प्रश्न 10-1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए। Show उत्तर : जापान के शहर तोमोए में हर एक बच्चे का एक निजी पेड़ था। चूँकि यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। तोत्तो-चान जानती थी कि यासुकी-चान आम बालक की तरह पेड़ पर चढ़ने की इच्छा रखता है इसलिए उसकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए तोत्तो-चान ने यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने का अथक प्रयास किया। प्रश्न 10-2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए। उत्तर : तोत्तो-चान रोज अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी परन्तु इस बार अथक परिश्रम से पोलियोग्रस्त अपने मित्र यासुकी-चान को पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचाने से उसे आज ख़ुशी के साथ आत्म संतुष्टि भी मिली जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था। वहीँ दूसरी तरफ यासुकी-चान पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया जिससे उसके मन की इच्छा पूरी हुई जो उसके लिए अपूर्व अनुभव था। प्रश्न 10-3. पाठ में खोजकर देखिए - उत्तर : जब तोत्तो-चान और यासुकी-चान एक तिपाई-सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक पहुँच रहे थे तब सूरज का ताप उनपर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींच रही थी तब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। मेरे अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण उन दो मित्रों को सहयोग उनके भले काम में सहयोग देना था। अपूर्व अनुभव प्रश्न / उत्तर प्रश्न-1यासुकी - चान का घर कहाँ था? उत्तर -यासुकी - चान का घर डेनेनचोफु में था। प्रश्न-2"अपूर्व अनुभव" पाठ की विधा क्या है? उत्तर –"अपूर्व अनुभव" पाठ की विधा 'संस्मरण' है। प्रश्न-3 तोमोए में पेड़ को बच्चे कैसी संपत्ति मानते थे? उत्तर - तोमोएमेंपेड़कोबच्चेअपनीनिजीसंपत्तिमानतेथे। प्रश्न-4तोत्तो-चान की योजना के बारे में किसे पता नहीं था? उत्तर - तोत्तो-चानकीयोजनाकेबारेमेंउसकीमाताकोपतानहींथा। प्रश्न-5 तोत्तो-चान ने सबसे पहले अपनी योजना के बारे में किसे बताया? उत्तर - तोत्तो-चाननेसबसेपहलेअपनीयोजनाकेबारेमेंरॉकीको बताया। प्रश्न-6"देखो, अब डरना मत," ऐसा तोत्तो-चान ने किसकी आवाज़ में कहा? उत्तर - "देखो, अबडरनामत," ऐसातोत्तो-चाननेबड़ी बहनकी - सीआवाज़मेंकहा। प्रश्न-7तोत्तो-चान के पेड़ की द्विशाखा कैसी थी? उत्तर - तोत्तो-चानकेपेड़की द्विशाखाबिलकुलकिसीझूलेसीआरामदेहजगहथी। प्रश्न-8तोत्तो-चान का पेड़ कहाँ था? उत्तर - तोत्तो-चानका पेड़मैदानकेबाहरीहिस्सेमेंकोहोन्बुत्सुजानेवालीसड़ककेपासथा। प्रश्न-9तोमोए में पेड़ और बच्चों के बीच क्या संबंध है? उत्तर - तोमोएमेंहरेकबच्चाबाग़केएक - एकपेड़कोअपनेखुदकेचढ़नेकापेड़ मानताथा। प्रश्न-10तोत्तो-चान ने कौन सा साहस भरा काम किया था? उत्तर - तोत्तो-चाननेअपनेपोलियोग्रस्तमित्रयासुकी - चान कोपेड़परचढ़ाकरसाहसभराकामकियाथा। प्रश्न-11पेड़ की द्विशाखा पर पहुँचते ही तोत्तो-चान और यासुकी - चान ने एक दूसरे से क्या कहा? उत्तर - तोत्तो-चाननेसम्मानसेझुककरकहा, "मेरेपेड़परतुम्हारास्वागतहै।" यासुकी - चानने झिझकतेहुएमुसकराकेपूछा, "क्यामैंअंदरआसकताहूँ ?" प्रश्न-12तोत्तो-चान का पेड़ कैसा था? उत्तर - तोत्तो-चानकापेड़बड़ाथा।उसपरचढ़नेजाओतोपैरफिसल - फिसलजातेथे।पर, ठीकसेचढ़नेपरज़मीनसेकोईछहफुटकीऊँचाईपरएकद्विशाखापरपहुँचाजा सकताथा। प्रश्न-13अपनी माँ से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे क्यों थीं? उत्तर -तोत्तो-चान ने अपनी माँ से झूठ कहा था कि वह यासुकी-चान के घर जा रही है। असल में वह यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए लेकर जा रही थी। उसे डर था कि अगर उसने माँ की ओर देखा तो माँ उसकी चोरी पकड़ लेगी और उसे नहीं जाने देगी। इसी डर के कारण झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नज़रें नीचे थी। प्रश्न-14पेड़ पर बैठे - बैठे तोत्तो-चान और यासुकी - चान क्या बातें कर रहे थे? उत्तर - तोत्तो-चानऔरयासुकी - चानपेड़परबैठे - बैठे इधर - उधरकीगप्पेंलड़ारहेथे ।यासुकी - चाननेतोत्तो-चानकोटेलीविज़नकेबारे मेंबतायाजिसकेबारेमेंउसेअपनीअमरीकामेंरहरहीबहनसेपताचलाथा। यासुकी - चाननेतोत्तो-चानसेकहाकिजबटेलीविज़नजापानमेंआजाएगातोघर बैठे -बैठेहीसूमोकुश्तीदेखसकेंगे। यहसारीबातेंसुनकरतोत्तो-चानसोचरहीथी किसूमोपहलवानघरमेंरखेडिब्बेंमेंकैसेसमाजाएँगे? प्रश्न-15‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह……….अंतिम मौका था।’-इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा? उत्तर -यासुकी - चान को पोलियो था, इसलिए वह स्वंय पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। तोत्तो-चान ने कठोर परिश्रम और जोख़िम उठा कर यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाया था। तोत्तो-चान के लिए दुबारा इस तरह का जोख़िम उठाना संभव नहीं था। इसलिए यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह पहला और अंतिम मौका था। तोमोए में पेड़ और बच्चों के बीच क्या संबंध?तोमोए में बच्चों में क्या प्रचलन था? Solution : तोमोए में यह प्रचलन था कि हरेक बच्चा बाग के एक पेड़ को खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था।
तोमोए में पेड़ों से जुड़ी कौन सी परंपरा है अपूर्व अनुभव पाठ के आधार पर उत्तर लिखिए?उत्तर:- तोत्तो-चान का अनुभव – तोत्तो-चान स्वयं तो रोज ही अपने निजी पेड़ पर चढ़ती थी और खुश होती थी परंतु आज पोलियो से ग्रस्त अपने मित्र यासुकी-चान को पेड़ की द्विशाखा तक पहुँचाने से उसे प्रसन्नता के साथ-साथ अपूर्व आत्म संतुष्टि भी प्राप्त हुई।
तोत्तो चान के पेड़ की क्या विशेषता थी?बड़ा सा पेड़ था उसका, चढ़ने जाओ तो पैर फिसल-फिसल जाते। पर, ठीक से चढ़ने पर ज़मीन से कोई छह फुट की ऊँचाई पर एक विशाखा तक पहुँचा जा सकता था। बिलकुल किसी झूले-सी आरामदेह जगह थी यह। तोत्तो-चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद ऊपर चढ़ी मिलती।
तोमोए में पेड़ों से जुड़ी कौन सी परंपरा है तथा तोत्तो चान के पेड़ की क्या विशेषता थी?तोमोए में पेड़ों से जुड़ी कौन-सी परंपरा है? उत्तर तोमोए में पेड़ों से जुड़ी एक-विशेष परंपरा है। वहाँ हर बच्चा एक-एक पेड़ को अपने लिए चुनता है। वह उसी पेड़ पर चढ़ता है।
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