जब हम अपने शरीर को सोने की अवस्था में ले जाते हैं तो हमारा दिमाग़ कुछ हरकतें करता है और इसका नतीजा होता है हमारे हाथों और पैरों का फड़कना. कुछ लोग इन झटकों से चौंक जाते हैं तो कुछ शर्मिंदा भी होते हैं. Show
जहाँ तक मेरा सवाल है तो मैं इन झटकों से रोमांचित होता हूँ. हालाँकि कोई नहीं जानता कि इन झटकों की असल वजह क्या है, लेकिन मेरे लिए ये दिमाग़ को नियंत्रित करने की जद्दोजहद का परिणाम है. वो जद्दोजहद जो जागृत अवस्था और सपनों के बीच होती है. सामान्य तौर पर जब हम नींद में होते हैं तो शरीर शिथिल होता है. यहाँ तक कि सुस्पष्ट सपनों के दौरान भी हमारी मांसपेशियां शिथिल और आराम से रहती हैं और इनमें आंतरिक जोश की कोई झलक नहीं मिलती है. नींद के दौरान बाहरी दुनिया से आप आतौमर पर अलग-थलग रहते हैं, प्रयोगों से भी पता चला है कि नींद के दौरान अगर आपकी पलकें खुली हुई भी हों और इनमें टॉर्च की रोशनी चमकाई जाए तब भी आपके सपनों में कोई खलल नहीं पड़ता. लेकिन सपने देखने वालों और बाहरी दुनिया के बीच दरवाज़े पूरी तरह बंद नहीं होते. सपने देखने वाले दिमाग़ को दो तरह की गतिविधियां प्रभावित करती हैं और उनमें से हरेक के पास कहने के लिए अलग कहानी होती है. नींद के दौरान जो सबसे सामान्य गतिविधि होती है वह है पुतलियों की हरकत. जब हम सपने देखते हैं तो सपने के अनुसार ही हमारी आंखें हरकत करती हैं. मसलन, अगर हम सपने में टेनिस का मैच देख रहे हैं तो हमारी आंखें हर वॉली पर बाएं से दाएं चलेंगी. सोते हुए आदमी की आंखों में हलचल देखने से साफ पता चल जाएगा कि वह सपना देख रहा है. नींद में हाथ-पैरों का फड़कना आमतौर पर बच्चों में देखा गया है. जब हमारे सपने बेहद सरल होते हैं तो उनसे कोई आभास नहीं मिलता कि सपनों की दुनिया में क्या हो रहा है. मसलन यदि आप सपने में बाइक चला रहे हों तो आपके पैर गोल-गोल नहीं घूमेंगे. ये झटके इस बात का संकेत हैं कि गतिशील अवस्था का अभी दिमाग़ पर नियंत्रण है और शिथिल अवस्था ने अब इसे अपने नियंत्रण में लेना शुरू कर दिया है. दिमाग़ में सोने के लिए कोई ऑन-ऑफ़ का स्विच नहीं है, बल्कि दो परस्पर विरोधी सिस्टम हैं जो बारी-बारी से दिमाग़ का नियंत्रण अपने पास लेते रहते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि उनके शरीर में तब झटके आते हैं, जब वे सपने में गिर रहे होते हैं या किसी उलझन में होते हैं. लेकिन यह दुर्लभ घटना होती है और इसे स्वप्न संयोजन कहा जाता है, जहां कोई बाहरी वस्तु जैसे अलार्म घड़ी आपके सपनों में तैयार होती है. जब ऐसा होता है तो यह वास्तविक कहानी गढ़ने की हमारे दिमाग़ की क्षमता को दिखाता है. निंद्रा और अनिंद्रा के बीच की इस जद्दोजहद में दिमाग़ अपने संक्रमण दौर से गुजरता है. जगने की अवस्था में हम बाहरी घटनाओं की पहचान करते हैं, जबकि सपना देखने की अवस्था में दिमाग़ अपनी गतिविधियों से घटनाओं की पहचानने की कोशिश करता है. जब हम नींद में होते हैं तो हमारी दो तरह की हलचलों में समरूपता होती है. पुतलियों का तेज़ी से चलना हमारे सपने में होने का संकेत है, जिसे जागती हुई आँखों से देखा जा सकता है. जबकि शरीर के झटके जगी हुई अवस्था के संकेत है, जो सपनों की दुनिया में घुसने की तैयारी में हैं. Hypnik Jerks: कई बार सोते समय ऐसा महसूस हुआ होगा कि आप अचानक से नीचे गिरने लगते हैं या फिर आपके शरीर को बहुत तेजी से झटका लगा होगा. क्या ऐसा होना नार्मल है या फिर किसी बीमारी का लक्षण है? ऐसा होने का क्या कारण होता है, आइए जानते हैं. नींद में किस समय लगते हैं झटके 60 से 70 प्रतिशत लोगों को महसूस होता है हाइपनिक जर्क हाइपनिक जर्क महसूस होना एक आम बात है. लगभग 60 से 70 प्रतिशत लोगों को रात में सोते समय ऐसे झटके महसूस होते हैं. झटके लगने के बाद ज्यादा लोगों को इसके बारे में नहीं जान पाते हैं, क्योंकि वो नींद में रहते हैं. नींद में क्यों लगते हैं झटके साइंटिस्ट्स का मानना है कि ये झटके तब महसूस होते हैं, जब इंसान थका हुआ या फिर परेशान रहता है. कई बार हाइपनिक जर्क के पीछे का कारण कैफिन का ज्यादा सेवन करना भी होता है. रात में सोने से पहले वर्काउट करने से भी हाइपनिक जर्क महसूस होता है. इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन के कारण भी सोते समय झटके महसूस होते हैं. डॉक्टर से परामर्श का सही समय वैसे तो झटके लगना सामान्य होता है, पर अगर आपको झटके लगने के बाद बेचैनी महसूस होने लगती है तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) hypnic jerk in hindi? हेलो दोस्तों नमस्कार आज की इस नई पोस्ट में दोस्तों आज हम आपको बताएंगे की नींद में झटके क्यों लगते हैं तो चलिए आज हम आपको बताते है वैसे इससे जुड़ी और भी पोस्ट OSir.in पर आपको मिलेंगे जहां पर जाकर आप और भी न्यू पोस्ट पढ़ सकते हैं दोस्तों अगर आप अक्सर गहरी नींद में से उठ जाते हैं| क्या आपको ऐसा लगता है कि आप किसी ऊंची बिल्डिंग से नीचे गिर रहे हैं अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो इस परेशानी के कारण आप गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं| Table of contents : दिखाएँ 1. नींद में झटके क्यों लगते हैं ? tremors occur in sleep 2. सोते समय झटके लगने का कारण क्या है ? Why does it take time to fall asleep, what is the reason for this? 3. सोते समय क्यों लगते हैं झटके ? Why do tremors occur while sleeping ? 4. इपनिक जर्क के कारण ? hypnic jerk 4.1. अनुवांशिक समस्याएं : genetic 5. हाइपनिक जर्क से बचाव के तरीके क्या है ? hypnic jerk 5.1. 1. आयरन से भरपूर चीजों का सेवन ? Iron 5.2. 2. एक्सरसाइज करने से बचें ? exercise 5.3. इन बातों का ध्यान दें ?
जिससे आप नींद की कमी, तनाव और थकान जैसी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं आइए जानते हैं कि क्या होता है इस बीमारी में और बीमारी के संकेत क्या है दोस्तों अगर आप के साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप गहरी नींद में सो रहे हैं और अचानक एक झटका महसूस होने लगे नींद खुल जा रही हो क्या आप सोते समय अचानक उलझ पड़ते हैं |Need me jhatke lagna ? वास्तव में ऐसा हाइपर निक डर के कारण होता है यह कोई रोग नहीं है और ना ही कोई नर्वस स्टेप है यह अचानक मांसपेशियों के शारीरिक झटके हैं जो नींद आने के कुछ घंटों में आ सकते हैं दुनिया में लगभग 70 फ़ीसदी लोगों ने इसका अनुभव किया है| नींद में झटके क्यों लगते हैं ? tremors occur in sleepजब हम अपने शरीर को सोने की अवस्था में ले जाते हैं तो हमारा दिमाग कुछ हरकतें करता है| और उसका नतीजा होता है हमें हमारे हाथों और पैरों का फटना कुछ लोग इन झटकों से चौक जाते हैं| जहां तक मेरा सवाल है तो मैं इन झटकों से रोमांचित होता हूं |हालांकि कोई नहीं जानता कि इन झटकों की असल वजह क्या है लेकिन मेरे लिए यह दिमाग को नियंत्रित करने का परिणाम है| जो जागृत अवस्था और सपना के बीच होती है| नींद के दौरान बाहरी दुनिया से आप आम तौर पर अलग अलग रहते हैं प्रयोगों से भी पता चलता है कि नींद के दौरान अगर आपकी पलकें खुली हुई भी हो और इनमें टॉर्च की रोशनी चमकाई जाए तब भी आपके सपने में कोई खलल नहीं पढ़ती है| कई बार ऐसा लगता है | जैसे हम सोते सोते गिरने वाले हो हम नींद में ही संभालने की कोशिश करने लगते हैं कई लोग लोगों को सोते समय झटके महसूस होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों होता है और इसकी वजह क्या है क्या यह कोई बीमारी है| या फिर सामान्य बात है आइए जानते हैं | यह झटके उस समय महसूस होते हैं जब व्यक्ति फल की नींद में होता है यानी ना तो पूरी तरह उठा उठा हुआ होता है और ना गहरी नींद में होता है आमतौर पर यह घटना सोने के पहले चरण में होती है जब हार्ड रेट और सांस धीरे होने लगती है | रिचार्ज के मुताबिक सोते समय झटके महसूस होना सामान्य बात है| इस जानकारी को सही से समझने हम नये लेख आप को सीधा ई-मेल कर देंगे ! ▼▼ यंहा अपना ई-मेल डाले ▼▼ Email Address सदस्यता ले Join 1,019 other subscribers ★ सम्बंधित लेख ★
► [PDF] गणेश हवन मंत्र डाउनलोड : पूजन विधि और पूजन सामग्री लिस्ट | Ganesha havan mantra pdf download ( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये ) करीब 60 से 70% लोग ऐसा अनुभव करते हैं लेकिन उन्हें या तो याद नहीं रहता या फिर पता नहीं चल पाता है खासकर तब अगर इन झटकों से किसी की नींद ना टूटे तो क्या पता करना काफी मुश्किल होता है |
सोते समय झटके लगने का कारण क्या है ? Why does it take time to fall asleep, what is the reason for this?क्या आप भी रात को सोते समय अचानक झटके महसूस करते हैं क्या आपका शरीर अचानक हिल जाता जाता है सोते हुए क्या आपको गिरने का एहसास होता है वैज्ञानिक इस घटना को ‘ हाइपनिक जर्क ‘ कहते हैं जहां लोग विभिन्न कारणों से अचानक उठ जाते हैं कुछ लोगों को लगता है कि वह बहुत ऊंचाई से गिर रहे हैं जबकि अन्य लोगों को ऐसा लगता है जैसे कोई सोते समय गला घोटने की कोशिश कर रहा है हालांकि स्थितियां अलग अलग है हर कोई अचानक झटके से जग जाता हैं | सोते समय क्यों लगते हैं झटके ? Why do tremors occur while sleeping ?रिसर्च के अनुसार दुनिया भर में 70% लोग इस स्थिति को जरूर महसूस करते हैं यह एक दिमाग की रिएक्शन है जिसमें दिमाग की नसों में संकुलन होता है और आप संभाल नहीं पाते हैं आमतौर पर ऐसा तब होता है जब थकान के कारण आप तो नहीं पाते मस्तिष्क नींद के चरणों को बहुत तेजी से संसाधित करता है जिससे नींद में भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है | नींद में झटका लगना भी इन्हीं मस्तिष्क के रसायनों की प्रक्रिया का रिएक्शन है | इपनिक जर्क के कारण ? hypnic jerkआमतौर पर इस हाइपनिक जर्क के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि अगर आप एक बार भी जाग जाते हैं तो आप बस पलट कर सो सकते हैं कुछ कारक जो हाइपनिक जर्क का कारण बन सकते हैं |
अनुवांशिक समस्याएं : genetic
हाइपनिक जर्क से बचाव के तरीके क्या है ? hypnic jerk1. आयरन से भरपूर चीजों का सेवन ? Ironक्योंकि यह समस्या शरीर में आयरन की कमी से भी हो सकती है इसीलिए जितना हो सके डाइट में आयरन मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर चीजें ले इसके लिए रोज दूध, फ्रूट्स , गुड , वेजिटेबल सलाद, दही , केला , और सूखे मेवे खाएं |
2. एक्सरसाइज करने से बचें ? exerciseसोने से पहले एक्सरसाइज करने में दिमाग पर तनाव पड़ता है इससे आप रात को अच्छी तरह से सो नहीं पाते सोने से 6 घंटे पहले की एक्सरसाइज कर ले | इन बातों का ध्यान दें ?
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रात में सोते समय झटके क्यों आते हैं?क्या होता है हाइपेनिक जर्क-
आमतौर पर यह घटना नींद के पहले चरण में होती है जब हार्ट रेट और सांस धीरे होने लगती है। हाइपनिक जर्क कोई डिजीज नहीं है और ना ही कोई नर्वस सिस्टम डिस्ऑर्डर है। यह अचानक मसल्स के झटके हैं जो नींद आने के कुछ घंटों में आ सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, सोते समय झटके महसूस होना सामान्य बात है।
शरीर में झटके लगने का क्या कारण है?कुछ लोगों का कहना है कि उनके शरीर में तब झटके आते हैं, जब वे सपने में गिर रहे होते हैं या किसी उलझन में होते हैं. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे तनाव, चिंता, थकान या कैफीन लेना या फिर नींद की कमी जैसी वजहें काम करती हैं.
रात को सोते समय हमें क्या करना चाहिए?हमेशा रात का भोजन सोने से 2 घंटे पहले कर लेना चाहिए. कोशिश करें रात का भोजन सादा और हल्का हो. उसके बाद वज्रासन में बैठें फिर भ्रामरी प्राणायाम और अंत में शवासन करते हुए सो जाना चाहिए.
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