वैभव लक्ष्मी व्रत कथा | Vaibhav Laxmi Vrat Katha PDF in HindiPublished / Updated On: August 13, 2021 Show
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Tags: व्रत कथा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा | Vaibhav Laxmi Vrat Katha Hindi PDF Summaryवैभव लक्ष्मी व्रत घर में सुख-समृद्धि की कामना को पूर्ण करता है। यदि आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, घर में धन रुक नहीं रहा है, प्रयास करने पर भी काम नहीं बन रहे हैं तो 11 या 21 शुक्रवार को माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत
करने का संकल्प लें। यह व्रत शुक्रवार को ही किया जाता है इसलिए यदि किसी कारणवश 11 या 21 शुक्रवार के व्रत के बीच आप किसी शुक्रवार को व्रत नहीं कर पाये तो माफी माँग कर उस व्रत को अगले शुक्रवार को रख लें। वैभव लक्ष्मी का व्रत स्त्री और पुरुष, दोनों ही कर सकते हैं। व्रत शुरू करने से पहले अपनी उस मन्नत का उल्लेख अवश्य कर दें जिसको पूरी करने के लिए आप व्रत का संकल्प ले रहे हैं। यहाँ से आप बड़ी आसानी से Vaibhav Laxmi Vrat Katha Hindi PDF / वैभव लक्ष्मी व्रत कथा पीडीऍफ़ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं। वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि और मंत्र | Vaibhav Laxmi Vrat Pooja Vidhi & Mantraवैभव लक्ष्मी का पूजन शाम को किया जाता है। शाम को भगवान श्रीगणेश, माता लक्ष्मी और श्रीयंत्र को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। चौकी पर थोड़े चावल रख कर उस पर जल से भरा तांबे का कलश रखें। कलश पर एक कटोरी रखें और उसमें सोने या चांदी का कोई गहना, अक्षत और लाल फूल चढ़ाएं। माता को चावल की
खीर का भोग लगाएं और यह ध्यान रखें कि व्रत वाले दिन आपको रात को यह खीर खाकर ही रहना है। अगर आप पूरे दिन का व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो रात को भोजन कर सकते हैं। वैभव लक्ष्मी पूजनके दौरान इन मंत्रों का अवश्य उच्चारण करें- वैभव लक्ष्मी व्रत उद्यापन विधि | Vaibhav Laxmi Vrat Udyapan Vidhiआपने जितने भी शुक्रवार के व्रत करने की मन्नत मांगी थी, उतने शुक्रवार हो गये हैं तो अंतिम व्रत वाले दिन शाम को कथा का श्रवण कुछ सुहागिन स्त्रियों के संग करें। माता को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं और सभी सौभाग्यशाली महिलाओं को कथा के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत कथा की एक-एक पुस्तक उपहार में दें और खीर का प्रसाद दें। सभी महिलाओं को कुमकुम का तिलक भी लगाएँ और कम से कम सात कुआंरी कन्याओं को भोजन करा कर उन्हें उपहार स्वरूप कुछ दें। पूजन के पश्चात वैभव लक्ष्मी के ‘धनलक्ष्मी स्वरूप’ को नमन कर प्रार्थना करें- ‘हे मां धनलक्ष्मी! मैंने आपका ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ करने की मन्नत मानी थी, वह व्रत आज पूर्ण किया है। हमारी मनोकामना पूरी करो माँ। यह कह कर वैभव लक्ष्मी को प्रणाम करें। इसके अतिरिक्त आप माँ लक्ष्मी चालीसा का गायन भी कर सकते हैं। इससे भी महालक्ष्मी प्रशन्न होती हैं। वैभव लक्ष्मी व्रत कथा | Vaibhav Laxmi Vrat Katha in Hindiकिसी शहर में अनेक लोग रहते थे। सभी अपने-अपने कामों में लगे रहते थे। किसी को किसी की परवाह नहीं थी। भजन-कीर्तन, भक्ति-भाव, दया-माया, परोपकार जैसे संस्कार कम हो गए। शहर में बुराइयां बढ़ गई थीं। शराब, जुआ, रेस, व्यभिचार, चोरी-डकैती वगैरह बहुत से गुनाह शहर
में होते थे। इनके बावजूद शहर में कुछ अच्छे लोग भी रहते थे।
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वैभव लक्ष्मी का व्रत कितने बजे करना चाहिए?वैभव लक्ष्मी व्रत के शाम के समय करना लाभकारी माना जाता है। शाम के समय स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण कर लें।
वैभव लक्ष्मी की पूजा कैसे की जाती है?Vaibhav Lakshmi Vrat: वैसे तो वैभव लक्ष्मी व्रत की पूजा शाम को की जाती है लेकिन व्रत रखने के लिए सुबह से ही महिला या पुरुष को स्नान करके व्रत का पालन करना चाहिए. व्रत वाले दिन सुबह के समय फलाहार कर सकते है. इसके बाद शाम को दोबारा स्नान करके पूर्व दिशा में माता की चौकी लगाएं और इस पर लाल स्वच्छ कपड़ा बिछाएं.
वैभव लक्ष्मी व्रत कब उठाना चाहिए?वैभव लक्ष्मी व्रत को शुरू करने के लिए शुभ दिन
वैभव लक्ष्मी व्रत को शुक्रवार के दिन किया जाता है क्योंकि यह दिन दुर्गा एवं संतोषी माता का दिन माना जाता है और मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह सदैव अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
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