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शनि देव का प्रकोप उनकी प्रिय राशियों को कम झेलना पड़ता है.व्यक्ति के कर्मों के अनुसार ही शनि देव (Shani Dev) उन्हें अच्छे और बुरे फल देते हैं. बुरे कर्म करने वालों पर हमेशा शनि की टेढ़ी नजर रहती हैं. कहते हैं शनि देव की प्रिय राशियों पर कभी भी शनिदेव का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. शनिदेव की तीन सबसे प्रिय राशियां हैं.अधिक पढ़ें ...
Shani Dev Favourite Rashi: शनि देव की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के प्रयास करते हैं. शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. बुरे कर्म करने वालों पर हमेशा शनि की टेढ़ी नजर रहती हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में होते हैं, उन लोगों को कभी भी कोई परेशानी नहीं होती है, वहीं जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है, वे हमेशा आर्थिक व शारीरिक परेशानियों से घिरे रहते हैं. कहते हैं शनि देव की प्रिय राशियों पर शनि की दृष्ठि का इतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. आइए जानते हैं शनि देव की प्रिय राशियों कौन-कौन सी हैं. तुला राशि ये भी पढ़ें- Vastu Tips: विष्णु प्रिय अपराजिता लाती है घर में सम्पन्नता, इस दिशा में लगाएं मकर
राशि ये भी पढ़ें-Shani Dev: किन बातों से नाराज होते हैं शनि देव? जानें उनके क्रोधित होने के संकेत कुंभ राशि शनि प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Astrology, Dharma Aastha, Shanidev FIRST PUBLISHED : July 16, 2022, 07:00 IST शनि देव की सबसे प्रिय राशि कौन सी है?मकर राशि के स्वामी भगवान शनिदेव स्वयं होते हैं। इस वजह से शनिदेव की विशेष कृपा मकर राशि वालों पर हमेशा रहती है। मकर राशि शनिदेव की प्रिय राशि होती है। मकर राशि के लोग काफी मेहनती और उत्साही स्वभाव के होते हैं।
शनि का प्रकोप कौन कौन सी राशि पर है?ऐसे में एक छोटा सा उपाय उन्हें शनि के प्रकोप से बचा सकता है. धनु राशि के अलावा, मकर और कुंभ राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती रहेगी.
शनि उच्च का कब होता है?शनि यदि आपकी कुंडली के तीसरे, छठे या 11वें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को अति पराक्रमी बनाता है, ऐसा व्यक्ति हमेशा परिश्रम करने को तैयार रहता है। शनि अगर उच्च राशि या मूल त्रिकोण राशि में हो तो बहुत ही अच्छा योग बनाता है। शनि अगर गुरु की राशि में हो या गुरु से युति कर रहा हो तो व्यक्ति नाम और शोहरत कमाता है।
शनि महाराज की कृपा कैसे होती है?शनि के प्रकोप से बचने के लिए सबसे पहले शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना करें। साथ ही शनि चालीसा का पाठ और शनि मंत्र का जाप जरूर करें। इसके अलावा शमी के पेड़ की पूजा करें। शमी के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बरसती है।
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