Show प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया अनेक कारकों द्वारा प्रभावित होती है। इसके कुछ कारक बाह्य होते हैं तथा कुछ भीतरी। इसके अतिरिक्त कुछ सीमाबद्ध कारक भी होते हैं। बाह्य कारण वे होते है जो प्रकृति और पर्यावरण में स्थित होते हुए प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करते हैं जैसे प्रकाश, कार्बनडाई ऑक्साइड, तापमान तथा जल। आंतरिक कारण वे होते हैं जो पत्तियों में स्थित होते हुए प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करते हैं जैसे- पर्ण हरिम, प्ररस, भोज्य पदार्थ का जमाव, पत्तियों की आंतरिक संरचना और और पत्तियों की आयु। इसके अतिरिक्त प्रकाश संश्लेषण को इन सभी वस्तुओं की गति भी प्रभावित करती है। जब प्रकाश संश्लेषण की एक क्रिया विभिन्न कारकों द्वारा नियन्त्रित होती है तब प्रकाश संश्लेषण की गति सबसे मन्द कारक द्वारा नियंत्रित होती है। प्रकाश, कार्बनडाइऑक्साइड, जल, क्लोरोफिल इत्यादि में से जो भी उचित परिमाण से कम परिमाण में होता है, वह पूरी क्रिया की गति को नियन्त्रित रखता है। यह कारक समय विशेष के लिए सीमाबद्ध कारक कहा जाता है। बाह्य कारक[संपादित करें]
आंतरिक कारण[संपादित करें]
सीमाबद्ध कारक[संपादित करें]जब एक क्रिया विभिन्न कारकों द्वारा नियन्त्रित होती है तब प्रकाश संश्लेषण की गति सबसे मन्द कारक द्वारा सीमित होती है। एफ. ई. ब्लैकमैन ने १९०५ ई. में प्रकाश-संश्लेषण के सम्बन्ध में अपने शोध प्रपत्र में इस जानकारी को लिखा था। बाद में यह एक नियम बन गया जिसका महत्व केवल प्रकाश-संश्लेषण ही नहीं सभी जैव-रसायनिक क्रियायों के लिए है। प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया की गति प्रकाश, कार्बनडाइऑक्साइड, जल, क्लोरोफिल इत्यादि कारकों द्वारा नियंत्रित होती है। इनमें से जो भी उचित परिमाण से कम परिमाण में होता है, वह पूरी क्रिया की गति को नियन्त्रित रखता है एवं उसी उस समय के लिए सीमाबद्ध कारक कहा जाता है। प्रकाश संश्लेषण के महत्व - भोजन सामग्री का उत्पादन मानव को उपलब्ध लगभग 90% खाद्य पदार्थ, विटामिन आदि पौधों के विभिन्न भागों, उदाहरण तना, पत्ती एवं जड़, फल, फूल एवं बीज आदि से प्राप्त होता है। पौधों से प्राप्त भोज्य पदार्थों कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन से ही सजीव का शरीर निर्माण होता है और विविध जैव-क्रियाओं के निमित्त ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इसमें सर्वप्रथम शर्करा निर्मित होती है। तत्पश्चात अमीनो अम्ल आदि का निर्माण होता है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स [[चित्र:|thumb|right|200px|]] [1] प्रकाश संश्लेषण के महत्व -
प्रकाश संश्लेषण के लिए कौन सा प्रकाश अधिक प्रभावी है?इनमें सर्वाधिक प्रकाश-संश्लेषण लाल रंग के प्रकाश में, इसके बाद कुछ कम बैंगनी रंग के प्रकाश में तथा अन्य रंगो के प्रकाश में और अधिक कम प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया होती है।
कौन सा प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है?प्रकाश सूर्य का प्रकाश प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक है। बल्ब आदि के तीव्र कृत्रिम प्रकाश में भी प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया होती है। लाल रंग के प्रकाश में यह क्रिया सबसे अधिक होती है। लाल के बाद बैगनी रंग के प्रकाश में यह क्रिया सबसे अधिक होती है।
प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?Solution : बाह्य कारक प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा, ताप, ऑक्सीजन एवं रासायनिक पदार्थ तथा आन्तरिक कारक पर्णहरिम, जीवनद्रव्य, भोजन पदार्थ का संचय एवं पत्ती की आंतरिक संरचना ।
प्रकाश संश्लेषण में प्रकाश का कौन सा रंग सबसे अधिक अवशोषित होता है?Solution : नीला प्रकाश, प्रकाश की वह तरंग दैर्ध्य है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए अधिकतम अवशोषित होती है।
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