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वे क्षेत्र जहाँ काजू का उत्पादन होता है। काजू (द्विपद नामकरण : Anacardium occidentale / आनाकार्द्यूम् ओक्सीदेन्ताले) एक प्रकार का पेड़ है जिसका फल सूखे मेवे के लिए बहुत लोकप्रिय है। काजू का आयात निर्यात एक बड़ा व्यापार भी है। काजू से अनेक प्रकार की मिठाईयाँ और मदिरा भी बनाई जाती है। काजू का पेड़ तेजी से बढ़ने वाला उष्णकटिबंधीय पेड़ है जो काजू और काजू का बीज पैदा करता है। काजू[मृत कड़ियाँ] की उत्पत्ति ब्राजील से हुई है। किन्तु आजकल इसकी खेती दुनिया के अधिकांश देशों में की जाती है। सामान्य तौर पर काजू का पेड़ 13 से 14 मीटर तक बढ़ता है। हालांकि काजू की बौनी कल्टीवर प्रजाति जो 6 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ता है, जल्दी तैयार होने और ज्यादा उपज देने की वजह से बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। काजू का उपभोग कई तरह से किया जाता है। काजू के छिलके का इस्तेमाल पेंट से लेकर स्नेहक (लुब्रिकेंट्स) तक में होता है। एशियाई देशों में अधिकांश तटीय इलाके काजू उत्पादन के बड़े क्षेत्र हैं। काजू की व्यावसायिक खेती दिनों-दिन लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि काजू सभी अहम कार्यक्रमों या उत्सवों में अल्पाहार या नाश्ता का जरूरी हिस्सा बन गया है। विदेशी बाजारों में भी काजू की बहुत अच्छी मांग है। काजू बहुत तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है और इसमे पौधारोपण के तीन साल बाद फूल आने लगते हैं और उसके दो महीने के भीतर पककर तैयार हो जाता है। बगीचे का बेहतर प्रबंधन और ज्यादा पैदावार देनेवाले प्रकार (कल्टीवर्स) का चयन व्यावसायिक उत्पादकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सन्दर्भ[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
काजू जो की एक तरह का dry fruit होता है लगभग सभी लोग इसका नाम सुने होंगे और इसे खाए भी होंगे । यहाँ पर Kaju tree और fruit से जुडी पूरी जानकारी दी गयी है | खाने में स्वादिष्ट लगने वाला यह dry fruit केवल खाने में हीं स्वादिष्ट नही बल्कि कई तरह से फायदेमंद भी होता है । लेकिन क्या आप जानते है की जिस काजू को हम खाते है वह कहाँ से आता है ? इसके पेड़ कैसे होते है ? पेड़ से टूटने के बाद काजू कैसा दीखता है और कैसे इसे process के बाद खाने योग्य बनाया जाता है ? किस देश में इसका उत्पादन अधिक होता है ? अगर आप काजू के पेड़ के बारे में जानना चाहते है तो आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़े इसमें आपको इस पेड़ से जुडी कई जानकारियां दी गई है । तो आइये जानते हैं इस Kaju tree से जुडी information और इसके फायदे विस्तार में | काजू का पेड़ एक बहुत हीं तीव्रता से बढ़ने वाला उष्णकटिबंधीय वृक्ष होता है । आमतौर पर यह वृक्ष लगभग 13 से लेकर 14 meter तक बढ़ता है। यह एक ऐसा पेड़ है जो काजू के बीज और काजू सेब का उत्पादन करता है। लेकिन इसके बौने किस्म 6 मीटर (20 फीट) तक बढ़ते है, जो की उच्च पैदावार के साथ अधिक लाभदायक साबित हुआ है। यह पेड़ अक्सर अनियमित shape के ट्रंक के साथ बढ़ता है। काजू के बीज, जिसे अक्सर काजू हीं कहा जाता है, व्यापक रूप से इसी का सेवन किया जाता है। पत्तेकाजू के पेड़ के पत्ते सर्पिल रूप से व्यवस्थित, चमड़े की बनावट वाली, अण्डाकार से ओबेटेट, लगभग 4 से 22 cm (1.6–8.7 इंच) तक लंबी और 2 से 15 cm (0.79–5.91 इंच) चौड़ी होती हैं, जिसमें चिकनी मार्जिन भी होते है। फूलकाजू के पेड़ पर लगने वाले फूल लगभग 26 cm (10 इंच) तक के एक पैनिकल या कोरिम्ब में उत्पन्न होते हैं । इसके प्रत्येक फूल पहले छोटा, हल्का हरा और फिर फिर लाल, पांच पतले, तीव्र पंखुड़ियों वाला 7-15 मिमी लंबा होता है। फल काजू के पेड़ का फल यानि की काजू एक उपयोगी फल है । इसके फल का shape ऐसा प्रतीत होता है की यह एक अंडाकार या नाशपाती के आकार का संरचना है। इसका फल खाने योग्य होता है और इसमें एक मजबूत “मीठा” गंध और स्वाद होता है। काजू के पेड़ का फल किडनी या बॉक्सिंग-दस्ताने के आकार का ड्रूप में बढ़ता है। ड्रूप सबसे पहले पेड़ पर बढ़ता है, और फिर पेडिकेल काजू सेब (Pedicel cashew apple) बनने के लिए फैलता है । काजू सेब का गुद्दा बहुत हीं रसदार होता है, लेकिन इसके त्वचा बहुत हीं नाजुक होते है। काजू के फायदे
काजू का उत्पादन करे वाले देश / कहाँ होता हैंकाजू के पेड़ का जन्म स्थल “ब्राजील” है । काजू मूल रूप से ब्राजीलियन नट हीं कहलाता है। सन 1550 में पुर्तगाली शासकों द्वारा ब्राजील से काजू की आयत निर्यात शुरू की थी | सन 1563 से लेकर 1570 के बीच पुर्तगाली ही इसे सबसे पहले गोवा ले कर आये और वहां इसका प्रोडक्शन शुरू करवाया । वहां से यह धीरे धीरे पूरे South East Asia में फैल गया। दुनिया का सबसे बड़ा काजू का पेड़ लगभग 7,500 m2 (81,000 वर्ग फुट) क्षेत्र में फैला हुआ है और यह नेटाल, रियो ग्रांडे डो नॉर्ट, ब्राजील में स्थित है। उगाने के लिए उचित परिस्थितियांकाजू का पेड़ बहुत हीं तीव्र रूप से बड़ा होने वाला पेड़ है जिसपर पौधा रोपने के लगभग 3 साल बाद हीं फूल लगने हैं और उसके कुछ महीने बाद हीं फल पककर तैयार होने लगते है। इसके पेड़ को उगाने के लिए कुछ उचित परिस्थितियों का होना जरुरी है जैसे की :-
काजू के पौधे लगाने की विधि और समयआमतौर पर चैकोर विधि से काजू के पौधे को लगाया जाता है । इसके पौधे को June से लेकर August के बीच में रोपना सही रहता है । इसके पौधे को सर्दियों के मौसम को छोड़कर साल के किसी भी महीने में पानियों से सींचा जा सकता है । पौधे को रोपने समय ध्यान रहे की पौधे से पौधे की दूरी लगभग 7.5×7.5 meter से लेकर 8×8 मीटर होनी चाहिए । काजू के पौधे लगाने के समय अच्छी मात्र में खाद का उपयोग करना चाहिये ताकि पौधा सेहतमंद बढे | इसके पेड़ों को सही शकल देने के लिए समय समय पर पेड़ की कटाई छटाई करते रहना जरुरी है। काजू की खेती सबसे ज्यादा कहाँ होती है?भारत दुनिया में 23 प्रतिशत से अिधक काजू का उत्पादन करता है। वर्तमान में केरल में सबसे अधिक उप्तादन होता है। देश का 28.09 प्रतिशत उत्पादन यहीं होता है। वहीं महाराष्ट्र 20.31 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर है।
भारत में काजू कहां उगाया जाता है?काजू की व्यावसायिक खेती हमारे देश के आठ राज्यों में मुख्य रूप से पश्चिमी और पूर्वी तट जैसे आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में की जाती है। इसके अलावा, काजू असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में भी उगाया जाता है।
काजू कौन से देश में होते हैं?एशियाई देशों में अधिकांश तटीय इलाके काजू उत्पादन के बड़े क्षेत्र हैं। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तामिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा एवं पं. बंगाल में की जाती है परंतु झारखंड राज्य के कुछ जिले जो बंगाल और उडीसा से सटे हुए हैं वहां पर भी इसकी खेती की अच्छी संभावनाएं हैं।
भारत में काजू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?महाराष्ट्र भारत के राज्यों में काजू का सबसे बड़ा उत्पादक है और आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बाद महाराष्ट्र है।
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