खंड काव्य साहित्य में प्रबंध काव्य का एक रूप है। किसी घटना विशेष को लेकर, जो जीवन में घटित होती है, उस पर लिखा गया काव्य खंड काव्य कहा जाता है। परिभाषा'खंड काव्य' की संस्कृत साहित्य में जो एकमात्र परिभाषा उपलब्ध है, वह इस प्रकार है-
इस परिभाषा के अनुसार- "किसी भाषा या उपभाषा में सर्गबद्ध एवं एक कथा का निरूपक ऐसा पद्यात्मक ग्रंथ जिसमें सभी संधियां न हों, वह 'खंड काव्य' है।" वह महाकाव्य के केवल एक अंश का ही अनुसरण करता है। तदनुसार हिंदी के कतिपय आचार्य खंड काव्य ऐसे काव्य को मानते हैं, जिसकी रचना तो महाकाव्य के ढंग पर की गई हो, पर उसमें समग्र जीवन न ग्रहण कर केवल उसका खंड विशेष ही ग्रहण किया गया हो। अर्थात् खंड काव्य में एक खंड जीवन इस प्रकार व्यक्त किया जाता है, जिससे वह प्रस्तुत रचना के रूप में स्वत: प्रतीत हो। 'खंड काव्य' शब्द से ही स्पष्ट होता है कि इसमें मानव जीवन की किसी एक ही घटना की प्रधानता रहती है, जिसमें चरित नायक का जीवन सम्पूर्ण रूप में कवि को प्रभावित नहीं करता। कवि चरित नायक के जीवन की किसी सर्वोत्कृष्ट घटना से प्रभावित होकर जीवन के उस खंड विशेष का अपने काव्य में पूर्णतया उद्घाटन करता है। काव्य के भेदहिन्दी साहित्य में काव्य के तीन मुख्य भेद प्रचलित हैं-
लक्षण'काव्य-शास्त्र' में खंड काव्य के लक्षण गिना दिए गए हैं, जो निम्नानुसार हैं-
हिंदी साहित्य के खंड काव्यआदिकाल में रचित खंड काव्य
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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खंडकाव्य की क्या विशेषता है?उत्तर- (1) खण्डकाव्य में केवल एक ही छंद का प्रयोग होता है। (2) इसकी भाषा-शैलो, सरल एवं प्रवाहपूर्ण होती है। (3) खण्डकाव्य में जीवन के किसी एक भाग, एक घटना या एक चरित्र का चित्रण किया जाता है। (4) यह अपने आप में एक पूर्ण रचना होती है।
खंडकाव्य के रचयिता कौन है?छायावाद युग में रचित खण्ड-काव्य : सुमित्रानंदन पंत : ग्रंथि रामनरेश त्रिपाठी : स्वप्न मैथिलीशरण गुप्त :पंचवटी, अनध,वनवैभव, वक-संहार
खंडकाव्य से आप क्या समझते हैं उदाहरण सहित?खण्डकाव्य साहित्य में प्रबंध काव्य का एक रूप है। जीवन की किसी घटना विशेष को लेकर लिखा गया काव्य खण्डकाव्य है। "खण्ड काव्य' शब्द से ही स्पष्ट होता है कि इसमें मानव जीवन की किसी एक ही घटना की प्रधानता रहती है। जिसमें चरित नायक का जीवन सम्पूर्ण रूप में कवि को प्रभावित नहीं करता।
खंडकाव्य को खंडकाव्य क्यों कहते हैं?इस प्रकार खंडकाव्य ऐसी प्रबंध काव्यात्मक रचना है जिसमें नायक के जीवन की किसी एक घटना, जोकि अपने आप में पूर्ण होती है, उस पर प्रकाश डाला जाता है। कथावस्तु और पात्र प्रख्यात या काल्पनिक होते है।
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