?जब अत्यधिक खिंचाव के कारण पेशियों के फाइबर फट जाते हैं तो इसे पेशियों का खिंचाव (pulled muscle) कहते हैं। इसी तरह का घाव यदि स्नायुओं (लिगामेन्ट्स) में हो तो उसे मोच (स्प्रेन) कहते हैं।
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