गले में इंफेक्शन के क्या लक्षण होते हैं? - gale mein imphekshan ke kya lakshan hote hain?

गले में संक्रमण के कारण इंफेक्शन के प्रकार से लेकर गले में लगी चोट पर निर्भर करते हैं। निम्न कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से गले में इंफेक्शन (Sore Throat) होना बेहद सामान्य होता है –

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कोल्ड, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण

गले में संक्रमण और खराश के 90 प्रतिशत मामले वायरस के कारण होते हैं।

  • बुखार
  • चिकन पॉक्स
  • कॉमन कोल्ड
  • मोनोन्यूक्लिओसिस (यह एक संक्रमक रोग है जो थूक के जरिए ट्रांसफर होता है)

खसरा, यह एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण बुखार और त्वचा पर चकत्ते होते हैं

  • मम्प (कंठमाला का रोग), यह एक ऐसा संक्रमण होता है जो गले की थूक बनाने वाली ग्रंथियों में सूजन उत्पन्न करता है
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    स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्टीरियल संक्रमण

    बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी गले में खराश, संक्रमण और सूजन हो सकती है। बैक्टीरिया संक्रमण के कारण स्ट्रेप थ्रोट होना सबसे सामान्य होता है। यह गले और टॉन्सिल में होने वाला संक्रमण है जो कि स्ट्रैपटोकोकस बैक्टीरिया की श्रेणी ए में आता है।

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    एलर्जी

    जब इम्यून सिस्टम फूलों के पराग, घास और जानवरों के बालों के संपर्क में आता है तो एलर्जी होने की आशंका रहती है। इस स्थिति में शरीर में ऐसे रसायन विकसित होते हैं जिसके कारण नाक बंद होने, आंखों से आंसू आना, छींक और गले में संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

    नाक में अत्यधिक बलगम बनने से वह गले के अंदर जा सकता है। इसे पोस्टनेटल ड्रिप कहा जाता है जिसके कारण गले में खराश हो सकती है।

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    धूम्रपान, कैमिकल और अन्य प्रदूषित पदार्थ

    हवा में मौजूद कई प्रकार के रसायन और प्रदूषित पदार्थों के कारण गले में खराश हो सकती है। इन प्रदूषित पदार्थों में निम्न शामिल हैं –

    • सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद
    • वायु प्रदुषण
    • साफ सफाई करने वाले प्रोडक्ट्स व अन्य रसायन

    चोट

    गले पर किसी प्रकार की चोट या कट लगने से गले में दर्द हो सकता है। इसके अलावा गले में खाना अटकने से भी गले में खराश होने की आशंका रहती है।

    बार-बार वोकल कॉर्ड और गले की मांसपेशियों पर तनाव पड़ने से गले में सूजन हो सकती है। ऐसी स्थिति में चिल्लाने, तेज बोलने या लंबे समय तक गाना गाने से भी गले में खराश होने की आशंका रहती है।

    वायरस, बैक्टीरिया या मौसम बदलने की वजह से लोगों को गले में इंफेक्शन (Throat infection) की शिकायत हो जाती है। गले में खराश होने की कई और वजह भी हो सकती है। गले में खराश की शिकायत होने पर खाने-पीने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन चिंता करने की बात नहीं है अगर आपको गले में इंफेक्शन की शिकायत है, तो आप इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं गले में इंफेक्शन होने के क्या-क्या लक्षण और कारण होते हैं, साथ ही इससे कैसे निजात पाया जा सकता है।

    गले में इंफेक्शन के 9 लक्षण, 5 कारण और 5 घरेलू इलाज

    गले में इंफेक्शन के लक्षण

    1- गले में खराश

    2- खाना निगलने में परेशानी

    3- टॉन्सिल में सूजन

    4- बुखार आना

    5- सिर दर्द होना

    6- मुंह खोलने में कठिनाई

    7- गले का सूखना

    8- खांसी

    9- आवास कर्कश होना

    गले में इंफेक्शन के कारण

    1- सर्दी-जुकाम होने पर

    2- खांसी होने की वजह से

    3- किसी पदार्थ से एलर्जी होने पर

    4- डिपथेरिया बीमारी की वजह से

    5- गले में बैक्टीरियल संक्रमण होने की वजह से

    गले में इंफेक्शन दूर करने का घरेलू इलाज

    1- गले में इंफेक्शन की शिकायत होने पर हल्दी (Turmeric) का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि हल्दी में एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होता है, जो दर्द और खराश की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए आप हल्दी पानी या हल्दी दूध का सेवन कर सकते हैं।

    2- गले में इंफेक्शन की शिकायत होने पर लहसुन (Garlic) का सेवन काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि लहसुन में एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। इसके लिए गुनगुने पानी के साथ लहसुन का सेवन करना चाहिए।

    3- गले में खराश की वजह से भी कई बार गले में इंफेक्शन की शिकायत हो जाती है। लेकिन अगर आप नमक और पानी से गरार करते हैं, तो इससे खराश की शिकायत दूर होती है। क्योंकि नमक में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं।

    4- गले में खराश की शिकायत होने पर सेब के सिरके (Apple cider vinegar) का सेवन करना चाहिए. क्योंकि सेब के सिरक में भी एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। जो संक्रमण को दूर करने में मददगार साबित होते हैं। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में सेब का सिरका मिलाकर पीना चाहिए।

    5- गले में इंफेक्शन की शिकायत से निजात पाने के लिए शहद (Honey) का सेवन भी काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि शहद औषधीय गुणों से भरपूर होता है, इसलिए अगर आप शहद में हल्दी या अदरक का रस मिलाकर खाते हैं, तो इससे संक्रमण की शिकायत दूर होती है।

    अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

    Throat infection in hindi: गले में इन्फेक्शन कई कारणों से हो सकत है। इसे होने पर गले में दर्द के अलावा शरीर में भी कई लक्षण भी नजर आते है। आइए जानते हैं विस्तार से।

    गले में इंफेक्शन (Throat infection) बेहद ही आम समस्या है। ये कई कारणों जैसे कि बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन और एलर्जी क कारण होता है। तो कई बार मौसम का बदल और फ्लू की वजह से भी गले में इंफेक्शन होता है। यह तीन तरीके से हो सकता है। जैसे कि मुंह के ठीक पीछे के क्षेत्र में। टोंसिलिटिस या कहें कि टॉन्सिल में और वॉइस बॉक्स में। लेकिन लोग अक्सर इसके उन्हीं लक्षणों पर ध्यान देते हैं जो कि गला से जुड़ा होता है। लेकिन कई लक्षण ऐसे भी होते हैं जो कि गले के अलावा शरीर के दूसरे अंगों में भी नजर आते हैं। आइए जानते हैं।

    गले में इन्फेक्शन होने पर शरीर में दिखते हैं ये 7 लक्षण-Symptoms of throat infection in hindi

    1. शरीर मैं दर्द (body pain)

    जब आपके फेरिंग्क्स यानी गले के अंदर सूजन होती है तो इसे फैरिन्जाइटिस (pharyngitis) कहते हैं। इसमें गले में सूजन के साथ-साथ खराश और दर्द का सामना भी करना पड़ता है। ये एक प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्श के कारण होता है और बढ़ने पर इसके कारण सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और गर्दन में तेज दर्द महसूस होता है।

    2. खांसी और कंजेशन (cough and congestion)

    गले में इंफेक्श जो कि बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है तो कई बार ये खांसी जैसा भी महसूस होता है। इसमें पीला, हल्का भूरा या हरी बलगम वाली खांसी होती है। खास बात ये है कि इसमें फेफड़ों में ज्यादा कुछ महसूस नहीं होता है और ज्यादातर लक्षण गले में ही महसूस होता है।

    3. बुखार और ठंड लगना (fever and chills)

    स्ट्रेप थ्रोट स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया (Streptococcal bacteria) के कारण होने वाले गले और टॉन्सिल का संक्रमण है जिसमें कि व्यक्ति को बुखार और ठंडे लगने जैसी चीजें महसूस होती हैं। इसमें कुछ विशिष्ट लक्षण नजर आते हैं जैसे कि गले में खराश, ठंड लगना, बुखार और गर्दन में सूजन लिम्फ नोड्स से जुड़ी समस्याएं। स्ट्रेप थ्रोट एंटीबायोटिक उपचार से ठीक हो जाता है। लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये गंभीर हृदय और गुर्दे की जटिलताओं का कारण बन सकता है।

    4. आवाज का बैठना (Hoarse Voice)

    गले में इन्फेक्शन होने पर आपकी आवाज रह-रह कर बार बार बैठ सकती है। कई बार आपको लग सकता है कि आपके गले में कुछ अटका हुआ है जबकि ये गले में सूजन में इंफेक्शन के कारण होती है।

    5. निगलने में कठिनाई (difficulty in swallowing)

    इंफेक्शन होने पर कई बार निगलने में कठिनाई होती है। खास कर कि जब आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन हुआ हो। दरअसल, इस दौरान होता ये है कि इंफेक्शन तेजी से फैल रहा होता है और आपके खाने-पीने के तरीके को प्रभावित करता है। फिर निगलने वाली मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे आपको निगलने में दिक्कतमहसूस हो सकती है।

    6. टॉन्सिल या गले में सफेद दाने (rash in tonsils or throat)

    टॉन्सिलिटिस एक सामान्य शब्द है जो टॉन्सिल के संक्रमण को संदर्भित करता है। यह संक्रमण आमतौर पर एस पाइोजेन्स के कारण होता है, लेकिन अन्य बैक्टीरिया या वायरस भी इसका कारण बन सकते हैं। जब आपके टॉन्सिल संक्रमण से लड़ने की कोशिश करते हैं, तो वे सूज जाते हैं और सफेद मवाद पैदा कर सकते हैं। ऐसे में कई बार टॉन्सिल या गले में सफेद दाने भी होते हैं।

    7. गले का बार-बार सूखना (dryness in throat)

    गले का बार-बार सूखना इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। दरअसल, जब आपकी मांसपेशियों में संक्रमण के कारण सूजन होने लगती है तो गला लार नहीं बना पाता है और

    रह-रह कर सूखने लगता है।

    तो, गले में इंफेक्शन के ये लक्षण अगर आपको बार-बार नजर आए तो इसे नजरअंदाज ना करें। साथ ही घरेलू उपायों को करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें और इसका इलाज करवाएं।

    गले में इन्फेक्शन होने से क्या होता है?

    गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से होता है। बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित होने के बाद गले में जलन, दर्द, सूजन, बुखार और खांसी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। अगर ये तकलीफें वायरस अटैक (Virus Attack) की वजह से हो रही है तो अपने आप ही ठीक हो जाती है।

    गले में इंफेक्शन कितने प्रकार के होते हैं?

    गले में इंफेक्शन (Throat infection) बेहद ही आम समस्या है। ये कई कारणों जैसे कि बैक्टीरियल इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन और एलर्जी क कारण होता है। तो कई बार मौसम का बदल और फ्लू की वजह से भी गले में इंफेक्शन होता है। यह तीन तरीके से हो सकता है।

    गले में इंफेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

    गले का संक्रमण एक आम बीमारी है, जो बदलते मौसम में लगभग हर व्यक्ति को हो जाती है। यह बीमारी 3-4 दिन में उपचार करने पर ठीक हो जाता है।

    गले में एलर्जी के क्या लक्षण है?

    गले की एलर्जी का लक्षण - Gale Ki Allergy Ke Lakshan जैसे आपको नाक में खुजली, ज्यादा छींकें आना, नाक बहना, नाक बंद रहना, सूंघने की शक्ति कम होना, आंखों से पानी आना, कान भारी होना इत्यादि लक्षण नजर आते हैं. ध्यान रहे जब भी ऐसे लक्षण दिखें और ज्यादा परेशानी हो तो आपको तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.