समविभव पृष्ठ से आप क्या समझते हैं इसके गुण लिखिए? - samavibhav prshth se aap kya samajhate hain isake gun likhie?

इसे सुनेंरोकेंदूसरे शब्दों में सम विभव पृष्ठ पर किन्हीं दो बिंदुओं के बीच विद्युत विभवांतर सदैव शून्य ही होता है । अतः किसी आवेश को सम विभव पृष्ठ के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ता ।

समविभव पृष्ठ से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसमविभव पृष्ठ के बारे में equipotential surface in hindi किसी विद्युत क्षेत्र में समान विभव के बिंदुओं को मिलाने वाले काल्पनिक पृष्ठ को समविभव पृष्ठ कहते हैं। अर्थात सम विभव पृष्ठ के किन्ही दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर शून्य होता है।

समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थात समविभव पृष्ठ में E (विद्युत क्षेत्र ) तथा dl (विस्थापन ) के मध्य 90 डिग्री का कोण बनता है अर्थात विद्युत क्षेत्र समविभव पृष्ठ के लंबवत होता है।

विद्युत द्विध्रुव क्या है विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत विभव का व्यंजक प्राप्त करें?

इसे सुनेंरोकेंप्राप्त सूत्र से यह स्पष्ट है की एक आवेश के कारण r दूरी पर उत्पन्न विद्युत विभव 1/r के समानुपाती होता है लेकिन द्विध्रुव आघूर्ण के कारण उत्पन्न विद्युत विभव 1/r 2के समानुपाती होता है। अर्थात निरक्ष पर द्विध्रुव के कारण विभव का मान शून्य होता है।

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दो समविभव पृष्ठ परस्पर एक दूसरे को नहीं काट सकते क्यों?

इसे सुनेंरोकेंकारण यह है कि दो सुसज्जित सतहें एक दूसरे के समानांतर हैं। विद्युत क्षेत्र की रेखाएँ उपकारी सतह से लंबवत होती हैं। फ़ील्ड लाइनें एक-दूसरे के साथ प्रतिच्छेद नहीं कर सकती हैं क्योंकि विद्युत बल में एक बिंदु पर दो दिशाएं नहीं हो सकती हैं। इस प्रकार दो सुसज्जित सतहें एक दूसरे के समानांतर नहीं हैं।

1 समविभव पृष्ठ क्या है इसके 2 गुण लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंसमविभव पृष्ठ वह पृष्ठ है, जिसके प्रत्येक बिन्दु पर विभव एकसमान रहता है।

किसी चालक का पृष्ठ सदैव समविभव पृष्ठ क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंआवेशित चालक के सभी कण एक-दूसरे से जुड़े रहते है, अर्थात विद्युत सम्पर्क में रखते है। यदि किसी बिंदु पर विभव कम है, तो अधिक विभव वाले बिंदु से प्रवाहित होकर आवेश दोनों बिन्दुओ के विभव को एक-समान कर देता है। इस प्रकार प्रत्येक आवेशित चालक का पृष्ठ (चाहे उसका आकर कुछ भी हो) समविभव पृष्ठ होता है।

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एक विद्युत द्विध्रुव के निरक्षीय बिंदु पर विभव का मान कितना होता है?

इसे सुनेंरोकेंअतः निरक्ष पर विद्युत द्विध्रुव के कारण विद्युत विभव शून्य होता है।

क्या दो समविभव पृष्ठ प्रतिच्छेद कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदो समविभव सतहें कभी भी प्रतिच्छेद नहीं कर सकती हैं। एक बिंदु आवेश के लिए, समविभव सतह पर सकेंद्रित गोलाकार कोश होते हैं। एक समान विद्युत क्षेत्र के लिए, x-अक्ष के लिए समविभव सतह के लम्बवत तल हैं। समविभव सतह की दिशा उच्च विभव से निम्न विभव तक होती है।

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

सोमवार हाईवे होता है

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समविभव पृष्ठ के 4 गुण लिखिए ; समविभव पृष्ठ के गुण ;

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किसी वैद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह पृष्ठ जिस पर स्थित सभी बिन्दुओं पर वैद्युत विभव बराबर हों, समविभव पृष्ठ कहलाता है। दूसरे शब्दों में, समविभव पृष्ठ पर किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच वैद्युत विभवान्तर शून्य होता है। अत: किसी आवेश को समविभव पृष्ठ के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ेगा। परन्तु यह तभी सम्भव है जबकि वैद्युत आवेश को वैद्युत क्षेत्र के लम्बवत् ले जाया जाये।

समविभव पृष्ट की विशेषता

समविभव पृष्ठ प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् होता है। वैद्युत क्षेत्र में भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर क्षेत्र की दिशा बल-रेखाओं द्वारा प्रदर्शित की जाती है। अतः समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर बल-रेखाएँ पृष्ठ के लम्बवत् होती हैं।

समविभव पृष्ठ से आप क्या समझते हैं इसके गुण लिखिए? - samavibhav prshth se aap kya samajhate hain isake gun likhie?

एक बिन्दु-आवेश + q से चलने वाली बल-रेखाएँ खींची गई हैं। बिन्दु-आवेश को केन्द्र मानकर खींचे गये किसी गोलीय पृष्ठ (spherical surface) का प्रत्येक बिन्दु, आवेश से समान दूरी पर होने के कारण समान वैद्युत विभव पर होगा। अत: इस प्रकार का गोलीय पृष्ठ समविभव पृष्ठ होगा। बिन्दु-आवेश से चलने वाली बल-रेखाएँ त्रिज्य (radial) होंगी तथा गोलीय पृष्ठ पर लम्बवत् होंगी।

समविभव पृष्ठ से सम्बंधित सवाल जवाब

क्या दो समविभव पृष्ट एक दुसरे को काट सकतें हैं ?

नहीं काट सकते क्योंकि समविभव पृष्ट वैद्युत क्षेत्र के लम्बवत होता है. यदि दो समविभव पृष्ट एक दुसरे को काटेंगे तो कटान बिंदु पर वैद्युत क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी जो असंभव है.

समविभव पृष्ठ क्या है और इसके गुण क्या है?

समविभव पृष्ठ के बारे में अर्थात सम विभव पृष्ठ के किन्ही दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर शून्य होता है। अतः यदि समविभव पृष्ठ के किसी एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक किसी आवेश को ले जाया जाये तो किया गया कार्य शुन्य होता है। यह तभी संभव है जबकि आवेश को विद्युत क्षेत्र अर्थात विद्युत क्षेत्र रेखाओं के लंबवत ले जाया जाये।

समविभव पृष्ठ से आप क्या समझते हैं ?`?

किसी वैद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह पृष्ठ जिस पर स्थित सभी बिन्दुओं पर वैद्युत विभव बराबर हों, समविभव पृष्ठ कहलाता है। दूसरे शब्दों में, समविभव पृष्ठ पर किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच वैद्युत विभवान्तर शून्य होता है। अत: किसी आवेश को समविभव पृष्ठ के एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ेगा।