केरल से मक्का मदीनाः के पाक सफर पर निकले नौजवान शिहाब चितूर गुरुवार को भीलवाड़ा पहुंचे। शिहाब के सफर का यह 70वां दिन है। शिहाब पुर होते हुए मांडल चौराहा पहुंचे जहां उन्होंने ताज परिवार के घर पर आराम किया और उसके बाद वे अपने सफर पर फिर से रवाना हो गए। इधर हज के सफर पर पैदल निकले शिहाब के भीलवाड़ा में होने की जानकारी मिलने के बाद काफी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शिहाब का स्वागत करने और उन्हें देखने के लिए रास्ते में खड़े हो गए। शिहाब के साथ पुलिस जाप्ता भी मौजूद रहा। शिहाब मांडल चौराहा होते हुए अजमेर मार्ग पर निकल गए। रास्ते में उन्होंने होटल में आराम किया और शुक्रवार सुबह फिर से अपना सफर शुरू कर दिया। Show 2023 में पहुंचेंगे मक्का मदीना शिहाब केरल के मल्लापुरम के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 30 साल है। पेशे से शिहाब डॉक्टर हैं। इसी साल जून महीने से शिहाब से पैदल हज पर जाने का फैसला किया। विदेश मंत्रालय ने भी शिहाब को इसकी अनुमति दे रखी है। शिहाब जून 2023 को मक्का पहुंचेंगे। यह सफर करीब 8600 किलोमीटर का होगा। इनके रास्ते में भारत को पार करने के बाद पाकिस्तान, कुवैत, ईरान होते हुए सऊदी अरब पहुचेंगे। भीलवाड़ा : केरल से मक्का-मदीना (Mecca-Medina) का 8600 किलोमीटर का पाक सफर, वह भी पैदल। इस मुश्किल काम को अंजाम देने केरल (Kerala) से निकले शिहाब चितूर अपनी अनूठी हज यात्रा (Hajj Yatra) के 70वें दिन भीलवाड़ा (Bhilwara) पहुंचे। उन्हें देखने और इस्तकबाल करने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई। वह 2023 में मक्का-मदीना पहुंचेंगे। अल्लाह का घर देखने की तमन्ना हर मुसलमान की होती है। लेकिन, पैदल चलकर हज पर जाना हर किसी के बस की बात नहीं। हालांकि, नेक और मजबूत इरादा लेकर हज के लिए निकले हैं, केरल के शिहाब चितूर। शुक्रवार को शिहाब के सफ़र में देश की आज़ादी के अमृत महोत्सव (Amrut Mahotsav) का रंग भी देखने को मिला। इसमें कई युवा हाथों में तिरंगा झंडा (National Flag) लिए हुए चल रहे थे।Congress भी चल पड़ी BJP की राह पर, Hindu वोटों को रिझाने के लिए कांवड़ यात्रा पर निकले मंत्री जून में केरल के मन्नपुरम से पैदल हज पर निकले युवा शिहाब जून में केरल के मन्नपुरम (Mannapuram) से पैदल हज पर निकले। वह गुरुवार को भीलवाड़ा के उपनगर पुर पहुंचे और पुर कच्ची बस्ती स्थित एक निजी निवास पर ठहरे। शिहाब ने बताया कि मैं जून में पैदल हज पर निकला। इस दौरान जगह-जगह पर चाहने वालों ने मेरा इस्तकबाल किया। भीलवाड़ा के बाशिंदों और पुलिस-प्रशासन ने जो व्यवस्था की वह सभी जगहों से अलग दिखाई दी। यहां पर हजारों की तादाद में बच्चे, बुजुर्ग और औरतें मौजूद थे। मैं और मेरी टीम की तरफ से इन सभी का तहेदिल से शुक्रिया है। शुक्रवार को शिहाब अपने पाक सफर पर मांडल चौराहे होते हुए अजमेर मार्ग पर निकल गए। Independence Day : शहीदों को श्रंद्धाजलि देने के लिए 1100 किलोमीटर की स्केटिंग यात्रा पर हैं अगस्त्य विदेश मंत्रालय से मिल चुकी है अनुमति पेशे से डॉक्टर शिहाब की उम्र 30 साल है। विदेश मंत्रालय ने भी इन्हें अनुमति दे रखी है। इनका लगभग 8600 किलोमीटर का सफर भारत के बाद पाकिस्तान (Pakistan), कुवैत (Kuwait), ईरान (Iran) होते हुए सऊदी अरब (Saudi Arab) में समाप्त होगा। रिपोर्ट- प्रमोद तिवारी Amrit Mahotsav: जगह-जगह तिरंगा यात्रा, यूपी के जिले-जिले में जोश में गूंजे 'भारत माता की जय' के नारे इंडिया से मक्का मदीना पैदल कौन जा रहा है?इस मुश्किल काम को अंजाम देने केरल से पैदल हज के लिए निकले शिहाब चितूर अपनी हज यात्रा के 70वें दिन भीलवाड़ा पहुंचे, जहां उन्हें देखने और उनका इस्तकबाल करने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई। वह 2023 में मक्का मदीना पहुंचेंगे। भीलवाड़ा : केरल से मक्का-मदीना (Mecca-Medina) का 8600 किलोमीटर का पाक सफर, वह भी पैदल।
मक्का मदीना कितने किलोमीटर दूर है?मदीना मक्का के उत्तर में 210 मील (340 किमी) और लाल सागर तट से लगभग 120 मील (190 किमी) दूरी पर है।
मक्का मदीना कौन बनाया था?इस्लामी परम्परा के अनुसार मक्का की स्थापना नबी इस्माईल के वंश ने की थी। 7वीं शताब्दी में जब इस्लामी पैगम्बर मुहम्मद ने इस शहर में इस्लाम की घोषणा की तब तक यह शहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र बन चुका था।
मक्का से मदीना की यात्रा को क्या कहा जाता था?मक्कावासियों के साथ हजरत मोहम्मद के झगड़े के पश्चात मोहम्मद साहब अपने साथी सहाबी अबू बक्र के साथ मक्का से मदीना चले गए जिसे इतिहास में हिज्राह या हिजरत कहा जाता है। चूँकि हजरत मोहम्मद द्वारा 622 ई.
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