कबीर ने अपने को क्या कहा है और क्यों? - kabeer ne apane ko kya kaha hai aur kyon?

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Short Note

कबीर ने संसार को किसके समान कहा है और क्यों?

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Solution

कबीर ने संसार को श्वान रूपी कहा है क्योंकि जिस तरह हाथी को जाता हुआ देखकर कुत्ते अकारण भौंकते हैं उसी तरह ज्ञान पाने की साधना में लगे लोगों को देखकर सांसारिकता में फँसे लोग तरह-तरह की बातें बनाने लगते हैं। वे ज्ञान के साधक को लक्ष्य से भटकाना चाहते हैं।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)

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Chapter 9: साखियाँ एवं सबद - अतिरिक्त प्रश्न

Q 9Q 8Q 10

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1

Chapter 9 साखियाँ एवं सबद
अतिरिक्त प्रश्न | Q 9

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कबीर ने अपने को क्या कहा है?

Solution : कबीर अपने आप को दीवाना कहता है क्योंकि उनके अनुसार ईश्वर निर्गुण, निराकार, <br> अजय-अमर और अविनाशी है और उन्होंने ने इस परमात्मा का आत्म साक्षात्कार कर <br> लिया है अब वे राग-द्वेष, अंहकार और मोह-माया से दूर होकर निर्भय हो चुके हैं अत: <br> ईश्वर के सच्चे भक्त होने के कारण दीवाने हैं।

ने अपने को दीवाना क्यों कहा है?

कबीर ने स्वयं को दीवाना इसलिए कहा है, क्योंकि वह निर्भय है। उसे किसी का कुछ भी कहना व्यापता नहीं है। वह ईश्वर के सच्चे स्वरूप को पहचानता है। वह ईश्वर का सच्चा भक्त है, अत: दीवाना है।

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है इसके समर्थन में उन्होंने क्या क्या तर्क दिए हैं?

इसके समर्थन में उन्होंने निम्न तर्क दिए हैं - <br> • कबीर के अनुसार जिस प्रकार विश्व में एक ही वायु और जल है, उसी प्रकार संपूर्ण संसार में <br> एक ही परम ज्योति व्याप्त है। <br> • सभी मानव एक ही मिट्टी से अर्थात् ब्रम्ह द्वारा निर्मित हैं। <br> • परमात्मा लकड़ी में अग्नि की तरह व्याप्त रहता है।