कबड्डी को हिंदी में क्या कहा जाता है? - kabaddee ko hindee mein kya kaha jaata hai?

कबड्डी का इतिहास

कबड्डी खेल की शुरूआत कहाँ से हुई? कबड्डी खेल की उत्पत्ति भारत में ही हुई, इसीलिए इसे भारत का मूल खेल कहा जा सकता है। यह खेल भारत के प्रत्येक राज्य में खेला जाता है। महाभारत काल में कबड्डी ‘एक श्वास’ नाम से भी जाना जाता था। अलग-अलग राज्यों में इस खेल को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। बंगाल व बिहार में इसे ‘हु डु डु’ मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में ‘हु तु तु’ तमिलनाडु व कर्नाटक में ‘चडुगुडु’ के नाम से जाना जाता है।
सन् 1923 में दक्कन जिमखाना ने कबड्डी के नियमों की एक पुस्तिका प्रकाशित परिषद ने कबड्डी के नियमों की एक पुस्तिका प्रकाशित कराई। सन् 1934 में अखिल महाराष्ट्र शारीरिक परिषद ने कबड्डी के नियमों को संशोधित किया। सन् 1938 में कबड्डी की प्रथम अखिल भारतीय प्रतियोगिता प्रारम्भ हुई। 1938 के बर्लिन ओलंपिक खेलों में कपड़ी का प्रदर्शन किया गया। सन् 1938 में कलकत्ता में कबड्डी को भारत के राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया। हालांकि इस खेल को राष्ट्रीय स्तर पर सन् 1951 में मिला ‘जब राष्ट्रीय कबड्डी संघ’ का गठन किया गया।
सन् 1957 में मास्को (Moscow) में विश्व युवा समारोह में भी कबड़ी का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय स्कूल खेलों में लड़को की कबड्डी को सन् 1962 व लड़कियों की कबड्डी को सन् 1975 में शामिल किया गया। हालांकि कबड्डी को ओलम्पिक खेलों में शामिल नहीं किया गया है। लेकिन इस खेल को एशियन गेम्स में शामिल कर लिया गया है। भारतवर्ष के अलावा कबड्डी पाकिस्तान, वर्मा, श्रीलंका, नेपाल, कम्बोडिया, मलेशिया, इण्डोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैण्ड व बांग्लादेश में भी काफी लोकप्रिय हैं।

कबड्डी में कितने खिलाड़ी होते हैं?

कबड्डी की एक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से 7 खिलाड़ी खेलने वाले होते हैं तथा बाकी 5 खिलाड़ी प्रतिस्थापन्न या अतिरिक्त खिलाड़ी होते है।

कबड्डी के नियम

कबड्डी के नियम निम्नलिखित हैं :

  1. बोनस का अंक लेने के लिए विपक्षी टीम में कम से कम 6 खिलाड़ी होने चाहिए। यदि किसी खिलाड़ी को तकनीकी फाउल (Technical Fowl) के दंड के फलस्वरूप बाहर Sitting lobby में बिठाया गया हो तो बोनस अंक के लिए उसे भी Playing member समझा जाएगा।
  2. लोना (Lona) के लिए दो अंक मिलते हैं।
  3. खिलाडियों व अधिकारियों को डोपिंग की आज्ञा नहीं हैं।
  4. खिलाड़ियों के नाखून (Nails) काफी छोटे कटे हुए होने चाहिए।
  5. खिलाड़ियों की टी शर्टस पर अलग-अलग नम्बर छपे होने चाहिए। पीछे के नम्बर 6 इंच लम्बे तथा आगे के नम्बर कम से कम 4 इंच लम्बे होने चाहिए।
  6. तेल या कोई अन्य मुलायम पदार्थ शरीर, हाथ व टांगों पर लगाने की आज्ञा नहीं है।
  7. यदि टाई (Tie) हो जाती है, तो 5-5 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। अतिरिक्त समय का मैच तुरन्त खेला जाता है। अतिरिक्त समय में उतने खिलाड़ियों से मैच शुरू होता है जितने खिलाड़ी दूसरे हाफ के अन्त थे।
  8. मध्यान्तर (Interval) के बाद कोर्ट बदले जाएंगे। यदि फिर भी टाई होती है तो वह टीम जो अतिरिक्त समय के बाद पहला अंक लेगी, वही टीम मैच जीतेगी।
  9. बोनस लाइन तब लागू नहीं होगी जब खिलाड़ियों की संख्या 5 या 5 से कम हो।
  10. यदि विरोधी कोर्ट में रेडर आऊट हो जाता है या अपने कोर्ट में पहुंच जाता है तो उसके बाद 5 संकेण्ड के अन्दर विरोधी टीम सदस्यों में से रेडर को भेजा जाएगा।
  11. जो टीम टॉस जीतती है वह कोर्ट या रेड को छाँट सकती है।
  12. अधिक से अधिक 5 खिलाड़ियों का स्थानापन्न किया जा सकता है। जिस खिलाड़ी का स्थानापन्न हो चुका है, उसको दोबारा बदला जा सकता है।
  13. एक टीम एक या दो खिलाड़ियों की कमी होते हुए भी मैच शुरू कर सकती है। लेकिन जब ऐसी टीम के सब खिलाड़ी आउट हो जाते हैं तो अनुपस्थित खिलाड़ी भी आउट ही गिने जाएँगे तथा लोना के अंक भी उस टीम के विरुद्ध गिने जाएँगे।
  14. कबड्डी के मैच में दो अर्ध (Half) होते हैं। पुरुषों के लिए प्रत्येक अर्ध (Half) का समय 20 मिनट तथा महिलाओं के लिए प्रत्येक अर्ध का समय 15 मिनट होता है। दोनों अर्ध (Half) के बीच का अन्तराल 5 मिनट का होता है।
  15. जब एक खिलाड़ी अपने कोर्ट में पहुँच जाता है तो विरोधी खिलाड़ियों को रेड प्रारम्भ करने की आज्ञा होती है।
  16. दूसरे अर्ध में कोर्ट्स बदले जायेंगे।
  17. गेम उतने ही खिलाड़ियों की संख्या से शुरू की जाएगी। जितने खिलाड़ी पहले अर्ध के अन्त में खेल रहे थे।
  18. जब संघर्ष (Struggle) शुरू हो जाता है तो लॉबी खेल मैदान में शामिल हो जाती है। जो खिलाड़ी संघर्ष के दौरान लॉबी में चले जाते हैं वे संघर्ष के बाद लॉबी का इस्तेमाल कर अपने कोर्ट में जा सकते हैं।
  19. विरोधियों में कोर्ट में एक समय पर केवल एक ही रेडर को जाने की आज्ञा होती हैं। यदि एक के अधिक खिलाड़ी, विरोधियों के कोर्ट में रेड करने के लिए घुस जाएं तो उनकी रेड करने की बारी समाप्त हो जाती है। उनको रेड (Raid) करने का अवसर प्रदान नहीं किया जाता, अपितु रेड करने का अवसर विरोधी टीम के खिलाड़ियों को दिया जाता है।
  20. खिलाड़ी उसी क्रम में पुनजीर्वित (Revive) या सक्रिय होते हैं, जिस क्रम में वे आउट हुए थे।

कबड्डी ग्राउंड का वर्णन

कबड्डी मैदान की माप

  • पुरुषों या सीनियरों के लिए 13 मी० x 10 मी०
  • महिलाओं और जूनियर्स के लिए 12 मी० x 8 मी०
  • मिनी या सब जूनियर लड़के और लड़कियों के लिए 10 मी० x 8 मी०

कबड्डी लॉबी की चौड़ाई

  • 1 मी०

मध्य रेखा से बॉक रेखा की दूरी (पुरुष)

  • 3.75 मी०

मध्य रेखा तथा अन्य रेखाओं की चौड़ाई

  • 5 से० मी०

पुरुषों के ब्लॉक का आकार

  • 1 मी0 x 8 मी०

महिलाओं और जूनियर्स के लिए ब्लॉक का आकार

  • 1 मी० x 6 मी०

प्रत्येक टीम के खिलाड़ियों की संख्या

  • 12

मैच में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या

  • 7

पुरुषों के मैच का समय

  • 20-20 मिनट के दो अर्ध (Half)

महिलाओं तथा जूनियर्स के मैच का समय

  • 15-15 मिनट के दो अर्ध (Half)

मध्यांतर का समय

  • 5 मिनट

अधिकारियों की संख्या

  • रेफरी 1, अम्पायर 2, स्कोरर्स 1, टाइमकीपर 1, लाइन मेन 2

कबड्डी के महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स के नाम

  • फेडरेशन कप (Federation Cup) : यह कबड्डी का राष्ट्रीय स्तर का टूर्नामेंट्स है।
  • राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप (National Kabaddi Championship) : राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप का प्रारम्भ सन् 1951 में किया गया था।
  • अखिल भारतीय अन्तर्विश्वविद्यालय चैम्पियनशिप (All India University Kabaddi Championship) : यह चैम्पियनशिप प्रतिवर्ष इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स बोर्ड की ओर से आयोजित की जाती है। इसे सन् 1961 ई0 में शुरू किया गया था।
  • गोल्ड कप, मुम्बई (Gold Cup, Mumbai) : इस टूर्नामेंट का आयोजन महाराष्ट्र कबड्डी एसोसिएशन द्वारा प्रतिवर्ष मुम्बई में किया जाता है।
  • अखिल भारतीय विद्यालयी कबड्डी टूर्नामेंट्स (All India Schools Kabaddi Tournaments) : यह टूर्नामेंट्स लड़कों के लिए सन 1962 तथा लड़कियों के लिये सन् 1976 में प्रारम्भ किया गया था।यह टूर्नामेंट भारतीय स्कूल गेम्स फेडरेशन के द्वारा आयोजित किया जाता है।

10 भारतीय कबड्डी खिलाड़ियों के नाम

  • शकुन्तला
  • चित्रा
  • पी० गणेशन
  • बी०सी० रमेश
  • शेखर
  • मालती
  • देवी शर्मा
  • स्वर्ण सिंह
  • कु० आर० सरकार
  • सी० होनप्पा

कबड्डी के मूल कौशल

कबड्डी के कुछ मूल कौशलों की संक्षिप्त व्याख्या नीचे दी गई है –

  1. ‘कबड्डी’ शब्द का उच्चारण (To Pronounce the word ‘Kabaddi’ ) : रेडर को शब्द का उच्चारण करते रहना चाहिए। विरोधी कोर्ट में घुसने से पहले उसे ‘कबड्डी’ शब्द का उच्चारण शुरू कर देनी चाहिए।
  2. म्यूल किक (Mule Kick) : म्यूल किक में म्यूल यानी गधे की तरह पीछे की तरफ किक लगाई जाती है। यह किक उन विरोधियों को लगानी चाहिए जो रेडर के पीछे आने की कोशिश कर रहे हो। म्यूल किक का प्रयोग अचानक ही करना चाहिए।
  3. एरो किक (Aero Kick) : एरो किक साइड किक की तरह ही होती है। इसमें केवल इतना अन्तर होता है कि यह कि हवा में जम्प करके लगाई जाती है।
  4. टो टंच (Toe Touch) : टो टच टांग को पूरी तरह खोलकर किया जा सकता है। इसमें टांग के साथ-साथ टखने को भी पूरा खेलना चाहिए। टो से ग्रांउड को टच करते हुए शरीर का भार दूसरे पैर पर होना चाहिए।
  5. टखने की पकड़ (Ankle catch) : प्राय टखने से पकड़ने का प्रयास तब करना चाहिए जब रेडर विरोधी को टाग से छूने की कोशिश करता है। उस समय भी टखना पकड़ने का प्रयास करना चाहिए जब रेडर की पीठ गतिविधियों की तरफ हो तथा वह स्थिर अवस्था में हो सामान्य ग्रिप से भी टखना पकड़ा जा सकता है या फिर अंगुलियों को इंटरलॉक करके भी टखना पकड़ा जा सकता है।
  6. दोनों टखने पकड़ना (Double Ankle Catch) : दोनों टखनों से रेडर को तब पकड़ना चाहिए जब रेडर की दोनों टांगे आपस में काफी पास हो तथा ऐसा लग रहा हो कि वे स्थिर है। इसी क्षण अचानक ही कैचर डाइव लगाकर रेडर के टखने पकड़ सकते हैं। सामान्यतया इस प्रकार की पकड़ बहुत सफल होती है।

कबड्डी से संबन्धित शब्दावली

बॉक लाइन, मार्च लाइन, लॉबी, ब्लॉक, चेज, कॅचर, लोना, स्ट्रगल, बोनस अंक, कैट, एरो किक, म्यूल किक, टो टच, परस्यूट, रेडर, एंटी, डॉजिंग, पेनीट्रेशन आदि।

कबड्डी से संबंधित कुछ शब्दों की संक्षिप्त व्याख्या नीचे दी गई है –

  • लॉबी (Lobby) : कबड्डी के खेल मैदान के दोनों चौड़ाई एक मीटर होती हैं, उन्हें लॉबी के नाम से जाना जाता है।
  • मिड लाइन या मार्च लाइन (Mid line or March line) : वह लाइन, जो खेल मैदान को दो भागों में बाँटती हैं मिड लाइन कही जाती है।
  • कैंट (Cant) : एक श्वास में कबड्डी शब्द का लगातार या बार-बार उच्चारण ही कैंट कहलाता है।
  • रेडर (Raider) : एक खिलाड़ी, जो विरोधी के कोर्ट में कैंट करने जाता है, उसे रेडर कहा जाता है।
  • एंटी (Anti) : एक टीम का प्रत्येक खेलने वाला खिलाड़ी, जिसके कोर्ट में रेड डाली जाती हैं, एंटी कहलाता हैं।
  • स्ट्रगल (Struggle) : जब एक रेडर, जब एक रेयर एंटी को टच करता है या एंटी, रेडर को टच करता है, स्ट्रगल शुरू हो जाता है।
  • परस्यूट (Pursuit) : परस्यूट एक प्रकार की कला है, जो रेडर का उस समय पीछा करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। जब वह कट समाप्त कर के अपने कोर्ट में जा रहा हो।
  • टच (Touch) : यदि एक रेडर एंटी या एंटीज को शरीर के किसी भाग, कपड़े या जूते को टच करता हैं तो इसे टच कहा जाता है।
  • स्टांस (Stance) : जब कबड्डी का एक खिलाड़ी आक्रमण या रक्षा के दौरान, एक उपयुक्त शरीर की स्थिति को बनाए रखता है तो उसे स्टांस कहा जाता है।
  • रेड (Raid) : जब एक खिलाड़ी विरोधी कोर्ट में कैट करते हुए जाता है, तो उसे रेड कहते हैं। पिवटिंग (Pivoting) : रेड की दिशा में परिवर्तन करने के उद्देश्य से एक पैर का इस्तेमाल करते हुए घूमने के पिवटिंग कहते हैं।
  • डॉजिंग (Dodging) : डॉज का अर्थ है एक दिशा में बहाना बनाकर चलना, लेकिन विरोधी खिलाड़ी पर विपरीत दिशा में आक्रमण करना।
  • लोना (Lona) : जब एक टीम विरोधी टीम के सभी खिलाड़ियों को बाहर कर देती है तो उसे लोना कहा जाता है। लोना के लिए दो अतिरिक्त अंक प्रदान किए जाते हैं।
  • घुसना (Penetration) : विरोधी कोर्ट में काफी अंदर तक रेड करना, घुसना कहलाता है।

कबड्डी खेल पुरस्कार विजेताओं के नाम

अर्जुन पुरस्कार विजेता (Arjun Awards)

  • 2000 – सी० होनप्पा
  • 2001 – बी० सी० रमेश
  • 2002 – राम मेहर सिंह
  • 2003 – संजीव कुमार
  • 2004 – सुंदर सिंह
  • 2005 – रमेश कुमार
  • 2006 – नवीन गौतम
  • 2008 – पंकज नवनाथ शिरसत
  • 2009 – दिनेश कुमार

द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता (Dronacharya Awards)

  • 2002 – ई० प्रसाद राव
  • 2005 – बलवान सिंह

भीम पुरस्कार विजेता (Bhim Awards)

  • 1993 – असन कुमार
  • 1994 – असन कुमार
  • 2000 – शमशेर सिंह
  • 2001 – राम मेहर सिंह

कबड्डी खेल में चोटें व उनका बचाव

कबड्डी से संबंधित चोटें

कबड्डी से संबंधित चोटे निम्नलिखित हैं –

  • रगड़ व नील पड़ना।
  • कंधे व कूल्हे के जोड़ का विस्थापन ।
  • अस्थि का टूटना भी सामान्य चोट है।
  • टखने व घुटने में मोच आना।
  • बाजू, जांध (Thigh), हैमास्ट्रिंग, कोहनी व कंधे में खिचाव (Strain) आना।

कबड्डी खेल में चोटों का बचाव

कबड्डी खेल में चोटों का बचाव निम्नलिखित है –

कबड्डी में प्राय: खेल चाटे लग जाती है। इन चोटों को पूर्णतया रोका नहीं जा सकता, लेकिन निम्न बिंदुओं पर विशेष बल देने से एक सीमा तक इनको कम किया जा सकता है –

  1. कबड्डी कोर्ट साफ व समतल होना चाहिए। उसमें कोई पत्थर या छोटे टुकड़े चीज नहीं होनी चाहिए, जिससे खिलाड़ियों को खेलते हुए चोट लग जाए।
  2. चोटों से बचाव के लिए उचित वार्म अप अति आवश्यक होता हैं। इसलिए कबड्डी के सभी
  3. खिलाड़ियों को अभ्यास या प्रतियोगिता से पूर्व उचित वार्म-अप करना चाहिए।
  4. तैयारी काल (Preparatory period) के दौरान कबड्डी के सभी खिलाड़ियों को उचित अनुकूलन करना चाहिए।
  5. चोटो से बचाव के लिए अच्छे खेल संचालन (Good officiating) की आवश्यकता होती है। कभी-कभी खिलाड़ी में बदला लेने की अभिवृत्ति (attitude) हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में वह किसी खिलाड़ी विशेष रूप से रेडर को चोट पहुॅचा सकता है। इसलिए खेल संचालन अधिकारियों की दृष्टि सूक्ष्म होनी चाहिए, ताकि वे प्रत्येक घटना को ध्यान से नोट कर सकें। इस प्रकार कुछ सीमा तक चोटों से बचाव किया जा सकता है।
  6. खिलाडियों द्वारा सुरक्षात्मक उपकरणों का प्रयोग प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं में अवश्य करना चाहिए।
  7. प्रत्येक खिलाड़ी को प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं के दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण अवश्य रखना चाहिए। इस प्रकार का दृष्टिकोण खेल चॉटो के खतरों को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
  8. प्रत्येक खिलाड़ी को खेल के नियमों व विनियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।
  9. प्रत्येक खिलाड़ी को शारीरिक पुष्टि (Physical fitness) को बढ़ाने पर विशेष बल देना चाहिए। अनुसंधान अध्ययन यह दर्शा चुके है कि शारीरिक रूप से पुष्ट (Fit) खिलाड़ियों को प्रायः कम चोंटे लगती है। वास्तव में, लचक खेल चॉटो के खतरों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

कबड्डी का हिंदी में नाम क्या है?

कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: उत्तर भारत में किया जाता है, इस खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूर्व में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। यह खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है।

कबड्डी का पर्यायवाची शब्द?

हुडुहुआ-इसे आप कबड्डी कहते हैं ।

कबड्डी कौन से देश का राष्ट्रीय खेल है?

सही उत्तर बांग्लादेश है। कबड्डी बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। यह खेल किसी मैदान या कोर्ट के विपरीत हिस्सों में दो टीमों के बीच खेला जाता है।

कबड्डी हिंदी में कैसे लिखते हैं?

कबड्डी (Kabaddi) खेल के नियम | कबड्डी में करियर कैसे बनाये (Hindi)