राजा हरिश्चंद्र की पत्नी का क्या नाम है? - raaja harishchandr kee patnee ka kya naam hai?

इसे सुनेंरोकेंजिस कारण उनकी ख्याति चारों दिशाओं में फैली हुई थाी. उनके बारे में यह कहा जाता था कि राजा हरिश्चंद्र अगर सपने में भी कोई वचन दे दें तो उसे पूरा करते हैं. हरिश्चंद्र की पत्नी का नाम तारामती और पुत्र का नाम रोहिताश्व था.

राजा हरिश्चंद्र की प्रतिज्ञा क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंपुत्र का नाम रोहिताश्व रखा गया और जब राजा ने वरुण के कई बार आने पर भी अपनी प्रतिज्ञा पूरी न की तो उन्होंने हरिश्चंद्र को जलोदर रोग होने का शाप दे दिया। तुम्हें मैं जलोदर से भी मुक्त करता हूँ।

राजा हरिश्चंद्र कब पैदा हुए थे?

Harishchandra Raja का वंश रघुवंशी, इक्ष्वाकुवंशी और अर्कवंशी कहलाते थे।…Raja Harishchandra Biography In Hindi –

पढ़ना:   रोज में कांटे क्यों होते हैं?

Nameराजा हरिश्चंद्रFather Nameसत्यव्रतBirth Dateपौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमाBirth Placeअयोध्या नगरीRaja Harishchandra Cast (कुल)सूर्यवंश,

राजा हरिश्चंद्र का बाप का नाम क्या था?

इसे सुनेंरोकेंराजा हरिश्चंद्र अयोध्या के प्रसिद्ध क्षत्रिय सूर्यवंशी (इक्ष्वाकुवंशी, रघुवंशी) राजा थे जो त्रिशंकु के पुत्र थे। ये अपनी सत्यनिष्ठा के लिए अद्वितीय थे और इसके लिए इन्हें अनेक कष्ट सहने पड़े।

राजा हरिश्चंद्र की कौन सी जाती थी?

इसे सुनेंरोकेंराजा हरिश्चंद्र अयोध्या के प्रसिद्ध क्षत्रिय सूर्यवंशी (इक्ष्वाकुवंशी, रघुवंशी) राजा थे जो त्रिशंकु के पुत्र थे।

राजा हरिश्चन्द्र के पिता कौन थे?

क्या हरिश्चंद्र की कहानी?

इसे सुनेंरोकेंअयोध्या के राजा हरिशचंद्र बहुत ही सत्यवादी और धर्मपरायण राजा थे। वे भगवान राम के पूर्वज थे। वे अपने सत्य धर्म का पालन करने और वचनों को निभाने के लिए राजपाट छोड़कर पत्नी और बच्चे के साथ जंगल चले गए और वहां भी उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी धर्म का पालन किया। हरीशचंद्र अपने धर्म पालन करते हुए कर की मांग करते हैं।

पढ़ना:   UPSC को कौन नियुक्त करता है?

राजा त्रिशंकु के पुत्र कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंदेवता, ऋषि, असुर विनीत भाव से विश्वामित्र के पास गये। अंत में यह निश्चय हुआ कि जब तक सृष्टि रहेगी, ध्रुव, सूर्य, पृथ्वी, नक्षत्र रहेंगे, तब तक विश्वामित्र का रचा नक्षत्रमंडल और स्वर्ग भी रहेंगे उस स्वर्ग में त्रिशंकु सशरीर, नतमस्तक विद्यमान रहेंगे। मांधाता के कुल में सत्यव्रत नामक पुत्र का जन्म हुआ।

नमस्कार मित्रो आज हम Raja Harishchandra Biography In Hindi बताएँगे। आज के हमारे लेख में आपका स्वागत है। हमारे भारत देश में सच बोलने और वचन पालन के लिए मशहूर राजा राजा हरिश्चंद्र का जीवन परिचय बताने वाले है। 

अयोध्या के प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा राजा हरिश्चंद्र सत्यव्रत के पुत्र थे। वह अपनी सत्यनिष्ठा और अनेक कष्ट सहने के लिए प्रसिद्ध है। Harishchandra Raja का वंश रघुवंशी, इक्ष्वाकुवंशी और अर्कवंशी कहलाते थे। आज हम Raja Harishchandra in Hindi में Raja Harishchandra Wife Name और Raja Harishchandra Son Name की जानकारी देने वाले है। राजा हरिश्चंद्र की कथा सभी लोगो ने सुनी ही होगी और आपको पता नहीं होगा की राजा हरिश्चंद्र के पिता का नाम और वंशावली क्या है। 

अपने जीवन में उन्होंने बहुत मुस्किलो का सामना किया था। उन्हें पहले पुत्र नहीं था। लेकिन उनके कुलगुरु वशिष्ठ के कहने से उन्होंने वरुणदेव की आराधना की और रोहित नाम का पुत्र प्राप्ति हुई लेकिन यह शर्त थी। हरिश्चंद्र यज्ञ को अपने पुत्र की बलि यज्ञ में देदेनी पड़ेगी। उन्होंने यह प्रतिज्ञा नहीं की तो उन्हें जलोदर रोग हो जाने का अभिशाप दिया गया था। तो चलिए आपको Satyavadi Raja Harishchandra Story in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी के लिए राजा हरिश्चंद्र की जीवनी बताना शुरू करते है। 

Table of Contents

  • Raja Harishchandra Biography In Hindi –
  • Raja Harishchandra Story in Hindi –
  • सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कहानी –
  • सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र की परीक्षा –
  • राजा हरिश्चन्द्र ने शमशान की रखवाली की –
  • Raja Harishchandra Taramati –
  • राजा हरिश्चंद्र की वंशावली –
  • Raja Harishchandra Movie Download –
  • राजा हरिश्चंद्र का विडियो –
  • Raja Harishchandra Interesting Facts –
  • राजा हरिश्चन्द्र के प्रश्न –
    • Conclusion –

Raja Harishchandra Biography In Hindi –

Nameराजा हरिश्चंद्रFather Nameसत्यव्रतBirth Dateपौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमाBirth Placeअयोध्या नगरी Raja Harishchandra Cast (कुल)सूर्यवंश,Wife NameतारामतिVice Chancellorगुरु वशिष्ठSon रोहित Famousसत्य बोलने और वचन पालनNationality भारतीय 

Raja Harishchandra Story in Hindi –

Satyavadi Raja Harishchandra अयोध्या नगरी के एक प्रसिद्ध और सत्यावर्ती राजा थे। वह इक्ष्वाकुवंशी महाराजा के पिता का नाम राजा सत्यव्रत था। महाराजा हरिश्चंद्र अपनी सत्यनिष्ठा के लिए पुरे भारत भर मे बहुत ही प्रसिद्ध हुए थे। जिसकी वजह से उन्हें अपने जीवन काल में बहुत कष्टो को सहन करना पड़ा । उसके पश्यात भी अपनी सत्यनिष्ठा को बनाये रखा था। राजा हरिश्चंद्र की पत्नी का नाम तारामती था। सती तारामती को शैव्या नाम से भी पुकारते थे। उनके पुत्र का नाम रोहित था। हरिश्चंद्र के बारे में कई कहानी प्रसिद्ध है। 

इसके बारेमे भी पढ़िए :- कृति शेट्टी का जीवन परिचय

सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र की कहानी –

राजा हरिश्चंद्र का जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था। सत्य बोलने और वचन पालन की चर्चा जब भी हुआ करती है। महाराजा हरिश्चन्द्र का नाम सबसे पहले लिया जाता है। सूर्यवंशी राजा हरिश्चंद्र अपनी सत्यनिष्ठा के लिए आज भी जाने जाते है। सैकड़ों साल बाद भी उनकी सत्य के प्रति निष्ठा सत्य का मार्ग बनी हुई है। उनके जीवन काल में त्रेता युग चलता था। जलोदर रोग से छुटकारा पाने के लिए वरुणदेव को प्रसन्न करना आवश्यक था। इसीलिए वह गुरु वशिष्ठ के पास पहुँचे थे। दूसरी और उनके बेटे रोहित को इंद्र ने जंगल में भगा दिया था।

गुरु वशिष्ट की अनुमति से एक दरिद्र ब्राह्मण के बालक शुन:शेपको खरीदकर यज्ञ का प्रारम्भ किया था। लेकिन बलि चढ़ाने के वक्त पर शमिता ने कह दिया की मैं पशु की बलि देता हूँ। मनुष्य की नहीं चढ़ाता लेकिन विश्वामित्र ने बतलाया की में मंत्र बताता हु। आप मंत्र का जप करे वरुणदेव जरूर खुश होंगे। और हुआ भी ऐसा वरुणदेव प्रकट हुए और बोले की यह यज्ञ पूरा हो गया। और आपको जलोदर भी ख़त्म होजाएंगा और ब्राह्मणकुमार की छोड़ देने को कहा एव पुत्र रोहित को भी मुक्त करदिया था। 

सत्यवादी महाराज हरिश्चन्द्र की परीक्षा –

Satya Harishchandra ने एक स्वप्न देखा कि एक ब्राहमण राजभवन में आया। हरिश्चन्द्र ने अपने ख्वाब में ही ब्राह्मण  को राज्य दान करदिया था। सुबह जागते महाराज स्वप्न भूल गये । लेकिन दुसरे दिन महर्षि विश्वामित्र उनके राज्य में आये । उन्होंने राजा को स्वप्न में दिए दान की बात याद करवाई राजा हरिश्चंद्र ने ख्वाब की बात को स्वीकार किया। अपने स्वप्न में ब्राह्मण को राज्य दान दिया वह में ही था। 

 विश्वामित्र ने महाराज से दक्षिणा माँगी जो धार्मिक परम्परा थी। क्योकि दान के पश्यात दक्षिणा का महत्व था। उसके लिए राजा ने अपने मंत्री को दक्षिणा देने के लिए बुलाया राज के राज्य कोष में मुद्रा देने को कहा लेकिन विश्वामित्र ने मना करदिया की राज्य का तो तुमने दान देदिया है। इसी कारन राज्य पर तुम्हारा अधिकार नहीं रहा है। हरिश्चन्द्र ने कहा की आपकी बात सच्ची है। विश्वामित्र ने कहा की अगर आप दक्षिणा नहीं दे सकते तो मना करदिजिये नहीं तो शाप दे दूंगा

हरिश्चन्द्र ने कहा की मुझे थोडा वक्त दीजिये क्योकि में आपकी दक्षिणा दे सकू। विश्वामित्र ने वक्त तो दिया। लेकिन धमकी दी अगर वक्त पर दक्षिणा न मिली तो में तुम्हे शाप देकर भस्म कर दूंगा हरिशचंद्र को भस्म होने से ज्यादा वक्त पर दक्षिणा देने पर अपने अपयश का बहुत भय था। उसके पास सिर्फ एक उपाय था।अपने आप को बेचकर दक्षिणा दे। उनके समय में मानवो को पशुओ जैसे ख़रीदा और बेचा जाता था। राजा ने खुद को काशी में बेचने का संकल्प कर लिया। 

राजा हरिश्चन्द्र ने शमशान की रखवाली की –

वह राज्य विश्वामित्र को सौंप कर पत्नी और पुत्र को साथ लेकर काशी चले आये। काशी में राजा हरिश्चन्द्र ने अपने आप को कई स्थलों पर  बेचने का प्रयत्न किया लेकिन कोई भी व्यक्ति ने उन्हें ख़रीदा नहीं। बाद में शाम को शमशान के मालिक (एक चांडाल) ने ख़रीदा था। वह अपने पुत्र और पत्नी से अलग हो गए थे। क्योकि रानी तारामती एक शाहूकार के वहा काम करने के लिए चली गयी थी।

शमशान की रखवाली करते हुए उन्होंने विश्वामित्र की दक्षिणा को चुका दीया। जिस राजा के हजारो दास दासियाँ थी। वाज आज खुद शमशान पर मरे हुए मुर्दे का कर वसूलने का काम करता था । और महारानी बर्तन माजने और चौका लगाने का कम करने लगे थे। अपने ,मालिक की फटकार और डांट सहते हुए भी राजा ईमानदारी से अपना फर्ज निभाया करते थे। एव नियमो का पालन करते थे। 

इसके बारेमे भी पढ़िए :- समर सिंह का जीवन परिचय

Raja Harishchandra Taramati –

महाराजा हरिश्चन्द्र और तारामती की कहानी तो आपने सुनी ही होगी आपको ज्ञात करदे की एक दिन पुत्र रोहित को सांप ने काट लिया। और रोहित मर गया। तारामती अपने पुत्र को लेके शमशान दाह-संस्कार करने के लिए पहुंची और जलाने के लिए कहागया। लेकिन राजा हरिशचंद्र ने तारामती से कहा की शमशान का कर तो तुम्हे चुकाना ही पड़ेगा वह नियम में से कोई मुक्त नहीं हो सकता अगर तुम्हे उसमे से छोड़ दू तो मालिक से विश्वासघात करदिया कहा जायेगा रानी तारामती ने कहा की मेरे पास तो कुछ नहीं है। हरिशचंद्र ने कहा कि अगर आप चाहते तो अपनी साड़ी का आधा भाग देदे। उनको में कर समज लूंगा।

तारामती बहुत मजबूर थे। उन्होंने अपनी साड़ी को फाड़ना शुरू किया और विश्वामित्र प्रकट और पुत्र रोहित को जीवित किया। और हरिश्चन्द्र को आशीर्वाद दिए एव कहा की तुम्हारी परीक्षा सम्पूर्ण हुई है। में आपके राज्य को वापस लौटा देता हु। महाराज हरिश्चन्द्र ने खुद को बेचा लेकिन सत्यव्रत का पालन किया था। उनका नाम धर्म और सत्य के पालन का बेमिसाल उदाहरण बना है। आज कलियुग के समय पर भी महाराजा हरिश्चन्द्र का नामआदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है। 

राजा हरिश्चंद्र की वंशावली –

  •  ब्रह्मा जी के पुत्र मरीचि
  •  मरीचि के पुत्र कश्यप
  •  कश्यप के पुत्र विवस्वान या सूर्य
  •  विवस्वान के पुत्र वैवस्वत मनु – जिनसे सूर्यवंश का आरम्भ हुआ।
  •  वैवस्वत के पुत्र नभग
  •  नाभाग
  •  अम्बरीष- संपूर्ण पृथ्वी के चक्रवर्ती सम्राट हुये।
  •  विरुप
  •  पृषदश्व
  •  रथीतर

 इक्ष्वाकु – वह प्रतापी राजा के नाम से वंश का नाम इक्ष्वाकु वंश शुरू हुआ।

  • कुक्षि
  • विकुक्षि
  • पुरन्जय
  • अनरण्य प्रथम
  • पृथु
  • विश्वरन्धि
  • चंद्र
  • युवनाश्व
  • वृहदश्व
  • धुन्धमार
  • दृढाश्व
  • हर्यश्व
  • निकुम्भ
  • वर्हणाश्व
  • कृशाष्व
  • सेनजित
  • युवनाश्व द्वितीय

त्रेतायुग का आरम्भ 

  • मान्धाता
  • पुरुकुत्स
  • त्रसदस्यु
  • अनरण्य
  • हर्यश्व
  • अरुण
  • निबंधन
  • सत्यवृत (त्रिशंकु)
  • सत्यवादी हरिस्चंद्र

इसके बारेमे भी पढ़िए :- सोनिया गांधी जीवन परिचय

Raja Harishchandra Movie Download –

Raja Harishchandra Film की बात करे तो राजा हरिश्चंद्र पर आधारित फिल्मे बहुत निर्माण हुई है। हिन्दू धर्मं और भारतीय इतिहास में राजा हरिश्चंद्र का बहुत महत्व हैं। भारतीय सीरियलों और फिल्मों में  उनकी झलक देखने को मिलती हैं। TV पर राजा हरिश्चंद्र का अभिनय किरदार बहुत समय दिखाया जा चुका हैं। राजा हरिश्चंद्र की फिल्म बहुत बन चुकी हैं। फिल्म इडस्ट्रीज के प्रख्यात निर्देशक दादा साहेब फाल्के ने हरिश्चंद्र  जीवन के आधार पर  तीन मूवी 1913, 1917 और 1923 की साल में बनाई थी। उनकी राजा हरिश्चंद्र भारत की पहली फिल्म थी। उसके बाद में राजा हरिश्चंद्र की जीवनी पर 1928,1952,1968, 1979, 1984 और 1994 में मूवी बन थी। उसका नाम भी हरिश्चंद्र एव राजा हरिश्चंद्र ही है। 

राजा हरिश्चंद्र का विडियो –

Raja Harishchandra Interesting Facts –

  • राजा हरिश्चंद्र एक सत्यवादी, निष्ठावान एवं शक्तिशाली सम्राट थे। 
  • हरिश्चंद्र पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन सूर्यवंश में जन्मे थे। 
  • राजा हरिश्चन्द्र ने सत्य के लिए अपने पुत्र, पत्नी और  खुद को बेच दिया था।
  • अपने दानी स्वभाव की वजह से विश्वामित्र कोअपना सम्पूर्ण राज्य को दान में दे दिया था। 
  • सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र पौरणिक ग्रंथों और वेद पुराणों के आधार पर न्यायी,धार्मिक और सत्यप्रिय राजा थे।
  • हरिश्चंद्र ने राजसूय यज्ञ किया था। और चारों दिशाओं के राजाओं को रणभूमि में हारके चक्रवर्ति सम्राट बने थे। 
  • राजा हरिश्चन्द्र का विभिन्न ग्रंथों में उल्लेख मिलता है। उसमे मार्कण्डेय पुराण भी शामिल है। 

इसके बारेमे भी पढ़िए :- उर्वशी रौतेला का जीवन परिचय

राजा हरिश्चन्द्र के प्रश्न –

1 .राजा हरिश्चंद्र के पूर्वजों के नाम ?

उनके पिताजी का नाम सत्यवृत और दादा का नाम निबंधन था। 

2 .राजा हरिश्चंद्र फिल्म कब बनी थी ?

21 April 1913 के दिन राजा हरिश्चंद्र फिल्म बनी थी। 

3 .राजा हरिश्चंद्र का जन्म कब हुआ था ?

पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन राजा हरिश्चंद्र का जन्म हुआ था। 

4 .राजा हरिश्चंद्र के माता पिता का क्या नाम था ?

राजा हरिश्चंद्र के पिता का नाम सत्यवृत था। 

5 .Raja harishchandra kahani konsi yug ki thi ?

राजा हरिश्चंद्र की कहानी त्रेता युग की कहानी है। 

6 .क्या राजा हरिश्चंद्र की तरह कोई आदमी अपने आप को बेच सकता है ?

नहीं राजा हरिश्चंद्र की तरह कोई भी अपने आप को बेच नहीं सकता है। 

7 .Raja harishchandra se rajya ki mang kisne ki ?

राजा हरिश्चंद्र से राज्य की मांग ऋषि  विश्वामित्र ने की थी। 

8 .राजा हरिश्चंद्र जी के दादाजी का नाम ?

निबंधन राजा हरिश्चंद्र जी के दादाजी थे। 

9 .हरिश्चंद्र फिल्म के दिग्दर्शक कौन ?

Dadasaheb Phalke हरिश्चंद्र फिल्म के दिग्दर्शक थे। 

इसके बारेमे भी पढ़िए :- चाणक्य का जीवन परिचय

Conclusion –

आपको मेरा Raja Harishchandra Biography In Hindi बहुत अच्छी तरह से समज आया होगा। 

लेख के जरिये Story of Raja Harishchandra in Hindi और Raja Harishchandra and Shani से सबंधीत  सम्पूर्ण जानकारी दी है।

अगर आपके पास भी राजा हरिश्चंद्र की कोई कहानी या बात जानते है। तो हमें ईमेल करके जरूर बताये हम इस पोस्ट में जरुर अपडेट करेंगे धन्यवाद।  

राजा हरिश्चन्द्र की पत्नी का क्या नाम था?

हरिश्चंद्र की पत्नी का नाम तारामती और पुत्र का नाम रोहिताश्व था.

राजा हरिश्चंद्र की पत्नी किसकी पुत्री थी?

शिवि नरेश की कन्या का नाम तारा था। शिवि देश और वहां के राजा की पुत्री होने के कारण लोग इसे शैव्या नाम से भी पुकारते थे। शैव्या जब विवाह योग्य हुई तो उसका विवाह सत्यवादी महाराजा हरिश्चंद्र से हुआ और वह शैव्या (तारा) से महारानी तारामती बनी।

हरिश्चंद्र की कितनी पत्नी है?

इनकी पत्नी का नाम तारामती तथा पुत्र का नामरोहिताश्व था. तारामती को कुछ लोग शैव्या भी कहते थे। राजा हरिश्चंद्र की पत्नी का नाम महारानी तारामती था। राज हरिश्च्न्द्र की पत्नी देवी तारामती थी।

राजा हरिश्चंद्र की जाति क्या थी?

राजा हरिश्चंद्र अयोध्या के प्रसिद्ध सूर्यवंशी (इक्ष्वाकुवंशी, अर्कवंशी, रघुवंशी) राजा थे जो सत्यव्रत के पुत्र थे। ये अपनी सत्यनिष्ठा के लिए अद्वितीय हैं और इसके लिए इन्हें अनेक कष्ट सहने पड़े।