क्या केले से बवासीर होता है? - kya kele se bavaaseer hota hai?

क्या केले से बवासीर होता है? - kya kele se bavaaseer hota hai?

नीम, हल्दी, सेब का सिरका, एलोवेरा आदि की तरह केला भी बवासीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बहुत से लोग इसके औषधीय गुणों से रू-ब-रू नहीं होते हैं। पेट, आँख, बाल, त्वचा आदि को लाभ पहुंचाने वाला यह फल बवासीर का उपचार करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

इसे उपयोग करने के कई तरीके हैं, आज हम इस लेख में जानेंगे कि कैसे आप केले को अर्श पर तलवार की तरह उपयोग कर सकते हैं और दर्दनाक परिस्थिति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

बवासीर से छुटकारा पाने के लिए केला का उपयोग कैसे करें?

बवासीर का इलाज करने के लिए केला का उपयोग करने के निम्न तरीके हैं:

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  • केला के तने का रस – इसमें त्वचा को सिकोड़ने वाला गुण होता है, जो बवासीर के मस्सों को सिकोड़ने का काम करता है। इसे उपयोग करने के लिए आप केला की पतली टहनी को काटे और उससे निकलने वाले द्रव्य को बवासीर के मस्सों पर लगाएं। यह किसी कीड़े के काटने पर उसके जलन आदि को कम करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, जहरीले जानवर या कीड़े के काट लेने पर आपको तुरन्त ही अस्पताल जाना चाहिए।
  • केला की जड़ और बीज – इससे निर्मित गोलियों को कब्ज दूर करने के लिए उपयोग किया जा सकता है, आप इसे किसी पंसेरी के यहाँ से खरीद सकते हैं।
  • केला का छिलका – केला के छिलके को एक चम्मच विच हेजल के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और मस्सों पर अप्लाई करें। कुछ दिनों तक अप्लाई करने से मस्से धीरे-धीरे सूखने लगेंगे।
  • केला खाकर – केला खाकर आप अपने पाचन को दुरुस्त बना सकते हैं और कब्ज से राहत पा सकते हैं, जिससे बवासीर नहीं बढ़ेगा और ऊपर बताए गए नुस्खे अपना काम कर सकेंगे।

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बवासीर का उपचार करने के लिए केला का उपयोग क्यों फायदेमंद है?

केला के फल, टहनियों और फूल में कई हर्बल गुण होते हैं। केला का फल खाने से कब्ज नहीं होता है, जड़ और बीज की गोलियां भी कब्ज दूर करने में सहायक होती हैं साथ ही इसके तने से निकलने वाले रस में त्वचा को सिकोड़ने का गुण होता है जिससे मस्से सिकुड़ने और सूखने लगते हैं।

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इसके फायदे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, बवासीर का इलाज करने के अलावा इसका सेवन करने से बालों और त्वचा की खूबसूरती में भी चार चांद लग जाते हैं।

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क्या केला की मदद से बवासीर के मस्सों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सकता है?

अगर इसका सीधा जवाब जानना चाहेंगे तो – नहीं! दरअसल, सिर्फ केला ही नहीं अन्य घरेलू उपचार भी हर ग्रेड के बवासीर का सफाया नहीं कर सकते हैं। यदि आप ग्रेड 2, ग्रेड 3 या ग्रेड 4 के पाइल्स से पीड़ित हैं तो आपको सर्जरी करवानी पड़ेगी।

सर्जरी में कई प्रक्रियाएं हैं, लेकिन Pristyn Care लेजर सर्जरी का चुनाव करने की सलाह देता है।

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निष्कर्ष  – यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका उपचार केला या अन्य घरेलू उपचार की मदद से किया जा सकता है तो आपको डॉक्टर के पास निदान के लिए जाना चाहिए। आप इसके लिए हमें फोन कर सकते हैं या अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं, हमारे पास अच्छे डॉक्टर की एक बड़ी टीम है जो आपके बवासीर का निदान करके सही उपचार का चयन करने की सलाह देंगे।

वे बताएँगे कि आप घरल नुस्खे या दवाइयों की मदद से पाइल्स का इलाज कर सकते हैं या नहीं, यदि नहीं तो लेजर सर्जरी की सलाह दी जाएगी, जो दर्द रहित और आधा घंटा की प्रक्रिया है।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

क्या केले से बवासीर होता है? - kya kele se bavaaseer hota hai?

पाचन संबंधी किसी भी परेशानी से राहत पाने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स हमेशा ताजे फलों और सब्जियों को खाने की सलाह देते हैं. दरअसल, हमारे मेटाबॉलिज्म का सीधा संबंध हमारे पाचन तंत्र से होता है। यदि हमारा पाचन ठीक नहीं रहता है तो कई तरह की समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. इन समस्याओं में बवासीर भी एक ऐसी ही परेशानी है बवासीर का इलाज करने के लिए कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमाने की सलाह दी जाती है। बवासीर में केला सबसे आसान उपायों में से एक है। यह बवासीर में होने वाली कई तरह की समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। 

क्या केले से बवासीर होता है? - kya kele se bavaaseer hota hai?

बवासीर के लिए केला कैसे काम करता है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि केला एक प्राकृतिक लैक्टिव (Laxative) है जो कब्ज का इलाज करता है। बवासीर के दौरान अगर आप मल त्यागने में होने वाले दर्द और बेचैनी से बचना चाहते हैं तो तुरंत केले का सेवन करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। केला खाने से न सिर्फ आपके मल त्यागने में होने वाली परेशानी को कम करता है, बल्कि यह मल को सॉफ्ट भी करता है। 

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केले में चीनी होती है, जिसका सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है, जो गुदा के आसपास सूजन, दर्द वाली नसें होती हैं। केले में मौजूद चीनी में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो बैक्टीरिया के विकास को रोककर संक्रमित क्षेत्र को ठीक कर सकते हैं। कोशिकाओं से पानी निकाला जाता है और सूजन कम हो जाती है। हालांकि, ध्यान याद रखें कच्चे केले का सेवन न करें क्योंकि इसस कब्ज की परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा ध्यान रखें कि आप अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें. इससे कब्ज की परेशानी नहीं होगी। 

बवासीर में कैसे खाएं केला?

बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए केले का कई तरह से सेवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसका तरीका-

1. दूध और केला

बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए दूध और केला खा सकते हैं। इसका सेवन आप सामान्य रूप से बनाना शेक या फिर खाने के रूप में कर सकते हैं। इससे काफी लाभ मिलेगा। 

2. केला और शहद

केला और शहद का सेवन भी बवासीर की समस्याओं को कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो सूजन को कम कर सकता है। वहीं, केला भी बवासीर की समस्याओं को कम करता है। ऐसे में इन दोनों का मिश्रण बवासीर रोगियों के लिए फायदेमंद है।

3. ओट्स और केला

बवासीर में ओट्स और केला का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हेल्दी हो सकता है। बवासीर मरीजों के लिए ओट्स काफी हेल्दी है। वहीं, केला के साथ इसका सेवन करने से आपको दोगुना फायदा हो सकता है। 

4. केला और घी

केला और घी बवासीर में खा सकते हैं। इन दोनों का मिश्रण मल त्यागने में होने वाली समस्याओं से राहत दिला सकता है। इसका सेवन करने के लिए केले को छिलकर इसे मसल लें। इसमें थोड़ा सा घी और शहद मिक्स करके खाएं। इससे काफी लाभ मिलेगा। 

केला बवासीर मरीजों के लिए हेल्दी होता है। हालांकि, ध्यान रखें कि बवासीर में कच्चा केला न खाएं। इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है। 

क्या बवासीर में केला खाना चाहिए?

नीम, हल्दी, सेब का सिरका, एलोवेरा आदि की तरह केला भी बवासीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बहुत से लोग इसके औषधीय गुणों से रू-ब-रू नहीं होते हैं। पेट, आँख, बाल, त्वचा आदि को लाभ पहुंचाने वाला यह फल बवासीर का उपचार करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

केले से बवासीर का इलाज कैसे होता है?

रोजाना केला खाने से न सिर्फ आपका डाइजेशन यानी पाचन तंत्र बेहतर रहता है बल्कि फाइबर से भरपूर केला, पाइल्स की प्रॉब्लम दूर करने में भी मदद करता है। केले में मौजूद नैचरल शुगर, ऐंटिबायॉटिक क्वॉलिटी से भरपूर होती है जो इंफेक्टेड एरिया से बैक्टीरिया का ग्रोथ कम करने में मदद करती है।

बवासीर क्या खाने से बढ़ता है?

तेल में फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। फैट युक्त पदार्थ पेट के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। फैट युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में जलन, पेट में दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इन पदार्थों का सेवन करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, तैलीय पदार्थ कब्ज की शिकायत को बढ़ा देते हैं।

बवासीर जड़ से खत्म कैसे होता है?

देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.