कान्हा, श्रीकृष्णा, गोपाल, घनश्याम, बाल मुकुन्द, गोपी मनोहर, श्याम, गोविंद, मुरारी, मुरलीधर जाने कितने सुहाने नामों से पुकारे जाने वाले यह खूबसूरत देव दिलों के बेहद करीब लगते हैं। इनकी पूजा का ढंग भी उनकी तरह ही निराला है। आइए जानें कैसे करें श्रीकृष्ण की पूजा.... Show चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए। भगवान् कृष्ण की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखिए। अब दीपक जलाएं और साथ ही धूपबत्ती भी जला लीजिए। भगवान् कृष्ण से
प्रार्थना करें कि, 'हे भगवान् कृष्ण ! कृपया पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए। श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर गंगाजल से स्नान कराएं। अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए। भगवान् कृष्ण को दीप दिखाएं। इसके बाद धूप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए. साथ ही पीने के लिए गंगाजल रखें। अब श्री कृष्ण का इस प्रकार ध्यान कीजिए श्री कृष्ण बच्चे के रूप में पीपल के पत्ते पर लेटे हैं। उनके शरीर में अनंत ब्रह्माण्ड हैं और वे अंगूठा चूस रहे हैं। इसके साथ ही श्री कृष्ण के नाम का अर्थ सहित बार बार चिंतन कीजिए। कृष् का अर्थ है आकर्षित करना और ण का अर्थ है परमानंद या पूर्ण मोक्ष। इस प्रकार कृष्ण का अर्थ है, वह जो परमानंद या पूर्ण मोक्ष की ओर आकर्षित करता है, वही कृष्ण है। मैं उन श्री कृष्ण को प्रणाम
करता/करती हूं। विसर्जन के लिए हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और कहें : हे भगवान् कृष्ण! पूजा में पधारने के लिए धन्यवाद। कृपया मेरी पूजा और जप ग्रहण कीजिए और पुनः अपने दिव्य धाम को पधारिए।
हाथ में फूल लेकर श्रीकृष्ण का ध्यान करें : जन्माष्टमी 2022 पूजन संकल्प मंत्र : भगवान श्रीकृष्ण आवाहन मंत्रः आसन
मंत्र : भगवान को अर्घ्य दें : आचमन मंत्र : स्नान मंत्र
: जन्माष्टमी पर सोलह कला संपन्न कान्हाजी का ऐसे करें 16 श्रृंगार पंचामृत स्नान : अर्घा में जल लेकर भगवान को फिर से एक बार शुद्धि स्नान कराएं। भगवान श्रीकृष्ण को वस्त्र अर्पित करने का मंत्र : यज्ञोपवीत अर्पित करने का मंत्र: चंदन लगाने का मंत्र: भगवान को फूल चढाएंः भगवान को दूर्वा चढाएंः भगवान को नैवेद्य भेंट करेंः भगवान को आचमन
कराएंः इसके बाद भगवान को पान सुपारी अर्पित करके प्रदक्षिणा करें और यह मंत्र बोलें- यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च। तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिण पदे-पदे। इसके बाद आरती और क्षमा प्रार्थना करें। आरती के लिए क्लिक करें Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें भगवान कृष्ण की पूजा कैसे करें?भगवान् कृष्ण को दीप दिखाएं। इसके बाद धूप दिखाएं। अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं। माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिए और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए.
लड्डू गोपाल की रोज पूजा कैसे की जाती है?नियमित तौर पर ऐसे करें भगवान कृष्ण की पूजा
अगर अपने ने लड्डू गोपाल की सेवा ली हुई है तो आप मासिक धर्म के दौरान इस बात का ख्याल रखें की आपको भगवान का स्पर्श नहीं करना है। सेवा के दौरान लड्डू गोपाल को रोजाना स्नान और चार समय भोग लगाना होता है। तो ऐसे में आप किसी दूसरे से प्रसाद बनवाकर उन्हें भोग लगा सकती हैं।
कृष्ण भगवान को क्या क्या चढ़ाया जाता है?माखन-मिश्री- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है. ... . धनिया पंजीरी- भारत के कुछ राज्यों में जन्माष्टमी के दिन भगावन कृष्ण को धनिया पंजीरी का भोग भी लगाया जाता है. ... . पंचामृत- जन्माष्टमी के दिन भगवान शिव को पंचामृत का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है.. भगवान श्रीकृष्ण को खाने में क्या पसंद है?भगवान कृष्ण को मोर पंख, माखन और मिश्री, धनिया की पंजीरी, बांसुरी बहुत पसंद है इसलिए जिस समय भगवान का झूला सजाएं ध्यान रखें कि ये सारी चीजें उनके आसपास हों. इसके अलावा कई ऐसी राशियां हैं जिनपर भगवान कृष्ण की विशेष कृपा रहती है.
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