ज्यादा घी खाने से कौन सी बीमारी होती है? - jyaada ghee khaane se kaun see beemaaree hotee hai?

देसी घी (Desi Ghee) का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही ज्यादातर लोगों को रोटी में देसी घी लगाकर खाने की आदत होती है। लेकिन देसी घी सिर्फ खाने में स्वाद को नहीं बढ़ाता है, बल्कि देसी घी का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। देसी घी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसलिए इसका सेवन करने से कई बीमारियां दूर होती है। क्योंकि देसी घी में सी घी में ओमेगा-3, ओमेगा-9 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन देसी घी खाने के कई फायदे होते हैं, तो कुछ नुकसान भी होते हैं। जानिए देसी घी खाने के क्या-क्या फायदे और नुकसान होते हैं।

देसी घी खाने के फायदे और नुकसान (Desi Ghee Khane Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi)

देसी घी खाने के फायदे

रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है मजबूत

देसी घी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता मजबूत होती है। क्योंकि देसी घी में विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए अगर कोई इसका रोजाना सेवन करता है, तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे आप किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन से काफी हद तक बच सकते हैं।

कब्ज की शिकायत होती है दूर

देसी घी का सेवन पेट के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर कोई रोजाना एक चम्मच देसी घी का सेवन करता है, तो इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही कब्ज (Constipation) की शिकायत भी दूर होती है।

कमजोरी नहीं होती महसूस

देसी घी का सेवन करने से शरीर में एनर्जी (Energy) बनी रहती है। क्योंकि देसी घी में कई तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए अगर आप रोजाना दूध में देसी घी मिलाकर पीते हैं, तो इससे कमजोरी महसूस नहीं होती है।

स्किन पर आता है ग्लो

देसी घी का सेवन स्किन (Skin) के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि देसी घी में एंटीआक्सीडेंट गुण मौजूद होता है। इसलिए अगर आप रोजाना एक चम्मच देसी घी का सेवन करते हैं, तो इससे स्किन पर ग्लो आता है।

हड्डियां होती है मजबूत

देसी घी का सेवन हड्डियों (Bones) के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि देसी घी में विटामिन के2 पाया जाता है। जो शरीर में कैल्शियम पहुंचाने का काम करता है। इसलिए अगर कोई रोजाना एक चम्मच घी का सेवन करता है, तो इससे हड्डियां मजबूत होती है।

आंखों के लिए फायदेमंद

देसी घी का सेवन आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि देसी घी में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है। इसलिए अगर कोई रोजाना एक चम्मच देसी घी का सेवन करता है, तो इससे आंखों की रोशनी तेज होती है।

देसी घी खाने के नुकसान

कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है

देसी घी का अधिक मात्रा में सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) लेवल बढ़ सकता है। जिसके चलते हार्ट संबंधी बीमारियां हो सकती है।

दस्त की हो सकती है शिकायत

देसी घी का अधिक मात्रा में सेवन करने से अपच और दस्त (Diarrhea) की शिकायत हो सकती है। क्योंकि देसी घी की तासीर गर्म होती है। इसलिए अधिक मात्रा में देसी घी का सेवन नहीं करना चाहिए।

वजन बढ़ सकता है

देसी घी का अधिक मात्रा में सेवन करने से वजन (Weight) बढ़ सकता है। इसलिए अगर किसी को वजन कम करना हो, तो उसे सीमित मात्रा में देसी घी का सेवन करना चाहिए।

सर्दी होने पर न करें सेवन

अगर किसी को सर्दी (Cold) या कफ (Cough) की शिकायत हो, तो उसे देसी घी का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे परेशानियां और बढ़ सकती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Rakshita Srivastava

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'घी- स्मृति, मेधा, ऊर्जा, बलवीर्य, ओज, कफ और वसावर्धक है। यह वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है।' -चरक संहिता

हृदयरोग विशेषज्ञों के साथ मोटापे और दिल के रोगियों का सबसे अधिक गुस्सा घी पर ही उतरता है। आयुर्वेद में घी को औषधि माना गया है। इस सबसे प्राचीन सात्विक आहार से सर्वदोषों का निवारण होता है। वात और पित्त को शांत करने में सर्वश्रेष्ठ है साथ ही कफ भी संतुलित होता है। इससे स्वस्थ वसा प्राप्त होती है, जो लिवर और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को ठीक रखने के लिए जरूरी है। घर का बना हुआ घी बाजार के मिलावटी घी से कहीं बेहतर होता है।

यह तो पूरा का पूरा सैचुरेटेड फैट है, कहते हुए आप इंकार में अपना सिर हिला रहे होंगे। जरा धीरज रखें। घी में उतने अवगुण नहीं हैं जितने गुण छिपे हुए हैं। यह सच है कि पॉलीअनसैचुरेटेड वसा को आग पर चढ़ाना अस्वास्थकर होता है, क्योंकि ऐसा करने से पैरॉक्साइड्स और अन्य फ्री रेडिकल्स निकलते हैं। इन पदार्थों की वजह से अनेक बीमारियां और समस्याएं पैदा होती हैं। इसका अर्थ यह भी है कि वनस्पतिजन्य सभी खाद्य तेलों स्वास्थ्य के लिए कमोबेश हानिकारक तो हैं ही।

फायदेमंद है घी

घी का मामला थोड़ा जुदा है। वो इसलिए कि घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरी वसाओं की तुलना में बहुत अधिक है। यही वजह है कि पकाते समय आसानी से नहीं जलता। घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है। अब तक आप बहुत उलझन में पड़ गए होंगे कि क्या वाकई घी इतना फायदेमंद है? अब तक तो सभी यही समझा रहे थे कि देशी घी ही रोगों की सबसे बड़ी जड़ है?

कोलेस्ट्रॉल कम होता है

घी पर हुए शोध बताते हैं कि इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ जाता है। घी नाड़ी प्रणाली एवं मस्तिष्क के लिए भी श्रेष्ठ औषधि माना गया है। इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है, इसलिए ग्लूकोमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। हो सकता है इस जानकारी ने आपको आश्चर्य में डाल दिया हो।

ज्यादा घी खाने से कौन सी बीमारी होती है? - jyaada ghee khaane se kaun see beemaaree hotee hai?

क्या रखें सावधानियां

भैंस के दूध के मुकाबले गाय के दूध में वसा की मात्रा कम होती है इसलिए शुरू में निराश न हों। हमेशा इतना बनाएं कि वह जल्दी ही खत्म हो जाए। अगले हफ्ते पुनः यही प्रक्रिया दोहराई जा सकती है। गाय के दूध में सामान्य दूध की ही तरह ही प्रदूषण का असर हो सकता है, मसलन कीटनाशक और कृत्रिम खाद के अंश चारे के साथ गाय के पेट में जा सकते हैं। जैविक घी में इस तरह के प्रदूषण से बचने की कोशिश की जाती है। यदि संभव हो तो गाय के दूध में कीटनाशकों और रासायनिक खाद के अंश की जांच कराई जा सकती है।

घी खाएं या नहीं

यदि आप स्वस्थ हैं तो घी जरूर खाएं, क्योंकि यह मक्खन से अधिक सुरक्षित है। इसमें तेल से अधिक पोषक तत्व हैं। आपने पंजाब और हरियाणा के निवासियों को देखा होगा। वे टनों घी खाते हैं लेकिन सबसे अधिक फिट और मेहनती हैं। यद्यपि घी पर अभी और शोधों के नतीजे आने शेष हैं लेकिन प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद में अल्सर, कब्ज, आंखों की बीमारियों के साथ त्वचा रोगों के इलाज के लिए घी का प्रयोग किया जाता है।

घी के नुस्खे

एक चम्मच शुद्ध घी, एक चम्मच पिसी शकर, चौथाई चम्मच पिसी कालीमिर्च तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाटकर गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।

रात को सोते समय एक गिलास मीठे दूध में एक चम्मच घी डालकर पीने से शरीर की खुश्की और दुर्बलता दूर होती है, नींद गहरी आती है, हड्डी बलवान होती है और सुबह शौच साफ आता है।

शीतकाल के दिनों में यह प्रयोग करने से शरीर में बलवीर्य बढ़ता है और दुबलापन दूर होता है।

घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शकर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें।

प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।

घी खाने से कौन सी बीमारी होती है?

वैसे तो घी पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है लेकिन अगर आप पहले से डायजेशन की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो घी का अधिक मात्रा में सेवन से बचें. अगर आप किसी भी तरह की पेट की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो घी खाने से आपके पेट संबंधी समस्या और अधिक बढ़ सकती है. दरअसल, घी के सेवन से शरीर में कफ बढ़ता है.

ज्यादा घी खाने से क्या नुकसान होता है?

घी के ज्यादा सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है, जो हृदय रोगों के लिए हानिकारक है (16)। इसके अलावा, इसका अधिक सेवन अपच और दस्त की समस्या का कारण बन सकता है (17)। यही वजह है घी के फायदे हासिल करने के लिए इसे सीमित मात्रा में आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।

घी कब नहीं खाना चाहिए?

घी हमारी पाचन क्रिया के लिए पचाना मुश्किल होता है। अगर आप अक्सर पाचन और पेट की समस्याओं से जूझते हैं, तो घी का सेवन न करें। लीवर सिरोसिस, स्प्लेनोमेगाली, हेपेटोमेगाली, हेपेटाइटिस आदि जैसे लिवर और प्लीहा के रोगों में घी खाने से बचना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान घी का सेवन करते वक्त दुगनी सावधानी बरतनी चाहिए

घी खाने से क्या फायदा क्या नुकसान है?

घी को शरीर और सेहत के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें हेल्दी फैट, प्रोटीन होता है. घी का सीमित मात्रा में सेवन हार्ट के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इतना ही नहीं घी के सेवन से हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है. घी पाचन के लिए भी अच्छा माना जाता है.