हाथों के दर्शन क्यों करते हैं? - haathon ke darshan kyon karate hain?

सुबह उठते ही सबसे पहले क्या और क्यों देखें!

प्रतिदिन सुबह-सुबह हमारा एक प्रश्न होता है कि हमारा दिन कैसा रहेगा? दिन को अच्छा बनाने के लिए सभी कुछ न कुछ धर्म-कर्म अवश्य ही करते हैं। सभी चाहते हैं कि उनका नया दिन शुभ रहे, खुशियां देने वाला हो, दुख दूर करने वाला हो और सफलताएं दिलाने वाला हो।

प्रतिदिन सुबह-सुबह हमारा एक प्रश्न होता है कि हमारा दिन कैसा रहेगा? दिन को अच्छा बनाने के लिए सभी कुछ न कुछ धर्म-कर्म अवश्य ही करते हैं। सभी चाहते हैं कि उनका नया दिन शुभ रहे, खुशियां देने वाला हो, दुख दूर करने वाला हो और सफलताएं दिलाने वाला हो। शास्त्रों के अनुसार एक सटीक उपाय बताया गया है जिससे हमारा पूरा दिन श्रेष्ठ बनता है और सभी दुख-क्लेश दूर होते हैं।

सुबह उठते ही सबसे पहले क्या करना चाहिए कि हमारा पूरा दिन अच्छा रहे और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहे? कई लोग भगवान के दर्शन करते हैं तो कुछ अपने घर के सदस्यों का चेहरा देखते हैं लेकिन बिस्तर छोडऩे से पहले हमें हमारे हाथों के दर्शन करने चाहिए। कुछ लोग सोचते हैं कि हाथों के दर्शन से क्या होगा?

तो इस प्रश्न का उत्तर यह है कि धर्म ग्रंथों और ऋषि-मुनियों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हमारे हाथों की हथेलियों में दैवीय शक्तियां निवास करती हैं।

इसी वजह से हमें सुबह उठते ही सबसे पहले अपने हाथों की हथेलियों के दर्शन करने चाहिए। दोनों हाथों को मिलाकर उसके दर्शन करके ही बिस्तर छोडऩा चाहिए।

हमारे हाथ के आगे के हिस्से में (अंगुलियों की ओर) लक्ष्मी, मध्य भाग में सरस्वती और नीचले भाग में नारायण यानी विष्णु का वास होता है। प्रात: हाथों के दर्शन से ही तीनों दिव्य शक्तियों के दर्शन का पुण्य मिलता है। सुबह हथेलियों का दर्शन करने के पीछे यही संदेश है कि हम परमात्मा से अपने कर्मों में पवित्रता और शक्ति की कामना करते हैं। संसार का सारा वैभव, शिक्षा, पराक्रम हमें हाथों के जरिए ही मिलता है। इसलिए हाथों में लक्ष्मी, सरस्वती और विष्णु तीनों का वास माना गया है।

कहते हैं दिन की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा बीतता है। इसके लिए जरुरी है कि सुबह उठकर ऐसे काम करें जो आपको उत्साहित और उर्जावान बनाए रखे। न कि ऐसी गलती कर बैठें कि पूरा दिन तनाव और परेशानी में बीते।

हथेली को देखें-

हथेली को देखें, शास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य को अपना दिन बेहतरीन बनाने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले अपना हाथ देखना चाहिए। हाथ ही कर्म करता है और भाग्य को बदलने की क्षमता रखता है।

आखिर क्यों देखें हथेली-

आखिर क्यों देखें हथेली, कहा जाता है कराग्रे वसति लक्ष्मी:, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्द:, प्रभाते कर दर्शनम?। यानी हथेली में लक्ष्मी, सरस्वती और गोविंद का वास है। इनके दर्शन से पूरा दिन अच्छा रहता है।

मन्त्र का ध्यान

मन्त्र का ध्यान, हथेली देखते हुए इस मंत्र का ध्यान भी करना चाहिए, ताकि आपके मन में लक्ष्मी, सरस्वती और गोविंद की छवि बने।

सबसे पहले किसे छूयें-

सबसे पहले किसे छूयें, बिछावना से उतरते समय पांव सीधे जमीन पर में नहीं रखना चाहिए। धरती को माता के समान आदरणीय कहा गया है इसलिए सबसे पहले धरती का स्पर्श करके हथेली को माथे से लगाएं।

ऊर्जा का संचार-

ऊर्जा का संचार, ऐसे करने से तन मन में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। अपने कार्य में आप बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

Edited By: Preeti jha

शास्त्रों में सुबह के समय हथेलियों के दर्शन करने की बात कही गई है. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है. जानिए आखिर क्या है सुबह सुबह हथेलियों के दर्शन का महत्व.

सुबह के समय को बहुत शक्तिशाली माना जाता है. इस समय में हमेशा वो काम करने चाहिए जिनसे आपको सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त हो सके. माना जाता है कि सुबह की शुरुआत अगर आपने सकारात्मक ऊर्जा के साथ कर ली, तो आपका सारा दिन सार्थक हो जाता है. इसके बाद आप दिन में जो भी काम करते हैं, वो पूरी एनर्जी के साथ करते हैं और आपको सफलता प्राप्त होती है.

इस सकारात्मकता को बरकरार रखने और मन में नई आशा और उत्साह को जगाने के लिए हमारे ​ऋषि मुनियों ने सुबह के समय अपनी हथेलियों के दर्शन करने की सलाह दी है. ज्योतिष में हथेली में बनी लकीरों को किस्मत से जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि अगर आंख खुलते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को देखा जाए, तो इससे व्यक्ति का दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल सकता है. जानिए इस मान्यता के पीछे का महत्व.

ये है धार्मिक मान्यता

शास्त्रों में कहा गया है कि ‘ कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम’ इसका अर्थ है कि मेरे हाथों के आगे वाले हिस्से में धन की देवी माता लक्ष्मी निवास करती हैं, मध्य में बुद्धि प्रदाता मां सरस्वती का वास है और मूल में गोविंद यानी भगवान विष्णु रहते हैं और सुबह सुबह इनके दर्शन करने चाहिए. मां सरस्वती को बुद्धि की देवी माना जाता है और माता लक्ष्मी को धन की देवी और विष्णु भगवान तो जगत के पालनहार हैं, ऐसे में सुबह सुबह जिस व्यक्ति ने इनका ध्यान कर लिया, उसे इन तीनों का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि, बुद्धि कौशल, यश आदि किसी चीज की कमी नहीं रहती.

हथेलियों में माना गया है तीर्थों का भी स्थान

दोनों हाथों की हथेलियों में तीर्थों का भी स्थान माना गया है. शास्त्रों में बताया गया है कि हमारे हाथों की चारों उंगलियों के सबसे आगे के भाग में ‘देवतीर्थ’ हैं. तर्जनी के मूल भाग में ‘पितृतीर्थ’, कनिष्ठा के मूल भाग में ‘प्रजापतितीर्थ’ और अंगूठे के मूल भाग में ‘ब्रह्मतीर्थ’ माना जाता है. दाएं हाथ के बीच में ‘अग्नितीर्थ’ और बाएं हाथ के बीच में ‘सोमतीर्थ’ और उंगलियों के सभी पोरों और संधियों में ‘ऋषितीर्थ’ है. इस तरह प्रतिदिन जब सुबह उठकर हम अपनी हथेलियों के दर्शन करते हैं तो हमें भगवान के साथ इन तीर्थों के भी दर्शन हो जाते हैं. ऐसे में हमारे जीवन में सब कुछ शुभ ही शुभ होता है.

हस्त दर्शन से मिलती कर्म पर यकीन रखने की सीख

वहीं अगर व्यवहारिक दृष्टि से देखा जाए तो हम कोई भी कर्म अपने हाथों से करते हैं. सुबह सुबह हथेलियों के दर्शन करने का अर्थ है कि व्यक्ति को कर्म पर विश्वास करना चाहिए. अपने कर्मों को बेहतर करके वो स्वयं ही अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है. इसके अलावा हाथों में तीर्थ और भगवान का वास होने से तात्पर्य है कि व्यक्ति को जीवन में कभी कोई अनुचित कर्म नहीं करना चाहिए. अपने हाथों से हमेशा प्रभु को नमन करें और इनका प्रयोग अच्छे कार्यों के लिए करें. हमेशा दूसरों का भला करें, लेकिन कभी स्वयं किसी अन्य पर आश्रित न रहें.

यह भी पढ़ें – Vishnu Puja Vidhi : भगवान विष्णु की पूजा का सरल उपाय, जिसे करते ही पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

यह भी पढ़ें – Paush Amavasya : जानिए कब है पौष माह की अमावस्या, जानें महत्व और पितरों को प्रसन्न करने के तरीके !

हम प्राप्त हाथों के दर्शन क्यों करते हैं?

सुबह हथेलियों का दर्शन करने के पीछे यही संदेश है कि हम परमात्मा से अपने कर्मों में पवित्रता और शक्ति की कामना करते हैं। संसार का सारा वैभव, शिक्षा, पराक्रम हमें हाथों के जरिए ही मिलता है। इसलिए हाथों में लक्ष्मी, सरस्वती और विष्णु तीनों का वास माना गया है। कहते हैं दिन की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा बीतता है।

सुबह सुबह हाथ देखने से क्या होता है?

शास्त्रों में बताया गया है कि हाथों में सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा, धन की देवी लक्ष्मी और सुख-समृद्धि की देवी सरस्वती तीनों का वास होता है। इसलिए सुबह-सुबह अपनी हाथों की हथेलियों को देखना शुभ माना जाता है। संसार का सारा पराक्रम, वैभव, शिक्षा हमें हाथों के जरिए ही मिलती है।

हाथ के मूल में किसका निवास होता है?

कराग्रे बसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ अर्थात मेरे हाथ के अग्रभाग में भगवती लक्ष्मी का निवास है। मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान विष्णु का निवास है।

सुबह उठते ही किसका मुंह देखना चाहिए?

सुबह उठते ही सबसे पहले हथेलियों के दर्शन करें. अब भगवान का नाम लेकर हथेलियों को चेहरे पर मल लें. फिर अपने दिन की नई शुरुआत के लिए प्रार्थना करें. इसके बाद जल पिएं और सूर्य के दर्शन करें.