पेरियार भारत के केरल राज्य की सबसे लम्बी और बड़ी नदी है। यह तमिल नाडु राज्य में पश्चिमी घाट की ऊँचाईयों में आरम्भ होती है। केरल में जलविद्युत का सबसे बड़ा स्रोत, इदुक्की बांध, इसी पर बना हुआ है। राज्य के कई मुख्य नगरों में जल इसी नदी से प्राप्त होता है।[1][2] नामार्थ[संपादित करें]तमिल व मलयालम भाषाओं में "पेरियार" का अर्थ "बड़ी नदी" है। भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]पेरियार नदी केरल में पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरती है। यह तीव्र ढाल में प्रवाहित होने के कारण समानांतर प्रतिरूप का निर्माण करती है।पश्चिम की ओर से बहने वाली नदियों में पेरियार दूसरी सबसे लंबी नदी है जिसका अधिकतम पानी मुल्लापेरियार नामक बांध में एकत्रित होता है जिससे तमिलनाडु एवं उसके पड़ोसी राज्यों की सिंचाई होती है! पेरियार नदी का उद्गम स्थल पश्चिम घाट की शिवागिरी की पहाड़ियों से माना जाता है लम्बाई (मीटर में)[संपादित करें]भारत के प्रदेश केरल की यह नदी सबसे लम्बी नदी है, जिसकी लम्बाई 244 किमी है। नदी परियोजना[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
पेरियार नदी केरल में पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम में प्रवाहित होती हुई अरब सागर में गिरती है। यह तीव्र ढाल में प्रवाहित होने के कारण समानांतर प्रतिरूप का निर्माण करती है। इस पर 'पेरियार जलविद्युत परियोजना' स्थित है। भारत के प्रदेश केरल की यह नदी सबसे लम्बी नदी है, जिसकी लम्बाई 244 किमी है। केरल की इसी पेरियार नदी के किनारे कालडी़ ग्राम में शंकराचार्य का जन्म हुआ था। पेरियार नदी को जीवनदायिनी नदी माना जाता है, क्योंकि यह पीने का पानी उपलब्ध कराती है। इस नदी पर बना इडुक्की बाँध केरल प्रांत की विद्युत आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। उद्गम स्थलपश्चिमी घाट की शिवागिरी पहाडियों से पेरियार नदी का उद्गम होता है। यह पेरियार राष्ट्रीय उद्यान के मध्य से होकर बहती है। पेरियार सेंचुरी के बीचों बीच एक विलक्षण नयनाभिराम झील है, जो सन् 1895 में पेरियार नदी पर बाँध बनाकर निकाली गई थी। भारत की अधिकांश नदियों का उद्गम पश्चिमी घाट से ही होता है। इनमें से गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, काली नदी और पेरियार प्रमुख हैं, जो प्रांतीय महत्त्व की हैं। इन नदियों के जल का उपयोग सिंचाई और विद्युत उत्पादन के लिये किया जाता है । केरल में 44 नदियाँ हैं, जिनमें 41 नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं, 3 नदियाँ पूरब की ओर बहती हैं। जो नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं, वे या तो अरब सागर में या झीलों अथवा अन्य नदियों में जा मिलती हैं । इन नदियों में हज़ारों झरने और नहरें बहकर आती हैं। पश्चिम की ओर बहने वाली नदियों में दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार है, जिसका अधिकतर पानी मुल्ला पेरियार बांध में एकत्रित होता है। इस पानी से तमिलनाडु के पड़ोसी राज्यों में सिंचाई की जाती है। प्रदूषणकेरल के एलोर-एडयार औद्योगिक क्षेत्र में स्थित क़रीब 250 फैक्ट्रियों का कचरा मध्य केरल की जीवनरेखा कही जाने वाली पेरियार नदी में गिरता है और इस वजह से इसमें प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा है। इस प्रदूषण के ख़िलाफ़ एक मुहिम चलाने वाले संगठन के मुखिया 'पुरुषन एलोर' कहते हैं, 'इस इलाके में काफ़ी परिवार ऐसे हैं जिन्हें पीने का पानी भी नहीं मिलता'।[1] पेरियार राष्ट्रीय उद्यानपेरियार राष्ट्रीय उद्यान एक बाघ संराक्षित क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान सन् 1040 से पेरियार नदी के परिक्षेत्र में स्थित है। यहाँ नदी के गहरे जल में हाथी तैरने का अभ्यास भी करते हैं। पन्ने की प्रगति अवस्था
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
पेरियार नदी कौन से राज्य में है?पेरियार भारत के केरल राज्य की सबसे लम्बी और बड़ी नदी है। यह तमिल नाडु राज्य में पश्चिमी घाट की ऊँचाईयों में आरम्भ होती है। केरल में जलविद्युत का सबसे बड़ा स्रोत, इदुक्की बांध, इसी पर बना हुआ है।
पेरियार बांध कौन सी नदी पर है?इसकी आधार से 53.6 मी॰ (176 फीट) ऊँचाई तथा लम्बाई 365.7 मी॰ (1,200 फीट) है।
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. केरल की दूसरी सबसे बड़ी नदी कौन सी है?भरतपुझा नदी: भरतपुझा नदी, जिसकी लंबाई 209 किमी है, केरल की दूसरी सबसे लंबी नदी है। इसे केरल का नील माना जाता है और इसे नीला भी कहा जाता है।
भारत पूजा नदी कहाँ है?भारतपुड़ा नदी (Bharathappuzha River) अथवा नीला नदी (Nila River) भारत के तमिल नाडु और केरल राज्यों में बहने वाली एक नदी है। पेरियार नदी के बाद, केरल में बहने वाली नदियों में यह दूसरी सबसे लंबी नदी है।
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