These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Chemistry. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 11 The p-block Elements (p-ब्लॉक के तत्त्व). Show पाठ के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
(ख) c से Pb तक (कार्बन परिवार) ऑक्सीकरण अवस्था [Oxidation state from C to Pb (Carbon family)] कार्बन परिवार (समूह 14) के तत्वों का विन्यास nsp होता है। स्पष्ट है कि इन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोश में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। इन तत्वों द्वारा सामान्यत: +4 तथा +2 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाई जाती है। कार्बन ऋणात्मक ऑक्सीकरण अवस्था भी प्रदर्शित करता है। चूंकि प्रथम चार आयनन एन्थैल्पी का योग अति उच्च होता है; अतः +4 ऑक्सीकरण अवस्था में अधिकतर यौगिक सहसंयोजक प्रकृति के होते हैं। इस समूह के गुरुतर तत्वों में Ge< Sn
चतु:संयोजी अवस्था में अणु के केन्द्रीय परमाणु पर आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं। इलेक्ट्रॉन परिपूर्ण अणु होने के कारण सामान्यतया इलेक्ट्रॉनग्राही या इलेक्ट्रॉनदाता स्पीशीज की अपेक्षा इनसे नहीं की जाती है। यद्यपि कार्बन अपनी सहसंयोजकता +4 का अतिक्रमण नहीं कर सकता है, परन्तु समूह के अन्य तत्व ऐसा करते हैं। यह उन तत्वों में 4-कक्षकों की उपस्थिति के कारण होता है। यही कारण है कि ऐसे तत्वों के हैलाइड जल-अपघटन के उपरान्त दाता स्पीशीज (donor species) से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके संकुल बनाते हैं। उदाहरणार्थ-कुछ स्पीशीज; जैसे—(SiF6)2-, (GeCl6)2- तथा Sn(OH)22-– ऐसी होती हैं, जिनके केन्द्रीय परमाणु sp3d2 संकरित होते हैं। प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. BCl3 + 3H2O → H3BO3 + 3HCl CCl4 में C का अष्टक पूर्ण होता है और यह इलेक्ट्रॉन युग्म त्यागने अथवा ग्रहण करने की प्रवृत्ति नहीं रखता है। अतः यह जल से कोई क्रिया नहीं करता है। प्रश्न 5. इस अभिक्रिया में एक H+ के उद्गम के कारण यह एक दुर्बल मोनोबेसिक अम्ल की भाँति व्यवहार करता है। प्रश्न 6. प्रश्न 7. उत्तेजित बोरॉन में तीन अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं जिससे यह तीन सहसंयोजक बन्ध बना सकता है। तीन फ्लुओरीन BF3 में युग्मन के लिए तीन इलेक्ट्रॉन प्रदान करते हैं। इसमें एक बन्ध -इलेक्ट्रॉन के माध्यम से है तथा अन्य दो बन्ध दो p-इलेक्ट्रॉनों के माध्यम से हैं। अतः तीनों बन्ध समान नहीं होने चाहिए। s तथा px व py कक्षकों की ऊर्जा का संचय होकर तीनों कक्षकों में बराबर राशि में वितरित हो जाता है। इस प्रकार तीन sp- संकर कक्षकों का उद्भव होता है। इन कक्षकों के बीच 120° का, कोण होता है जिससे इलेक्ट्रॉन युग्मों में पारस्परिक प्रतिकर्षण न्यूनतम रहता है। ये sp2– संकर कक्षक F परमाणुओं के कक्षकों के साथ अतिव्यापन करके बन्ध बनाते हैं। इस प्रकार BF3 में बन्ध कोण 120° होता है तथा अणु त्रिकोणीय व समतल होता है। बोरॉन टेट्रा हाइड्राइडो ऋणायन (BH–4)-वर्ग 13 के तत्व MH; प्रकार के हाइड्राइड बनाते हैं। ये हाइड्राइड दुर्बल लूइस अम्ल होते हैं तथा प्रबल लूइस क्षारकों (:B) के साथ MH3 : B प्रकार के योग उत्पाद बनाते हैं (M = B, Al, Ga)। इन हाइड्राइडों का निर्माण इनके बाह्यतम कोश में उपस्थित रिक्त । p-कक्षकों के कारण होता है जो हाइड्राइड आयन (H–) से तुरन्त इलेक्ट्रॉन युग्म लेकर टेट्रा हाइड्राइडो ऋणायन बनाते हैं। BH–4 की संरचना संकरण के प्रकार के आधार पर निर्धारित की जा सकती है। संकरण का प्रकार निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है H = [latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex][V + M – C + A] जहाँ H= संकरण में सम्मिलित कक्षकों की संख्या, V= केन्द्रीय परमाणु के संयोजी कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या, M= एकल संयोजी परमाणुओं की संख्याए,C= धनायन पर आवेश, A = ऋणायन पर आवेश इस प्रकार H = [latex]\frac { 1 }{ 2 } [/latex][3+4-0+1]=4 चूँकि संकरण में भाग लेने वाले कक्षकों की संख्या 4 है; अत: यह sp3 संकरण है। sp3 संकरण में एक -कक्षक तथा तीन p-कक्षकों के सम्मिश्रण से चार समतुल्य संकर कक्षक बनते हैं। इन चारों कक्षकों में अल्पतम प्रतिकर्षण होने के लिए वे एक समचतुष्फलक के चारों कोनों की ओर दिष्ट होते हैं। तथा परस्पर 109°28′ का कोण बनाते हैं। अत: BH–4 की आकृति निम्नवत् होगी- प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. HCO–3 की अनुनाद संरचनाएँ- प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. (ग) PbI4 का अस्तित्व ज्ञात नहीं है। इसका कारण Ph4+ की ऑक्सीकरण प्रकृति और I की अपचायक प्रकृति का संयुक्त प्रभाव है। प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. जब परिणामी विलयन में BF3 गैस प्रवाहित की जाती है तो B (बोरॉन) अपने छोटे आकार और उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण Na3[AlF6] में प्रवेश कर जाता है और Al को निष्कासित कर देता है। इसलिए AlF3 अवक्षेपित हो जाता है। प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. (ख) बोरिक अम्ल की संरचना (Structure of Boric acid) प्रश्न 20. (ख) यह जल में घुल जाता है; क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन-न्यून यौगिक है। (ग) ऐलुमिनियम NaOH विलयन में घुलकर एक विलेय संकुल बनाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है। (घ) BF (व्यवहार में लूइस अम्ल) NH3 (व्यवहार में लूइस-क्षारक) के साथ योगात्मक यौगिक बनाता है। प्रश्न 21. (ख) जब SiO2 की क्रिया HF से की जाती है तो सिलिकॉन टेट्राक्लोराइड बनता है, जो HF में घुलकर हाइड्रोफ्लोरो सिलिसिक अम्ल (hydrofluorosilicic acid) बनाता है। (ग) जब कार्बन मोनोऑक्साइड को जिंक ऑक्साइड के साथ गर्म किया जाता है, तो ZnO अपचयित होकर जिंक धातु बनाता है। (घ) जब जलयोजित ऐलुमिना (hydrated alumina) को NaOH के जलीय विलयन के साथ गर्म किया जाता है तो सोडियम टेट्राहाइड्रॉक्सी ऐलुमिनेट (III) बनता है। प्रश्न 22. अतः सान्द्र HNO3 के परिवहन में Al कन्टेनर का उपयोग किया जाता है। 2Al(s) + 2NaOH(aq) + 6H2O(l) → 2Na+[Al(OH)4]– (aq) + 3H2(g) (ग) ग्रेफाइट (graphite) की संरचना एक परतीय संरचना होती है जिसमें षटकोणीय वलय (hexagonal ring) की विशाल परतें एक-दूसरे से दुर्बल वाण्डर वाल्स बलों (weak van der Waals’ forces) द्वारा सम्बन्धित होती हैं। ये परतें एक-दूसरे से स्थायी रूप से नहीं जुड़ी होती हैं और एक-दूसरे पर फिसलती रहती हैं। यही कारण है कि ग्रेफाइट मुलायम होता है और एक शुष्क स्नेहक (dry lubricant) की भाँति प्रयोग किया जाता है। (घ) हीरे की संरचना एक त्रिविमीय नेटवर्क संरचना है जिसमें sp संकरित कार्बन परमाणु एक-दूसरे से मजबूत सहसंयोजक आबन्धों द्वारा जुड़े रहते हैं। इसका नेटवर्क बहुत कठोर होता है। यही कारण है कि हीरा अत्यधिक कठोर होता है और इसका उपयोग एक अपघर्षक (abrasive) के रूप में किया जाता है। (ङ) ऐलुमिनियम की मिश्र धातुएँ (alloys) हल्की होती हैं और ये अत्यन्त मजबूत एवं क्षय प्रतिरोधी होती हैं। इसलिए इनका उपयोग हवाई जहाजों को बनाने में किया जाता है। (च) ऐलुमिनियम जल से तथा घुलित ऑक्सीजन से क्रिया कर अपनी सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की एक पर्त बनाता है। 2Al(s) + O2 (g) + H2O(l) → Al2O3 (3) + H2 (g) इस परत में स्थित कुछ Al3+ आयन पानी में घुलकर एक विलयन बनाते हैं। Al3+ आयन विषैला होता है और पीने के पानी व खाने के पदार्थों में इसकी उपस्थिति अवांछित है। (छ) ऐलुमिनियम विद्युत धारा का अच्छा चालक है। भारानुसार यह Cu की तुलना में दो गुनी अधिक विद्युत धारा को संचालित कर सकता है। Al के तार हल्के और सस्ते होते हैं। इसलिए Al का उपयोग संचरण केबिल (transmission cables) बनाने में किया जाता है। प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. हीरा (Diamond) ग्रेफाइट (Graphite) प्रश्न 26. (ii) उभयधर्मी ऑक्साइडों की अम्लों व क्षारों के साथ अभिक्रिया (iii) क्षारीय ऑक्साइड की अम्ल के साथ अभिक्रिया प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30. प्रश्न 31. (ङ) Al + NaOH → (च) B2H6 + NH3 → उत्तर प्रश्न 32. औद्योगिक विधि (Industrial method)-औद्योगिक रूप से इसे कोक पर भाप (steam) प्रवाहित करके बनाया जाता है। इस प्रकार CO तथा H2 का प्राप्त मिश्रण ‘वाटर गैस’ अथवा ‘संश्लेषण गैस’ (synthesis gas) कहलाता है। जब भाप के स्थान पर वायु का प्रयोग किया जाता है, तब CO तथा N2 का मिश्रण प्राप्त होता है। इसे प्रोड्यूसर गैस कहते हैं। (ख) कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) प्रयोगशाला विधि (Laboratory method)—प्रयोगशाला में इसे कैल्सियम कार्बोनेट पर तनु HC1 की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है। CaCO3(s) + 2HCl(aq) → CaCl2 (aq) +CO2(g) + H2O(1) औद्योगिक विधि (Industrial method)-औद्योगिक रूप में चूना पत्थर (lime stone) को गर्म करके CO2 बनाई जा सकती है। प्रश्न 33. प्रश्न 34. प्रश्न 35. प्रश्न 36. प्रश्न 37. प्रश्न 38. परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. अक्रिस्टलीय बोरॉन गलित सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करके बोरेट बनाता है। ऐलुमिनियम साधारण ताप पर वायु से अभिक्रिया करता है, ऐलुमिनियम के पृष्ठ पर ऑक्साइड की एक कठोर व चीमड़ (tough) पतली परत बन जाती है जो धातु की रासायनिक अभिकर्मकों के आक्रमण से रक्षा करती है। ऐलुमिनियम उच्च ताप पर गर्म करने पर ऑक्सीजन, सल्फर, नाइट्रोजन और हैलोजनों से सीधे संयोग करके ऑक्साइड (Al2O3), सल्फाइड (Al2S3), नाइट्राइड (AIN) और हैलाइड (AlF3, Al2Cl6) बनाता है। ऐलुमिनियम जल सोडियम हाइड्रॉक्साइड सोडियम मेटाऐलुमिनेट हाइड्रोजन ऐलुमिनियम नाइट्रिक अम्ल द्वारा निष्क्रिय (passive) हो जाता है, क्योंकि उसके पृष्ठ पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की अभेद्य परत बन जाती है। ऐलुमिनियम सान्द्र HCl और गर्म सान्द्र H2SO4 से अभिक्रिया करता है। वर्ग में Ga, In और TI रासायनिक व्यवहार में समानता प्रदर्शित करते हैं। गैलियम और इन्डियम वायु द्वारा प्रभावित नहीं होते हैं। थैलियम उनके अपेक्षाकृत कुछ अधिक अभिक्रियाशील है और पृष्ठ पर ऑक्साइड बनाता है। प्रश्न 2.
प्रश्न 3. विलयन को छानकर उसका क्रिस्टलीकरण करने पर बोरेक्स के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं। क्रिस्टलों को पृथक् करके मातृ द्रव में CO2 ‘प्रवाहित करने पर सोडियम मेटाबोरेट, बोरेक्स में बदल जाता है। 4NaBO2 + CO2 → Na2B4O7 + Na2CO3 प्रश्न 4. रासायनिक गुण
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7.
अत: कार्बन के CX4 प्रकार के यौगिक पूर्णत: संतृप्त और स्थाई हैं। सिलिकन के SiX4 प्रकार के यौगिक असंतृप्त और अस्थाई हैं और ये यौगिक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म युक्त अणुओं, जैसे- आदि से अभिक्रिया करके योगात्मक यौगिक बनाते हैं।प्रश्न 8. प्रश्न 9.
कार्बन डाइऑक्साइड के रासायनिक गुण
प्रश्न 10.
कार्बन मोनॉक्साइड के प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं-
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
2. फ्रेऑन (Freons)-मेथेन और एथेन के क्लोरोफ्लुओरो व्युत्पन्न फ्रेऑन कहलाते हैं। फ्रेऑन का उपयोग प्रशीतक के रूप में और वातानुकूलन में किया जाता है। डाइक्लोरोडाइफ्लुओरोमेथेन–(फ्रेऑन-12), CCl2F2 और ट्राइक्लोरोफ्लुओरोमेथेन (फ्रेऑन-11), CFCl3 : ये दोनों यौगिक अविषैली एवं बहुत स्थायी और अज्वलनशील (non-inflammable) गैसें हैं। ये सुगमता से द्रवित हो जाती हैं। ये रासायनिक रूप से निष्क्रिय हैं। इनका उपयोग प्रशीतक (refrigerant) के रूप में एवं वातानुकूलन (air conditioning) में किया जाता है। प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. Na12[(AlO2)12(SiO2)12]· xH2O निम्न खनिज भी जियोलाइट हैं- विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. गुणों में समानता
गुणों में क्रमिक परिवर्तन
अत: इनके गुणों से समानता तथा गुणों के क्रमिक परिवर्तन तत्वों को एक ही उपवर्ग में रखे जाने की पुष्टि करते हैं। प्रश्न 2. 1. अक्रिस्टलीय बोरॉन ‘बोरॉन ट्राइऑक्साइड मैग्नीशियम अक्रिस्टलीय बोरॉन मैग्नीशियम (बोरिक ऐनहाइड्राइड) (भूरे-काले रंग का चूर्ण) ऑक्साइड बोरॉन ट्राइऑक्साइड को सोडियम, पोटैशियम या मैग्नीशियम रिबन के टुकड़ों के साथ एक ढ़के हुए क्रूसिबल में तेज गर्म करते हैं। संगलित द्रव्य को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ उबालकर छानने पर अक्रिस्टलीय बोरॉन का गहरा भूरा ठोस अवशेष प्राप्त होता है।
बोरॉन के प्रमुख रासायनिक गुण गुण निम्नवत् हैं-
2. क्रिस्टलीय बोरॉन गुण–क्रिस्टलीय बोरॉन बहुत कठोर और रासायनिक रूप से निष्क्रिय काला क्रिस्टलीय ठोस है। प्रश्न 3.
उपयोग–ऐलुमिनियम के प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं-
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. उत्तर प्रश्न 7. उपर्युक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से स्पष्ट है कि सभी तत्त्वों के बाह्य कोश में 4 इलेक्ट्रॉन हैं और बाह्य कोश की संरचना as up है; अतः इन्हें एक ही उपवर्ग में रखा जाना उचित है। समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण ये समान गुण प्रदर्शित करते हैं तथा परमाणु क्रमांक बढ़ने पर उनमें श्रेणीबद्ध परिवर्तन होता है।
गुणों में क्रमिक परिवर्तन
अत: इनके गुणों में समानता तथा गुणों में क्रमिक परिवर्तन तत्त्वों को एक ही उपवर्ग में रखे जाने की पुष्टि करते हैं। प्रश्न 8.
कार्बन के प्रमुख रासायनिक गुण निम्नवत् हैं-
प्रश्न 9.
सिलिकोन्स के प्रमुख गुण निम्नवत् हैं
उपयोग-
प्रश्न 10.
सिलिकॉन टेट्राक्लोराइड के प्रमुख भौतिक एवं रासायनिक गुण निम्नवत् हैं-
सिलिकॉन टेट्राक्लोराइड के प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं-
प्रश्न 11. We hope the UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 11 The p-block Elements (p-ब्लॉक के तत्त्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 11 The p-block Elements (p-ब्लॉक के तत्त्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest. BF3 लुईस अम्ल के समान व्यवहार क्यों करता है?बोरॉन ट्राइफ्लुओराइड BF3 अणु में F परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों से साझा करके केंद्रीय बोरॉन परमाणु के चारों ओर इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6 (तीन युग्म) होती है। अत: यह एक इलेक्ट्रॉन-न्यून अणु है तथा यह स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करके लूइस अम्ल के समान व्यवहार प्रदर्शित करता है।
BCl3 लुईस अम्ल की तरह व्यवहार करता है क्यों?Answer: BCl₃ में B के पास 6 संयोजी इलेक्ट्रॉन है; यह इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता रखता है। यह लेविस अम्ल की तरह काम करता है।
लुईस अम्ल का उदाहरण क्या है?लुईस अम्ल के उदाहरण हैं: A1c13, BF3, FeC13, CO2, SO3।
19 बोरॉन के हैलाइड लुईस अम्ल की तरह व्यवहार करते हैं क्यों कारण बताइये?Solution : बोरॉन हेलाइडो में बोरॉन के संयोजी कोश में केवल 6 इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते है, अतः ये इलेक्ट्रॉन न्यून होते है तथा लुईस अम्ल के समान व्यवहार प्रदर्शित करते है।
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