भारत और बांग्लादेश के बीच में मुख्य मुद्दा क्या है? - bhaarat aur baanglaadesh ke beech mein mukhy mudda kya hai?

India vs Bangladesh 2nd Test: वनडे सीरीज में भारतीय टीम को हराने के बाद अब बांग्लादेश टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रचने की दहलीज पर पहुंच गई है. ढाका टेस्ट में बांग्लादेश ने अपना शिकंजा कस लिया है. यदि भारतीय टीम यह मैच हारती है, तो बांग्लादेश टीम एक नया कीर्तिमान रच देगी. वह टेस्ट क्रिकेट में पहली बार भारतीय टीम को हराने की उपलब्धि हासिल करेगी.

दरअसल, दो मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम 1-0 से आगे है. मगर अब आखिरी यानी दूसरे टेस्ट में बांग्लादेश टीम ने 145 रनों का टारगेट दिया है. इसके जवाब में टीम इंडिया ने तीसरे दिन (24 दिसंबर) का खेल खत्म होने तक 45 रन पर 4 बड़े विकेट गंवा दिए हैं.

बांग्लादेश से कोई टेस्ट नहीं हारी टीम इंडिया

इस ढाका मैच से पहले तक भारत और बांग्लादेश के बीच कुल 12 टेस्ट मुकाबले खेले गए. इसमें भारतीय टीम ने 10 में जीत दर्ज की, जबकि दो मैच ड्रॉ पर खत्म हुए. बांग्लादेश टीम अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सकी है, सीरीज तो दूर की बात है. यदि भारतीय टीम इस मैच में हारती है, तो यह बांग्लादेश के खिलाफ उसकी टेस्ट में पहली हार होगी.

भारत-बांग्लादेश के बीच हेड-टु-हेड

कुल टेस्ट मैच: 12
भारत जीता: 10
बांग्लादेश जीता: 00
ड्रॉ: 2

चौथे दिन भारतीय टीम को बनाने हैं 100 रन

आज (25 दिसंबर) चौथे दिन भारतीय टीम को यह मैच जीतने के लिए 100 रनों की और जरूरत है. जबकि अक्षर पटेल 26 और जयदेव उनादकट 3 रन बनाकर नाबाद हैं, जो दिन की शुरुआत करेंगे. दोनों बतौर नाइट वॉचमैन उतरे थे. भारतीय टीम अब यह मैच जीतने के लिए पूरी तरह से ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर पर ही निर्भर है. यदि अगला विकेट गिरता है, तो बल्लेबाजी के लिए पंत और फिर श्रेयस को ही आना है. 

जबकि बांग्लादेश टीम किसी भी हालत में इस जीत के मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहेगी. बांग्लादेश को अब यह मैच जीतने के लिए पंत और श्रेयस के अलावा अश्विन और अक्षर का विकेट भी लेना होगा. इसमें अक्षर-अश्विन आसान शिकार हो सकते हैं, जबकि पंत और श्रेयस के लिए मजबूत रणनीति बनानी होगी. क्योंकि पहली पारी में पंत ने 93 और अय्यर ने 87 रन बनाए थे. ये दोनों शानदार फॉर्म में हैं.

टीम इंडिया ने इस तरह गंवाए टॉप-4 विकेट

भारतीय टीम ने पहला विकेट 3 रन के स्कोर पर गंवाया. कप्तान केएल राहुल 2 रन बनाकर ही आउट हो गए. इसके बाद उपकप्तान चेतेश्वर पुजारा 6 रन बनाकर स्टम्प आउट हुए. फिर उम्मीद शुभमन गिल से थी, लेकिन वो भी नहीं टिक सके और वह भी 35 बॉल पर 7 रन बनाकर चलते बने.

विराट कोहली एक बार फिर इस मैच में फ्लॉप साबित हुए. उन्होंने 22 गेंदों का सामना किया और सिर्फ एक रन बनाकर कैच आउट हो गए. अब तक ऑफ स्पिनर मेहदी हसन मिराज ने तीन विकेट लिए हैं. उन्होंने गिल, पुजारा और कोहली को शिकार बनाया. जबकि राहुल को शाकिब अल हसन ने आउट किया.

मई, 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व में भारत की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने बांग्लादेश के साथ निर्माणात्मक संबंधों की प्रक्रिया आरंभ की। इसके लिए भावी मार्ग भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज द्वारा 25 से 27 जून, 2014 को की गई ढाका की प्रथम एकल यात्रा के दौरान तैयार किया गया था। 'सद्भावना दौरे' के दौरान श्रीमती स्वराज ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, प्रतिपक्ष की नेता बांग्लादेश राष्ट्रवादी पाटी (बीएनपी) की बेगम खालिदा जिया, जातीय पार्टी एल अल की नेता बेगम रौशन अर्शाद के साथ मुलाकात की और कुछ सरकारी समारोहों में भाग लिया। बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय और रणनीतिक संस्थान (बीआईआईएसएस) में उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए मंत्री महोदया ने भारत-बांग्लादेश संबंध सुदृढ़ बनाने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को अभिव्यक्त किया।

भारत और बांग्लादेश उनके बीच विद्यमान कतिपय विवादास्पद मुद्दों का निवारण अथवा प्रबंध किए बिना आगे नहीं बढ़ सकते हैं। यह संदेश बांग्लादेश की स्पीकर सुश्री शिरिन शर्मिन चौधरी द्वारा, जिन्होंने 26 मई, 2014 को एनडीए सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह में भाग लिया था, भारतीय स्थापना को संप्रेषित किया गया था । उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई भारतीय सरकार भूमि सीमा करार (एलबीए) का अनुसमर्थन करने के लिए कदम उठाएगी तथा तीस्ता नदी से जल की भागीदारी पर भारत-बांग्लादेश संधि को क्रियान्वित करेगी। एक अन्य मुद्दा बांग्लादेश से भारत में प्रवास पर असहमति से संबंधित है।

भारत और बांग्लादेश 4090 किलोमीटर की भूमि सीमा साझा करते हैं। भूमि सीमा संबंधी विवादों का निवारण करने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 2011 में बांग्लादेश के साथ एलबीए पर हस्ताक्षर किए थे। इस करार में उन एंक्लेवों का आदान-प्रदान भी शामिल है, जिसमें बांग्लादेश में 111 भारतीय एंक्लेवों तथा भारत में 51 बांग्लादेशी एंक्लेवों में रहने वाले 51,000 लोग शामिल हैं। यह करार प्रवृत्त नहीं हो सका क्योंकि भारतीय संविधान के संशोधित अनुच्छेद 3 तथा 1959 में उच्चतम न्यायालय की परामर्शी राय के अनुसार पाकिस्तान को भूमि अंतरित करने वाले नेहरू-नून करार के पश्चात् संघ सरकार द्वारा भूमि के अंतरण के लिए किसी भी करार को पाकिस्तान का अनुसमर्थन प्राप्त होना आवश्यक है। इसके परिप्रेक्ष्य में, यूपीए सरकार ने शीतकालीन सत्र के ठीक पूर्व राज्य सभा (ऊपरी सदन) में, जो दिसम्बर, 2013 को समाप्त हो गया था, एलबीए में संवैधानिक संशोधन विधेयक पुर:स्थापित किया। जब यह विधेयक संसद की दोनों सभाओं द्वारा पारित हो जाएगा, तो ही एंक्लेवों का आदान-प्रदान किया जाएगा और बांग्लादेश को भूमि का अंतरण किया जाएगा। एलबीए से संबंधित भारत की इसके पूर्वोत्तर राज्यों को तेरुलिया (बांग्लादेश) के माध्यम से अंतरण सुविधा के लिए भारत की मांग का एक मुद्दा है। यदि इसे खोला जाता है, तो यह भारत की मुख्य भूमि को पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने और वहां से जाने वाली सड़क यात्रा को 85 किमी से भी अधिक कम कर देगा। सीमा पर तीस्ता नदी जल साझेदारी मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार 'राष्ट्रीय सहमति' के उपरांत कोई निर्णय लेगी।

अपनी यात्रा के दौरान राजदूत पिनाक रंजन चौधरी ने साउथ एशिया मॉनीटर में लिखा था, मंत्री ने एक पारस्परिक रूप से विचार-विमर्श और सहमत किए गए प्रतिमानों पर लोगों के सीमा पार संचलन को आरंभ करने के बारे में उल्लेख किया। अंतरा दत्ता ने अपनी पुस्तक रिफ्यूजीज़ एंड बार्डर्स ऑफ साउथ एशिया : दि ग्रेट एक्सोडस ऑफ 1971 में यह मत दिया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा न केवल प्रभावी है बल्कि एक 'प्रभावित' भू-भाग भी है। ये दो प्रकार के सीमावर्ती संबंध लोगों को सीमा पार करने के अनेक कारण प्रदान करते हैं, यहां तक उनके जीवन की कीमत पर भी। अत: यह पहचान पाना अत्यंत कठिन है कि कौन प्रवासी है और कौन नहीं क्योंकि प्रवेश के लिए निर्धारित स्थल पर असहमति व्याप्त है। श्रीमती इंदिरा गांधी तथा शेख मुजीबुररहमान के बीच हुए समझौते ने 25 मार्च, 1971 को एक निर्धारित बिंदु बना दिया जबकि अन्य समूहों जैसे अखिल असम छात्र संघ (एएएसयू) एट अल ने मांग की कि निर्धारित तारीख 1951 होनी चाहिए। इस असहमति के कारण एक नागरिक दूसरे के लिए प्रवासी बन गए हैं। बांग्लादेश से प्रवास एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि यह विद्यमान जनसांख्यिकीय संरचना को प्रभावित करता है तथा पूर्वोत्तर भारत में आवर्तक सांप्रदायिक हिंसा का एक कारण है। बांग्लादेश में राजनीतिक नेतृत्व इस बात से सहमत है कि उनके नागरिक भारतीय सीमा पार करते हैं परंतु प्रवासियों की संख्या पर विरोध जताते हैं। 1 जुलाई, 2014 को इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और प्रतिपक्ष की नेता बेगम खालिदा जिया ने कहा कि अधिक बांग्लादेशी भारत नहीं जाते हैं....वे यहां काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, श्रीमती सुषमा स्वराज के ढाका दौरे के दौरान भारत सरकार पैंसठ वर्ष के ऊपर और तेरह वर्ष से नीचे की आयु वाले बांग्लादेशी राष्ट्रिकों के लिए वीजा प्रतिबंधों को छूट देने के लिए सहमत हो गई थी। दोनों सरकारों ने ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस की संख्या बढ़ाने पर सहमति दी तथा ढाका-शिलांग-गुवाहाटी बस सेवा प्रस्तावित की। भारत ने भी दोनों देशों के बीच नए खोले गए पावर-ग्रिड कनेक्शन की विद्युत आपूर्ति में त्रिपुरा में पालाटाना परियोजना से 100 मेगावट तक और वृद्धि करने की पुष्टि की।

हालांकि भारत और बांग्लादेश सरकारें यह मानती हैं कि श्रीमती स्वराज द्वारा की गई यात्रा संतोषजनक रही है तथा द्विपक्षीय संबबंध को पुन: सशक्त बनाने के लिए दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व ने उनके विवादों और असहमतियों को दूर करने के लिए कतिपय निर्णयकारी कदम उठाए हैं।

भारत और बांग्लादेश के बीच मुख्य मुद्दा क्या है?

अवैध घुसपैठ भारत और बांग्लादेश दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा विवाद एवं समस्या का मुद्दा रहा है।

भारत और बांग्लादेश के मध्य विवाद के प्रमुख मुद्दे कौन कौन से हैं समीक्षा कीजिए?

भारत और बांग्लादेश के बीच वर्तमान प्रमुख मुद्दे.
तीस्ता नदी जल विवाद: तीस्ता नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होती है। ... .
अवैध प्रवासन: बांग्लादेश से भारत में अवैध आप्रवासन (जिसमें शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी दोनों शामिल हैं) बेरोकटोक जारी है।.

भारत और बांग्लादेश के मध्य विवाद का विषय क्या है?

पिछले 35 वर्षों से जारी है संघर्ष दोनों देशों के बीच ये दो बड़े जल विवाद है, तीस्ता नदी विवाद और गंगा नदी विवाद, दोनों देशों के मछुआरों, किसानों और नाविकों के लिए प्रमुख स्रोत हैं। गंगा नदी का विवाद पिछले 35 वर्षों से दोनों देशों के बीच संघर्ष का मुद्दा रहा है क्योंकि पवित्र नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करती है।

भारत बांग्लादेश सम्बन्ध में मुख्य कितना पर टिप्पणी लिखिए?

भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं। बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है। ये दोनो देश सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य हैं।