कुंभ राशि वालों को शनिवार को क्या करना चाहिए? - kumbh raashi vaalon ko shanivaar ko kya karana chaahie?

Shani Gochar 2023: ग्रहों के सेनापति शनि एक बार किसी इंसान पर भारी हो जाएं तो उसका जीवन दुखों से भर देते हैं. शनि की टेढ़ी नजर जिस पर भी पड़ती है, उसे कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ता है. शनि 30 साल में अपना राशि चक्र पूरा करता है. चूंकि शनि को एक क्रूर ग्रह माना जाता है, इसलिए जातकों को इसकी दृष्टि से बहुत संभलकर रहना पड़ता है.

30 साल बाद कुंभ राशि में शनि
17 जनवरी 2023 को शनि देव कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं. ज्योतिषविदों का कहना है शनि देव करीब 30 साल बाद अपनी मूल राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं. शनि अभी मकर राशि में विचरण कर रहे हैं. शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही कई राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी. 

इन 2 राशि वालों को रहना होगा संभलकर
शनि के कुंभ राशि में गोचर करते ही सभी जातकों को इसके अच्छे-बुरे परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे. इस गोचर के बाद मिथुन और तुला राशि वालों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल, इन दोनों राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. इसके बाद आपके बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं. दांपत्य जीवन में समस्याएं आ सकती हैं. घर की सुख-शांति भंग हो सकती है. इन दोनों ही राशि के जातकों को नौकरी-कारोबार में नुकसान उठाना पड़ सकता है. आय में कमी आ सकती है. सहकर्मियों के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं.

क्या है उपाय?
शनि से जुड़ी समस्या बढ़ने पर शनिवार को गरीबों को भोजन कराकर उन्हें दान देना चाहिए. इसके अलावा शनि मंदिर में तेल का दान और ॐ हं हनुमते नमः मंत्र का जाप करें. पितरों को याद करते हुए पीपल के पेड़ को जल अर्पित करने से भी समस्या दूर हो सकती है.

इन 3 राशियों को लाभ
शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद मकर, कुंभ और धनु राशि के जातकों को लाभ होने वाला है. इस राशि के जातक शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे. अब तक उनके जो काम अटके हुए थे, वो तेजी से पूरे होने लगेंगे. नौकरी-व्यापार के मोर्चे पर सफलताएं प्राप्त करेंगे. जीवन में धन का प्रवाह बढ़ेगा. संतान की ओर से खुशखबरी मिल सकती है. यात्राओं से लाभ होगा. निवेश करने के लिए भी समय अनुकूल रहने वाला है.

Shani Ki Sade Sati Kumbh Rashi Par Kab Tak Rahegi, Shani Sade Sati Ke Upay, Kumbh Rashi: शनि देव को कुंभ राशि का स्वामी माना गया है. फिलहाल कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. जो वर्ष 2020 से शुरू हुई है. यह अभी लंबे समय तक चलेगी. आइए जानते हैं कब तक झेलना पड़ सकता है कुंभ राशि के जातक को शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप...

ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो 29 अप्रैल 2022 को शनि कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं. जिसके कारण इस राशि के जातक की कठिनाइयां और बढ़ सकती है उन्हें मानसिक तनाव व अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है. हालांकि, इस दौरान धनु राशि वालों को लाभ होगा. उन्हें शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल जायेगी.

आपको बता दें कि शनिदेव जब कुंभ राशि में गोचर करेंगे तो शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा. वहीं, मकर राशि वालों के लिए यह अंतिम चरण होगा. जबकि, मीन राशि वालों की मुसीबत बढ़नी शुरू हो जायेगी क्योंकि उनका पहला फेज शुरू होगा.

कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति

शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति के लिए कुंभ राशि के जातकों को 6 साल का इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल, 3 जून 2027 में शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलने वाली है. इस दौरान शनि देव मेष राशि में विराजमान हो जायेंगे. लेकिन, 20 अक्टूबर को वे अपनी वक्री चाल से मीन राशि में गोचर कर जायेंगे. इस कारण कुंभ राशि वालों की परेशानियां फिर से बढ़ जायेंगी. शनि की साढ़ेसाती का असर उन्हें फिर से देखने को मिलेगा. हालांकि, मीन राशि में वे 23 फरवरी 2028 तक ही रहेंगे. जिसके बाद कुंभ राशि वालों को भी शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल जायेगी.

शनि के साढ़ेसाती के उपाय

  • शनि की साढ़ेसाती है तो जातक को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए

  • शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी करना बेहद लाभकारी होता है.

  • इसके अलावा पीपल पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए

  • शनिवार और अमावस्या के दिन सरसो या तिल का तेल अर्पित करें और दान भी करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है

  • संभव हो तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि स्तोत्र का पाठ हर दिन करें

  • हर शनिवार गरिबों के बीच लोहे के बर्तन, सरसों तेल, काली दाल, काले चने, काला कपड़ा, तिल आदि का दान करें.

    Shani Ki Sade Sati : ज्योतिष मान्यता के अनुसार शनि ग्रह की साढ़े साती का असर बहुत भयानक या बुरा माना गया है और बहुत अच्छा भी। यह व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करता है। जो भी व्यक्ति शनि की साढ़े साती के चपेट में आता है उसका जीवन पूरी तरह से बदल जाता है। शनि की साढ़ेसाती का असर 3 चरणों में होता है। कुंभ राशि ( zodiac signs astrology) पर इस समय उसका दूसरा चरण प्रारंभ होगा।

    नोट : शनि 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन राशि पर शनि का साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। मकर और कुंभ राशि पर भी शनि का साढ़ेसाती पहले की तरह प्रभावी रहेगी। कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या आरंभ होगी। ज्योतिष के अनुसार कुंभ राशि (kumbha rasi) का प्रथम चरण कठिन या अशुभ होता है, दूसरा नहीं।

    कुंभ राशि (Aquarius) : वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।

    दूसरे चरण का प्रभाव : यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। हालांकि वर्तमान में आपके उपर गुरु की कृपा होने के कारण आपके लिए शनि देव का उतना असर नहीं होगा जितना की अन्य राशियों पर माना जा रहा है। आपके कर्म अच्‍छे हैं तो शनि आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

    इस चरण के दौरान आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इस चरण में शनि जातक के उदर भाव में होते हैं, तो पेट, हार्ट, किडनी से संबंधित रोग होने की संभावना बनती है। साथ ही किसी अपने से धोखा मिलने की संभावना भी बनती है। रिश्तों में दरार और अनावश्यक भय बढ़ जाता है। हालांकि यदि आप अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखते हैं तो बाकी सभी बातें गौण हैं।

    कुंभ राशि वालों को शनिवार को क्या करना चाहिए? - kumbh raashi vaalon ko shanivaar ko kya karana chaahie?

    साढ़े साती के 3 चरण ( Sade Sati ke teen charan ) : कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्‍यादा असर डालता है। ढाई-ढाई साल के इन 3 चरणों में से दूसरा चरण सबसे भारी पड़ता है।

    शनि की साढ़े साती को 3 चरण में बांटा गया है। पहला चरण धनु, वृ्षभ, सिंह राशियों वाले जातकों के लिए कष्टकारी, दूसरा चरण सिंह, मकर, मेष, कर्क, वृश्चिक राशियों के लिए कष्टकारी और आखिरी चरण मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, मीन राशि के लिए कष्टकारी माना गया है। अर्थात यदि मान लो कि धनु राशि जातकों को शनि की साढ़े साती लगी है तो उनके लिए पहले चरण कष्‍टकारी होती है। इसी तरह सिंह के लिए दूसरा चरण और मिथुन के लिए तीसरा चरण कष्टकारी होता है।

    तीनों चरणों का असर इस तरह का होता है ( Effect of shani sade sati )-

    1. पहला चरण ( Shani ki sade sati ka pratham charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक के मस्तक पर असर होता है और इसमें आर्थिक स्थिति एवं सेहत पर बुरा असर पड़ता है। चिंता और तनाव के साथ ही नींद से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। पति-पत्नी के बीच संबंधों पर बुरा असर पड़ता है।

    2. दूसरा चरण ( Shani ki sade sati ka dusra charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक को अपने जीवन में आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रिश्तेदार कष्ट देते हैं और जातक को परिवार से दूर लम्बी यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है। शारीरिक रोग के साथ ही मानसिक तनाव भी झेलना होता है। छोटे से कार्य को करने के लिए भी सामान्य से अधिक प्रयास करने होते हैं फिर भी सफलता की कोई गारंटी नहीं। परिवार, मित्र और रिश्तेदार सभी लोग उसका साथ छोड़ देते हैं।

    3. तीसरा चरण ( Shani ki sade sati ka teesra charan ) : कहते हैं कि इस चरण में जातक की सुख और सुविधाओं का अंत हो जाता है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाले हालात हो जाते हैं। नौकरी और व्यपार सब ठप हो जाता है। सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संतान से वाद-विवाद बढ़ जाते हैं। संतान नहीं हो तो पिता से मतभेद बढ़ जाते हैं।

    कुंभ राशि वालों को शनिवार को क्या करना चाहिए? - kumbh raashi vaalon ko shanivaar ko kya karana chaahie?

    साढ़े साती से बचने के उपाय ( Shani ki sade sati se bachne ke upay ) :

    1. कम से कम 11 शनिवार को शनि मंदिर में छाया दान करें।

    2. अंधे लोगों को समय समय पर खाना खिलाते रहें।

    3. साफाईकर्मी, मजदूर और विधवाओं को कुछ न कुछ दान देते रहें।

    4. हनुमान जी की शरण में रहें और नित्य हनुमान चालीसा पढ़ते रहें।

    5. शराब न पीएं, ब्याज का धंधा न करें और न ही झूठ बोलें। पराई महिला पर बुरी नजर न रखें। अपने कर्मों को शुद्ध बनाकर रखें।

    कुंभ राशि वाले शनि देव को कैसे खुश करें?

    कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है, जबकि कुंभ, मीन व धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है। ऐसे में इन 5 राशि वालों को शनिवार के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, प्रति दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं।

    कुंभ राशि वालों को शनिवार के दिन क्या करना चाहिए?

    हर शनिवार शनि के साथ ही पीपल की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। पीपल को जल चढ़ाएं और परिक्रमा करें। शनिदेव को तेल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि कि तेल इधर-उधर गिरना नहीं चाहिएशनिवार को काले तिल का दान करें।

    कुंभ राशि वालों को कौन सा काम करना चाहिए?

    कुंभ राशि वाले लोगों के लिए विज्ञान, समाजशास्त्र, जीव विज्ञान, ज्योतिष, रेडियोलॉजी, इंजीनियरिंग, राजनीति, सामाजिक कार्य, आदि के क्षेत्र में करियर उचित हैं।

    कुंभ राशि की परेशानी कब दूर होगी?

    शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति- जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा।