चंद्रमा पर कौन सी महिला गई थी? - chandrama par kaun see mahila gaee thee?

चंद्रमा पर कौन सी महिला गई थी? - chandrama par kaun see mahila gaee thee?

चांद पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति का नाम क्या है, यह तो सभी जानते हैं परंतु क्या आप बता सकते हैं कि चांद पर पहला कदम रखने वाली महिला का नाम क्या है। इस प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे सकता, क्योंकि आज तक चांद पर किसी भी महिला ने कदम ही नहीं रखा परंतु जल्द ही इस प्रश्न का भी उत्तर मिल जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। 

उस महिला को 'चांद की देवी' कहा जाएगा

चांद की धरती पर जाने वाली पहली आर्टेमिस कौन होगी। आर्टेमिस यानी की चांद की देवी, ग्रीक मैथोलॉजी में आर्टेमिस को चांद के साथ ही शिकार और जंगलों की देवी भी कहा गया है। आर्टेमिस अपोलो की जुड़वा बहन भी हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने अगले चंद्र मिशन का नाम आर्टेमिस ही रखा है। 2024 के इस मिशन में पहली बार ऐसा होगा कि जब कोई महिला चंद्रमा की सतह पर उतरेगी और पहले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के साथ अपना नाम भी दर्ज कराएगी। लेकिन अभी तक इस मिशन के लिए किसी भी महिला का नाम तय नहीं हो पाया है। अब सबकी नजरें इसी पर हैं कि आखिर वह महिला कौन होगी जो चंद्रमा की धरती पर अपना कदम रखेगी।

क्यों महत्वपूर्ण है नासा का यह अभियान / Why is it important mission of NASA

नासा का यह अभियान इसीलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मंगल मिशन पर भेजे जाने से अगली पीढ़ी के स्पेसक्रॉफ्ट्स का भी इस अभियान के जरिये परीक्षण किया जाना है। हालांकि, अभी तक कोई नहीं जानता वह महिला कौन है जो चंद्रमा पर कदम रखेंगी, पर नासा के वर्तमान रोस्टर में शामिल 12 महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से किसी एक को यह मौका मिल सकता है। इन महिलाओं की उम्र 40 से 53 साल के बीच की है। नासा से जुड़ने से पहले ये सेना में पायलट, डॉक्टर और वैज्ञानिक रह चुकी हैं।

पिछली सदी के 9वें दशक के अंत में आए हजारों आवेदनों में से इन महिलाओं का चुनाव किया गया था। अगला नील आर्मस्ट्रांग कौन होगा, यह भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि उड़ान का समय जितना नजदीक है, उसके अनुसार एक बात तो तय लगती है कि इस अभियान के लिए अलग से कोई भर्ती नहीं की जाएगी।

पूर्व अंतरिक्ष यात्री और वर्ष 1990 से 2000 तक स्पेस शटल उड़ाने वाले कमांडेंट एलीन कॉलिन ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से वह किसी भी तरह के अंतरिक्ष यात्री के साथ उड़ान भर सकते हैं, लेकिन यदि आपके पास पर्याप्त अंतरिक्ष यात्री हैं जो पहले भी उड़ान भर चुके हैं तो ऐसे लोगों को वहां भेजना सही हो सकता है, क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि अंतरिक्ष में उन्हें क्या करना है।

Who is the first Woman going to moon?

नासा में वरिष्ठ अधिकारी केन बोवर्साक्स ने कहा कि कई लोग अंतरिक्ष पर जाते हैं और उनमें ऐसी क्षमता होती है कि वह वहां काम भी कर सकते हैं, लेकिन आपको पता नहीं होता है कि वह कौन हो सकता है। उन्होंने कहा ‘मुङो लगता है कि अंतरिक्ष में ऐसे लोगों को भेजा जाना चाहिए जो कम से कम एक बार उड़ान भर चुके हैं। हालांकि, महिलाओं के संबंध में यह कहना बड़ा मुश्किल है, क्योंकि रोस्टर में शामिल महिलाओं से ज्यादातर ने पहले कभी अंतरिक्ष की यात्र नहीं की है।

नासा की शुरुआत में की गई थी पुरुषों की भर्ती

1958 में जब नासा की स्थापना की गई थी। तब नासा ने केवल सेना के पुरुष कर्मचारियों की ही भर्ती की थी। 1969 से 1972 तक 12 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर गए लेकिन ये सभी पुरुष ही थे। 1983 में सेली राइड पहली अमेरिकी महिला बनीं जो अंतरिक्ष पर गईं। वर्तमान में युवाओं और अनुभवी लोगों की टीम नासा के पास मौजूद है जो वर्ष 2020 तक पहली बार अंतरिक्ष की सैर सकते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article 

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किसी भारतीय महिला का चांद पर कदम रखना लगभग तय हो गया है. पूरी संभावना है कि वह इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी की ट्रेनिंग से गुजरेगी. दरअसल भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट डॉ. कल्पना चावला के दोस्तों ने उनकी स्मृति में फैलोशिप शुरू की थी, जिसके तहत साइंस फील्ड में प्रतिभाशाली भारत व भारतीय मूल की महिलाओं को चांद पर ले जाने की तैयारी है. प्रोजेक्ट के बोर्ड में पॉटर एडवाइजर हैं. 2021 के लिए 5 नाम हाल में तय किए गए हैं, हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटीं वर्जिन गैलेक्टिक की भारतीय अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सिरिशा बांदला भी इससे जुड़ गई हैं. उन्होंने कहा,'डॉ. चावला मुझ जैसी लाखों युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं.

It is almost certain for an Indian woman to step on the moon. There is every possibility that she will undergo training at the International Space University. In fact, friends of Indian-American Astronaut Dr. Kalpana Chawla had started a fellowship in her memory, under which preparations are being made to take talented Indian and Indian-origin women to the moon in the field of science. Watch the video to know more.

नासा की अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर चांद पर कदम रखने वाली पहली महिला हो सकती हैं. जेसिका मीर को आर्टेमिस चंद्र अभियान के तहत पहली महिला के तौर पर चांद पर कदम रखने का मौका मिल सकता है. जेसिका 12 दिसंबर, 1972 के बाद ऐसा करने वाली पहली इंसान भी होंगी. जेसिका के लिए अंतरिक्ष कोई अजूबा नहीं है. 2019 में वह अंतरिक्ष में चहलकदमी कर चुकी हैं.

पहले फीमेल स्पेसवॉक में हिस्सा लेकर उन्होंने इतिहास रचा था. जेसिका मीर यहूदी और स्वीडिश नागरिक हैं. उनकी मां स्वीडिश थीं और उनके पिता इस्राइली सेफार्डी थे. यही कारण है कि जेसिका अपने यहूदी और इस्राइली जड़ों से भी बेहद लगाव रखती हैं, यही वजह है कि वे अपने साथ अंतरिक्ष में इस्राइली झंडे के साथ कई अन्य चीजें ले गयी थीं.

खास बातें

  • 1972 के बाद चांद पर उतरने वाली पहली इंसान होंगी जेसिका

  • 1963 में अंतरिक्ष की यात्रा पर गयी थीं वेलेंतिना तेरेस्कोवा, बनीं थी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री

  • 2019 में वह अंतरिक्ष में कर चुकी हैं चहलकदमी, रचा था इतिहास

बता दें कि जेसिका मीर से जुड़ी ये घोषणा नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत की गयी है. इस प्रोग्राम के तहत कई सारे अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया जायेगा. आपको बता दें कि आर्टेमिस यूनान की एक देवी के नाम पर रखा गया है, जो अपोलो की जुड़वां बहन थीं, 1960 और 1970 के दशक में नासा ने अंतरिक्ष अभियान को अपोलो नाम दिया था.

गौरतलब है कि सोवियत संघ की कॉस्मोनॉट वेलेंतिना तेरेस्कोवा पहली महिला थीं, जो 1963 में अंतरिक्ष की यात्रा पर गयी थीं. हालांकि अब भी दुनिया भर में महिला अंतरिक्षयात्रियों की संख्या बेहद कम है. गौरतलब है कि कि इससे पहले 1963 में वेलेंतिना तेरेस्कोवा अंतरिक्ष की यात्रा पर जाकर पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं थी.

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Published Date Fri, Jan 21, 2022, 11:33 AM IST

चांद पर जाने वाली भारतीय महिला कौन है?

कल्‍पना चावला
राष्ट्रीयता
संयुक्त राज्य अमरीका भारत
स्थिति
दिवंगत
जन्म
भारांग: फाल्गुन 26, 1883 ग्रेगोरी कैलेण्डर: मार्च 17, 1962 करनाल, हरियाणा, भारत
मृत्यु
1 फरवरी 2003 (आयु 41 वर्ष) टेक्सास के ऊपर
कल्पना चावला - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › कल्पना_चावलाnull

चांद पर जाने वाली पहली महिला महिला कौन थी?

अपाेलाे मिशन में शामिल नील अार्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे। वहीं अमेरिकी महिला सैली राइड अंतरिक्ष में जाने वाली दुनिया की पहली महिला थीं।