सुबह 4 00 बजे पूजा करने से क्या होता है? - subah 4 00 baje pooja karane se kya hota hai?

सवेरे 4:00 बजे उठकर कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?...


सुबह 4 00 बजे पूजा करने से क्या होता है? - subah 4 00 baje pooja karane se kya hota hai?

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सवेरे 4:00 बजे उठकर कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए बड़ा ही विचित्र सवाल पूछा है मित्र आपने सवेरे आप उठ कर जिस समय अभी आप उठे हैं कोई समय नहीं 4:00 बजे की बेला में आप उठ रहे हैं कौन से भगवान अब जो आपको पसंद है आप जिस धर्म से हैं उसी धर्म के इष्ट युवक पूजा करें अगर आप हिंदू हैं तो आपके पास बहुत सारे ऑप्शन हैं आप शिवजी को मान सकते हैं आप बजरंगबली को मान सकते हैं आप विष्णु में राम जी का ध्यान कर सकते हैं कृष्ण जी हैं ब्रह्मा है काफी सारे ऑप्शन हैं अगर आप मुसलमान हैं तो आप अल्लाह की इबादत करें अगर आपको इस आई है तो यीशु मसीहा है अगर आप ठीक हैं तो आप के 10 गुरु हैं अब जिसको चाहे आप अपना इष्ट माने जिसको आप जो आपको अपने से ही करीबी लगे जो आपको आकर्षित करें एक बार अगर हिंदू हैं तो ग्रंथों का अध्ययन करें उससे आपको ज्यादा समृद्ध ज्ञान मिल पाएगा और आपको जो पसंद है आप जिस रूप में आप चाहते हैं उसी रूप में जिस छवि को आप चाहते हैं छवि की पूजा करें ईश्वर एक है इसको अलग-अलग हमने बनाया है हम सब कुछ चला झाला एक ही है वह दिव्य शक्ति एक है ऑफिस असमंजस में ना पड़े ऑफिस दुविधा में ना पड़े कि कौन से ईस्ट की कौन सी ईश्वर की पूजा करें आप जिस भगवान की जय पूछा है जिस समय आपका मन करे आप उस समय करें मन को शांत रखें शुद्रक हैं शरीर को भी साफ सुथरा रखें और किसी भी एक लिस्ट को पकड़ ले तो फिर उसको छोड़े नहीं आप देवी माता को लेकर बैठ देवी माता की पूजा करने लगे दुर्गा माता की संतोषी माता की पूजा कर रहे यात्रा मुंडा देवी काली देवी के बदले नहीं बोले थे कर लिए लेकिन नहीं यार बोलेगी तो कुछ नहीं कर रहे हैं रामजी से देखते हैं ट्राई करके तो यह बदलने वाली चीज नहीं है आप किसी भी ईश्वर को पूछा अब तो विश्वास रखें भरोसा रखें जब आपको समय मिले जैसे आपको सही लगे वैसा आप उसी पूजा करें

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सुबह 4 00 बजे पूजा करने से क्या होता है? - subah 4 00 baje pooja karane se kya hota hai?

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सुबह-सुबह जल्दी उठकर कर लेनी चाहिए पूजा, क्योंकि इस समय मन रहता है शांत

सुबह 4 00 बजे पूजा करने से क्या होता है? - subah 4 00 baje pooja karane se kya hota hai?

रिलिजन डेस्क. भगवान की पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वैसे तो दिन में कभी भी सच्चे मन से आराधना की जा सकती है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आराधना करने का विशेष महत्व है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार भक्ति के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस समय हमारा मन शांत रहता है। नींद से जागने के बाद थकान नहीं रहती है और पूजा अच्छे से हो पाती है।

1) यहां जानिए सुबह जल्दी पूजा करने से कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं।

सुबह जल्दी पूजा करने के लिए जल्दी जागना पड़ता है। सुबह-सुबह जल्दी उठने से हमारे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। दिनभर ताजगी बनी रहती है।

  • ये समय ध्यान यानी मेडिटेशन के लिए बहुत अच्छा होता है। सुबह फालतू शोर भी नहीं होता है, वातावरण में शुद्धता रहती है।
  • पूजा करते समय भगवान का ध्यान करना होता है, मंत्रों का जाप करना होता है, इन कामों के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है।
  • सुबह हमारे दिमाग में इधर-उधर के व्यर्थ विचार नहीं होते। भगवान की भक्ति के लिए जरूरी है कि मन एकाग्र रहे, ताकि पूरा ध्यान पूजा में लगाया जा सके।
  • सुबह के बाद दिन में किसी और समय में हम कई काम करते हैं, जिससे मन में बहुत सी बातें चलती रहती हैं। मन पूरी तरह एकाग्र नहीं हो पाता है।
  • दिन में अशांत मन और बुरे विचारों की वजह से ठीक से पूजा नहीं कर पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ब्रह्म मुहूर्त को पूजादि कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
  • जब पूजा शांत मन से धैर्य के साथ की जाती है तो भगवान भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। सुबह-सुबह ध्यान करने से मानसिक तनाव दूर होता है, मंत्र जाप करने से बुद्धि तेज होती है।

सुबह पूजा कितने बजे तक करनी चाहिए?

सुबह 4 से 7 बजे तक पूजा करने का सबसे अच्छा समय रहता है। यह मुहूर्त सभी मुहूर्तों में सबसे शुभ माना जाता है, इसलिए इस मुहूर्त में ही भगवान की पूजा की जाती है। इस मुहूर्त में भक्ति के साथ-साथ शुभ कार्य भी किए जाते हैं। अगर आप किसी भी प्रकार की पितरों की पूजा करते हैं तो सुबह सबसे पहले यह न करें।

पूजा करने का सही समय क्या है?

ऐसा माना जाता है कि यह पूजा हमेशा सूर्यास्त के समय यानी सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक इसका सही समय होता है। कभी भी संध्याकाल की पूजा रात्रि में नहीं करनी चाहिए।

सुबह पूजा पाठ करने से क्या होता है?

जब पूजा शांत मन से धैर्य के साथ की जाती है तो भगवान भक्त की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। सुबह-सुबह ध्यान करने से मानसिक तनाव दूर होता है, मंत्र जाप करने से बुद्धि तेज होती है।

घर के पूजा घर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?

माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए