नवाब साहब के व्यक्तित्व में कौन सी विशेषता प्रमुख है *? - navaab saahab ke vyaktitv mein kaun see visheshata pramukh hai *?

नवाब साहब के व्यक्तित्व में कौन सी विशेषता प्रमुख है *? - navaab saahab ke vyaktitv mein kaun see visheshata pramukh hai *?

Q. प्रेमचंद पूर्व हिंदी कहानियों में सर्वश्रेष्ठ कहानी कौन सी है?

Ans.सद्गति – प्रेमचंद

‘ठाकुर का कुआं’, ‘सवा सेर गेहूँ’, ‘मोटेराम का सत्याग्रह’, जैसी प्रेमचंद की अनेक कहानियों में अंतर्भूत मानवीय संवेदना तथा जाति व्यवस्था के प्रति उनका दृष्टिकोण इस कहानी को कालजयी और आधुनिक बनाता है.

Q.प्रेमचंद की सबसे पहली कहानी कौन सी थी?

Ans.प्रेमचंद‘ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई। १९१५ ई. में उस समय की प्रसिद्ध हिंदी मासिक पत्रिका सरस्वती के दिसम्बर अंक में पहली बार उनकी कहानी सौत नाम से प्रकाशित हुई। १९१८ ई.

Q.मुंशी प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी कौन सी है?

Ans.प्रेमचंद की लघुकथाएं

  • बंद दरवाजा
  • राष्ट्र का सेवक
  • देवी
  • कश्मीरी सेब | लघु-कथा
  • बाबाजी का भोग
  • यह भी नशा, वह भी नशा
  • गुरु मंत्र
  • जादू | प्रेमचंद की लघुकथा

Q.मुंशी प्रेमचंद की कहानी कौन कौन सी है?

Ans.मुंशी प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों की सूची:-

  • आत्माराम
  • दो बैलों की कथा
  • आल्हा
  • इज्जत का खून
  • इस्तीफा
  • ईदगाह
  • कप्तान साहब
  • कर्मों का फल

Q.प्रेमचंद की कहानियों का संकलन मानसरोवर कितने खंड है?

Ans.मानसरोवर (कथा संग्रह) प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है। उनके निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियों को शामिल किया गया है। कॉपीराइट अधिकारों से प्रेमचंद की रचनाओं के मुक्त होने के उपरांत मानसरोवर का प्रकाशन अनेक प्रकाशकों द्वारा किया गया है।

Q.प्रेमचंद अपने घर में कौन सी विधा है?

Ans.प्रेमचंद घर में’ साहित्य में ‘संस्मरण’ गद्य विधा की रचना है

Q.प्रेमचंद जी की मृत्यु कब हुई?

Ans. 8 अक्तूबर 1936

Q.मुंशी प्रेमचंद जी ने कौनसे उपन्यास में स्त्रियों के आभूषण प्रेम के दुष्परिणामों का चित्रण किया है?

Ans.ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धितउपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया।

Q.ईदगाह कहानी का सारांश क्या है? 

Ans.सारांश : ईदगाह कहानी एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो साल भर ईद का इंतजार करता है. और जब उसे मेले के लिए नाममात्र के पैसे मिलते हैं. तो भी वो खुद पर न खर्च कर अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदता है. … ये प्रेमचंद का ही कमाल है कि ईदगाह का जिक्र आते ही ईश्वर के स्थान पर जाने के साथ ही खुद प्रेमचंद भी याद आते हैं.

Q.मुंशी प्रेमचंद जी ने कौनसे उपन्यास में स्त्रियों के आभूषण प्रेम के दुष्परिणामों का चित्रण किया है ?

Ans.अपने ‘सेवासदन’ और निर्मला’ उपन्यासों में प्रेमचन्द जी ने दहेज प्रथा और उसके कपरिणामों का चित्रण किया है।

Q.प्रेमचंद का असली नाम क्या था ?

Ans.

वैसे उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन हिंदी साहित्य में उन्हें मकबूलियत प्रेमचंद नाम से मिली. वैसे उर्दू लेखन के शुरुआती दिनों में उन्होंने अपना नाम नवाब राय भी रखा था. उनके पिता अजायब राय और दादा गुरु सहाय राय थे.

Q.मुंशी प्रेमचंद ने जिनेंद्र को भारत का क्या कहकर महिमामंडित किया है?

Ans. ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने ‘जैनेंद्र’ को भारत का गोर्की कहकर महिमामंडित किया है। … गोर्की यानि मैक्सिम गोर्की रूसी भाषा के एक साहित्यकार थे, जिन्होंने सर्वहारा वर्ग से संबंधित साहित्य की रचना की थी। जैनेंद्र और गोर्की के साहित्य में बेहद समानताएं मिलती हैं, इसी कारण प्रेमचंद ने जैनेंद्र कुमार कोभारत का गोर्की कहा था।

Q.मानसरोवर खंड के 8 भागों में प्रेमचंद की लगभग कितनी कहानी प्रकाशित हुई?

Ans.प्रेमचंद जी ने लगभग 400 कहानियों की रचना की। उनकी प्रसिद्ध कहानियां मानसरोवर के आठ भागों में संकलित है।

Q.प्रेमचंद का नाम प्रेमचंद कैसे पड़ा?

Ans.सरकारी कोप से बचने के लिए उर्दू अखबार “ज़माना” के संपादक मुंशी दया नारायण निगम ने नबाव राय के स्थान पर ‘प्रेमचंद‘ उपनाम सुझाया। यह नाम उन्हें इतना पसंद आया कि ‘नबाव राय’ के स्थान पर वे ‘प्रेमचंद‘ हो गए। हिन्दी पुस्तक एजेन्सी का एक प्रेस कलकत्ता में था, जिसका नाम ‘वणिक प्रेस’ था।

Q.प्रेमचंद घर में किसकी रचना?

Ans.Premchand Ghar Mein: उपन्यास सम्राट प्रेमचंद (Munshi Premchand) के व्यक्तित्व के बारे में तमाम लोगों ने कलम चलाई है. खुद उनके बेटे अमृतराय ने ‘कलम का सिपाही’ नाम से मुंशी प्रेमचंद की जीवनी लिखी है. लेकिन एक जीवनी उनकी पत्नी शिवरानी देवी (Shivrani Devi) ने भी लिखी है ‘प्रेमचंद घर में’

Q.प्रेमचंद की बाल साहित्य रचना कौन सी है?

Ans.प्रेमचंद ने अपनी इसी विचार-भूमि पर बाल कहानियों की रचना की। उनकी एक पुस्तक ‘जंगल की कहानियां’ में वे कहानियां हैं जो उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए लिखी थीं। उनमें से तीन कहानियां इस संकलन में ली गयी हैं। एक और किंतु मार्मिक कहानी ‘कुत्ते की कहानी’ भी बच्चों के लिए ही लिखी गयी थी।

Q.प्रेमचंद जी का साहित्य में क्या स्थान है?

Ans.साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद का योगदान अतुलनीय है। उन्हाेंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से लोगाें को साहित्य से जोड़ने का काम किया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास और कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं।

Q.मुंशी प्रेमचंद क्या बनना चाहते थे?

Ans.प्रेमचन्द को पढ़ने का शौक था, आगे चलकर वह वकील बनना चाहते थे, लेकिन गरीबी ने बहुत परेशान किया। स्कूल आने-जाने के झंझट से बचने के लिए एक वकील के यहां ट्यूशन पकड़ लिया और उसी के घर में एक कमरा लेकर रहने लगे। ट्यूशन के पांच रुपये में से तीन रुपये घर वालों को देने के बाद वह दो रुपये से अपनी जिंदगी आगे बढ़ाते रहे।

Q. मुंशी प्रेमचंद जी की पत्नी का नाम क्या है जो एक बाल विधवा थी उसके साथ प्रेमचंद जी ने विवाह किया था?

Ans. सन 1905 के अंतिम दिनों में उनकी शादी शिवरानी देवी से हुई। शिवरानी देवी बालविधवा थीं। उस समय किसी बाल विधवा से शादी करने की साहस जुटाना बहुत बड़ा काम था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि मुंशी प्रेमचंद कुरीतियों के विरुद्ध जाने का कितना साहस रखते थे।

Q.ईदगाह कहानी की प्रमुख घटना क्या है?

Ans.किसी के जूते कड़े हो गए हैं, उनमें तेल डालने के लिए तेली के घर पर भागा जाता है। जल्दी-जल्दी बैलों को सानी-पानी दे दें। ईदगाह से लौटते-लौटते दोपहर हो जाएगी। तीन कोस का पैदल रास्ता, फिर सैकड़ों आदमियों से मिलना-भेंटना, दोपहर के पहले लौटना असंभव है।

Q.ईदगाह कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

Ans.‘ईदगाह’ प्रेमचंद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी का प्रमुख पात्र हामिद है। उसके माता-पिता नहीं हैं, दादी माँ ही उसका पालन-पोषण करती हैं। … ईदगाह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि व्यक्ति को प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करना चाहिए ।

Q.रचना काल के शुरुआत में प्रेमचंद का उपनाम क्या था?

Ans.उनके माता-पिता ने उनका नाम धनपत राय रखा,जबकि उनके चाचा महाबीर ने उनका उपनाम “नवाब” रखा।

Q.गबन उपन्यास की समस्या क्या है समझाइए?

Ans.उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गबन उपन्यास एक यथार्थवादी रचना हैं. इसमें भारतीय समाज की प्रमुख समस्या नारी के आभूषण प्रेम एवं नवयुवकों की मौज मस्ती व विलासिता की प्रवृत्ति को चित्रित किया गया हैं

Q.प्रेमचंद के उपन्यास सम्राट क्यों कहा जाता है?

Ans.उपन्यासों की लोकप्रियता के चलते ही प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहा जाता है। उनके प्रमुख उपन्यासों में सेवासदन, गोदान, गबन, कायाकल्प, रंगभूमि प्रेमाश्रय, कर्मभूमि आदि हैं। … उन्होंने लगभग तीन सौ कहानियां, लगभग एक दर्जन उपन्यास, व कई लेख लिखे। उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे व अनुवाद कार्य भी किया।

Q.रचना काल के शुरुआत में प्रेमचंद का उपनाम क्या था ?

Ans.उनके माता-पिता ने उनका नाम धनपत राय रखा,जबकि उनके चाचा महाबीर ने उनका उपनाम “नवाब” रखा।

Q.उर्दू में प्रेमचंद का नाम क्या था?

Ans.इस समय तक प्रेमचंद, धनपत राय नाम से लिखते थे. लेकिन उर्दू में प्रकाशित होने वाली ‘ज़माना पत्रिका’ के सम्पादक और उनके अजीज दोस्‍त मुंशी दयानारायण निगम ने उन्हें प्रेमचंद नाम से लिखने की सलाह दी. जिसके बाद वे प्रेमचन्द के नाम से लिखने लगे।

Q.प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी ने उनकी जीवनी लिखी थी उस जीवनी का नाम क्या था ?

Ans.हिन्दी के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद की पहली हिन्दी कहानी ‘सौत’ 1915 में छपी थी और इसी शीर्षक से उनकी पत्नी शिवरानी देवी ने भी कहानी लिखी थी। प्रेमचंद की एक और चर्चित कहानी ‘बूढ़ी काकी’ है और शिवरानी देवी ने भी इसी शीर्षक से एक कहानी ‘बूढ़ी काकी’ लिखी थी

Q.प्रेमचंद का अंतिम महाकाव्य कोनसा है ?

Ans.गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्य माना जाता है। कुछ लोग इसे उनकी सर्वोत्तम कृति भी मानते हैं। इसका प्रकाशन १९३६ ई० में हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई द्वारा किया गया था। इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है।

Q.गोदान उपन्यास के लेखक कौन हैं?

Ans.प्रेमचंद

Q. मानसरोवर में कितने खंड हैं?

Ans.मानसरोवर (कथा संग्रह) प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है। उनके निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियों को शामिल किया गया है।

Q.प्रेमचंद की कहानियाँ कितने खंड और किस नाम से प्रकाशित हुई?

Ans.१९२०-३६ तक प्रेमचंद लगभग दस या अधिक कहानी प्रतिवर्ष लिखते रहे। मरणोपरांत उनकी कहानियाँ “मानसरोवर” नाम से ८ खंडों में प्रकाशित हुईं। उपन्यास और कहानी के अतिरिक्त वैचारिक निबंध, संपादकीय, पत्र के रूप में भी उनका विपुल लेखन उपलब्ध है।

Q.प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित करने वाले महान व्यक्ति कौन थे?

Ans.मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव वाले प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था।

Q.प्रेमचंद की बाल साहित्य रचना कौन सी है

Ans.उनकी एक पुस्तक ‘जंगल की कहानियां’ में वे कहानियां हैं जो उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए लिखी थीं। उनमें से तीन कहानियां इस संकलन में ली गयी हैं। एक और किंतु मार्मिक कहानी ‘कुत्ते की कहानी’ भी बच्चों के लिए ही लिखी गयी थी। इस संकलन में शेष वे कहानियां हैं जो उनके कथा-संग्रह ‘मानसरोवर’ में संकलित हैं।

Q.आभूषण पर आधारित प्रेमचंद के उपन्यास का क्या नाम है?

Ans.ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया।

Q.मुंशी प्रेमचंद में साहित्यकार होने के साथ साथ कौन सी और विशेषताएँ थीं?

Ans.

प्रेमचंद के साहित्य की विशेषताएँ
अन्य जानकारी प्रेमचंद उनका साहित्यिक नाम था और बहुत वर्षों बाद उन्होंने यह नाम अपनाया था। उनका वास्तविक नाम ‘धनपत राय’ था। जब उन्होंने सरकारी सेवा करते हुए कहानी लिखना आरम्भ किया, तब उन्होंने नवाब राय नाम अपनाया। बहुत से मित्र उन्हें जीवन-पर्यन्त नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे।

Q.प्रेमचंद के साहित्य विशेषता क्या है?

Ans.प्रेमचंद हिंदी के युग प्रवर्तक रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। वे सर्वप्रथम उपन्यासकार थे जिन्होंने उपन्यास साहित्य को तिलस्मी और ऐयारी से बाहर निकाल कर उसे वास्तविक भूमि पर ला खड़ा किया। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया।

Q. मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित नाटक इनमें से कौन सा है ?

Ans.जब प्रेमचंद ने लिखा पहला नाटक और मामा ने कर दिया गायब, पढ़िए ‘कलम का सिपाही’ की पहली कहानी 13 साल की उम्र में हिंदी साहित्य के मूर्धन्य कथाकार प्रेमचंद ने लिखी थी अपनी पहली कहानी

Q.प्रेमचंद के कितने निबंध है?

Ans.प्रेमचंद का जन्म वाराणसी से लगभग चार मील दूर, लमही नाम के गांव में 31 जुलाई, 1880 को हुआ। प्रेमचंद के पिताजी मुंशी अजायब लाल और माता आनन्दी देवी थी। प्रेमचंद का बचपन गांव में बीता था। प्रेमचंद का कुल दरिद्र कायस्थों का था, जिनके पास क़रीब छ: बीघा जमीन थी और जिनका परिवार बड़ा था।

Q.प्रेमचंद ने सरकारी नौकरी छोड़ दी कब ?

Ans.न चाहते हुए शिवरानी देवी को भी उनके निर्णय के साथ होना पड़ा। 16 फरवरी 1921 को प्रेमचंद ने शिक्षा विभाग की नौकरी से न केवल इस्तीफा दे दिया बल्कि सरकारी मकान भी छोड़ दिया।

Q.प्रेमचंद की पत्नी का क्या नाम था ?

Ans.शिवरानी देवी

Q.मुंशी प्रेमचंद का साहित्य में क्या स्थान था?

Ans.साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद का योगदान अतुलनीय है। उन्हाेंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से लोगाें को साहित्य से जोड़ने का काम किया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास और कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं।

Q.आभूषण पर आधारित प्रेमचंद का क्या नाम है?

Ans.ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया।

Q.प्रेमचंद के साहित्य विशेषता क्या है?

Ans.प्रेमचंद हिंदी के युग प्रवर्तक रचनाकार हैं। उनकी रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। वे सर्वप्रथम उपन्यासकार थे जिन्होंने उपन्यास साहित्य को तिलस्मी और ऐयारी से बाहर निकाल कर उसे वास्तविक भूमि पर ला खड़ा किया। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया।

Q.गबन उपन्यास की समस्या क्या है?

Ans.गबन उपन्यास की कथावस्तु संक्षेप में (The contents of the Gaban novel briefly) उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गबन उपन्यास एक यथार्थवादी रचना हैं. इसमें भारतीय समाज की प्रमुख समस्या नारी के आभूषण प्रेम एवं नवयुवकों की मौज मस्ती व विलासिता की प्रवृत्ति को चित्रित किया गया हैं.

Q.गबन उपन्यास की प्रधान समस्या क्या है?

Ans.आभूषण–प्रेम की समस्याः– नारी जाति की आभूषण-प्रियता की समस्या को ‘गबन‘ में मुख्य रूप के रखा गया है। … इस उपन्यास का संपूर्ण कथानक नारी की इसी आभूषण-प्रियता पर आधारित है और उपन्यास का प्रत्येक स्त्री-पात्र गहनों के मोह में व्यस्त दिखाई देता है।

Q.प्रेमचंद अपने घर में कौन सी विधा है?

Ans.प्रेमचंद घर में’ साहित्य में ‘संस्मरण’ गद्य विधा की रचना है

Q.गबन उपन्यास की शैली कौन सी है?

Ans.उनकी अपनी भाषा ऐसी ही थी, जो देश के बड़े भू-भाग की जनता आसानी से समझ सकती थी। वस्तुतः सरल, सजीव, मुहावरेदार गद्य शैली के जनक प्रेमचंद का स्थान हिंदी साहित्य में लोकप्रिय उपन्यासकार के रूप में सर्वोच्चय है।

Q.प्रेमचंद घर में किसकी रचना?

Ans.Premchand Ghar Mein: उपन्यास सम्राट प्रेमचंद (Munshi Premchand) के व्यक्तित्व के बारे में तमाम लोगों ने कलम चलाई है. खुद उनके बेटे अमृतराय ने ‘कलम का सिपाही’ नाम से मुंशी प्रेमचंद की जीवनी लिखी है. लेकिन एक जीवनी उनकी पत्नी शिवरानी देवी (Shivrani Devi) ने भी लिखी है ‘प्रेमचंद घर में’

Q.प्रेमचंद की बाल साहित्य रचना कौन सी है?

Ans.प्रेमचंद का बालसाहित्य इस प्रकार हैं : माहात्मा शेख सादी, राम चर्चा, जगंल की कहानियाँ, कुत्ते की कहानी, दुर्गादास और कलम, तलवार और त्याग

Q.प्रेमचंद का वैश्य समस्या से संबंधित उपन्यास कौन सा है?

Ans.’सेवासदन’ एक नारी के वेश्‍या बनने की कहानी है. इस उपन्यास के जरिए प्रेमचंद ने महिला जीवन से जुड़ी समस्याओं पर प्रकाश डाला है. ‘कफ़न’ प्रेमचंद की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है. इस कहानी में सांसारिक मोहमाया और जीवन की मार्मिकता का सजीव चित्रण किया गया है.

Q.कफ़न कहानी का उद्देश्य क्या है?

Ans.कफन कहानी एक यथार्थवादी कहानी है। प्रस्तुत कहानी में समाज में व्याप्त शोषण व्यवस्था व उनके दुष्परिणामों को सशक्त ढंग से अभिव्यक्त किया जाता है। माधव की तुम्हें अलसी पन निकम्मा पर दरिद्रता तथा भूख उनके इतने निम्न स्तर पर पहुंचा देती है।

Q.मुंशी प्रेमचंद जी ने 1934 में एक हिन्दी फिल्म में एक छोटा सा रोल निभाया था उस फिल्म का नाम क्या था?

Ans.स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर प्रेमचंद की डेब्यू फिल्म थी ‘मिल मजदूर’ जो 1934 में बनी थी। इसमें उन्होंने कैमियो कैरेक्टर का किरदार भी निभाया

Q.प्रेमचंद की बाल साहित्य रचना कौन सी है

Ans.उनकी एक पुस्तक ‘जंगल की कहानियां’ में वे कहानियां हैं जो उन्होंने विशेष रूप से बच्चों के लिए लिखी थीं। उनमें से तीन कहानियां इस संकलन में ली गयी हैं। एक और किंतु मार्मिक कहानी ‘कुत्ते की कहानी’ भी बच्चों के लिए ही लिखी गयी थी। इस संकलन में शेष वे कहानियां हैं जो उनके कथा-संग्रह ‘मानसरोवर’ में संकलित हैं।

Q.मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यासों की संख्या कितनी मानी जाती है ?

Ans.उनके अनुसार प्रेमचंद्र ने अपने जीवन में लगभग 300 से अधिक कहानियाँ तथा 18 से अधिक उपन्यास लिखे है| इनकी इन्हीं क्षमताओं के कारण इन्हें कलम का जादूगर कहा जाता है| प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह सोज़े वतन(राष्ट्र का विलाप) नाम से जून 1908 में प्रकाशित हुआ।

Q.मुंशी प्रेमचंद की सबसे अच्छी कहानी कौन सी है?

Ans. प्रेमचंद की सर्वोत्तम 15 कहानियां

  • बड़े घर की बेटी
  • रानी सारन्धा
  • नमक का दरोगा
  • सौत
  • आभूषण
  • प्रायश्चित
  • कामना
  • मन्दिर और मसजिद

Q.दहेज प्रथा की समस्या का चित्रण किया गया प्रेमचंद का उपन्यास कौन सा है?

Ans.निर्मला, मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित प्रसिद्ध हिन्दी उपन्यास है। इसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका ‘चाँद’ में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।

Q.कफ़न से क्या शिक्षा मिलती है?

Ans.कफन एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की कहानी है जो श्रम के प्रति आदमी में हतोत्साह पैदा करती है क्योंकि उस श्रम की कोई सार्थकता उसे नहीं दिखायी देती है। … कफन लाश के साथ जल ही तो जाता है। और फिर उस हल्के कफन को लिये बिना ही ये लोग उस कफन के चन्दे के पैसे को शराब, पूड़ियों, चटनी, अचार और कलेजियों पर खर्च कर देते हैं

Q.मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित एकमात्र हिंदी फिल्म कौनसी थी?

Ans.1913 से बॉलीवुड और फिल्म जैसी कोई चीज भारत में बननी शुरू हुई थी। प्रेमचंद की मृत्यु 1936 में हुई थी और बोलती फिल्म आलम आरा से असल में फिल्में बननी शुरू हुई।

Q.प्रेमचंद का नाम मुंशी कैसे पड़ा?

Ans. इस प्रकार धनपत राय से ‘प्रेमचंद‘ तथा ‘उपन्यास सम्राट प्रेमचंद‘ हुए। अमृत राय जी के अनुसार प्रेमचंद जी ने अपने नाम के आगे ‘मुंशी‘ शब्द का प्रयोग स्वयं कभी नहीं किया। उनका यह भी मानना है कि मुंशी शब्द सम्मान सूचक है, जिसे प्रेमचंद के प्रशंसकों ने कभी लगा दिया होगा।

Q.1916 में इनमें से कौन सा उपन्यास प्रेमचंद ने उर्दू में बाज़ारे हुस्न नाम से लिखा था ?

Ans.मुंशी प्रेमचंद्र ने सेवासदन उपन्यास 1916 उर्दू में बाजार ए हुस्न नाम से लिखा गया था

Q.प्रेमचंद की बाल साहित्य रचना कौन सी है?

Ans.प्रेमचंद का बालसाहित्य इस प्रकार हैं : माहात्मा शेख सादी, राम चर्चा, जगंल की कहानियाँ, कुत्ते की कहानी, दुर्गादास और कलम, तलवार और त्याग

Q.भारत में मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियां अत्यधिक लोकप्रिय क्यों थी?

Ans.मुंशी प्रेमचंद ने बाल पुस्तकें भी लिखीं

उन्होंने समाज सुधार, देशप्रेम, स्वाधीनता संग्राम आदि से संबंधित कहानियां लिखीं। उनकी ऐतिहासिक व प्रेम कहानियां भी काफी लोकप्रिय हैं। प्रेमचंद हिंदी साहित्य के युग प्रवर्तक हैं। हिंदी कहानी में आदर्शोन्मुख यथार्थवाद की उन्होंने एक नयी परम्परा की शुरूआत की।

Q.मुंशी प्रेमचंद का साहित्य में क्या स्थान था? 

Ans.साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद का योगदान अतुलनीय है। उन्हाेंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से लोगाें को साहित्य से जोड़ने का काम किया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास और कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं।

Q.मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित अंतिम कहानी कौन सी थी?

Ans. वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।

Q.प्रेमचंद की कहानी कौन कौन सी है?

Ans.उनके अनुसार प्रेमचंद ने कुल 301 कहानियां लिखी हैं। प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों में ‘पंच परमेश्‍वर’, ‘गुल्‍ली डंडा’, ‘दो बैलों की कथा’, ‘ईदगाह’, ‘बड़े भाई साहब’, ‘पूस की रात’, ‘कफन’, ‘ठाकुर का कुआँ’, ‘सद्गति’, ‘बूढ़ी काकी’, ‘तावान’, ‘विध्‍वंस’, ‘दूध का दाम’, ‘मंत्र’ आदि शामिल हैं।

Q.प्रेमचंद की सबसे अच्छी कहानी कौन सी है?

Ans.

प्रेमचंद की 5 सर्वश्रेष्ठ कहानियां

  • गोदान गोदान उपन्यास प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्त्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है. …
  • दो बैलों की कथा दो बैलों की कथा दो बैल हीरा और मोती की कहानी है. …
  • पूस की रात पूस की रात की मूल समस्या गरीबी की है

Q.प्रेमचंद की कहानियों का संकलन मानसरोवर कितने खंड है?

Ans.मानसरोवर (कथा संग्रह) प्रेमचंद द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है। उनके निधनोपरांत मानसरोवर नाम से ८ खण्डों में प्रकाशित इस संकलन में उनकी दो सौ से भी अधिक कहानियों को शामिल किया गया है। कॉपीराइट अधिकारों से प्रेमचंद की रचनाओं के मुक्त होने के उपरांत मानसरोवर का प्रकाशन अनेक प्रकाशकों द्वारा किया गया है।

Q.प्रेमचंद की पत्नी का नाम क्या है ?

Ans.शिवरानी देवी

Q.प्रेमचंद को मुंशी क्यों कहा जाता है?

Ans.कहा जाता है कि राजनेता और बड़े विद्वान होने के बावजूद हिंदी प्रदेश में प्रेमचंद की लोकप्रियता उनसे ज्यादा थी. ऐसे में लोगों को एक बड़ी गलतफहमी हो गई. वे मान बैठे कि प्रेमचंद ही ‘मुंशी-प्रेमचंद‘ हैं. इस गलतफहमी की वजह शायद यह भी हो सकती है कि उस समय आज की तरह अखबार और मीडिया के विभिन्न माध्यम नहीं थे.

Q.प्रेमचंद द्वारा रचित नाटक कौन सा है?

Ans.जब प्रेमचंद ने लिखा पहला नाटक और मामा ने कर दिया गायब, पढ़िए ‘कलम का सिपाही’ की पहली कहानी

Q.प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी ने उनकी जीवनी लिखी थी उस जीवनी का नाम क्या था?

Ans.हिन्दी के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद की पहली हिन्दी कहानी ‘सौत’ 1915 में छपी थी और इसी शीर्षक से उनकी पत्नी शिवरानी देवी ने भी कहानी लिखी थी। प्रेमचंद की एक और चर्चित कहानी ‘बूढ़ी काकी’ है और शिवरानी देवी ने भी इसी शीर्षक से एक कहानी ‘बूढ़ी काकी’ लिखी थी

Q.बाल साहित्य का क्या महत्व है?

Ans.बाल साहित्य ही वह सहायक सामग्री है जिसकी सहायता से बच्चे की मौखिक भाषा-शैली संवर सकती है। बच्चों में संवाद अदायगी का विस्तार हो सकता है। प्रश्न करने और खुद उत्तर देने की क्षमता विकसित की जा सकती है। बाल साहित्य के माध्यम से बच्चे कल्पना लोक में जाते हैं

Q.प्रेमचंद का पहला विधवा विवाह पर आधारित हिंदी उपन्यास प्रेमा कब प्रकाशित हुआ?

Ans.प्रेमा (हिंदी) अथवा हमख़ुर्मा व हमसवाब (उर्दू) प्रेमचंद का पहला उपन्यास है। यह १९०७ ई। में मूलतः उर्दू में प्रकाशित हुआ था।

Q.मुंशी प्रेमचंद में साहित्यकार होने के साथ साथ कौन सी और विशेषताएँ थीं?

Ans.

प्रेमचंद के साहित्य की विशेषताएँ
अन्य जानकारी प्रेमचंद उनका साहित्यिक नाम था और बहुत वर्षों बाद उन्होंने यह नाम अपनाया था। उनका वास्तविक नाम ‘धनपत राय’ था। जब उन्होंने सरकारी सेवा करते हुए कहानी लिखना आरम्भ किया, तब उन्होंने नवाब राय नाम अपनाया। बहुत से मित्र उन्हें जीवन-पर्यन्त नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे।

Q.मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यासों की संख्या कितनी मानी जाती है ?

Ans.उनके अनुसार प्रेमचंद्र ने अपने जीवन में लगभग 300 से अधिक कहानियाँ तथा 18 से अधिक उपन्यास लिखे है| इनकी इन्हीं क्षमताओं के कारण इन्हें कलम का जादूगर कहा जाता है| प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह सोज़े वतन(राष्ट्र का विलाप) नाम से जून 1908 में प्रकाशित हुआ।

Q.प्रेमचंद जी का साहित्य में क्या स्थान है?

Ans.साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद का योगदान अतुलनीय है। उन्हाेंने कहानी और उपन्यास के माध्यम से लोगाें को साहित्य से जोड़ने का काम किया, उनके द्वारा लिखे गए उपन्यास और कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं।

Q.प्रेमचंद ने लगभग कितनी कितनी कहानियां लिखी थी?

Ans.उनके अनुसार प्रेमचंद ने कुल 301 कहानियां लिखी हैं। प्रेमचंद की प्रमुख कहानियों में ‘पंच परमेश्‍वर’, ‘गुल्‍ली डंडा’, ‘दो बैलों की कथा’, ‘ईदगाह’, ‘बड़े भाई साहब’, ‘पूस की रात’, ‘कफन’, ‘ठाकुर का कुआँ’, ‘सद्गति’, ‘बूढ़ी काकी’, ‘तावान’, ‘विध्‍वंस’, ‘दूध का दाम’, ‘मंत्र’ आदि शामिल हैं।

Q.प्रेमचंद की सर्वप्रथम हिंदी कहानी कौन सी है?

Ans.सन 1916 ई॰, प्रेमचंद की पहली कहानी सौत प्रकाशित हुई।

Q.प्रेमचंद का कौन सा उपन्यास टीवी धारावाहिक बनकर लोकप्रिय हुआ ?

Ans.1980 में उनके उपन्यास पर बना टीवी धारावाहिक निर्मला भी बहुत लोकप्रिय हुआ था। मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में भारतीय डाक विभाग ने 31 जुलाई, 1980 को उनकी जन्मशती पर 30 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया।

Q.विधवा विवाह के प्रश्न को लेकर प्रेमचंद ने कौन सा उपन्यास लिखा है?

Ans.गोदान, गबन, कर्मभूमि, सेवा सदन जैसे अमर उपन्यास और ईदगाह, ठाकुर का कुआं, बड़े भाई, पूस की रात जैसी सैकड़ों कहानियां लिखने वाले प्रेमचंद अपने समय से आज तक हिन्दी-उर्दू उपन्यासकार माने जाते हैं।

Q.प्रेमचंद जी को क्या नहीं कहा जाता?

Ans.भारतीय जनमानस की संवेदना में बसे उपन्यास सम्राट ‘प्रेमचंद‘ जी भी इस पारंपरिक तथ्य से अछूते नहीं रह सके। उनका नाम यदि मात्र प्रेमचंद लिया जाय तो अधूरा सा प्रतीत होता है। उपनाम या तख़ल्लुस से तो बहुत से कवि और लेखक जाने जाते हैं किन्तु ‘मुंशी’ प्रेमचंद का उपनाम या तखल्लुस नहीं था।

Q.प्रेमचंद के जन्म स्थान का क्या नाम था?

Ans.लमही, वाराणसी

Q.प्रेमचंद को कौन सी उपाधि मिली?

Ans.सेंट्रल हिन्दू स्कूल

Q.प्रेमचंद जी की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी हैं?

Ans मुंशी प्रेमचंद की 5 रचनाएं जो सबको पढ़नी ही चाहिए

  • पूस की रात पूस कि रात मुंशी प्रेमचंद की सबसे बेहतरीन कहानियों में से एक है। …
  • बड़े घर की बेटी यह कहानी भी मुंशी प्रेमचंद की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक है। …
  • दीपदान प्रेमचंद जी द्वारा रचित दीपदान एक बहुत ही अच्छी एकांकी है। …
  • गोदान …
  • पंच परमेश्वर

Q.प्रेमचंद अपने घर में कौन सी विधा है?

Ans.प्रेमचंद घर में’ साहित्य में ‘संस्मरण’ गद्य विधा की रचना है।

Q.प्रेमचंद जी का मूल नाम क्या था?

Ans.प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1980 को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। प्रेमचंद (प्रेमचन्द) की आरम्भिक शिक्षा फ़ारसी में हुई।

Q.लेखक पर शायरी प्रेमचंद को क्या सलाह दे रहे थे?

Ans.सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने वाले– प्रेमचंद ने समाज में फैली हुई कुरीतियों के प्रति लोगों को सावधान किया। वे एक स्वस्थ समाज चाहते थे तथा स्वयं भी बुराइयों से कोसों दूर रहने वाले थे। अपनी स्थिति से संतुष्ट– प्रेमचंद का जीवन हमेशा अभावों में बीता। उन्होंने अपनी स्थिति दूसरों से छिपाकर रखी।

Q.भारत में मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास और कहानियां अत्यधिक लोकप्रिय क्यों थी?

Ans.मुंशी प्रेमचंद ने बाल पुस्तकें भी लिखीं

उन्होंने समाज सुधार, देशप्रेम, स्वाधीनता संग्राम आदि से संबंधित कहानियां लिखीं। उनकी ऐतिहासिक व प्रेम कहानियां भी काफी लोकप्रिय हैं। प्रेमचंद हिंदी साहित्य के युग प्रवर्तक हैं। हिंदी कहानी में आदर्शोन्मुख यथार्थवाद की उन्होंने एक नयी परम्परा की शुरूआत की।

Q.मुंशी प्रेमचंद जी की शैली क्या है?

Ans.मुंशी प्रेमचंद जी उर्दू से हिन्दी में आए थे; अत: उनकी भाषा में उर्दू की चुस्त लोकोक्तियों तथा मुहावरों के प्रयोग की प्रचुरता मिलती है। मुंशी प्रेमचंद भाषा सहज, सरल, व्यावहारिक, प्रवाहपूर्ण, मुहावरेदार एवं प्रभावशाली है तथा उसमें अद्भुत व्यंजना-शक्ति भी विद्यमान है।

Q.प्रेमचंद जी ने कौन सी उपन्यास को पूरा नहीं कर पाए थे?

Ans.प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है।

Q.प्रेमचंद को मुंशी प्रेमचंद क्यों कहा जाता है?

Ans.सरकारी कोप से बचने के लिए उर्दू अखबार “ज़माना” के संपादक मुंशी दया नारायण निगम ने नबाव राय के स्थान पर ‘प्रेमचंद‘ उपनाम सुझाया। यह नाम उन्हें इतना पसंद आया कि ‘नबाव राय’ के स्थान पर वे ‘प्रेमचंद‘ हो गए। हिन्दी पुस्तक एजेन्सी का एक प्रेस कलकत्ता में था, जिसका नाम ‘वणिक प्रेस’ था।

Q.प्रेमचंद के कितने नाम थे?

Ans.जीवनी मुंशी प्रेमचंद प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे । मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है।

Q.प्रेमचंद के पिता कहाँ के मुंशी थे?

Ans.

प्रेमचंद का जीवन परिचय
मृत्यु 8 अक्तूबर 1936
मृत्यु स्थान वाराणसी, उत्तर प्रदेश
अभिभावक मुंशी अजायब लाल और आनन्दी देवी
पति/पत्नी शिवरानी देवी

Q.प्रेमचंद घर में किसकी रचना है?

Ans.प्रेमचंद घर में’ ‘मुंशी प्रेमचंद‘ की पत्नी ‘शिवरानी देवी’ द्वारा लिखे गए संस्करणों का संकलन है। इसमें उन्होंने प्रेमचंद के साथ अपने घरेलू जीवन के छोटे-छोटे संस्करण दर्ज किए हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन 1944 में पहली बार हुआ था।

Q.मुंशी जी द्वारा रचित नाटक कौन कौन से हैं?

Ans.इसके अलावा उनके द्धारा रचित कहानियों में सबसे ज्यादा प्रसिद्धि “कजाकी”, “बूढ़ी काकी” , “सद्धति”,”कफन”, “गुल्ली डंडा”, “पूस की रात”, “शतरंत के खिलाड़ी”, “सुजान भगत”, “बड़े घर की बेटी”, “दो बैलों की कथा”, “पंच परमेश्वर”, “ईदगाह”, “दुनिया का सबसे अनमोल रतन” को मिली।

Q.मुंशी प्रेमचंद जी ने 1934 में एक हिन्दी फिल्म में एक छोटा सा रोल निभाया था उस फिल्म का नाम क्या था?

Ans.स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर प्रेमचंद की डेब्यू फिल्म थी ‘मिल मजदूर’ जो 1934 में बनी थी। इसमें उन्होंने कैमियो कैरेक्टर का किरदार भी निभाया

Q.उनकी दूसरी पत्नी शिवरानी उनके लिए वरदान जैसी साबित हुई कैसे?

Ans.दूसरी शादी का साहस और टर्निंग पॉइंट

शिवरानी देवी बाल-विधवा थीं। उस समय किसी बाल विधवा से शादी करने की साहस जुटाना बहुत बड़ा काम था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि मुंशी प्रेमचंद कुरीतियों के विरुद्ध जाने का कितना साहस रखते थे। उनकी यह दूसरी शादी उनके जीवन के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई

Q.प्रेमचंद की विडंबना क्या थी?

Ans.मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु 56 की उम्र में हुई। उनकी मृत्यु के कुछ समय पूर्व ही प्रगतिशील लेखक संघ की नींव पड़ी थी। यह विडंबना ही है कि जब यूरोप में मानवीय मूल्य, हालात और संघर्ष साहित्य के केंद्र में आ चुके थे, हिंदी में प्रेमचंद जैसे साहित्यकार इन विषयों को स्थान दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

Q.लेखक ने प्रेमचंद जी का जूता फट जाने का क्या कारण बताया?

Ans.लेखक प्रेमचंद की वेषभूषा और जूते देखकर इसलिए रो पड़ना चाहता है क्योंकि इतना महान लेखक होने के बाद भी प्रेमचंद बदहाली की स्थिति से गुजर रहे थे। उसके पास विशेष अवसर पर भी पहनने के लिए अच्छे कपड़े और जूते न थे। लेखक उनकी स्थिति से उत्पन्न दुख को अपने भीतर तक महसूस कर रो देना चाहता है।

Q.लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के जूते पर क्यों अटक गई?

Ans.लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के जूते पर क्यों अटक गईलेखक ने देखा कि प्रेमचंद ने जिस जूते को पहनकर फ़ोटो खिंचाया है, उसमें बड़ा-सा छेद हो गया है। इसमें से प्रेमचंद की अँगुली बाहर निकल आई है। प्रेमचंद ने इस फटे जूते को ढंकने का प्रयास भी नहीं किया

Q.लेखक को प्रेमचंद के जूते देखकर रोना क्यों आता है?

Ans. लेखक को याद आता है कि ईश्वर-भक्त संत कवि कुंभनदास का जूता भी फतेहपुर सीकरी आने-जाने से घिस गया था। अचानक लेखक को समझ आया कि प्रेमचंद का जूता लंबा चक्कर काटने से नहीं फटा होगा बल्कि वे सारे जीवन किसी कठोर वस्तु को ठोकर मारते रहे होंगे।

Q.मुंशी प्रेमचंद की प्रथम कहानी कौन सी है?

Ans.प्रेमचंद‘ नाम से उनकी पहली कहानी बड़े घर की बेटी ज़माना पत्रिका के दिसम्बर १९१० के अंक में प्रकाशित हुई। १९१५ ई. में उस समय की प्रसिद्ध हिंदी मासिक पत्रिका सरस्वती के दिसम्बर अंक में पहली बार उनकी कहानी सौत नाम से प्रकाशित हुई।

Q.मुंशी प्रेमचंद जी का एकमात्र ऐतिहासिक उपन्यास कौन सा है ?

Ans.कमल किशोर गोयनका ने लिखा है- “इस उपन्यास का उद्देश्य विधवा जीवन की समस्याओं का चित्रण तथा उसका समाधान प्रस्तुत करना है। लेखक की दृष्टि में यह कार्य देश और जाति के कल्याण के लिए है। उपन्यास की कथायोजना इसी उद्देश्य के अनुरूप की गयी है।” ‘रूठी रानी’ प्रेमचंद का एकमात्र ऐतिहासिक उपन्यास है

Q.प्रेमचंद के पिता क्या काम करते थे?

Ans.प्रेमचन्द का जन्म 31 जुलाई सन् 1880 को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। आपके पिता का नाम अजायब राय था। वह डाकखाने में मामूली नौकर के तौर पर काम करते थे

Q.प्रेमचंद की मृत्यु कब और कैसे हुई?

Ans.मुंशी प्रेमचंद (अंग्रेज़ी: Munshi Premchand, जन्म: 31 जुलाई, 1880 – मृत्यु: 8 अक्टूबर, 1936) भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। … प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था

Q.प्रेमचंद का कौन सा संग्रह ज़ब्त किया गया है ?

Ans.बहुत से मित्र उन्हें हमेशा नवाब के नाम से ही सम्बोधित करते रहे। उनके पहले कहानी-संग्रह ‘सोज़े वतन’ ज़ब्त होने के बाद उन्हें नवाब राय नाम छोड़ना पड़ा। इसके बाद का उनका अधिकतर साहित्य प्रेमचंद के नाम से ही प्रकाशित हुआ।

Q.मुंशी प्रेमचंद का कौन सा कहानी संग्रह है अंग्रेज सरकार द्वारा जब्त कर लिया गया?

Ans. सोज़े वतन नामक कहानी संग्रह के रचनाकार नवाबराय (प्रेमचन्द) हैं। इसका प्रकाशन १९०८ में हुआ। इस संग्रह के कारण प्रेमचन्द को सरकार का कोपभाजन बनना पडा।

Q.विधवा विवाह के प्रश्न को लेकर प्रेमचंद ने कौन सा उपन्यास लिखा है?

Ans.गोदान, गबन, कर्मभूमि, सेवा सदन जैसे अमर उपन्यास और ईदगाह, ठाकुर का कुआं, बड़े भाई, पूस की रात जैसी सैकड़ों कहानियां लिखने वाले प्रेमचंद अपने समय से आज तक हिन्दी-उर्दू उपन्यासकार माने जाते हैं।

Q.प्रेमचंद के समय और अब के समय में गाँव और शहर में क्या क्या बदलाव आये?

Ans.औपनिवेशिक शासन के प्रभाव स्वरूप भारत के ग्रामीण जीवन में जो बदलाव आए उसका प्रेमचंद ने आम लोगों की भाषा में गोदान, गबन, निर्मला, कर्मभूमि, सेवासदन, कायाकल्प, प्रतिज्ञा जैसे उपन्यासों और कफ़न, पूस की रात, नमक का दारोगा, बड़े घर की बेटी, घासवाली, ईदगाह जैसी कई कहानियों में यथार्थ चित्रण किया.