Show रियो दे ला प्लाता का ज्वारनदीमुख, जिसमें ज्वारनदीमुख में पानी में एकत्रित मलबा दिख रहा है जिसे समय-समय पर समुद्र से उठा ज्वारभाटा बाहर खींच ले जाता है। साधारण नदीमुखों में इस मलबे से नदीमुख कई धाराओं में फटकर त्रिकोण रूप धारण कर लेता है ज्वारनदीमुख या ज्वारनदमुख (अंग्रेज़ी: Estuary, एस्चुएरी) सागर तट पर स्थित एक आधा-बंद खारे जल का समूह होता है जिसमें एक या एक से अधिक नदियाँ और झरने बहकर विलय होते हैं, और जो दूसरे अंत में खुले सागर से जुड़ा होता है।[1] समय-समय पर ज्वारभाटा (टाइड) आकर इस से पानी व पानी में उपस्थित अन्य ढीला मलबा बाहर समुद्र में खींच लेता है।[2] इस कारण से ज्वारनदीमुखों में साधारण नदीमुख (डेल्टा) की तरह मलबा एकत्रित नहीं होता, जो नदीतल पर जमा होने से उन्हें कई धाराओं में बिखरने को मजबूर कर देता है, जिससे कि उन धाराओं के बिखराव का आसानी से पहचाना जाने वाला त्रिकोण (डेल्टा) भौगोलिक रूप बन जाता है। उनके विपरीत ज्वारनदीमुख अक्सर एक ही लकीर में सागर में जल ले जाता है। ज्वारनदीमुख समुद्री और नदीय वातावरणों का मिश्रण होता है इसलिए इनमें ऐसे कई प्राणी व वनस्पति पनपते हैं जो और कहीं नहीं मिलते।[3] उदाहरण[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
डेल्टा और ज्वारनदमुख में अन्तर डेल्टा काँप मिट्टी का विशाल निक्षेप है। इसकी आकृतित्रिभुजाकार, पंजाकार या पंखाकार होती है। इसका निर्माण नदी के निचले मार्ग में वहाँ होता है जहाँ दाब नाममात्र का होता है। यह नदी की वृद्धावस्था में बनता है। अतः नदी अपने साथ बहाकर लाई गई अवसाद को ढोने में असमर्थ रहती है तथा विभिन्न शाखाओं में विभक्त होकर अवसाद का निक्षेप करने लगती है। इस प्रकार समुद्री मुहाने पर मिट्टी तथा बालू के महीन कणों से त्रिभुजाकार रूप में निर्मित अवसाद डेल्टा कहलाता है। ज्वारनदमुख के निर्माण में नदियाँ अपने साथ लाए हुए अवसाद को मुहाने पर जमा नहीं करतीं, बल्कि अवसाद को समुद्र में अन्दर तक ले जाती हैं। नदी में इस प्रकार बना मुहाना ज्वारनदमुख या एस्च्युरी कहलाता है। नर्मदा नदी इसी प्रकार की मुहाने का निर्माण करती है। प्रश्न।
डेल्टा और ज्वारनदमुख में अंतर बताइए। (अध्याय -3 अपवाह तंत्र , कक्षा 11 NCERT भूगोल "भारत भौतिक पर्यावरण") उत्तर। डेल्टा और ज्वारनदमुख, दोनों ही समुद्र के साथ मिलने पर नदियों द्वारा बनाए जाते हैं। फिरभी , डेल्टा और ज्वारनदमुख के बीच निम्नलिखित अंतर हैं; डेल्टा एक निक्षेपण स्थलरूप है जो एक नदी द्वारा समुद्र से मिलने से पहले अपने मुहाने पे बनाता है और नदी अपने साथ लाये गए अवसादों को मुहाने पर जमा करके बनाता हैं। जबकि मुहाना एक जल क्षेत्र है जहाँ नदी का मीठे पानी और समुद्र का खारा जल मिलता हैं। डेल्टा का निर्माण महासागर के निम्न ज्वार वाले क्षेत्रों पर होता है जबकि ज्वारनदमुख महासागर के उच्च ज्वार क्षेत्र पर होता हैं। डेल्टा का निर्माण बड़ी नदियों द्वारा किया जाता है जिसके पास पर्याप्त अवसाद होते है जबकि ज्वारनदमुख छोटी नदियों या धाराओं के मुहाने पर बनता है, यहाँ पर नदियों के पास पर्याप्त अवसाद नदी होता होता हैं। डेल्टा आमतौर पर त्रिकोणीय आकार में होता है जबकि ज्वारनदमुख एक फ़नल आकार का होता है। डेल्टा उपजाऊ भूमि है और कृषि गतिविधियों के लिए उपयुक्त है जबकि ज्वारनदमुख पोषक तत्वों से भरपूर जल क्षेत्र होता है और यह मछली पकड़ने की गतिविधियों के लिए उपयुक्त होता है। भारत की पूर्व की ओर बहने वाली नदी जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी मुहाने पर डेल्टा बनाती हैं जबकि पश्चिम की ओर बहने वाली नर्मदा, तापी, पेरियार, शरवती आदि नदी इनके मुहाने में ज्वारनदमुख बनाती हैं। भारत के बंगाल क्षेत्र की खाड़ी में कई डेल्टा मौजूद हैं जबकि ज्वारनदमुख बड़े पैमाने पर अरब सागर में पाए जाते हैं। सुंदरबन डेल्टा भारत का सबसे बड़ा डेल्टा है जो गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा बनता है जबकि नर्मदा नदी, अरब सागर में भरूच के दक्षिण में 27 किमी चौड़ा ज्वारनदमुख बनाती है। You may like also:
डेल्टा और ज्वारनदमुख में क्या अंतर?एस्टूरी: इसका निर्माण उच्च ज्वार वाले क्षेत्र में होता है तथा ऐसे नदिया इनका निर्माण करती हैं जो रिफ्ट घाटी से होते हुए बहती हैं। डेल्टा: इसका निर्माण निम्न ज्वार वाला क्षेत्र में होता है तथा यहाँ तटीय पौधे पाए जाते हैं। एस्टूरी: कभी उपजाऊ भूमि नहीं बनाते हैं। डेल्टा: नदियों द्वारा लाये गए अवसाद उपजाऊ भूमि बनाते हैं।
ज्वारनदमुख का क्या अर्थ है?ज्वारनदीमुख या ज्वारनदमुख (अंग्रेज़ी: Estuary, एस्चुएरी) सागर तट पर स्थित एक आधा-बंद खारे जल का समूह होता है जिसमें एक या एक से अधिक नदियाँ और झरने बहकर विलय होते हैं, और जो दूसरे अंत में खुले सागर से जुड़ा होता है।
डेल्टा और ज्वारनदमुख से क्या आशय है?नदियों की एस्चुअरी के भर जाने से निर्मित लम्बे तथा संकरे डेल्टा को ज्वारनदमुख डेल्टा कहते है। उदाहरण- भारत में नर्मदा तथा तापी नदियों द्वारा बनाया गया डेल्टा तथा मैकेन्जी, एल्ब, ओब, हडसन आदि नदियों के डेल्टा। यह एक सममित (Symmetrical) डेल्टा है जो अक्सर सागर की सीधी तट रेखा पर नदी के प्रवेश से बनता है।
ज्वारनदमुख का निर्माण कैसे होता है?नदी का जलमग्न मुहाना जहाँ स्थल से आने वाले जल और सागरीय खारे जल का मिलन होता है और ज्वारीय लहरें क्रियाशील रहती हैं। एस्चुअरी का निर्माण सामान्यतः तटीय निम्नभूमि के निमज्जन के फलस्वरूप नदी घाटी के जलमग्न होने से होता है।
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