हनुमान का एक अन्य नाम क्या है? - hanumaan ka ek any naam kya hai?

Hanuman ji Names Meaning and Mythological Story: भगवान हनुमान दसों दिशाओं, आकाश और पाताल के रक्षाकर्ता कहलाते हैं. जो भक्त निस्वार्थभाव से हनुमान जी की पूजा-अराधना करते हैं उन्हें कभी किसी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है. कहा जाता है कि हनुमान जी के केवल नामों के उच्चारण मात्र से ही व्यक्ति सांसारिक सुखों को प्राप्त करता है. भगवान हनुमान को बजरंगबली, अंजनीपुत्र, पवनपुत्र, रामभक्त जैसे अनेकों नामों से जाना जाता है. हनुमान जी के सभी नामों से कुछ रोचक कथाएं भी जुड़ी हुई है.

धार्मिक ग्रंथों में हनुमान जी को रुद्र का 11 वां अवतार कहा गया है. वहीं रामायण ग्रंथ में भगवान हनुमान को श्रीराम का परम भक्त बताया गया है. आप भी हनुमान जी के कई नामों के बारे में जरूर जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को ये सारे नाम कैसे मिले. जानते हैं हनुमान जी के नामों से जुड़ी रोचक कथाओं के बारे में.

हनुमान जी के 5 नाम और इससे जुड़ी कथा

हनुमान- पौराणिक कथा के अनुसार, हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति है. एक बार मारुति ने सूर्य को देख उसे पका हुआ फल समझ लिया. मारुति के मन में उसे खाने की लालसा हुई और उन्होंने सूरज को निगल लिया. इससे पूरे संसार में अंधेरा छा गया था. देवता से लेकर मानव सभी परेशान हो गए. तब सभी देवताओं ने मारुति से सूरज को बाहर उगलने की विनती की. लेकिन मारुति हठ कर हैठे और अंत तक नहीं माने. ऐसे में विवश होकर भगवान इंद्र को अपना व्रज उठाना पड़ा. इंद्र देव ने अपने व्रज से मारुति के हनु यानी ठुड्डी पर प्रहार किया, जिससे हनुमान जी का हनु टूट गया. इसके कारण ही उनका नाम ‘हनुमान’ पड़ गया.

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पवनपुत्र- हनुमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था, लेकिन फिर भी उन्हें पवनपुत्र के नाम से जाना जाता है. इससे जुड़ी भी एक रोचक कथा है, जिसके अनुसार, माता अंजनी ने अपनी तपस्या से वायुदेव के प्रसन्न किया था और वायुदेव ने माता अंजनी को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया. वायुदेव के आशीर्वाद से ही केसरी और अंजनी को पुत्र की प्राप्ति हुई. वायुदेव के आशीर्वाद से जन्म होने के कारण ऋषि-मुनियों ने मारुति को वायुपुत्र और पवनपुत्र जैसे नाम दिए.

संकट मोचन- भगवान हनुमान के कई नामों में एक नाम संकट मोचन भी है. जो भक्त श्रद्धाभाव से हनुमान जी की पूजा-अराधना करते हैं,उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. हनुमान जी के संकट मोचन नाम का कारण यह है कि उन्होंने हमेशा संकटों को दूर कर सबकी रक्षा की है. राम जी के आदेश पर हनुमान जी माता सीता को लंका से वापस लेकर आए, लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी ढूंढकर लाई और जब कभी भी भगवान राम पर कोई विपदा आई तो हनुमान जी ने हर संकट को दूर किया. इसी तरह भगवान अपने भक्तों के सारे संकट भी दूर करते हैं. इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है.

बजरंगबली- पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी का शरीर व्रज के समान बलवान है, वे कंधे पर जनेऊ, सिर पर स्वर्ण मुकुट और हाथ में गदा धारण किए होते हैं. अत्यंत महाबली होने के कारण उन्हें बजरंगबली कहा जाता है. बजरंग का अर्थ है केसरी रंग और बली का अर्थ होता है शक्तिशाली या बलवान.

केसरीनंदन- हनुमान जी के केसरीनंदन नाम की कथा उनकी माता अंजनी से जुड़ी हुई है. अंजनी पूर्व जन्म में देव कन्या थीं, जिसका नाम पुंजिकस्थला था. पुंजिकस्थला रूपवती और चंचल स्वभाव की थी. अपने स्वभाव के कारण उन्होंने एक बार तपस्या करते हुए एक ऋषि के साथ अभद्रता कर दी, जिससे ऋषि का तपस्या भंग हो गई. क्रोधित होकर ऋषि से पुंजिकस्थला को श्राप दे दिया, कि वह अगले जन्म में जिस व्यक्ति से प्रेम करेगी उसका मुख वानर की तरह होगा. भविष्य में अंजनी का विवाह केसरी नामक वानर से हुआ. पिता के नाम पर ही हनुमान जी का नाम केसरीनंदन भी पड़ा.

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हनुमान जी की पूजा और उपासना का विशेष महत्व है. लेकिन हनुमान जी एक ऐसे भगवान हैं जिनके संपूर्ण नाम लेने से ही उनकी कृपा प्राप्त होती है. हनुमान जी अपने भक्तों का कष्ट नहीं देख सकते हैं इसलिए जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है उससे वे प्रसन्न रहते हैं.

आज मंगलवार है और हनुमान जी की रात्रि पूजा का भी विशेष महत्व है. जो लोग दिन में किसी कारण से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ से वंचित रह गए हैं वे रात में सोने से पहले इन नामों को लेने से भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

नाम लेने से लाभ जिन लोगों को रात में नींद नहीं आनी की समस्या है वे इसे नित्य कर सकते हैं. वहीं अगर बुरे सपने आते हैं या फिर किसी अज्ञात से भय रहता है तो रात में सोने से पहले हनुमान जी के इन नामों को एक बार जरुर पढ़ें. इससे मानसिक तनाव दूर होेंगे और पूरे दिन की थकावट भी दूर होगी.

हनुमान जी के 108 नाम

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1.भीमसेन सहायकृते 2. कपीश्वराय 3. महाकायाय 4. कपिसेनानायक 5. कुमार ब्रह्मचारिणे 6. महाबलपराक्रमी 7. रामदूताय 8. वानराय 9. केसरी सुताय 10. शोक निवारणाय 11. अंजनागर्भसंभूताय 12. विभीषणप्रियाय 13. वज्रकायाय 14. रामभक्ताय 15. लंकापुरीविदाहक 16. सुग्रीव सचिवाय 17. पिंगलाक्षाय 18. हरिमर्कटमर्कटाय 19. रामकथालोलाय 20. सीतान्वेणकर्त्ता 21. वज्रनखाय 22. रुद्रवीर्य 23. वायु पुत्र 24. रामभक्त 25. वानरेश्वर 26. ब्रह्मचारी 27. आंजनेय 28. महावीर 29. हनुमत 30. मारुतात्मज 31. तत्वज्ञानप्रदाता 32. सीता मुद्राप्रदाता 33. अशोकवह्रिकक्षेत्रे 34. सर्वमायाविभंजन 35. सर्वबन्धविमोत्र 36. रक्षाविध्वंसकारी 37. परविद्यापरिहारी 38. परमशौर्यविनाशय 39. परमंत्र निराकर्त्रे 40. परयंत्र प्रभेदकाय 41. सर्वग्रह निवासिने 42. सर्वदु:खहराय 43. सर्वलोकचारिणे 44. मनोजवय 45. पारिजातमूलस्थाय 46. सर्वमूत्ररूपवते 47. सर्वतंत्ररूपिणे 48. सर्वयंत्रात्मकाय 49. सर्वरोगहराय 50. प्रभवे 51. सर्वविद्यासम्पत 52. भविष्य चतुरानन 53. रत्नकुण्डल पाहक 54. चंचलद्वाल 55. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ 56. कारागृहविमोक्त्री 57. सर्वबंधमोचकाय 58. सागरोत्तारकाय 59. प्रज्ञाय 60. प्रतापवते 61. बालार्कसदृशनाय 62. दशग्रीवकुलान्तक 63. लक्ष्मण प्राणदाता 64. महाद्युतये 65. चिरंजीवने 66. दैत्यविघातक 67. अक्षहन्त्रे 68. कालनाभाय 69. कांचनाभाय 70. पंचवक्त्राय 71. महातपसी 72. लंकिनीभंजन 73. श्रीमते 74. सिंहिकाप्राणहर्ता 75. लोकपूज्याय 76. धीराय 77. शूराय 78. दैत्यकुलान्तक 79. सुरारर्चित 80. महातेजस 81. रामचूड़ामणिप्रदाय 82. कामरूपिणे 83. मैनाकपूजिताय 84. मार्तण्डमण्डलाय 85. विनितेन्द्रिय 86. रामसुग्रीव सन्धात्रे 87. महारावण मर्दनाय 88. स्फटिकाभाय 89. वागधीक्षाय 90. नवव्याकृतपंडित 91. चतुर्बाहवे 92. दीनबन्धवे 93. महात्मने 94. भक्तवत्सलाय 95.अपराजित 96. शुचये 97. वाग्मिने 98. दृढ़व्रताय 99. कालनेमि प्रमथनाय 100. दान्ताय 101. शान्ताय 102. प्रसनात्मने 103. शतकण्ठमदापहते 104. योगिने 105. अनघ 106. अकाय 107. तत्त्वगम्य 108. लंकारि

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हनुमान जी के कितने नाम है टोटल?

हनुमानजी के लगभग 108 नाम बताए जाते हैं। वैसे प्रमुख रूप से हनुमानजी के 12 नाम बताए जाते हैं।

हनुमान जी का दूसरा नाम क्या है?

भगवान श्रीराम के परमभक्त(संस्कृत: हनुमान्, आंजनेय और मारुति के नाम से भी जानते है।)

हनुमानजी के 108 नाम कौन से हैं?

हनुमान जी के 108 नाम.
भीमसेन सहायकृते.
कपीश्वराय.
महाकायाय.
कपिसेनानायक.
कुमार ब्रह्मचारिणे.
महाबलपराक्रमी.
रामदूताय.
वानराय.

हनुमान जी का वास्तविक नाम क्या है?

* बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था, जो दरअसल उनका सबसे पहला व असली नाम था। * देवी अंजना के पुत्र होने से इन्हें अंजनी पुत्र व आंजनेय भी कहा जाता है। तो वही पिता केसरी के नाम से भी इन्हें जाना जाता हैं।