धनराज पिल्लै का जन्म 16 जुलाई 1968 में खड़की, पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। हॉकी में सेंटर फारवर्ड खेलने वाले धनराज खेल में गति और स्ट्राइकिंग के शौकीन है। धनराज पिल्लै का नाम भारतीय खेल जगत में बड़े सम्मान और गर्व के साथ लिया जाता है। यह उस हॉकी खिलाड़ी का नाम है, जिसने 1998 में बैंकॉक एशियाई खेलों में दस गोल किए थे। और फाइनल में भारत को जीत और 31 साल बाद एशियाई हॉकी खिताब दिलाया। 1989 में एशिया कप के अवसर धनराज ने अंर्तराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध दो गोल करते हुए शानदार खेल प्रदर्शन किया। फिर इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। धनराज पिल्लै की कहानी एक ऐसे साधारण से परिवार के लड़के की असाधारण कहानी है जिसने गरीब परिवार से निकलकर कड़ी मेहनत करके वह मुकाम हासिल किया जिस पर आज वहीं नहीं सारा भारत गर्व महसूस करता है। और अपने इस लेख में हम हॉकी के इसी महान खिलाड़ी धनराज पिल्लै की जीवनी, धनराज पिल्लै की बायोग्राफी, धनराज पिल्लै का जीवन परिचय आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। Show धनराज पिल्लै का जीवन परिचय
धनराज के लिए 1992 के बर्सिलोना ओलंपिक और अटलांटा ओलंपिक निराशाजनक साबित हुए। लेकिन टीम का नेतृत्व करते हुए उन्होंने मुकेश कुमार के साथ खेल का अच्छा प्रदर्शन किया। उस स्थिति में जर्मनी के विरुद्ध टेस्ट श्रृंखला में बदलाव आया। 1998 की टेस्ट श्रृंखला में पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी पेशावर में भारतीय टीम यह मुकाबला हार गई। लेकिन लाहौर, कराची और दिल्ली में धनराज ने उच्च स्तर का प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम में शानदार वापसी की। 1998 में वर्ल्डकप के अवसर पर उनके अंगूठे में चोट लग जाने की वजह से वे पूरी तरह फिट नहीं थे। न तो कुआलालम्पुर मलेशिया में हुए राष्ट्रमंडलीय खेलों में, लोगों ने यह उम्मीद की थी फाइनल में भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत होगी। लेकिन मेजबान टीम ने मौके का फायदा उठाया और भारतीय टीम हार गई। पर सन् 2000 में उसने पर्थ में भारत को चार देशों की प्रतियोगिता में जीत दिलाई और वह युवा खिलाड़ियों समीर दाद और दीपक ठाकुर के साथ उसी तरह खेले जैसा कि उन्होंने एशियाई खेलों में मुकेश कुमार व बलजीत सिंह के साथ प्रदर्शन किया था।
खेल जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां • 1989 मे धनराज पिल्लै आल्विन एशिया कप मे पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर शामिल हुए, जिस टीम ने रजत पदक जीता। • उपयुक्त अंतरराष्ट्रीय खेलो के अतिरिक्त धनराज ने सीनियर नेशनल 1997, जूनियर नेशनल 1995, राष्ट्रीय खेल 2002, जवाहर लाल नेहरू हॉकी टूर्नामेंट 2002, लाल बहादुर शास्त्री हॉकी टूर्नामेंट 2002,
गुरूप्पा गोल्ड कप 2002, 1999, 1998, में टीम के खिलाड़ी रहे। गुरूप्पा गोल्ड कप में 2002 व 1999 में वे मैन ऑफ द फाइनल चुने गए। धनराज पिल्ले कौन सा खेल खेलते हैं?धनराज पिल्ले (तमिल: தன்ராஜ் பிள்ளை) का (जन्म 16 जुलाई 1968) एक तमिल माता-पिता नागालिन्गम पिल्लै और अन्दालम्मा के चौथे पुत्र के रूप में हुआ। फील्ड हॉकी खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान हैं।
धनराज ने अपनी पहली हॉकी कहाँ खेली?धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी की 1985 में मणिपुर में खेली। उस समय उनका शरीर बहुत दुबला-पतला था और चेहरा छोटे बच्चे जैसा था।
धनराज पिल्लै का जन्म कहाँ हुआ था?खडकी, भारतधनराज पिल्ले / जन्म की जगहnull
धनराज पिल्ले का बचपन कहाँ बीता?धनराज पिल्लै से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
धनराज पिल्लै का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था और उनका बचपन ऑर्डनेंस फैक्ट्री स्टाफ कॉलोनी में बिता था, जहां उनके पिता ग्राउंडसमैन थे।
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