पाचक एंजाइमो का क्या कार्य है? - paachak enjaimo ka kya kaary hai?

पाचक एंजाइमो का क्या कार्य है? - paachak enjaimo ka kya kaary hai?

Dileep Vishwakarma

7 months ago

उत्तर : पाचक एंजाइम का कार्य भोज्य पदार्थों अर्थात प्रोटीन ,वसा , कार्बोहाइड्रेट आदि का पाचन है । जैसे पेप्सिन तथा श्लेष्मा का स्राव भोजन को अमाशय में पचाने का कार्य करता है । हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पेप्सिन एंजाइम की क्रिया में सहायता करता है।

हेलो फ्रेंड्स प्रश्न है एंजाइम के कार्य बताइए तो आइए इस प्रश्न का उत्तर देखते हैं तो जो एंजाइम होते हैं वह क्या करते हैं तो एंजॉय जो अभिक्रिया होती है उस अभिक्रिया की जो दर रहती है उस दर को क्या करते हैं बढ़ाते हैं ठीक है अभी गया की दर को बढ़ाने का कार्य करते हैं और क्या करते हैं जो एंजाइम रहते हैं वह एंजाइम शरीर के जो बड़े अनु रहते हैं क्या रहते हैं जो शरीर के बड़े अनु रहते हैं जैसे ग्लूकोस को छोटे करने का कार्य करता है या शरीर के बड़े अनु को तोड़ने का कार्य करता है जिससे शरीर को ऊर्जा के रूप में उपयोग कर लेता है ठीक है यह क्या करता है यह जो एंजाइम रहता है यह कुछ विशेष स्थितियों में काम कर सकता है

क्या होता है जो एंजाइम रहता है वह विशेष क्षेत्र में काम करता है यानी कि एंजाइम कह सकते हैं कि लिख सकते हैं कि एंजाइम जो डीएनए रहता है जो डीएनए उस की प्रतिलिपि भी बनाने में सहायक होता है प्रतिलिपि बनाने में सहायक होता है क्या होता है कि जब कोशिका विभाजित होती है अग्रसर प्रत्येक शरीर में डीएनए मौजूद होता है और जो कुछ कहा जीत होती है तब डीएनए की प्रतिलिपि बनाने की आवश्यकता पड़ती है और वह जो प्रतिलिपि रहता है वह डिजाइन बनाता है ठीक है प्रतिलिपि कौन बनाता है इंसान बनाता है और एंजाइम जैसे मैंने बताया कि विशेषज्ञों में काम करता है जैसे कि शरीर में मौजूद कई एंड जॉइन शरीर को करीब 37 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही क्या करते हैं बेहतर तरीके से काम करते हैं और ऐसा नहीं है कि कम तापमान पर वह क्या करते हैं काम कर

बंद कर देते हैं लेकिन जब शरीर का तापमान कम होता है तो वह क्या हो जाता है जो कार्य करने की क्षमता रहती है कार्य करने की क्षमता क्या हो जाती है कम हो जाती है ठीक है कार्य करने की जो चिंता रहती है वह कम हो जाती है ठीक है और एंजाइम क्या होते हैं एंजाइम सरल प्रोटीन होते हैं क्या होते हैं एंजाइम चलल प्रोटीन होते हैं और एंजाइम की कुछ मात्रा प्रक्रिया में भाग लेने पर जो पदार्थ रहते हैं एंजाइम की सूक्ष्म मात्रा प्रक्रिया में भाग लेने वाले जो पदार्थों में से किसी एक के साथ मिलकर ठीक है जो भी पदार्थ भाग लेते हैं उस पदार्थों में से किसी एक के साथ मिलकर उसे क्या बना देती है सक्रिय बना देती है अर्थात जो प्रक्रिया रहती है उस को प्रेरित करते हैं और

क्या कहे जाते हैं इसे एंजाइम का सबसे हिट भी कहते हैं क्या कहते हैं सबसेट भी कहा जाता है कि सबसे कहा जाता है और जो प्रत्येक ऑनलाइन रहता है वह अपने जो विशेष पीएच रहता है उस के माध्यम से क्या होता है उस के माध्यम से पूर्ण सक्रिय होता है ठीक है और एंजॉय द्वारा नियंत्रित प्रतिवर्ती क्रिया होती है मींस क्या होती है वह सारी प्रतिवर्ती क्रिया होती है और एंजाइम क्या करता है यह जैसे कि हमारा जो टाइम रहता है मतलब मुंह की लार में पाया जाता है और वह क्या कर देता है वह जो भोजन रहता है उसको क्या कर देता है इस टॉर्च को माल्टोज में परिचित कर देता है कितने बदल देता है स्टार को स्टार्ट में बदल देता है माल्टोज में बदलने का कार्य करता है और क्या करता है जो पेप्सिन रहता है वह क्या कर रहा है पेप्सी नाम आशिकी जठर ग्रंथि से स्रावित होता है

और वह अमली माध्यम में क्या हो जाता है जो अम्लीय माध्यम रहता है उस माध्यमिक रिया शील होकर भोजन रहता है उस भोजन के प्रोटीन को किस में बदल देता है उसको बदल देता है पेप्टोन में ठीक है प्रोटीन को पचाने बदलने का कार्य करता है इसी प्रकार दूर रहने देता है वह भी आमाशय की जलन ग्रंथि से स्रावित होता है और वह दूध में घुलनशील जो प्रोटीन होता है के सीन ठीक है उसके सीन को घुलनशील प्रोटीन कैसे बदल देता है जो कैल्शियम कैल्शियम बेरा कैसीनेट में बदल देता है ठीक है कैल्शियम पैरा कैसे नेट में बदल देता है इसी प्रकार जो ट्रिप्सिन रहता है क्या होता है जो ट्रिप्सिन रहता है वह भी अग्नाशय रस में पाया जाता है और वह प्रोटीन तथा जो पद होते हैं क्या होते हैं प्रोटीन और जो पेप्टोन होते हैं उन रोटी

और पेप्टोन के जो ढाई पेप्टाइड्स तथा ट्राइप्राइड में बदल देता है प्रोटीन पैटर्न को किस केस में बदल जाता है वह वह बदल देता है ढाई पेप्टाइड डाई पेप्टाइड्स और ट्राई पेप्टाइड्स डाई और टाइम में बदल देता है लिख देते हैं इसको टाइप राइस फ्राई वेबसाइट ठीक है इन दोनों में क्या कर देता है या बदल देता है इसी प्रकार जो लाइफ इज रहता है वह वसा कोवसी अम्ल तथा ग्लिसरोल ने बदलने का कार्य करता है यह एंजाइम के कार्य धन्यवाद दोस्तों आशा करती हूं कि आपको इस प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा

Solution : भोजन जो हम खाते हैं, उसमें जटिल पोषक पदार्थ, जैसे कार्बोहाइड्रेटस, वसा, प्रोटीन आदि होते हैं। हमारा शरीर इन पदार्थों को इस अवस्था में अवशोषित कर उपयोग में नहीं ला सकता। पाचक एंजाइम इन पदार्थों को सरल करके अवशोषण के योग्य बना देते हैं। <br> प्रोटीन `overset("प्रोटिएज") (to)` अमीनो अम्ल <br> कार्बोहाइड्रेटस `overset("एमिलेज")(to)` ग्लूकोज़ <br> वसा `overset( "लाइपेज")(to)` वसीय अम्ल /ग्लिसरोल <br> इन पदार्थों को अवशोषित करके शरीर/कोशिकाएँ उन्हें उपापचयी क्रियाओं में प्रयोग कर लेता है।

पाचक ऐंजाइमों का क्या कार्य है?


ऐंजाइम वे जैव उत्प्रेरक होते हैं जो जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने में सहायता प्रदान करते हैं। ये पाचन क्रिया में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के पाचन में सहायता बनते हैं। उदर में लाइपेज नामक ऐंजाइम वसा को वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल में बदलता है। रेनिन नामक ऐंजाइम क्रिया कर पेप्सिन की सहायता करता है और इसमें दूध-प्रोटीन पर पेप्सिन की क्रिया अवधि बढ़ जाती है। पित्त रस भोजन के माध्यम को क्षारीय बनाकर वसा को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है और उनका इमल्सीकरण करता है। अग्न्याशय रस इमल्शन बने वसीय को वसा अम्ल और ग्लिसरॉल में बदल देता है। एमाइलेज भोजन के कार्बोहाइड्रेट को माल्टोज़ में बदल देता है। छोटी आंत की आंतरिक दीवारों से पैप्टिडेन, आंत्र लाइपेज, सुक्रेज, माल्टोज़ और लेक्टोज़ निकलकर भोजन को पचने में सहायक बनते हैं। ये एंजाइम प्रोटीन को अमीनों अम्ल, जटिल कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज़ में तथा वसा को वसा अम्ल तथा ग्लिसरॉल में बदल देते है।

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श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभप्रद हैं?


जलीय जिव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन के लिए उपयोग करते हैं। जल में घुली ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज़ होती है मछलियाँ अपने मुहँ के द्वारा जल लेती हैं और बल-पूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है।
दूसरी ओर स्थलीय जिव ऑक्सीजन (O2) के लिए वायु पर निर्भर करते हैं। वायु में O2 की मात्रा 12% होती है। उन जीवों में साँस लेने के लिए फुफ्फुस (फेफड़े) होते हैं, जिनकी क्षमता क्लोम की अपेक्षा बहुत अधिक होती है। इसलिए स्थलीय जीवों को ऑक्सीजन की पर्याप्त मिलती रहती है।

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जीवन के अनुरक्षण के लिए आप किन प्रक्रमों को आवश्यक मानेंगे?


जीवन के अनुरक्षण के लिए जो प्रक्रम आवश्यक मने जाने चाहिए, वे हैं-
(i) पोषण, (ii) श्वसन, (iii) परिवहन, (iv) उत्सर्जन, (v) वृद्धि तथा विकास, (vi) जनन, (vii) गति, (viii) अनुकूलन, (xi) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया।

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कोई वस्तु सजीव है, इसका निर्धारण करने के लिए हम किस मापदंड का उपयोग करेंगे?


सभी जीवित वस्तुएँ सजीव कहलाती हैं। वे रूप-रंग, आकार आदि में समान भी होते हैं तथा भिन्न भी। अत: कोई वस्तु सजीव है, इसके निर्धारण के लिए निम्नलिखित मापदंड हैं:
(i) सजीवों की संरचना सुसंगठित होती है।
(ii) उनमें कोशिकाएँ और ऊतक होते हैं।
(iii) सजीवों में वृद्धि तथा विकास होता है।
(iv) साँस लेना तथा श्वसन।
(v) सजीवों की निश्चित रूप से मृत्यु होती है।
(vi) पौधों की कोपल तथा हरे नए पत्तों की वृद्धि आदि।
(vii) उनके शरीर में रासायनिक क्रियाओं की श्रृंखला चलती है। उनमें उपचय-अपचय अभिक्रियाएँ होती हैं।

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हमारे जैसे बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?


बहुकोशी जीवों में उनकी केवल बहरी त्वचा की कोशिकाएँ और रंध्र ही आस-पास के वातावरण से सीधे संबंधित होते हैं। बहुकोशीय जिव जैसे मनुष्य में शरीर का आकार बहुत बड़ा होता है तथा शरीर की संरचना जटिल होती है। बहुकोशीय जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे ही पर्यावरण के संपर्क में नहीं होती। अत: साधारण विसरण सभी कोशिकाओं की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त है।

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किसी जिव द्वारा किन कच्ची सामग्रियों का उपयोग किया जाता है?


बाहर से जीवों को कच्ची सामग्री की आवश्यकता निम्नलिखित उदेश्यों की पूर्ति के लिए होती है-
(i) भोजन- ऊर्जा प्राप्ति के के लिए उचित पोषण।
(ii) ऑक्सीजन- श्वसन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन।
(iii) जल- शरीर को भोजन को पचने और शारीरिक क्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
(iv) टीन, एंजाइम, न्यूक्लिक अम्लों के संश्लेषण के लिए।
(v) कोशिकाओं, ऊतकों के बनने व रख-रखाव के लिए।

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पाचक एंजाइमों का क्या कार्य है ?`?

पाचक एंजाइम का कार्य भोज्य पदार्थों अर्थात प्रोटीन ,वसा , कार्बोहाइड्रेट आदि का पाचन है । जैसे पेप्सिन तथा श्लेष्मा का स्राव भोजन को अमाशय में पचाने का कार्य करता है । हाइड्रोक्लोरिक अम्ल पेप्सिन एंजाइम की क्रिया में सहायता करता है। श्लेष्मा सामान्य परिस्थिति में आमाशय के आंतरिक स्तर की अम्ल से रक्षा करता है।

एंजाइमों का क्या कार्य?

एंजाइम एक तरह का प्रोटीन है जो कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है। एंजाइम मानव शरीर में कैमिकल (रसायनिक) प्रतिक्रियाओं को तेज करने में मदद करते हैं। एंजाइम भोजन को पचाने, मांसपेशियों के बनने और शरीर में विषाक्त पदार्थ खत्म करने के साथ शरीर के हजारों कामों को करने के लिए आवश्यक होते हैं।

पाचक एंजाइम कितने प्रकार के होते हैं?

पाचन एंजाइम के प्रकार -Types of digestive enzymes.
एमाइलेज (Amylases) एमाइलेज वो पाचन एंजाइम है जो कि शरीर में कार्बोहाइड्रेट पचाने में मदद करते हैं। ... .
प्रोटीज (Protease) प्रोटीज वो पाचन एंजाइम है जो कि शरीर में प्रोटीन पचाने में मदद करते हैं। ... .
लाइपेज (Lipase).

प्रोटीन पाचक एंजाइम कौन कौन से हैं?

Solution : पेप्सिन, रेनिन, ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन।