दोस्तों आज का हमारा पोस्ट बेलन की परिभाषा एवं उसके आयतन से संबंधित होने वाला है। इस पोस्ट में हमने बेलन से संबंधित सभी नियम एवं ट्रिक्स जैसे कि – बेलन क्या है?, बेलन के गुणधर्म क्या है?, बेलन के प्रकार?, बेलन का आयतन क्या होता है?, बेलन की ऊंचाई क्या होती है?, Belan All Formula तथा बेलन से संबंधित कुछ प्रश्न इत्यादि की जानकारी दी है। Show
उदाहरण सहित इन सब चीजों की जानकारी आपको इस पोस्ट में दी जाने वाली है। तो इस टॉपिक के ऊपर अपनी अच्छी पकड़ बनाने के लिए तथा इसको अच्छी तरह समझने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें। जिससे कि आपको गणित में बेलन से संबंधित प्रश्नों को हल करने में कोई परेशानी ना हो तथा आप आसानी से इनके प्रश्नों को हल कर पाएं। तो आइए जानते हैं – Table of Contents
बेलन (Cylinder) क्या है – Belan Ki Paribhashaवह ठोस तीन आयाम वाली आकृति जिसकी दो सिरे, दो समान त्रिज्या वाले वृत्ताकार सतह एवं एक वक्र आयत सतह से मिलकर बना हो और जिसकी वक्र पृष्ठ Curved हो, उस ठोस आकृति को “बेलन” कहते हैं। जैसे – ‘गोलाकार खंभे’ तथा ‘रोलर’ इनकी दो वृत्ताकार सामान त्रिज्या वाले दो सिरे होते हैं और यह एक वक्र आयत से मिलकर बना होता है। इसलिए यह एक बेलन का उदाहरण है। अर्थात ऐसी ठोस आकृति जिसकी सिरे दो समान वृत्ताकार त्रिज्या से एवं एक वक्र आयत से मिलकर बनता है, “बेलन” कहलाता है। इसे भी पढ़ें:- घन और घनाभ में अंतर, परिभाषा एवं सही सूत्र बेलन के गुणधर्म – Properties of Belan In Hindiबेलन का आकार एक मोमबत्ती, एक गोलाकार खंभें और एक गोलाकार बिजली के पोल के समान होता है। बेलन में कुल 3 सतहें होती है। ऊपर और नीचे दो समान वृत्ताकार सतहें और बीच का घेरा एक वक्र सतह, जिसे वक्र पृष्ठ कहा जाता है। वृत्ताकार जो दो सतहें होती है, उसे ‘बेलन का आधार ( Belan Ka Aadhar )‘ कहा जाता है और ये एक – दूसरे के समांतर होते हैं। बेलन की दो आधारों के बीच की लंबवत दूरी को ‘बेलन की ऊंचाई ( Belan Ki Unchai )’ (h) कहते हैं। किसी बेलन का आयतन निकालने के लिए उसकी ऊंचाई का मालूम होना बहुत आवश्यक होता है। दोनों वृत्ताकार सतह की त्रिज्या 2r होती है, जो ‘बेलन की त्रिज्या (Belan Ki Trijya)‘ (2r) कहलाती है। बेलन के दो स्थिर आधारों के केंद्रों को जोड़ने वाली रेखा को ‘बेलन का अक्ष‘ कहते हैं। बेलन के प्रकार – Belan Ke Parkarसमकोणिय बेलन :- समकोणिय बेलन उस बेलन को कहते हैं जिसका अक्ष, उसके आधार को समकोण यानी 90 डिग्री पर काटता हैं। परोक्ष बेलन :- परोक्ष बेलन उस बेलन को कहते हैं जिसका अक्ष, उसके आधार को समकोण पर नहीं काटता हैं। इसे भी पढ़ें:- परिमेय और अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? बेलन का आयतन – Belan ka Aaytanकिसी बेलन का आयतन ( Volume Of Cylinder ) ज्ञात करने के लिए उसकी आधार की त्रिज्या एवं उसकी ऊंचाई का मालूम होना आवश्यक है।
यहां r बेलन की वृत्ताकार आधार की त्रिज्या है और h बेलन की ऊंचाई है। किसी बेलन का आयतन निकालने के लिए उसके वृत्ताकार आधार का क्षेत्रफल को उसके ऊंचाई से गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त होता है, वह उसका आयतन कहलाता है। जैसे – यदि किसी बेलन की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर और उसके आधार की त्रिज्या 7 सेंटीमीटर है, तो उसका आयतन क्या होगा ? हल:- बेलन की ऊंचाई (h) = 10cm सूत्र से, बेलन का आयतन = πr²h आयतन = 22/7 × (7)² × 10 बेलन की ऊंचाई – Belan ki Unchaiबेलन की दो आधारों के बीच की लंबवत दूरी को ‘बेलन की ऊंचाई ( Height Of Cylinder )‘ (h) कहते हैं। यदि किसी बेलन का आयतन दिया गया हो और उसकी ऊंचाई पता करनी हो तो इस फार्मूला का उपयोग करें। बेलन की ऊंचाई = आयतन / πr² जैसे – यदि किसी बेलन का आयतन 616 cm³ और उसके आधार की त्रिज्या 7 सेंटीमीटर दी हो, तो उसकी ऊंचाई ज्ञात करें। हल:- बेलन का आयतन = 616 cm³ सूत्र से,बेलन की ऊंचाई = आयतन/πr² ऊंचाई (h) = 616 / 22/7 × (7)² इसे भी पढ़ें:- घन और घनमूल कैसे ज्ञात किया जाता है? बेलन के महत्वपूर्ण फार्मूला – Belan Ke Sabhi Sutraआइये अब हम बेलन से संबंधित सभी सूत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं| बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल – Belan Ka Vakra Prasthiy Kshetrafalकिसी बेलन का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल ( Curved Surface Area Of Cylinder In Hindi ) ज्ञात करने के लिए उसके वृत्ताकार आधार एवं की ऊंचाई का मालूम होना आवश्यक है। बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh किसी बेलन का वक्र पृष्ठ क्षेत्रफल निकालने के लिए उसके वृत्ताकार आधार को उसकी ऊंचाई से गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त होता है वही उसका वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल कहलाता है। बेलन का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल – Belan Ka Sampurn Prist Chetrafal
बेलन का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πr² + 2πrh = 2πr ( r + h )
किसी बेलन का संपूर्ण पृष्ठ क्षेत्रफल ( Belan Ka Surface Area ) ज्ञात करने के लिए उसके दो वृत्ताकार आधार के क्षेत्रफल को उसके वक्र पृष्ठ के क्षेत्रफल से जोड़ने पर जो योगफल प्राप्त होगा। वही उसका संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल कहलाएगा। इसे भी पढ़ें:- अनुपात क्या होता है तथा अनुपात कैसे निकालें? खोखले बेलन का आयतन – khokhle Belan Ka Aaytanकिसी खोखले बेलन का आयतन ( Khokhle belan ka aayatan ) ज्ञात करने के लिए बाहरी बेलन का आयतन एवं भीतरी बेलन का आयतन का मालूम होना आवश्यक है। खोखले बेलन का आयतन = किसी खोखले बेलन का आयतन ( Hollow cylinder volume ) ज्ञात करने के लिए बाहरी बेलन का आयतन में से भीतरी बेलन का आयतन घटाने पर जो अंतर प्राप्त होता है, उसे खोखले बेलन का आयतन कहते हैं। खोखले बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल ( Khokhle Belan Ka Vakra Prist Kshetrafal )खोखले बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh (R² + r²) यहां 2πrh बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल एवं R बेलन की पहली त्रिज्या और r बेलन की दूसरी त्रिज्या है। खोखले बेलन का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल – Khokhle Belan Ka Sampurn Prist Kshetrafalखोखले बेलन का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh (R+r) + 2π (R²- 2r²) इसे भी पढ़ें:- वेग क्या होता है वेग कैसे ज्ञात करें? बेलन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न – Belan Se Sambandhit QuestionQ.1. यदि किसी लंबवृत्तीय बेलन के आधार की त्रिज्या 14 सेंटीमीटर और ऊंचाई 5 सेंटीमीटर हो, तो उसके वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल क्या होगा ? (जहां π = 22/7) हल:- आधार की त्रिज्या (r) = 14 cm सूत्र से, बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल=
Q.2. यदि एक बेलन की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर तथा आधार की त्रिज्या 7 सेंटीमीटर हो, तो उसकी संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल क्या होगा ? हल:- बेलन की ऊंचाई = 10 cm सूत्र से, बेलन का संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल
Q.3. एक बेलन का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल 440 cm² एवं आधार की त्रिज्या 7 cm हो, तो उसकी ऊंचाई क्या होगी ? हल:- वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल =440 cm² सूत्र से, वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
बेलन की ऊंचाई (h) = 10 cm ans. इसे भी पढ़ें:- शंकु किसे कहते हैं? शंकु के सभी सूत्र Q.4. एक बेलन का आयतन 1540 cm³ हो और उसकी ऊंचाई 10 सेंटीमीटर हो, तो बेलन की त्रिज्या ज्ञात करें। हल: बेलन का आयतन = 1540 cm³ सूत्र से, बेलन का आयतन = πr²h
बेलन की त्रिज्या r = 7 cm ans. Q.5. बेलन की संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल निकालें यदि उसकी ऊंचाई 5 मीटर और आधार का क्षेत्रफल 616 m² हो। हल:- आधार का क्षेत्रफल = 616 m² तो, आधार का क्षेत्रफल = πr² अब,संपूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल= 2πr(r+h)
निष्कर्ष (Conclusion) :- दोस्तों, तो जैसा कि हमने बेलन की परिभाषा तथा बेलन से संबंधित सभी फॉर्मूला एवं इनसे संबंधित सभी प्रश्न को उदाहरण सहित इस पोस्ट में आपको समझाने की कोशिश की है। आशा करता हूं कि इस पोस्ट की जानकारी आप सभी को हेल्प की होगी और इसे समझने में कोई दिक्कत नहीं आई होगी। अगर कोई ऐसी चीज जो आपकी समझ में नहीं आई हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। हम उन्हें समझाने का पूरा प्रयत्न करेंगे। धन्यवाद ! इन्हें भी पढ़ें:-
FAQ About Belan1. बेलन की आकृति कैसी होती है ?1. बेलन की परिभाषा क्या है ?उत्तर:- वह तीन आयाम वाली आकृति जिसकी दो सिरे वृत्ताकार एवं एक वक्र आयत हो, उस आकृति को बेलन कहते हैं। बेलन का संपूर्ण पृष्ठ क्या होता है?एक बेलन का आयतन बराबर π r² h होता है, और इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल बराबर 2 π r h + 2 π r² होता है | इस विडियो में इस सूत्र का प्रयोग करना सीखेंगे और इससे संबंधित उदाहरण हल करेंगे |. सैल खान द्वारा निर्मित।
बेलन में कुल कितने पृष्ठ होते हैं?बेलन एक ऐसी त्रिआयामी(3d) ठोस आकृति होती है जोकि दो वृत्त एवं एक वक्र आयत से मिलकर बना होता है। इसके दो सिरे सामान त्रिज्या वाले वृत्त होते हैं एवं पार्श्व प्रष्ठ वक्र(curved) होता है।
बेलन की परिधि का सूत्र क्या है?किसी सम वृत्ताकार बेलन (सिलिंडर) की ऊंचाई और आधार वृत्त की त्रिज्या शब्दों में आयतन के सूत्र का एक सांकेतिक नमूना प्रदान करना। परिभाषा: एक समवृत्ताकार बेलन एक त्रिआयामी वस्तु है जिसमें दो सर्वांगसम वृत्त होते हैं क्योंकि समांतर आधार और एक पार्श्व सतह एक आयत बनाते हैं। पूर्व-शर्त : वृत्त की परिधि का सूत्र = 2Пr.
खोखले बेलन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल क्या होता है?खोखले बेलन का सम्पूर्ण वक्र पृष्ठ
बाह्य + अन्त एवम बाह्य - अन्तः आधार का क्षेत्र का योग बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल होता है। यहाँ बबाह्य आधार के क्षेत्रफल में से अन्तः आधार का क्षेत्रफल घटाया गया है क्योंकि खोखले बेलन कर दोनों सोरे खुले होते है।
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