टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai

शीशा देखने से पहले या शीशे में अपना चेहरा देखने से पहले सुबह उठते ही सबसे पहले अपना मुंह धोना चाहिए। ऐसा करने से चेहरे पर मौजूद नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है।

By

India Hunts

-

September 24, 2022

0

220

Share

Facebook

Twitter

Pinterest

WhatsApp

Telegram

टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
सुबह-सुबह शीशा देखना शुभ या अशुभ

सुबह-सुबह शीशा देखने से क्या होता है? इस प्रकार का सवाल आपके मन में जरूर आता होगा। टूटा हुआ शीशा देखना वैसे भी अच्छा नहींं माना जाता है। सुबह के समय में जब हमलोग उठते हैं तो हमारी शरीर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में रहता है। ऐसे में सुबह-सुबह शीशा देखना आपको महंगा पड़ सकता है। कहा जाता है कि सुबह उठते ही शीशा में अपना चेहरा नहीं देखना चाहिए। यह अच्छा नहीं माना जाता है।

माना जाता है कि अगर आपका सुबह अच्छा से गुजरा तो पूरे दिनभर आप समय अच्छे से गुजरेगा। इसलिए सभी व्यक्ति इस बात की कोशिश करता है कि उसका दिन अच्छे से गुजरे। इसके लिए लोग कई प्रकार की सावधानियां भी बरतते हैं। ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वह सुबह उठते ही शीशा देखने लगते हैं। लेकिन यह आपको बर्बाद कर सकता है।

सुबह-सुबह शीशा देखने से क्या होता है?

टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
  • यह भी पढ़ें- Vastu Tips for Mirror: घर में दर्पण किस दिशा में लगाना होता है शुभ, जानें
  • यह भी पढ़ें- माँ दुर्गा की पूजा कैसे करनी चाहिए और किस दिन करना चाहिए? जानिए
  • यह भी पढ़ें- Navratri 2022 Maa Durga Aarti: माँ दुर्गा की आरती इन हिंदी

सुबह-सुबह शीशा देखना अच्छा नहीं माना जाता है। यदि आपकी आदत भी ऐसी है तो यह एक बुरी आदत है। सुबह-सुबह शीशा देखने से जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। रात में सोने के बाद हमारा शरीर नकारात्मक उर्जा के प्रभाव में होता है। ऐसे में सुबह उठते ही शीशा देखने से जीवन में इसका नकारात्मक प्रभाव दिखता है।

सुबह सुबह शीशा देखने से दिनभर हमारा मन और शरीर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में रहता है। यदि आपकी आदत भी ऐसी है तो यह आदत बदल दें। यह एक गलत आदत है। रोजाना सुबह उठते ही शीशा देखने से आपके जीवन में नेगेटिविटी आ सकती है।

चेहरे पर होता है नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव

वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब हम लोग सुबह सुबह-उठते हैं तो हमारा चेहरा और शरीर दोनों ही नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में रहता है। जब उठते ही हमलोग शीशा देखते हैं तो यह नकारात्मक ऊर्जा शीशे से रिफ्लेक्ट होकर वापस हमारे चेहरे पर पड़ता है। इससे हमारा शरीर नकारात्मक उर्जा के प्रभाव में आ जाता है। हमारी आंखों के जरिए नेगेटिव एनर्जी शरीर के अंदर प्रवेश करती है। इसलिए सुबह उठने के बाद हमेशा अपना मुंह धोकर शीशा देखना चाहिए।

  • यह भी पढ़ें- सपने में मां दुर्गा या माता का कोई भी रूप देखें तो इसका यह संकेत होता है
  • यह भी पढ़ें- घर के मंदिर में कितने दीपक जलाने चाहिए? दीपक क्यों जलाएँ?
  • यह भी पढ़ें- दीपक के फूल में अलग-अलग आकृतियाँ बनने का क्या अर्थ होता है?

टूटा शीशा क्यों नहीं देखना चाहिए?

सुबह-सुबह शीशा देखने के अलावा टूटा शीशा देखना भी अपशकुन माना जाता है। शीशा टूटने के बाद उसमें वास्तु दोष आ जाता है। इसलिए जब हम लोग रोज टूटे हुए शीशे को देखते हैं तो जीवन में कई प्रकार की परेशानियां आने लगती है। वास्तु शास्त्र में टूटा शीशा घर में रखना और उसमें रोज अपना चेहरा देखना दुर्भाग्य का सूचक माना जाता है।

माना जाता है कि यदि आपके घर में टूटा कांच या शीशा रखा हुआ है तो उसे जितना जल्दी हो सके घर से बाहर निकाल दें। घर में टूटा हुआ शीशा रहने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। लगातार ऐसा होने से घर में रहने वाले सदस्यों पर इसका बुरा असर होता है। व्यक्ति के जीवन में तरक्की के मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं। पूरे घर में नेगेटिव एनर्जी का वातावरण बन जाता है।

सुबह उठते ही क्या करना चाहिए?

टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
टूटा हुआ शीशा देखने से क्या होता है - toota hua sheesha dekhane se kya hota hai
  • यह भी पढ़ें- Deepak Mein Phool: दीये में फूल बनकर गायब होने का क्या संकेत होता है?
  • यह भी पढ़ें- दैवीय शक्ति की कृपा के यह 11 संकेत बताते हैं कि आपके ऊपर ईश्वर की कृपा है
  • यह भी पढ़ें- सपने में भगवान गणेश को देखना शुभ होता है या अशुभ, जानें मतलब

शीशा देखने से पहले या शीशे में अपना चेहरा देखने से पहले सुबह उठते ही सबसे पहले अपना मुंह धोना चाहिए। ऐसा करने से चेहरे पर मौजूद नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में जो व्यक्ति रोज जग जाता है, उनके जीवन से नकारात्मक एनर्जी का प्रभाव दूर होने लगता है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद सूर्योदय से पहले नित्य क्रिया के बाद, स्नान आदि करने के बाद ईश्वर का ध्यान लगाना चाहिए। रोज सुबह और शाम घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद ईश्वर की आराधना करने से जीवन में सकारात्मकता का प्रभाव बढ़ता है। जीवन में तरक्की के मार्ग खुलते हैं। इसके अलावा पूरा दिन मन में पॉजिटिव ख्याल आते रहते हैं।

टूटे हुए शीशे में देखने से क्या होता है?

टूटे हुए शीशे में चेहरा देखने से आपका चेहरा दिखता है । शीशे के दरार से प्रकाश का सही से परावर्तन न होने के कारण वहां देखने से हमारा चेहरा नही दिखाई देता है क्योंकि हम उस वक़्त केवल दरार पर ही ध्यान करते हैं।

घर में टूटा शीशा रखने से क्या होता है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार टूटा हुआ शीशा घर में रखना अशुभ होता है और इससे घर में बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही घर की सुख-समृद्धि चली जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में टूटा हुआ शीशा रखने से पॉजिटिव एनर्जी चली जाती है और नेगेटिव एनर्जी आ जाती है।

टूटे हुए शीशे में चेहरा क्यों नहीं देखना चाहिए?

टूटे हुए शीशे को देखना और टूटे हुए शीशे के सामने खुद को निहारने से निगेटिव एनर्जी आती है. अशुभ ये भी है कि अगर आप किसी केक पर लिखे किसी नाम को काट दें, या फिर किसी के फोटो या कहीं किसी का नाम लिखकर उसे मिटाने की कोशिश करें. तो इससे भी मिरर इफेक्ट माना जाता है और यह भी आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.

कांच टूटना क्या संकेत देता है?

ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि घर पर कोई बड़ी मुसीबत आने वाली थी जिसे कांच ने अपने ऊपर ले​ लिया. टूटा हुआ कांच ये संकेत देता है कि आने वाला संकट अब टल चुका है और आपका परिवार अब पूरी तरह सुरक्षित है. शीशा टूटना बताता है कि घर पर पुरानी चली आ रही विवाद की कोई वजह अब समाप्त होने वाली है.