आर्य भाषा का दूसरा नाम क्या है? - aary bhaasha ka doosara naam kya hai?

हिन्द-आर्य

Indic

भौगोलिक
विस्तार:
दक्षिण एशिया
भाषा-परिवार: हिन्द-यूरोपीय
 हिन्द-ईरानी
  हिन्द-आर्य
उपश्रेणियाँ:

उत्तरी हिन्द-आर्य

पश्चिमोत्तरी हिन्द-आर्य

केन्द्रीय हिन्द-आर्य

पूर्वी हिन्द-आर्य

द्वीपीय हिन्द-आर्य

दक्षिणी हिन्द-आर्य

आइसो ६३९-२ and ६३९-५: inc
आर्य भाषा का दूसरा नाम क्या है? - aary bhaasha ka doosara naam kya hai?

मुख्य हिन्द-आर्य भाषाओं का विस्तार (उर्दू, मध्य एशिया में बोली जाने वाली पारया भाषा, फ़ीजी हिन्दुस्तानी और यूरोप में बोले जानी वाली रोमानी भाषा नहीं दिखाई गई हैं)

हिन्द-आर्य भाषाएँ हिन्द-यूरोपीय भाषाओं की हिन्द-ईरानी शाखा की एक उपशाखा हैं, जिसे 'भारतीय उपशाखा' भी कहा जाता है। इनमें से अधिकतर भाषाएँ संस्कृत से जन्मी हैं। हिन्द-आर्य भाषाओं में आदि-हिन्द-यूरोपीय भाषा के 'घ', 'ध' और 'फ' जैसे व्यंजन परिरक्षित हैं, जो अन्य शाखाओं में लुप्त हो गये हैं। इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं : संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि।[1]

शाखाएँ और उपशाखाएँ[संपादित करें]

गत दो शताब्दियों में भाषावैज्ञानिकों ने हिन्द-आर्य भाषाओं को कई प्रकार से वर्गीकृत करा है और यह व्यवस्थाएँ समय-समय पर बदलती रही हैं। आधुनिक काल में निम्न व्यवस्था अधिकतर भाषावैज्ञानिकों के लिए मान्य है और मसिका (१९९१) व काउसेन (२००६) के प्रयासों पर आधारित है।

दार्दी[संपादित करें]

कुछ उल्लेखनीय भाषाएँ हैं:

कश्मीरी, पाशाई, खोवार, शीना, कोहिस्तानी। यह मुख्य रूप से पश्चिमोत्तर भारत, उत्तरी पाकिस्तान और पूर्वोत्तरी अफ़्ग़ानिस्तान में बोली जाती हैं।

पश्चिमोत्तरी क्षेत्र[संपादित करें]

डोगरी-कांगड़ी (पश्चिमी पहाड़ी)डोगरी, कांगड़ी, मंडेआलीपंजाबीदोआबी, लहन्दा, सराइकी, हिन्दको, माझी, मालवाईसिन्धी

पश्चिमी क्षेत्र[संपादित करें]

राजस्थानीमारवाड़ी, राजस्थानकच्छीगुजरातीभीलअहिराणी

मध्य क्षेत्र (हिन्दी)[संपादित करें]

पश्चिमी हिन्दीहिन्दुस्तानी, हरियाणवी, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजीपूर्वी हिन्दीअवधी, फ़ीजी हिन्दी, बघेली, छत्तीसगढ़ी

डोमारी–रोमानी और पर्या ऐतिहासिक रूप से मध्य क्षेत्र की सदस्य थी लेकिन भौगोलिक दूरी के कारण उनमें कई व्याकरणीय और शाब्दिक बदलाव आए हैं।

पूर्वी क्षेत्र (मगधी)[संपादित करें]

यह भाषाएँ मगधी अपभ्रंश से विकसित हुई हैं।[2]

बिहारीभोजपुरी, मगही, मैथिली, कैरेबियाई हिंदुस्तानी, अंगिका, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया, कुरमालीथारुओड़ियाहल्बीबंगाली-असामियाअसमिया, बाङ्ला, बिष्णुप्रिया मणिपुरी, रोहिंग्या

दक्षिणी क्षेत्र[संपादित करें]

यह भाषाएँ महाराष्ट्री प्राकृत से विकसित हुई हैं।

मराठीकोंकणीद्वीपीय हिन्द-आर्यसिंहली, मालदीवी (मह्ल, दिवेही)

इन द्वीपीय भाषाएँ में कुछ आपसी समानताएँ हैं जो मुख्यभूमि की हिन्द-आर्य भाषाओं में उपस्थित नहीं हैं।

अवर्गीकृत[संपादित करें]

निम्नलिखित भाषाएँ एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं लेकिन हिन्द-आर्य परिवार में इनका वर्ग अभी श्रेणीकृत नहीं हो पाया है:

कुसवारी[3]

दनुवार (राय), बोट, दरइ

चिनाली-लाहुल लोहार[4]

चिनाली, लाहुल लोहार

निम्नलिखित भाषाओं पर अधिक अध्ययन नहीं हुआ है और ऍथ्नोलॉग १७ में इन्हें हिन्द-आर्य में अवर्गीकृत लिखा गया है:

  • कंजरी (पंजाबी?), ओड (मराठी?), वागड़ी बूली (हक्कीपिक्की), आंध, कुमहाली, सोन्हा (शायद मध्य क्षेत्र की हो)।
खोलोसी भाषा

खोलोसी भाषा हाल ही में दक्षिणी ईरान के दो गाँवों में बोली जाती मिली है और यह स्पष्ट रूप से एक हिन्द-आर्य भाषा है लेकिन अभी वर्गीकृत नहीं करी गई है।[5]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • हिन्द-आर्य भाषाओं की सूची
  • दार्दी भाषाएँ
  • हिन्द ईरानी भाषाएँ
  • हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • हिन्द-आर्य भाषाओं का तुलनात्मक शब्दकोष

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin; Bank, Sebastian, eds. (2016). "Indo-Aryan Archived 2014-10-20 at the Wayback Machine". Glottolog 2.7. Jena: Max Planck Institute for the Science of Human History.
  2. Ray, Tapas S. (2007). "Chapter Eleven: "Oriya" Archived 2017-01-06 at the Wayback Machine. In Jain, Danesh; Cardona, George. The Indo-Aryan Languages. Routledge. p. 445. ISBN 978-1-135-79711-9.
  3. Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin; Bank, Sebastian, संपा॰ (2016). "Kuswaric". Glottolog 2.7. Jena: Max Planck Institute for the Science of Human History.
  4. Hammarström, Harald; Forkel, Robert; Haspelmath, Martin; Bank, Sebastian, संपा॰ (2016). "Chinali–Lahul Lohar". Glottolog 2.7. Jena: Max Planck Institute for the Science of Human History.
  5. "Shipwrecked and landlocked : Discovery of an Indo-Aryan language in southwest Iran" (PDF). Bamling-research.de. मूल (PDF) से 15 August 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-20.

भारतीय आर्य भाषा कौन सी है?

इस समूह में यह भाषाएँ आती हैं : संस्कृत, हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, रोमानी, असमिया, गुजराती, मराठी, इत्यादि।

आधुनिक भारतीय आर्य भाषा का दूसरा नाम क्या है?

संस्कृत या लौकिक संस्कृत - प्राचीन भारतीय आर्यभाषा का दूसरा 'संस्कृत' है। इसी को 'लौकिक संस्कृत' या 'क्लासिकल संस्कृत' भी कहा जाता है। यूरोप में जो स्थान 'लैटिन' भाषा का है, वही स्थान भारत में संस्कृत का है। गुप्तकाल में संस्कृत की सर्वाधिक उन्नति हुई थी।

सबसे प्राचीन आर्य भाषा कौन सी है?

संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है जिसे आर्य भाषा या देव भाषा भी कहा जाता है। >> हिन्दी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है ।

आधुनिक आर्य भाषा कौन सी है?

आधुनिक भारतीय आर्यभाषा का वर्गीकरण पूर्वी गौडियन-पूर्वी हिन्दी, बंगला, असमी, उड़िया। पश्चिमी गौडियन-पश्चिमी हिन्दी, राजस्थानी, गुजराती, सिन्धी, पंजाबी। उत्तरी गौडियन-गढ़वाली, नेपाली, पहाड़ी।