बच्चों की कौन सी शरारत सबसे महंगी पड़ी? - bachchon kee kaun see sharaarat sabase mahangee padee?

विषयसूची

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  • 1 माता का आँचल पाठ में बालक अपने पिता के साथ नदी पर क्यों जाता था?
  • 2 भोलानाथ का लगाव का पता के साथ अधिक था लेकिन कब पक्षी की दशा में वह माता के पास क्यों जाता है?
  • 3 माता का आँचल के आधार पर एक दिन खूब तेज बारिश हुई वर्षा बंद होते ही बच्चों को क्या नजर आए?
  • 4 पिता के आ जाने पर खेल खेलते सब बच्चे भाग क्यों जाते थे?
  • 5 पिता से अधिक जुड़ाव होने पर भी विपदा के समय बच्चा पिता के पास न जाकर माँ की ही शरण क्यों लेता है?
  • 6 भोलानाथ की मांँ एक थाली में भोलानाथ को क्या खिलाती थी?
  • 7 माता का आंँचल पाठ में लेखक के शैशव की क्या विशेषताएँ थी?
  • 8 खेल से जुड़ी तुकबंदी?
  • 9 माता का आंचल पाठ के आधार पर लिखिए कि शिशु का नाम बोलना कैसे पड़ा?
  • 10 लेखक को बचपन में कैसे खेल पसंद थे?
  • 11 बच्चों द्वारा की गई कौन सी शरारत उन्हें महँगी पड़ी?
  • 12 माता का आंचल पाठ के आधार पर बताइए कि बैजू तथा उअसके साथियों ने किसे चिढ़ाया और उसका परिणाम क्या हुआ?
  • 13 साँप से डरकर लेखक ने कहाँ शरण ली?

माता का आँचल पाठ में बालक अपने पिता के साथ नदी पर क्यों जाता था?

इसे सुनेंरोकेंउसके पिता उसका लालन-पालन ही नहीं करते थे, उसके संग दोस्तों जैसा व्यवहार भी करते थे। परंतु विपदा के समय उसे लाड़ की जरूरत थी, अत्यधिक ममता और माँ की गोदी की जरूरत थी। उसे अपनी माँ से जितनी कोमलता मिल सकती थी, उतनी पिता से नहीं। यही कारण है कि संकट में बच्चे को माँ या नानी याद आती है, बाप या नाना नहीं।

भोलानाथ का लगाव का पता के साथ अधिक था लेकिन कब पक्षी की दशा में वह माता के पास क्यों जाता है?

इसे सुनेंरोकेंउसे किसी-न-किसी प्रकार अधिकांश समय अपने साथ रखते थे अतः शिशु का पिता के प्रति अधिक लगाव स्वाभाविक था। किंतु माँ का स्नेह हृदयस्पर्शी होता है। निश्छल हृदय शिशु को हृदयस्पर्शी स्नेह की पहचान होती है। यही कारण है विपदा के समय शिशु पिता के पास न जाकर माँ के पास जाता है।

माता का अंचल पाठ से कोई दो तुकबंदी लिखिए जो आपको बहुत पसंद आई हो?

इसे सुनेंरोकेंआपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए। १ अटकन – बटकन दही चटाके। बनफूल बंगाले।

माता का आँचल के आधार पर एक दिन खूब तेज बारिश हुई वर्षा बंद होते ही बच्चों को क्या नजर आए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: यह सही है कि इस कहानी में बच्चों का अपने पिता के साथ अधिक जुड़ाव दिखाया गया है। लेकिन बच्चे अपने पिता और माता को अलग-अलग नजरिये से देखते हैं। जब उन्हें अत्यधिक असुरक्षा की भावना घेर लेती है तो वे अपनी माँ से सहारे और सांत्वना की उम्मीद करते हैं।

पिता के आ जाने पर खेल खेलते सब बच्चे भाग क्यों जाते थे?

इसे सुनेंरोकेंवे अपनी काल्पनिक दुनिया में किसी प्रकार की खलल, निर्देशात्मक दृष्टि या भाषणवाजी नहीं चाहते । पिता के आते ही उन्हें उपदेश आदि का भय लगने लगता है। इसलिए वे खेल बंद करके भाग जाते हैं।

भोलानाथ को कौन सी शरारत महँगी पड़ी *?

इसे सुनेंरोकेंभोलेनाथ को कौन-सी शरारत महँगी पड़ी? भोलेनाथ को चूहों के बिल में पानी डालना बहुत महँगा पड़ा। चूहों के बिल में पानी डालने से बिल से क्या निकला? चूहों के बिल में पानी डालने से बिल से साँप निकला।

पिता से अधिक जुड़ाव होने पर भी विपदा के समय बच्चा पिता के पास न जाकर माँ की ही शरण क्यों लेता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer:- प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था पर जब उस पर विपदा आई तो उसे जो शांति व प्रेम की छाया अपनी माँ की गोद में जाकर मिली वह शायद उसे पिता से प्राप्त नहीं हो पाती।

भोलानाथ की मांँ एक थाली में भोलानाथ को क्या खिलाती थी?

इसे सुनेंरोकेंऔर माँ थाली में दही-भात सानकर तोता, मैना, कबूतर, हंस, मोर आदि के बनावटी नाम से कौर बनाकर यह कहते हुए खिलाती जाती कि जल्दी खा लो, नहीं तो उड़ जाएँगे। इस प्रकार माँ के खेल-खेल में खिलाने पर भोलानाथ हँसते-हँसते खाना खा लेता था।

माता का अंचल पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक को बचपन में कैसे खेल पसंद थे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (d) कुश्ती । लेखक बचपन में अपने पिता जी के साथ कुश्ती किया करते थे।

माता का आंँचल पाठ में लेखक के शैशव की क्या विशेषताएँ थी?

इसे सुनेंरोकेंइसमें लेखक ने अपने शैशव काल का वर्णन किया है। भोलानाथ के पिता के दिन का आरम्भ ही भोलानाथ के साथ शुरू होता है। उसे नहलाकर पूजा पाठ कराना, उसको अपने साथ घूमाने ले जाना, उसके साथ खेलना व उसकी बालसुलभ क्रीड़ा से प्रसन्न होना, उनके स्नेह व प्रेम को व्यक्त करता है। भोलानाथ की माता वात्सल्य व ममत्व से भरपूर माता है।

खेल से जुड़ी तुकबंदी?

इसे सुनेंरोकेंआपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए। अटकन-बटन दही चटाके। अर्रक-बर्रक दूध की धार। चटोर भाग गया पल्ली पार।।

माता का आँचल नामक पाठ में लेखक अपने पिता और दोस्तों के साथ कौन कौन से खेल खेलता था अपने शब्दों में लिखिए?

इसे सुनेंरोकें(3) बच्चे का अपने पिता के साथ कुश्ती लड़ना। शिथिल होकर बच्चे के बल को बढ़ावा देना और पछाड़ खा कर गिर जाना। बच्चे का अपने पिता की मूंछ खींचना और पिता का इसमें प्रसन्न होना बड़ा ही आनन्दमयी प्रसंग है।

माता का आंचल पाठ के आधार पर लिखिए कि शिशु का नाम बोलना कैसे पड़ा?

इसे सुनेंरोकेंउनके पिता उन्हें सुबह नहला-धुलाकर अपने साथ पूजा में बिठा लेते थे। उनके ललाट पर भभूत एवं निड लगा देते थे। सिर पर संबी जटाएँ होने के कारण भभूत के साथ वह ‘बग-भोला’ बन जाते थे। पिता जी उन्हें इस रूप में देखकर बड़े प्यार से ‘भोलानाथ’ कहकर पुकारते थे और फिर इस तरह उसका नाम भोलेनाथ पड़ गया।

लेखक को बचपन में कैसे खेल पसंद थे?

माता का आंचल पाठ में भोलानाथ कौन था?

इसे सुनेंरोकेंभोलानाथ को माता व पिता दोनों से बहुत प्रेम मिला है। उसका दिन पिता की छत्रछाया में ही शुरू होता है। पिता उसकी हर क्रीड़ा में सदैव साथ रहते हैं, विपदा होने पर उसकी रक्षा करते हैं। परन्तु जब वह साँप को देखकर डर जाता है तो वह पिता की छत्रछाया के स्थान पर माता की गोद में छिपकर ही प्रेम व शान्ति का अनुभव करता है।

बच्चों द्वारा की गई कौन सी शरारत उन्हें महँगी पड़ी?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: (d) कुश्ती । लेखक बचपन में अपने पिता जी के साथ कुश्ती किया करते थे। भोलेनाथ को कौन-सी शरारत महँगी पड़ी? भोलेनाथ को चूहों के बिल में पानी डालना बहुत महँगा पड़ा।

माता का आंचल पाठ के आधार पर बताइए कि बैजू तथा उअसके साथियों ने किसे चिढ़ाया और उसका परिणाम क्या हुआ?

इसे सुनेंरोकेंबिना सोचे समझे मूसन तिवारी को चिढाना, चूहे के बिल में पानी डालना आदि उनकी मासूमियत और नादानी का ही उदाहरण है। वे नहीं जानते थे कि वे जो शरारत कर रहे हैं उसका क्या दुष्परिणाम हो सकता है | बच्चे खेल में इतने मस्त हो जाते हैं कि उन्हें घर-बार यहाँ तक की माँ-पिताजी की भी याद नहीं आती।

भोलानाथ और उसके साथ खेलते खाते की तुकबंदी करते थे?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आज के खेल और खेलने की सामग्री से अधिक भिन्‍न थी। पहले बच्चे अपने घर से बाहर दूर-दूर तक जाकर खेलते थे। माता-पिता को चिंता नहीं होती थी, किसी प्रकार का कोई डर न था। बच्चे टूटे-फूटे बरतनों, कागज़ की नाव तथा अन्य वस्तुओं के साथ ही खेलते थे।

साँप से डरकर लेखक ने कहाँ शरण ली?

इसे सुनेंरोकेंसाँप से डरकर भोलानाथ ने कहाँ शरण ली? साँप से डरकर भोलानाथ ने अपनी माँ के अँचल में शरण ली।

बच्चों को कौन सी शरारत सबसे महंगी पड़ी?

Question 27. बच्चों को कौन-सी शरारत सबसे मँहगी पड़ी।.
वे शिथिल होकर लेट जाते थे.
बच्चे उनको पछाड़ देते थे.
बच्चे उनकी लम्बी-लम्बी मूंछे उखाड़ने लगते थे।.

बच्चों के द्वारा की गई कौन सी शरारत उन्हें महंगी पड़ी पाठ के आधार पर वर्णित कीजिए?

पिता अपने साथ ही उसे सुलाते, सुबह उठाते और नहलाते थे । वे पूजा के समय उसे अपने पास बिठाकर शंकर जी जैसा तिलक लगाते और खुश कर देते थे | लेखक आईने में बड़े - बड़े बालों के साथ अपना तिलक लगा चेहरा देखता, तो पिता मुसकराने लगते और वह शरमा जाता था।

माता का आँचल पाठ का मूल भाव क्या है?

भोलानाथ का अपने पिता से अपार स्नेह था पर जब उस पर विपदा आई तो उसे जो शांति व प्रेम की छाया अपनी माँ की गोद में जाकर मिली वह शायद उसे पिता से प्राप्त नहीं हो पाती। माँ के आँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। लेखक ने इसलिए पिता पुत्र के प्रेम को दर्शाते हुए भी इस कहानी का नाम माँ का आँचल रखा है।

माता का अंचल पाठ में बालकों की कौन सी शरारत समस्या का कारण बनी?

बिना सोचे समझे मूसन तिवारी को चिढाना, चूहे के बिल में पानी डालना आदि उनकी मासूमियत और नादानी का ही उदाहरण है। वे नहीं जानते थे कि वे जो शरारत कर रहे हैं उसका क्या दुष्परिणाम हो सकता है | बच्चे खेल में इतने मस्त हो जाते हैं कि उन्हें घर-बार यहाँ तक की माँ-पिताजी की भी याद नहीं आती।