क्या हिंदी राष्ट्रभाषा है या राजभाषा? - kya hindee raashtrabhaasha hai ya raajabhaasha?

स्टोरी हाइलाइट्स

  • 1949 से हिंदी है भारत की राजभाषा
  • हर साल 14 सितंबर को होता है हिंदी दिवस

Is Hindi our National Language: सोशल मीडिया आजकल देशवासियों का पसंदीदा जंग का मैदान बना हुआ है. साउथ फिल्‍मों के एक्‍टर किच्‍चा सुदीप ने हिंदी को देश की राष्‍ट्रभाषा न होने की बात कही तो बॉलिवुड के हीरो अजय देवगन ने ट्विटर पर ही उनकी क्‍लास लगा दी. हालांकि, दोनो सितारों के बीच कोई भी विवाद बढ़ने से पहले ही आपस में सुलह हो गई मगर सोशल मीडिया पर यह डिबेट शुरू हो गई कि क्‍या हिंदी हिंदुस्‍तान की राष्‍ट्रभाषा है या नहीं? इसे लेकर देश का संविधान क्‍या कहता है और किस भाषा को राष्‍ट्रभाषा होने की आधिकारिक मान्‍यता है? आइये जानते हैं क्‍या है देश की आधिकारिक राष्‍ट्रभाषा.

हिंदी नहीं है राष्‍ट्रभाषा
भारत एक विविधताओं का देश है और यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है. यहां अनेक भाषाएं और बोलियां बोली, लिखी और पढ़ी जाती हैं. ऐसे में किसी भी एक भाषा को राष्‍ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है. भारत की एक बड़ी आबादी हिंदी भाषी है मगर बड़ी संख्‍या में लोग हिंदी न बोलते हैं न समझते हैं. न ही सभी को एक राष्‍ट्रभाषा सीखने और बोलने की कोई बाध्‍यता है. 

फिर 14 सितंबर को क्‍यों होता है हिंदी दिवस?
अपनी विभिन्‍नताओं के चलते भारत की कोई राष्‍ट्रभाषा नहीं है मगर सरकारी दफ्तरों में कामकाज के लिए एक भाषाई आधार बनाने के लिए हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है. संविधान के भाग 17 में इससे संबंधित महत्‍वपूर्ण प्रावधान भी किए गए हैं. 

हिंदी कब बनी राजभाषा?
हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को मिला. इसके बाद 1953 से राजभाषा प्रचार समिति द्वारा हर साल 14 सितंबर को हिंदी द‍िवस का आयोजन किया जाने लगा.

राजभाषा पर क्‍या कहता है देश का संविधान?
भारत के संविधान के भाग 17 के अनुच्‍छेद 343(1) में कहा गया है कि राष्‍ट्र की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागिरी होगी. 

किसे कहते हैं मातृभाषा?
मातृभाषा वह भाषा है जो हम जन्‍म के साथ सीखते हैं. जहां हम पैदा होते है, वहां बोली जाने वाली भाषा खुद ही सीख जाते हैं. आसान भाषा में समझें तो जो भाषा हम जन्‍म के बाद सबसे पहले सीखते हैं, उसे ही अपनी मातृभाषा मानते हैं.

अभी तक देश में किसी भाषा को राष्‍ट्रभाषा का दर्जा हासिल नहीं है सभी भाषाओं और एक समान सम्‍मान और आदर मिला हुआ है. देशवासी पूरे देश में अपनी मातृभाषा बोलने, लिखने और पढ़ने के लिए स्‍वतंत्र हैं. इस मौके पर भारतेंदु हरिशचंद्र की प्रसिद्द कविता हमें जरूरी याद करनी चाहिए-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल

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हिंदी दिवस पर दूर करें दुविधा, जानेंं क्‍या है हिंदी, राष्‍ट्रभाषा, राजभाषा या मातृभाषा

देश में 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि यह हमारी राष्‍ट्रभाषा नहीं है बल्कि इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्‍त है। राष्‍ट्रभाषा राजभाषा और मातृृभाषा में अंतर है जिसके बारे में विस्‍तार से बताया गया है।

नई दिल्‍ली, जागरण डिजिटल डेस्‍क। भारत विविधताओं से भरा एक देश है। यहां कई धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग रहते हैं। इनमें से हर एक की बोली अलग-अलग है, लेकिन इन सबमें हिंदी देश के सबसे अधिक राज्‍यों में बोली जाने वाली भाषा है।

हालांकि हिंदी भाषा को मिले दर्जे को लेकर कई अलग-अलग तर्क है। कोई कहता है कि यह हमारी राष्‍ट्रभाषा है, किसी के मुताबिक यह हमारी राजभाषा है, तो किसी के लिए यह हमारी मातृभाषा है।

आज 14 सितंबर के दिन पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Divas) मनाई जा रही है। ऐसे में आइए हम इस दुविधा को दूर करते हैं कि आखिर हिंदी क्‍या है, राष्‍ट्रभाषा, राजभाषा या मातृभाषा?

क्‍या हिंदी हमारी राष्‍ट्रभाषा है?

देश में हिंदी का भले ही कितना बोलबाला हो, लेकिन यह हमारी राष्‍ट्रभाषा नहीं है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्‍त है। इसे हम देश का आफिशियल लैंग्‍वेज (Official Language) नहीं बोल सकते हैं। हालांकि, देश में इसे बोलने वालों की संख्‍या अधिक है और इसके लगभग हर कोने में हिंदी बोलने वाला या समझने वाला कोई न कोई जरूर मिल जाता है।

हिंदी को कब मिला राजभाषा का दर्जा?

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने सन् 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्‍ट्रभाषा के रूप में मान्‍यता प्रदान की थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से इसे राजभाषा का दर्जा देने को लेकर सहमति जताई। 1950 में संविधान के अनुच्‍छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया गया।

देश के संविधान के अनुच्‍छेद 343 से लेकर 351 राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने गृह मंत्रालय के तहत राजभाषा विभाग का भी गठन किया है।

इसके बाद 1960 में राष्‍ट्रपति के आदेश से आयोग की स्‍थापना की गई 1963 में राजभाषा अधिनियम पारित हुआ और 1968 में राजभाषा संबंधी प्रस्‍ताव पारित हुआ। हालांकि, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर, 1953 को ही मनाया गया।

क्‍या है राष्‍ट्रभाषा, राजभाषा और मातृभाषा में अंतर?

राष्‍ट्रभाषा वह भाषा है जिसका किसी देश में सबसे अधिक प्रयोग होता है। यह देश की आधिकारिक भाषा होती है और देश का प्रतिनिधित्‍व करती है। जैसे डेनमार्क की राष्‍ट्रभाषा डैनिश है, ब्रिटेन की राष्‍ट्रभाषा अंग्रेजी है।

अब बात करते हैं राजभाषा की, तो जिस भाषा का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों और सरकारी कामकाज में होता है उसे राजभाषा कहते हैं जैसे हिंदी हमारी राजभाषा है। यहां अधिकतर दफ्तर वगैरह या सरकारी काम हिंदी में ही होते हैं।

मातृभाषा से तात्‍पर्य हम जहां पैदा होते हैं, वहां की बोली से है। जैसे अगर कोई बंगाल में पैदा हुआ है तो उसकी मातृभाषा बंगला है, कोई अगर तमिलनाड़ु से है तो तमिल उसकी मातृभाषा है।

भारत के अलावा और कहां बोली जाती है हिंदी?

भारत के बाहर पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्‍त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्‍य देशों में हिंदी बोलने का चलन है।

Edited By: Arijita Sen

हिंदी क्या है राजभाषा या राष्ट्रभाषा?

राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने सन् 1917 में सबसे पहले हिंदी को राष्‍ट्रभाषा के रूप में मान्‍यता प्रदान की थी। लेकिन 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से इसे राजभाषा का दर्जा देने को लेकर सहमति जताई। 1950 में संविधान के अनुच्‍छेद 343(1) के द्वारा हिंदी को देवनागरी लिपि के रूप में राजभाषा का दर्जा दिया गया।

हिंदी किसकी राष्ट्रभाषा है?

भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं है, हिंदी एक राजभाषा है यानि कि राज्य के कामकाज में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला हुआ है। भारत में 22 भाषाओं को आधिकारिक दर्जा मिला हुआ है, जिसमें अंग्रेजी और हिंदी भी शामिल है

क्यों हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं है?

हिंदी हमारी मातृभाषा है और यह राष्ट्रभाषा के रूप में कहीं भी पंजीकृत नहीं है। वास्तव में भारत की कोई आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 343 के खंड (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है।

हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा क्यों कहा गया है?

साल 1918 में महात्मा गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था। साल 1950 में हिंदी को संघीय भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला था। जिसके बाद हिन्दी भाषा का उपयोग भारत के सभी सरकारी काम-काजों में अधिकारिक भाषा के रूप में किया जाने लगा।