पित्त की थैली की पथरी बिना ऑपरेशन के कैसे निकाले? - pitt kee thailee kee patharee bina opareshan ke kaise nikaale?

आयुर्वेद के डॉ. राजकुमार के अनुसार पित्‍त की थैली यानी गॉल ब्‍लैडर में स्‍टोन होने से खाने के बाद पेट के ऊपरी हिस्‍से में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, उल्‍टी की समस्‍या आदि हो जाती है।

उनके अनुसार गाल ब्लैडर स्टोन अर्थात पित्त की थैली की पथरी से पूरी दुनिया में लाखों मरीज परेशान हैं।

ये होती है समस्‍या
गाल ब्लैडर स्टोन होने पर खाने के बाद पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बुखार होना, उबकाई आना, उल्टी होना, आंखों व त्वचा में पीलापन, आदि लक्षण हों तो गॉल ब्लैडर में स्टोन हो सकता है। दरअसल खाना जैसे ही आंतों में पहुंचता है गॉल ब्लैडर पित्त स्रावित करता है जिससे फैट पचता है।

इस पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलरूबीन व पित्त सॉल्ट होता है, जब ये तत्व गाढ़े हो जाते हैं तो स्टोन यानी पत्‍थर बन जाता है। गॉल स्टोन पित्त का प्रवाह रोकता है जिससे पाचनक्रिया गड़बड़ा जाती है।
डॉ. राजकुमार के अनुसार गाल ब्लैडर स्टोन होने पर एक आयुर्वेदिक नुस्खा इस समस्या को हल करने के लिए चमत्कारी सिद्ध होता है। जिसे हम घर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं...

इलाज की विधि...
इसके तहत गुडहल का पाउडर एक चम्मच रात को सोते समय खाना खाने के कम से कम एक डेढ़ घंटा बाद गर्म पानी के साथ फांक लीजिए। ये थोडा कड़वा होता है। इसलिए मन भी कठोर कर के रखें, लेकिन ये इतना भी कड़वा नहीं होता के आप इसको खा ना सकें। इसको खाना बिलकुल आसान है।

इसके बाद कुछ भी खाना या पीना नहीं है। यदि स्टोन का साइज़ बहुत बड़ा हो तो पहले दो दिन रात को ये पाउडर लेने के बाद सीने में अचानक बहुत तेज़ दर्द हो सकता है। मगर ये दर्द स्टोन के टूटने होता है। और दो दिन बाद से ये दर्द गायब सा हो जाता है। वहीं 5 दिन के बाद तो ये बिलकुल भी नहीं रहता।

ऐसे समझें पूरा मामला...
जानकारों के अनुसार गाल ब्लैडर पथरी निकलवाने में सामान्य तौर पर डॉक्टर तो 5000 से लेकर 10000रुपए तक चार्ज करते हैं। जबकि आयुर्वेद में इस प्रयोग की वास्तविक कीमत सिर्फ 50 रुपए के आसपास ही है। यह प्रयोग गाल ब्लैडर और किडनी दोनों प्रकार के स्टोन को निकालने में बेहद कारगर है।

ये रखें सावधानी :
इस दौरान पालक, टमाटर, चुकंदर, भिंडी का सेवन न करें। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर आपका स्टोन बड़ा है तो ये टूटने समय दर्द भी कर सकता है।

ऐसे मिलेगी ये औषधि...
गुडहल के फूलों का पाउडर को इंग्लिश में Hibiscus powder कहते हैं। ये पाउडर बहुत आसानी से पंसारी से मिल जाता है। अगर आप इंटरनेट पर भी Hibiscus powder नाम से सर्च करेंगे तो आपको अनेक जगह ये पाउडर online मिल जाएगा,वहीं जब आप online इसको मंगवाए तो इसको organic hibiscus powder देखिएगा। आज कल बहुत सारी कंपनिया आर्गेनिक भी ला रहीं हैं जो इसके लिए बेस्ट माना जाता है। कुल मिला कर बात ये है के इसकी उपलबध्ता बिलकुल आसान है।


पित्त का कार्य...
दरअसल पित्त लीवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त वसायुक्त खाने को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो पथरी निर्माण के लिए आदर्श स्थिति बन जाती है।

ये बीमारी आमतौर पर 30 से 60 वर्ष के उम्र के लोगों में पाई जाती है। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पित्ताशय या गॉलब्लाडर की पथरी छोटे-छोटे पत्थर होते हैं जो पित्ताशय की थैली में बनते हैं। पित्त की पथरी लीवर के नीचे रहती है जो बहुत दर्दनाक हो सकती है। यदि इसका सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसे निकालने के लिए बड़े ऑपरेशन की जरूरत हो सकती है। जब पित्ताशय में कोलेस्ट्रोल जमने लगता है या सख्त होने लगता है तब पथरी की शिकायत होती है। प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डा मनीष डूडिया बता रहे हैं कुछ घरेलू इलाज, जिसका उपयोग कर आप पथरी की बीमारी से निजात पा सकते हैं। हालांकि डॉक्टर डूडिया कहते हैं कि इसके लिए अपने चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

पित्ताशय में पथरी होने के लक्षण

पित्ताशय की थैली में पथरी होने के कुछ प्रमुख लक्षण हैं, बदहजमी, खट्टी डकार, पेट फूलना, एसिडीटी, पेट में भारीपन, उल्टी होना, पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं।

इन खाद्य पदार्थों का सेवन से बचें

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- पित्त की पथरी में सबसे पहले तो मांसाहारी से परहेज करें। जिसमें मीट, लाल मांस, चिकन के अलावा तैलीय मछली भी न खाएं।

- पैकेज्ड फूड में ट्रांस फैटी एसिड होता है जो पित्त की पथरी के लक्षणों को बढ़ाने का काम करते हैं। चिप्स, कुकीज, डोंट्स, मिठाई या मिश्रित पैक वाो खाद्य पदार्थ से बचें।

- पित्त की पथरी होने पर व्हाईट ब्रेड, परिस्कृत आटा पास्ता, सफेद चावल और चीनी सभी चीजें फैट का रूप ले लेती है, जो पित्त में कोस्ट्राल को बढ़ाती है।

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- पित्त की पथरी में डेयरी उत्पादों का सेवन मत कीजिए। दूध, पनीर, दही, आइसक्रीम, भारी क्रीम और खट्टा क्रीम से परहेज करें। वनस्पति तेल, मूंगफली का तेल, खट्टे फल, कॉफी, टमाटर सॉस आदि खाना बंद कर दें।

पित्त की पथरी से बचने के लिए यह खाना चाहिए

- फल और सब्जियों की अधिक मात्रा

- थोड़ी मात्रा में कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट लें। संभव हो तो साबुत अनाजों से बनी वस्तुएं लें।

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- रेशे की अधिकता से युक्त आहार ग्रहण करें। फलियां, दाल, फल, सब्जियां आदि अधिक ले।

- तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। जैसे कि पानी, औषधीय चाय प्रतिदिन कम से कम दो लीटर सेवन करें।

- नियमित योग और व्यायाम करना चाहिए।

पित्ताशय की पथरी का घरेलू इलाज

- एक गिलास सेव के रस में साइडर सिरका का एक चम्मच मिलाकर नियमित सेवन करना चाहिए। पथरी के दर्द को कम करता है

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- नाशपाती में पेक्टिन नामक यौगिक होता है जो कोलस्ट्राेल से बनी पथरी को नरम बनाता है ताकि शरीर से आसानी से बाहर निकल सके। नाशपाती का सेवन करने से पथरी के रोगियों के लिए आरामदायक होता है।

- चुकंदर, खीरा और गाजर का रस पित्ताशय की पथरी निकालने में फायदेमंद होता है।

- पुदीना पित्ताशय की पथरी को निकालने में फायदेमंद होता है। इसमे टेरपिन नामक यौगिक पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को तोड़ता है, पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना सकते हैं।

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- इसबगोल पित्ताशय की पथरी को निकालने में फायदेमंद होता है। यह एक उच्च स्तरीय फाइबर आहार है। पित्ताशय की थैली की पथरी के लिए इसबगोल पित्त में कोलस्ट्रोल को बांधता है और पथरी के गठन को रोकने में मदद करता है। रात में सोते समय एक गिलास पानी के साथ नियमित लें, फायदा होगा।

- नींबू पित्ताशय की पथरी को निकालने में फायदेमंद होता है। नींबू का रस प्राकृतिक रूप से अम्लीय होने के कारण यह सिरके की तरह काम करता है और लीवर में कोलस्ट्रोल को बनने से रोकता है। हर राेज खाली पेट में चार नींबू का रस एक सप्ताह तक लें पथरी की समस्या आसानी से दूर हो सकती है।

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- लाल शिमला मिर्च पित्ताशय की पथरी निकालने में फायदेमंद होता है। शरीर में भरपूर विटामिन सी पथरी की समस्या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में 95 मिलीग्राम विटामिन सी होता है। यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होता है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च का उपयोग करें।

- हल्दी पित्ताशय की पथरी को निकालने में फायदेमंद होता है। हल्दी एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेट्री होने के कारण पित्त के यौगिकों और पथरी को आसानी से तोड़ने में मदद करती है। माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती है।

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- विटामिन सी शरीर के कोलस्ट्रोल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को तोड़ता है। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जैसे संतरा, टमाटर आदि का भरपूर सेवन करें।

पित्त की थैली में से पथरी कैसे निकल सकती है?

पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।

बिना ऑपरेशन के गॉल ब्लैडर स्टोन कैसे निकाले हिंदी में?

- चुकंदर, खीरा और गाजर का रस पित्ताशय की पथरी निकालने में फायदेमंद होता है। - पुदीना पित्ताशय की पथरी को निकालने में फायदेमंद होता है। इसमे टेरपिन नामक यौगिक पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को तोड़ता है, पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना सकते हैं।

क्या गॉल ब्लैडर स्टोन को होम्योपैथी से हटाया जा सकता है?

क्या है गॉल ब्लैडर की पथरी का होम्योपैथिक इलाज? एम्स के आयुष डिपार्टमेंट के होम्योपैथी एक्सपर्ट डॉ. अजय सिंह बघेल के मुताबिक गॉल ब्लैडर की पथरी का होम्योपैथी में काफी बढ़िया इलाज है। इसमें मदर टिंक्चर के अलावा होम्योपैथी दवा की गोलियां भी एक महीने तक खाने से फायदा होता है।

पित्त की थैली में पथरी का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

अगर आपको पित्त की पथरी की समस्या है तो गाजर और ककड़ी का रस प्रत्येक 100 मिलिलीटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीएं. इस समस्या में ये अत्यन्त लाभदायक घरेलू नुस्खा माना जाता है. ये कॉलेस्ट्रॉल के सख्त रूप को नर्म कर बाहर निकालने में मदद करती है. पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है.