श्रीलंका में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं - shreelanka mein pradarshan kyon ho rahe hain

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कोलंबो Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Sun, 10 Jul 2022 07:43 PM IST

श्रीलंका में आए आर्थिक संकट के बीच स्थितियां जबरदस्त तरह से बिगड़ गई हैं। दरअसल, कर्फ्यू में ढील के एलान के बाद जनता ने सड़कों पर उतर कर जो प्रदर्शन शुरू किया, वह देखते ही देखते पहले राष्ट्रपति भवन और फिर प्रधानमंत्री के आवास तक पहुंच गया। हालात यह हो गए कि एक के बाद एक राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और फिर पीएम रानिल विक्रमसिंघे को इस्तीफा देने की बात तक कहनी पड़ी। हालांकि, स्थिति यहां से नहीं सुधरी है। श्रीलंका में अब भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन जारी हैं।

ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर श्रीलंका में दो महीने पहले तक जबरदस्त तरीके से चल रहे प्रदर्शन एक बार फिर क्यों भड़क उठे? आखिर अब संकट कितना गंभीर हो चुका है? इस संकट का लोगों पर किस तरह से असर पड़ रहा है? इसके अलावा पीएम राजपक्षे के पद छोड़ने के बावजूद नए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे का विरोध क्यों शुरू हो गया? साथ ही आखिर सरकार अब तक संकट को कम करने के लिए क्या कर रही है?

पहले जानें- कितना गंभीर है श्रीलंका का संकट?
श्रीलंका का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 82 अरब डॉलर है, जबकि उसके ऊपर मौजूदा कर्ज 51 अरब डॉलर का है। बीते महीनों में जारी आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका इस कर्ज पर ब्याज की राशि भी नहीं चुका पाया है। यानी उसकी कर्ज की राशि लगातार बढ़ती जा रही है। इस समस्या के बीच कोढ़ में खाज का काम किया है श्रीलंका के लगातार गिरते पर्यटन क्षेत्र (टूरिज्म सेक्टर) ने। कोरोना महामारी के बाद से ही श्रीलंका की स्थिति खराब हुई है और प्रतिबंधों की वजह से उसका पर्यटन क्षेत्र तबाह हो चुका है। 

दूसरी तरफ श्रीलंका की मुद्रा- श्रीलंकाई रुपये में भी कोरोना के बाद से 80 फीसदी तक की गिरावट आई है, जिससे अहम वस्तुओं का आयात लगभग नामुमकिन हो रहा था। आर्थिक संकट शुरू होने के बाद से ही देश में ईंधन और जरूरत के सामान मंगाने की वजह से जरूरी विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होना शुरू हो गया। आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो रुपये की गिरती कीमत की वजह से निर्यातकों ने भी श्रीलंका से डॉलर में ही पेमेंट की मांग की। ऐसे में मजबूरन श्रीलंका को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च कर अहम उत्पादों का आयात जारी रखना पड़ा। इनमें पेट्रोल-डीजल और कोयले से लेकर मेडिकल जरूरत के सामान और दवाएं शामिल रहीं। अंततः स्थिति यहां तक बिगड़ चुकी है कि अब श्रीलंका के पास इन दोनों उत्पादों को खरीदने के लिए भी विदेशी मुद्रा नहीं है। 

उधर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया में अहम उत्पादों की कमी ने महंगाई को भी बढ़ावा दिया है। कुल मिलाकर देश की जरूरत के लिए अहम वस्तुओं का महंगा होना और उनके आयात में आ रही मुश्किलों ने श्रीलंका को गर्त में धकेल दिया। इस दौरान खाद्य उत्पाद भी 57 फीसदी तक महंगे हो गए। इन्हीं कुछ वजहों से श्रीलंका मौजूदा समय में दिवालिया होने की कगार पर है। 

श्रीलंका में दो महीने बाद फिर क्यों भड़क उठे प्रदर्शन, लोगों पर कैसे पड़ रहा असर? 
श्रीलंका में इस वक्त खाद्य सामग्रियों के आयात में कमी और महंगाई का जबरदस्त प्रकोप है। आलम यह है कि लोगों के पास खाना खरीदने तक के पैसे नहीं हैं और वे दिन में एक ही बार खाना खाकर गुजारा कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम) के मुताबिक, इस वक्त श्रीलंका में 10 में से नौ परिवार एक समय का खाना छोड़ रहे हैं या थाली में कम से कम खाना ले रहे हैं। इस दौरान 30 लाख लोगों को ही आपात मानवीय मदद पहुंचाई जा सकी है।

इतना ही नहीं श्रीलंका के आर्थिक संकट का असर देश के चिकित्सा क्षेत्र पर भी पड़ा है। अस्पतालों के पास इस वक्त मरीजों के इलाज के लिए जरूरी उपकरण नहीं है। ऐसे में डॉक्टरों को लोगों के इलाज तक के लिए उपकरण जुटाने में सोशल मीडिया पर अपील करनी पड़ रही है। पूरे देश में कोयले की कमी की वजह से लोगों को 10 से 12 घंटे तक बिना बिजली के समय बिताना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के आयात के लिए भुगतान न कर पाने की वजह से लोगों को घंटों तक लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है।

इसके अलावा श्रीलंका में ज्यादा से ज्यादा लोग अब विदेश जाकर नौकरी की तलाश में हैं, ताकि वे अपने घरवालों का पेट पाल सकें। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को तीन महीने तक के लिए हर हफ्ते एक अतिरिक्त छुट्टी भी दी जा रही है ताकि वे खुद अपना खाना उगाने का इंतजाम कर सकें।

Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट काफी गहरा गया है. इस बीच महंगाई से परेशान लोग जोरदार प्रदर्शन (Sri Lanka Protest) कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को घेर लिया है. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) आवास छोड़कर भाग गए हैं. खबर है कि प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आवास के बाहर काफी हंगामा किया. कुछ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के अंदर घुस गए. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. 

श्रीलंका में जोरदार प्रदर्शन

बताया जा रहा है कि कोलंबो (Colombo Protest) में विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई है. पुलिसकर्मियों समेत कई लोग जख्मी हुए हैं. पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया है. इस बीच, गाले क्रिकेट स्टेडियम में भी हंगामा होने की खबर है, जहां ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका का मैच हो चल रहा है. प्रदर्शनकारी यहां भी पहुंच गए हैं. जानकारी के मुताबिक पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी प्रदर्शन में शामिल हुए हैं.

राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग

श्रीलंका में प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं - shreelanka mein pradarshan kyon ho rahe hain

गौरतलब है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की हालत लगातार बदतर होती जा रही है. देश के आम लोग महंगाई से त्रस्त हैं. काफी दिनों से लोग ऑयल और बिजली संकट से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है. 

पीएम ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

उधर, श्रीलंका (Sri Lanka) के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने हालात पर चर्चा करने और कुछ समाधान निकालने के लिए पार्टी के नेताओं की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद सत्र बुलाने की मांग की है. 

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