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राहु दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएंकुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और अन्य ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. कहा जाता है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है.X कुंडली में राहु कमजोर होने पर इसकी शांति के उपाय करने चाहिए aajtak.in
स्टोरी हाइलाइट्स
राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक पापी ग्रह माना गया है जो जीवन में बाधाएं पैदा करता है. कुंडली के अनुसार राहु जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है. कुंडली में राहु और केतु के कारण काल सर्प दोष का योग बनता है. कुंडली में राहु दोष के प्रभाव- कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है. कहा जाता है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है. कुंडली में राहु कमजोर होने पर इसकी शांति के उपाय करने चाहिए. इससे कष्टों में कमी आती है और बाधाएं दूर होने लगती हैं. राहु दोष के शांति के उपाय- राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु मंत्र का जाप करना चाहिए. राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करें. गोमेद रत्न धारण करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है. राहु की वजह से होने वाली बीमारियों और बाधाओं से बचने के लिए राहु यंत्र की पूजा करें. ये भी पढ़ें
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें ज्योतिष में राहु-केतु को छाया ग्रह कहा गया है. किसी व्यक्ति की कुंडली में इन दोनों छाया ग्रहों के अशुभ प्रभाव मिलने पर उसे तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. राहु-केतु के कष्टों को दूर करने का उपाय जानने के लिए पढ़ें ये लेख —राहु-केतु का नाम आते ही लोगों को अक्सर डर लगने लगता है. ज्योतिष में इन दोनों को छाया ग्रह माना गया है. ज्योतिष के अनुसार किसी भी कुंडली में राहु और केतु के कारण ही कालसर्प दोष निर्मित होता है. कहते हैं कि जिस कुंडली में राहु-केतु यदि अपने अशुभ फल देने लगते हैं, उस इंसान का जीवन नर्क बन जाता है. उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उसके पग-पग पर बाधाएं आती हैं. कई बार हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि हर तरफ निराशा ही हाथ लगती है. ज्योतिष में राहु-केतु से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गये हैं, जिन्हें करते ही चमत्कारिक रूप से इन दोनों से जुड़े कष्ट दूर हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं राहु-केतु के सरल-सहज उपायों के बारे में – राहु के उपाय
केतु के उपाय
ये भी पढ़ें — God Sun Worship : रावण वध से पहले श्रीराम ने की थी सूर्य वंदना, आप भी पाएं सूर्यदेव से आरोग्य और विजय का वरदान(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.) राहु के लिए क्या दान करना चाहिए?गेहूं और कंबल का दान
माना जाता है कि राहु का पसंदीदा अन्न गेहूं और पसंदीदा वस्त्र कंबल है। इन चीजों को दान करने से व्यक्ति की कुंडली से राहु ग्रह का प्रभाव काम होता है। इसके अलावा काली वस्तुओं का दान करने से भी लाभ होता है। इनमें काली उड़द और काले चने को भी शामिल कर सकते हैं।
राहु ग्रह को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?राहु के लिए हल्के नीले और केतु के लिए हल्के गुलाबी रंग के कपड़े पहनने और दान करने से मानसिक शांति प्राप्ति होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इससे आपके कार्य धीरे-धीरे पटरी पर आने लगते हैं। साथ ही 18-18 शनिवार राहु-केतु की पूजा करनी चाहिए और उपवास रखना चाहिए और प्रिय रत्न गोमेद और लहसुनिया का दान करना चाहिए।
राहु को क्या पसंद है?राहु ग्रह का पसंदीदा अन्न गेहूं है और पसंदीदा वस्त्र कंबल है। इन चीजों से राहु ग्रह का प्रभाव काम होता है। राहु के प्रकोप को कम करने के लिए दान में तेल का दान करें। राहु का दान में तेल काफी पसंद है।
राहु ग्रह का दिन कौन सा होता है?राहु काल विचार दिन में ही किया जाता हैं. कुछ लोग रात्री में भी राहु काल मानते हैं, लेकिन ये उचित नही हैं. राहु काल का विशेष विचार रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को आवश्यक माना गया हैं. बाकी दिनों में राहु काल का प्रभाव विशेष नहीं होता.
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