दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना, हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा। बहादो प्रेम की गंगा
दिलो में प्रेम का सागर। Post navigation |
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना, हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा। बहादो प्रेम की गंगा
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