सोयाबीन की ग्रोथ के लिए क्या डालें? - soyaabeen kee groth ke lie kya daalen?

मध्यप्रदेश के किसानों को सोयाबीन उगाने का लगभग 40-50 साल का अनुभव तो हो ही गया है। फिर भी इसकी उपज के हिसाब से मध्यप्रदेश का प्रति हैक्टेयर औसत उत्पादन लगभग एक टन (दस क्विंटल) प्रति हैक्टेयर के आसपास ही झूल रहा है। कारण कुछ किसान यदि इसकी उपज 6 क्विंटल प्रति बीघा ले रहे हैं, तो ऐसे किसान भी हैं जो प्रति बीघा डेढ़ से दो क्विंटल से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उत्पादन क्षमता में यह फसल कमजोर नहीं है।

इसका उत्पादन 30-35 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक कई जगह लिया जा रहा है। उपज में इस भारी अंतर का कारण जानने के लिए अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्थानों पर कुछ सर्वे किए गए। उनसे प्राप्त आँकड़ों के विश्लेषण के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले गए, जो इस प्रकार हैं-

सोयाबीन में सबसे बेस्ट टॉनिक कौन सा है?

सोयाबीन की फसल के लिए अच्छी केचुआखाद या बोनमील का भी प्रयोग कर सकते हैं । अन्य किसी भी प्रकार के टानिक की कतई आवश्यकता नहीं है ।

सोयाबीन कैसे बढ़ाएं?

सोयाबीन की कम फैलने वाली किस्मों की कतारों में 30 से 35 व अधिक फैलने व लंबी अवधि वाली किस्मों की कतारों के बीच 40 से 45 सेमी का अंतर रखा जाता है। एक ही कतार में पौधे से पौधे के बीच 10 से 12 सेमी की दूरी रखी जानी चाहिए। पौधों को अधिक घना रखने से पौधे के निचले भाग तक हवा व धूप नहीं पहुँच पाती है।

सोयाबीन में कौन सी दवाई डालनी चाहिए?

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सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली सोयाबीन कौन सी है?

सोयाबीन की जेएस 9560 किस्म इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 25-28 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म का दाना पीले रंग का होता है, मजबूत दाना होता है। इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं। इस किस्म से सोयाबीन की फसल 80-85 दिन में कटाई क लिए तैयार हो जाती हैं।