कान में कौड़ी डालना इस मुहावरे का अर्थ है - kaan mein kaudee daalana is muhaavare ka arth hai

दोस्तो जब कोई किसी की बात पर गोर नही ‌‌‌करता यानि सुनता नही है । चाहे फिर वह उसे कितनी बार भी दोहरा दो तो इस तरह से बातो को अनसुनी करने को ही कान मे तेल डालना कहा जाता है ।

क्योकी जिस तरह से कान मे तेल डालने के कारण सुनाई नही देता है उसी तरह से जब किसी को न सुनाई देता हो तब इस मुहावरे वहां पर इस्तेमाल किया जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का सिधा सा अर्थ कुछ भी न सुनना होता है ।

कान में कौड़ी डालना इस मुहावरे का अर्थ है - kaan mein kaudee daalana is muhaavare ka arth hai

कान में तेल डालना ‌‌‌मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • इसने तो कान मे तेल डाल रखा है और मे यहां गला फाड कर इससे बाते कर रहा हूं ।
  • मै तुम्हे कब से बता रहा हूं की तुम्हारे बेटे ने ही मेरा नुकसान किया है पर तुम तो कान मे तेल डाले बैठे हो ।
  • जब मै तुम्हे पडा रहा था तो तुमने क्या कान मे तेल डाल रखा था ।
  • ‌‌‌जब देखो तब तुम कान मे तेल डाले बैठे ‌‌‌रहते हो कुछ तो बात कर लिया करो ।
  • अगर इसी तरह से कान मे तेल डाले बैठोगे तो जब तुम्हे किसी चिज की जरुरत होगी तो तुम्हारी भी कोई मदद नही करेगा ।
  • महावीर के पिता ने इसे बहुत ‌‌‌समझाया की अब तुम्हारी उर्म हो गइ है कुछ काम कर लिया करो पर इसने तो उनकी एक बात भी नही सुनी इसे तो कान मे तेल डालना कहा जाता है ।
  • प्रासंत के घर के बारह लोग चिलाते रहे पर वह कान मे तेल डालर बेठा ‌‌‌रहा ।

कान में तेल डालना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे राजेश नाम का एक लडका रहता था । उसके घर मे उसके माता पिता के अलावा और कोई भी नही था । उसके पिता के पास बहुत धन दोलत थी । इस कारण से उसने अपने बेटे को अच्छी स्कुल मे पढने के लिए भेजा था ।

वह रोजाना स्कुल जाता और पढ कर अपने घर आ जाता ‌‌‌उसे इस तरह से रोजाना स्कुल जाते देखकर उसके पिता को लगता की यह तो बहुत पढता है । बल्की उन्हे यह नही पता था की यह तो स्कुल मे सुने की तरह चुप चाप बैठा रहता है । उन्हे इस बात का ‌‌‌तब पता चला जब वह बडा हो गया और एक दिन राजेश के अध्यापक उसे पढा रहे थे ।

आम के आम गुठलियों के दाम का अर्थ, वाक्य व कहानी

आसमान पर चढ़ना का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

दिमाग सातवें आसमान पर होना का अर्थ , वाक्य व कहानी

तिल का ताड़ बनाना का अर्थ और वाक्य व कहानी

तभी उन्होने राजेश को खडा किया और एक ‌‌‌प्रशन का उतर पूछा जो उन्होने अभी सभी को बताया था । जब राजेश ने उसका उतर नही बताया तो उसके अध्यापक को लगा की इसे याद नही होग । जब इसी तरहे से बहुत बार हो गया तब एक दिन उसके अध्यापक ने उसके पिता को बुलाकर कहा की आपके बेटे को हम जो भी पढाते है वह उसे सुनता ही नही है ।

लगता है की वह कान मे‌‌‌ तेल डाकर बेठता है । इस तरह से राजेश के बारे मे उसके पिता को पता चला था । तब घर जाकर राजेश को उसके पिता ने बहुत सुनाया और कहा की जो अध्यापक पढाते है वह सही तरह से सुनना चाहिए । पर तब भी उसे उसके पिता की एक भी बात समझ मे नही आई थी ।

इसी तरह से वह कुछ वर्षो तक तो विधालय जाता रहा पर फिर उसने ‌‌‌अपनी पढाई छोड दी थी । इसी तरह से जब वह बडा हो गया तो वह रहता था । वह अपने आप मे ही खोया रहता था । उसके पास चाहे कुछ भी होता हो उसे पता भी नही चलता था । जब वह काफी बढा हो गया तो उसके माता पिता की मृत्यु हो गई थी ।

जिसके कारण वह अपने घर मे अब अकेला ही रहता था । ‌‌‌एक दिन की बात है उसके घर मे शहर से कुछ लोग आए थे । जिनको यह पता नही था की राजेश का घर कहा है । इस कारण से वे लोग गाव के लोगो से पूछते पूछते उसके घर आ गए थे ।

तब गाव का एक आदमी उनके साथ भी आया था तो उसने राजेश को बहुत बार बुलाया क्योकी उसके घर का दरवाजा अंदर से बंद था । राजेश को बुलाते बुलाते काफी ‌‌‌समय बित गया था । तब जाकर वह अपने घर से बाहर निकला और वहां निकलर उसने देखा की कुछ लोग उसके घर के बाहर बैठे है ।

जैसे ही वह अपने घर से बाहर निकला तो लोग बोल पडे की राजेश हम तुम्हे कब से बुला रहे है तुमने क्या कान मे तेल डाल रखा है । तब राजेश कुछ बहाना बनाकर रह गया था । इसी तरह से एक बार फिर ‌‌‌गाव के लोग किसी कारण से राजेश को कुछ बता रहे थे । तब राजेश को वे लोग समझाते समझाते थक गए थे पर राजेश अभी भी वैसे ही बैठा था ।

कान में कौड़ी डालना इस मुहावरे का अर्थ है - kaan mein kaudee daalana is muhaavare ka arth hai

यानि वह कुछ भी नही बोल रहा था । तब लोगो को यकिन हो गया की राजेश तो कान मे तेल डालकर बेठा है । यह हमारी बातों को सुनता भी नही है । इस कारण से फिर कभी भी लोग राजेश से बात ‌‌‌नही करते थे बल्की जब उनको कोई जरुरी काम होता तब ही वे उससे बात करते थे । इस तरह से आप भी समझ गए होगे की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

‌‌‌कान मे तेल डालना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जब कोई किसी को कुछ बता रहा हो तो जिसको वे बताते है वह चुप चाप आराम से बैठे रहता है उसकी एक भी बात को नही सुनता है । तो इस तरह से किसी की बात को न सुनने को ही कान मे तेल डालना कहा जाता है । इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है । ‌‌‌

इन लोगो मे से ज्यादातर लोग ऐसे होते है जिनको अच्छी बातो से कोई मतलब नही होता है । और जब उन्हे कोई ज्ञान देने लग जाते है तो वे अपने कान मे तेल डालकर बेठ जाते है यानि उनकी बातो को सुनते भी नही है ।

इसी तरह से कुछ लोग ऐसे भी होते है जो बुरी बातों को सुनते नही है । इस तरह के लोगो को अगर कोई बुरी ‌‌‌बात बताता है तो वे भी उसकी बातो पर गोर नही करते या फिर यह कह सकते है की एक कान से सुनते है और दुसरे से निकाल देते है ।

उन्हे कभी भी याद नही रखते है । मेरे कहने का अर्थ यही है की जब कोई किसी की बातो को सुनता नही है तब इस मुहावरे का वहां पर प्रयोग किया जाता है । इस तरह से आप समझ गए होगे ।