कृष्ण जन्माष्टमी में क्या क्या लगता है? - krshn janmaashtamee mein kya kya lagata hai?

कृष्ण जन्माष्टमी में क्या क्या लगता है? - krshn janmaashtamee mein kya kya lagata hai?
कृष्ण जन्माष्टमी में क्या क्या लगता है? - krshn janmaashtamee mein kya kya lagata hai?

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कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर पूजन सामग्री की यह सूची विशेष रूप से तैयार की गई है। कान्हा की विधिवत पूजन से पूर्व आप भी जुटाएं यह समस्त सामग्री... 

धूप बत्ती (अगरबत्ती),


कपूर,
केसर,
चंदन,
यज्ञोपवीत 5,
कुंकु,
चावल,
अबीर,
गुलाल,
अभ्रक,
हल्दी,
आभूषण,
नाड़ा,
रुई,
रोली,
सिंदूर,
सुपारी,
पान के पत्ते,
पुष्पमाला,

धर्म डेस्क, अमर उजला, नई दिल्ली Published by: आशिकी पटेल Updated Fri, 19 Aug 2022 12:45 PM IST

Krishna Janmashtami 2022 Puja Samagri List: हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था। इस साल कृष्ण जन्मोत्सव का ये पर्व 18 अगस्त को है। इस दिन भगवान कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन लोग उपवास रखने के साथ भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण को दही-दूध और मक्खन विशेष पसंद है, इसलिए दही का चरणामृत बनाकर लोगों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। वहीं यदि आप भी कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाने जा रहे हैं, तो पूजा में कुछ सामग्री को जरूर शामिल करना चाहिए। ये रही पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट...  

जन्माष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू। 
अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक। 

जन्माष्टमी व्रत नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी के दिन देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी इन सबका नाम क्रमशः लेते हुए विधि-विधान से पूजा करें। 

इस दिन फलाहार के रूप में कुट्टू के आटे की पूरी, मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा बनाया जाता है। मंदिरों को सजाया जाता है। इस दिन विष्णु पुराण भगवत गीता पढ़ें। पूजा करने के बाद सभी को प्रसाद वितरण करें। ध्यान रहे कि जन्माष्टमी का व्रत 12:00 बजे के बाद पारण किया जाता है। 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री

धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे,  तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, छोटी इलायची, लौंग मौली, इत्र की शीशी, सिंहासन, बाजोट या झूला (चौकी, आसन), पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गणेशजी की तस्वीर, अम्बिका जी की तस्वीर, भगवान के वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने के लिए वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने के लिए वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, बन्दनवार, ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब और लाल कमल के फूल, दूर्वा, अर्घ्य पात्र आदि। 

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान विष्णु के कृष्ण आठवें अवतार थे, जिन्होंने धर्म की स्थापना के लिए मानव रूप में भाद्रपद की अष्टमी को अवतार लिया था। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितंबर को है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, मंगल गीत गाते हैं और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गाने के साथ भगवान का जन्म करते हैं। आइए जानते हैं किस तरह करें भगवान कृष्ण का जन्म और पूजा सामग्री में कौन सी चीजें होनी चाहिए।

यह है पूजा सामग्री
भगवान कृष्ण की पूजा सामग्री में एक खीरा, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, बाल कृष्ण की मूर्ति, एक सिंहासन, पंचामृत, गंगाजल, दीपक, दही, शहद, दूध, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत (साबुत चावल), तुलसी का पत्ता, माखन, मिश्री, भोग सामग्री।

बाल गोपाल की श्रृंगार सामग्री
बाल गोपाल के जन्म के बाद उनके श्रृंगार के लिए इत्र, कान्हा के नए पीले वस्त्र, बांसुरी, मोरपंख, गले के लिए वैजयंती माता, सिर के लिए मुकुट, हाथों के लिए चूड़ियां रखें।

इस तरह करें जन्मोत्सव पूजा
बाल गोपाल का जन्म रात में 12 बजे के बाद होगा। सबसे पहले आप दूध से उसके बाद दही, फिर घी, फिर शहद से स्नान कराने के बाद गंगाजल से अभिषेक किया जाता है, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। स्नान कराने के बाद आप मन में भक्ति भाव रखते हुए बिल्कुल छोटे बच्चों की तरह उनको लगोंटी जरूर पहनानी चाहिए। जिन चीजों से बाल गोपाल का स्नान हुआ है, उसे पंचामृत बोला जाता है। पंचामृत को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। फिर भगवान कृष्ण को नए वस्त्र पहनाने चाहिए।

भगवान के जन्म के बाद के मंगल गीत भी गाएं। कृष्णजी को आसान पर बैठाकर उनका श्रृंगार करना चाहिए। उनके हाथों में चूड़ियां, गले में वैजयंती माला पहनाएं। फिर उनके सिर पर मोरपंख लगा हुआ मुकुट पहनाएं और उनकी प्यारी बांसुरी उनके पास रख दें। अब उनको चंदन और अक्षत लगाएं और धूप-दीप से पूजा करनी चाहिए। फिर माखन मिश्री के साथ अन्य भोग की सामग्री अर्पण करें। ध्यान रहे, भोग में तुलसी का पत्ता जरूर होना चाहिए। भगवान को झुला पर बिठाकर झुला झुलाएं और नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की का गाएं। साथ ही रातभर भगवान की पूजा करनी चाहिए।

यह है सही समय

इस साल स्मार्तों के लिए जन्माष्टमी व्रत 2 सितंबर रविवार को होगा और वैष्णवों के लिए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का व्रत 3 सितंबर सोमवार को होगा। सभी धर्मग्रंथों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी, नक्षत्र एवं वृष राशिस्थ चन्द्रमाकालीन अर्धरात्रि के समय हुआ था ऐसा कहा गया है। इन कारणों से जन्माष्टमी का व्रत 2 सितंबर को रखना ज्यादा शुभ माना जा रहा है। इस दिन कृष्ण जयंती योग होने से इसक महत्व और बढ़ गया है।

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कृष्ण जी की पूजा में क्या क्या सामान लगता है?

बाल गोपाल के लिए झूला या पालना, भगवान कृष्ण की मूर्ति या प्रतिमा, छोटी बांसुरी, एक पोशाक, आभूषण, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, कलश, हल्दी, छोटी इलायची, पान, सुपारी, सिक्के या रुपए, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, नायिरल, कुमकुम, लौंग, मौली, इत्र, सिंहासन, गंगाजन, दीया, सरसों का तेल या घी, रुई की बत्ती, अगरबत्ती, ...

जन्माष्टमी में कौन कौन सा सामान लगता है?

धूप बत्ती, अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, अक्षत, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे, तुलसीमाला, खड़ा धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, ...

कृष्ण भगवान को क्या क्या चढ़ाया जाता है?

माखन-मिश्री- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है. ... .
धनिया पंजीरी- भारत के कुछ राज्यों में जन्माष्टमी के दिन भगावन कृष्ण को धनिया पंजीरी का भोग भी लगाया जाता है. ... .
पंचामृत- जन्माष्टमी के दिन भगवान शिव को पंचामृत का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है..

जन्माष्टमी के दिन क्या खरीदना चाहिए?

कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को माखन का भोग लगाने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं क्योंकि बचपन से ही भगवान कृष्ण को माखन बेहद पसंद है और वे इसे चुरा-चुराकर खाते थे. मान्यताओं के अनुसार वैजयंती माला में माता लक्ष्मी का वास माना गया है. जन्माष्टमी के दिन वैजयंती माला खरीद कर घर में लाने से बरकत बनी रहती है.