शोकसभा Show जाने वाला चला गया ख़बर मिली, दुख हुआ कुछ लोग जमा हुए (शोक-प्रस्ताव लिखने वाला जल्दी खोजो, जो कुछ लिख सके और कोई जो संस्मरण सुना सके) मरने वाला कब मरा, पता नहीं चला इस मौक़े पर कुछ लोग यही बता पाते कि वे अभी बच गए हैं तो बहुत था यह भी न हुआ क्या लोगों को कुछ याद नहीं रहा या सब सब कुछ जान चुके थे कुछ बताने को बचा नहीं था भाइयो, हम किसी के जाने का क्या अफ़सोस करें हम तो ख़ुद ही पहले ही कहीं जा चुके हैं स्रोत :
Additional information availableClick on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher. Don’t remind me again OKAY rare Unpublished contentThis ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left. Don’t remind me again OKAY कवि की शोकसभामंगलेश डबराल की शोकसभा से लौटकर एक धुँधला-सा अँधेरा जिन कविताओं को पढ़कर ऐसे मन का क्या करे कोई उसकी शोकसभा में आते रहते हैं ग़ैरज़रूरी फ़ोन स्रोत :
Additional information availableClick on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher. Don’t remind me again OKAY rare Unpublished contentThis ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left. Don’t remind me again OKAY
शोक सभा लोगों का एक ऐसा समूह होता है जिसमें लोग किसी अप्रिय घटना के चलते संवेदना व दुःख प्रकट करने के लिए एकत्रित होते है। इस प्रकार की सभा आमतौर पर किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के पश्चात संगठित होती है शोक सभा में भाग लेने वाले सभी व्यक्ति उस स्वर्गवासी व्यक्ति की मृत्यु पर अपना दुख प्रकट करते हैं व दुखी मन से अपने विचार रखते हैं इस प्रकार की सभा का मूल उद्देश्य मृत व्यक्ति के प्रति अपने सम्मान की भावना को दर्शाना होता है। शोक सभा को अंग्रेजी में कंडोलेंस मीटिंग (Condolence Meeting) कहा जाता है। सांस्कृतिक रूप से शोक सभा बड़े से बड़े व छोटे से छोटे व्यक्ति की मृत्यु पर संगठित होती है तथा लोगों का यूँ संगठित होना भारत सहित पूरी दुनिया में देखा जा सकता है हालांकि संस्कृति के अनुसार इस सभा के नियम अलग-अलग होते हैं। यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय शोक का अर्थ क्या है? |