धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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क्या आप अपने भूमंडल की दिनों दिन बिगड़ती स्थिति को देखकर चिंतित हैं और इसको बचाने के लिए वह सब करने को तैयार है जो आप कर सकते हैं? ग्लोबल वार्मिंग, मृत हो रहे महासागर और धरती से विलुप्त हो रहे प्राणियों की खबरों के बाढ़ के बीच यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि आखिर शुरुआत करें भी तो कहाँ से। कभी ऐसा भी लगता है कि एक इंसान के प्रयासों से क्या फर्क पड़ेगा, परंतु ऐसे बहुत सारे रास्ते हैं जिनके माध्यम से आप वास्तव में इस महान काम में सकारात्मक भागीदारी कर सकते हैं। इस काम को करने के लिए नीचे दिए गए पहले सुझाव पर गौर करें और देखें कि अपनी व्यक्तिगत आदतों में सुधार करके और दूसरों को इस बारे में शिक्षित करके आप कितना अच्छा योगदान कर सकते हैं।

  1. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    घर में पानी का संरक्षण करें: पानी की बरबादी अपने भूमंडल के बिगड़ते हालात के लिए जिम्मेदार सबसे बड़ी वजहों में से एक है। ऐसे कदम उठाना, जिससे पानी का उपयोग कम हो, एक ऐसा काम है जिसकी शुरुआत आप अभी से कर सकते हैं। अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ पानी की कमी है, तो यह काम आपके क्षेत्र के वातावरण के स्वास्थ्य के लिए और भी महत्वपूर्ण है। नीचे दिए गए सूचि को पढ़ें और इन सुझावों में से जितना ज्यादा हो सके उतने सुझावों को अमल में लाएं:

    • सुनिश्चित करें कि किसी नल से पानी तो टपक नहीं रहा है। यदि कहीं ऐसा हो रहा हो तो उसे दुरुस्त करें, क्योंकि इससे पानी की बहुत बरबादी होती है।
    • अपने घर में लगे नलों और टॉयलेट्स में पानी बचाने के उपाय वाले उपकरण लगाएं। धीमी गति से पानी छोड़ने वाला फुहारा (showerhead) लगाना एक अच्छी शुरुआत होगी।
    • लगातार चलते पानी में बर्तनों को न धोएं। ऐसे इंतजाम करें कि बर्तनों को साफ करने में कम से कम पानी का इस्तेमाल हो।
    • वाशिंग मशीन में होने वाले पानी की सप्लाई बंद कर दें, ताकि पानी का रिसाव होने से रोका जाएं। वैसे भी इस नल का हमेशा खुला रहना जरूरी नहीं है।
    • पुराने टॉयलेट्स का आधुनिकरण करें, क्योंकि आधुनिक टॉयलेट उपकरण पानी का कम उपयोग करते हैं।
    • वाशिंग मशीन और डिश वॉशर को फुल लोड पर चलायें। इन उपकरणों को हाफ लोड पर चलाने से पानी की बरबादी होती है।
    • अपने लॉन या बगीचे में जरूरत के अनुसार ही पानी खर्च करें।
    • ब्रश करते समय नल को खुला न छोड़ें।

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    कम से कम केमिकल का उपयोग करें: शरीर, घर, कार और अन्य चीजों को धोने के लिए जो केमिकल इस्तेमाल में लाये जाते हैं, वह नालियों के रास्ते निकल कर या घास के द्वारा सोखने के कारण आपूर्ति किये जा रहे जल में आ जाते हैं। चूंकि लोग इन कामों के लिए बहुत असरदार और तेज केमिकल का उपयोग करते हैं, इस वजह से जलमार्ग और जलीय जीवन का बड़ा नुकसान होता है। यह केमिकल इंसानों के लिए भी नुकसानदेह होते हैं, इसलिए इनका जितना कम उपयोग किया जाये उतना ही अच्छा है। यह कैसे किया जाये, इस बारे में नीचे कुछ सुझाव दिए गए है:

    • घरेलू सफाई के लिए ऐसे विकल्पों के बारे में जानकारी इकट्ठा करें जिनमें खतरनाक केमिकल नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, आधा पानी और आधा सफेद विनेगर का मिश्रण सफाई के ज्यादातर कामों में उतना ही कारगर है जितना कि बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त क्लीनर। बेकिंग सोडा और नमक भी सस्ते और सुरक्षित नॉनटॉक्सिक (nontoxic) विकल्प है।
    • ऐसी स्थिति में जब हानिकारक क्लीनर का कोई सुरक्षित विकल्प उपलब्ध न हो, तो इनका कम से कम इस्तेमाल कर वांछित स्वच्छता को प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न करें।
    • केमिकल युक्त शैम्पू या साबुन की जगह आप खुद से अपना शैम्पू और साबुन बनाने की कोशिश करें।
    • कीटनाशकों या शाकनाशकों के स्थान पर कीड़ों और घास-फुस को प्राकृतिक रूप से मारने और नष्ट करने के विकल्पों को ढूंढें।

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    हानिकारक कूड़े को सही तरीके से डिस्पोज़ करें: पेंट, मोटर के आयल, अमोनिया या अन्य भिन्न प्रकार के केमिकल्स को नाली में या घास पर नहीं बहाना चाहिए। यह धरती में चले जायेंगे और ग्राउंडवाटर में मिल जाएंगे। अपनी स्थानीय सैनिटेशन विभाग से संपर्क करके पता कर लें हानिकारक कूड़े को डिस्पोज़ करने का सबसे नजदीकी स्थान कहाँ है। [१]

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    जल को प्रदूषित करने वाले कारणों को पहचानें: पानी को स्वच्छ रखने में हर इंसान योगदान कर सकता है। व्यावसायिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान जल प्रदूषण के सबसे बड़े गुनहगार है। अपनी धरती के जल संरक्षण के लिए सभी संवेदनशील नागरिकों को इस स्थिति के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जल प्रदूषण में कमी लाने के उपाय ढूँढने चाहिए।[२]

    • किसी ऐसे स्थानीय पर्यावरणवादी संस्था के सदस्य बनें जो नदियों, झीलों या महासागरों के जल को स्वच्छ रखने की दिशा में काम करती हो।
    • अपने स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क कर पानी को हानिकारक केमिकल से मुक्त रखने के अपने विचारों को उनसे बाटें।
    • समुद्र या नदी के किनारों की सफाई में स्वैच्छिक सेवादान करें।
    • अपने क्षेत्र के पानी को स्वच्छ रखने के प्रयासों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होने में मदद करें।

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    बिजली का प्रयोग कम करें: बिजली बनाने में कोयला और प्राकृतिक गैसों का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है। इन पदार्थों को जलाने से पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है। बिजली पर अपनी निर्भरता को कम करके आप अपने भूमंडल को बचाने में बहुत बड़ा योगदान कर सकते हैं।[३] इस काम को कैसे करें, यह हम आपको आगे बताते हैं:

    • घर को गर्म रखने और पानी को गर्म करने के लिए सौर ऊर्जा (solar power) का उपयोग करें।
    • काम से घर वापस जाने के पहले बिजली से चलने वाले सारे उपकरण बंद कर दें।
    • अगर आपने सेंट्रल एअर कंडिशनिंग करवा रखी है, तो जो कमरे इस्तेमाल में नहीं आ रहे हैं, उनके वेंट्स को बंद न करें।
    • पानी गर्म करने वाले अपने हीटर के थर्मोस्टेट को 120 पर कर दें।
    • यदि आप लंबे समय के लिए घर से बाहर जा रहे हैं, तो वाटर हीटर के थर्मोस्टेट को बहुत कम में रखें या हीटर को बंद ही कर दें।
    • कमरे से थोड़ी देर के लिए भी बाहर जा रहे हों, तो अनावश्यक बत्तियों को बंद करना न भूलें।
    • अपने रेफ्रिजरेटर के तापमान को 36 से 38 और फ्रीजर के तापमान को 0 से 5 के बीच सेट करें।
    • ओवन का इस्तेमाल करते समय उसके दरवाजे को जितना कम खोलें, उतना ही अच्छा है। एक बार ओवन का दरवाजा खुलना उसके तापमान को 25 से 30 तक घटा देता है।
    • काम हो जाने के बाद, हर बार अपने ड्रायर के लिंट फिल्टर की सफाई करें ताकि वह कम ऊर्जा का उपयोग करें।
    • कपड़ों की धुलाई, गर्म पानी की जगह गुनगुने या सामान्य तापमान के पानी से करें।
    • बत्तियां, कंप्यूटर और अन्य उपकरणों का जब इस्तेमाल नहीं हो रहा हो, तो इन्हें बंद ही रखें।
    • पैसे और ऊर्जा की बचत करने के लिए सीएफएल (compact fluorescent light or CFL) बल्बस् का प्रयोग करें।
    • घर को छाँव में रखने के लिए पेड़ लगाएं।
    • पुरानी खिड़कियों को ऊर्जा बचाने वाली खिड़कियों से बदलें।
    • जब आप घर से बाहर हों, तो गर्मियों में थर्मोस्टेट को ऊँचा और जाड़े में नीचे रखें।
    • जितना संभव हो उतना अच्छे से अपने घर को ताप प्रतिरोधी (insulate) बनायें।

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    ड्राइव करना और विमान यात्रा कम करें: वायु प्रदूषण का एक मुख्य स्तोत्र, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का कारण है, वह भिन्न प्रकार के वाहन जैसे कार, ट्रक, प्लेन और अन्य वाहन से निकलने वाला उत्सर्जन (emission) है, जो मुख्य रूप में धुएं के रूप में होता है। वाहनों के बनने, उनके चलने पर ईंधन और अन्य केमिकल के जलने से लेकर रोड बनाने की प्रक्रिया- ये सभी वायु को प्रदूषित करते हैं। इसलिए, यदि आप कम ड्राइव या विमान यात्रा करेंगे तो आप अपने भूमंडल की रक्षा में बहुत बड़ा योगदान करेंगे।[४]

    • जहाँ तक संभव हो, पैदल चलिए या साइकिल की सवारी करें। अपने शहर के साइकिल रूट के बारे में जानकारी इकट्ठा करें और उनका इस्तेमाल करें।
    • अगर पैदल चलना या साइकिल की सवारी संभव नहीं है, तो किसी कारपूल या वानपूल को जॉइन कर लें।
    • यदि आपकी नजर किसी ऐसे वाहन पर पड़े जो अत्यधिक धुआं छोड़ रही है, तो इसकी सूचना स्थानीय प्राधिकरण को दें।
    • अपने वाहन का रख-रखाव अच्छे से करें। अपनी गाड़ी में रेडियल टायर्स ही लगवाएं और उनमें समुचित हवा सुनिश्चित करें। स्प्रे पेंट के स्थान पर ब्रश या रोलर से पेंट करें। ऐसा करने से स्प्रे पेंट से होने वाले खतरनाक उत्सर्जन (emission) में कमी आएगी।

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    स्थानीय सामानों से अपने रोजमर्रा के जरूरतों को पूरा करें: स्थानीय स्तर पर उत्पादित सामानों के उपयोग से आप वायु को प्रदूषित होने के दो बड़े कारणों को कम करते हैं। आपको सामानों को खरीदने के लिए बहुत दूर तक जाने की जरूरत नहीं है और उत्पादों को भी आप तक पहुँचने के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी होती है। स्थानीय स्तर पर उत्पादित खाद्य पदार्थ, कपड़े और अन्य जरूरत के सामानों का उपयोग करके आप वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में भारी योगदान कर सकते हैं।

    • अपने नजदीकी बाजार और मंडी से स्थानीय स्तर पर उत्पादित सामानों की खरीदारी किया करें।
    • जब आप ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, तो सामान कितनी दूरी तय करके आपके पास पहुंचेगा, इस पर जरूर ध्यान दें। ऐसे सामान जिनको आप तक पहुँचने में ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ती हो, ऑनलाइन शॉपिंग में उनको प्राथमिकता दें।
    • आपके कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद और रोजमर्रा के अन्य सामान कहाँ पर बनते हैं, इस पर जरूर ध्यान दें। जहाँ तक संभव हो, अपने क्षेत्र में उत्पादित और निर्मित सामानों को ही खरीदें।

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    स्थानीय स्रोतों से मिलने वाली सब्जियां एवं मीट का उपयोग करें: औद्योगिक पशु पालन से जानवरों का अहित तो हो ही रहा है, यह अपने भूमंडल के लिए भी खतरनाक है। औद्योगिक पशु पालन वायु और जल, दोनों को ही बहुत ज्यादा प्रदूषित करते हैं। आप इस समस्या को कम करने में निम्नलिखित तरीकों से व्यक्तिगत रूप से योगदान कर सकते हैं:

    • अधिक से अधिक सब्जियां खाएं। आपके ऐसा करने से पशु पालन उद्योग में कमी आएगी।
    • आपके द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला मांस कितनी दूरी से आता है, इसका पता जरूर करें।
    • किसी स्थानीय एवं छोटे पशु पालक द्वारा आपूर्ति किये जा रहे मीट का उपयोग करें।

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    वायु प्रदूषण के क्षेत्र में काम करने वाला सक्रिय कार्यकर्ता बनें: वायु प्रदूषण के रोक-थाम की दिशा में काम करने वाले स्थानीय संगठनों के बारे में पता करें और खुद भी इस कार्य में शामिल हो जाएं। इस समस्या के विषय में खुद की जानकारी को बढ़ाकर और इससे दूसरों को अवगत कराकर आप वायु प्रदूषण के विरुद्ध चल रही लड़ाई में बहुत प्रभावी योगदान कर सकते हैं।

    • किसी ऐसे समूह के सदस्य बनें जो वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वृक्षारोपण करते हैं।
    • साइकिल की सवारी को प्रोत्साहित करने वाला एक्टिविस्ट बनें। अपने शहर में सुरक्षित साइकिल ट्रैक्स बनवाने के लिए काम करें।
    • अपने स्थानीय राजनीतिक प्रतिनिधि से मिलकर उनको अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराएं। अगर आपके इलाके में कोई फैक्टरी है जो वायु प्रदूषण करती है, तो राजनीतिक रूप से सक्रिय होकर इसको बंद करवाएं।

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    कम से कम कूड़ा-कचरे का उत्पाद करें: कूड़ेदान में फेंका हुआ सब कुछ बांधा जाता है और हर जगह से कुड़ा-कचरा उठाकर उसे लैन्ड्फिल (landfill) में डाला जाता है। इसके अलावा, सभी कुड़ा, प्लास्टिक, कागज, धातु, इत्यादि को अरक्षणीय तरीके से निर्माण करने से धरती की स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है। अतः, कम कूड़ा निर्माण करना अपने आप में एक बहुत बड़ा योगदान है। निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:

    • बार-बार उपयोग किये जा सकने योग्य सामान खरीदा करें। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक कंटेनर की जगह पर ग्लास कंटेनर का उपयोग किया करें।
    • प्लास्टिक बैग के स्थान पर कपड़े के बैग इस्तेमाल करें।
    • टिकाऊ सामानों के रख-रखाव पर ध्यान दें और नया खरीदने की जगह इनकी मरम्मत कराया करें।
    • जरूरत से ज्यादा पैकेजिंग मटेरियल का इस्तेमाल करने वाले उत्पादों का उपयोग न करें। कूड़े के रूप में फेंके जाने वाले सामानों में 33% सिर्फ पैकेजिंग मटेरियल होते हैं।
    • डिस्पोजेबल की जगह बार-बार उपयोग किये जाने वाले प्लेट्स और बर्तनों का इस्तेमाल करें। एल्यूमिनियम फॉइल इत्यादि में खाना न रखकर रीयूजेबल कंटेनर का उपयोग करें।
    • अधिक इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग करें।
    • कागज के दोनों तरफ प्रिंट और कॉपी किया करें।
    • लिफाफे, फाइल, फ़ोल्डर और पेपर क्लिप्स का पुनः प्रयोग करें।
    • पत्र व्यवहार के लिए ई-मेल का इस्तेमाल करें।
    • रीसाइकल्ड कागज का उपयोग करें।
    • नए-नए कपड़ों को खरीदने की जगह पुराने कपड़ों को दुरुस्त करवा कर पहनने की कोशिश करें।
    • पुराने और इस्तेमाल किये गए फर्नीचर्स खरीदें। ये सस्ते भी पड़ते हैं और बहुतायत में उपलब्ध है।

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    अपनी जरूरतों के सामान को स्वयं बनाया करें: जब आप अपना खाना खुद बनाते हैं या साफ-सफाई का इंतजाम खुद से करते हैं, तो इससे स्वाभाविक रूप से कम कूड़ा उत्पन्न होता है। हर व्यक्ति के लिए डिनर, शैम्पू की बोतलें इत्यादि से कूड़ा अच्छी-खासी मात्रा में उत्पन्न होता है। निम्नलिखित चीजों को आप खुद से बना सकते हैं:

    • भोजन। यदि आपके अंदर समुचित उत्साह है, तो खाद्य सामग्रियों को खुद तैयार करने का विचार करें। यदि यह आपके लिए संभव नहीं है, तभी भी अपना भोजन स्वयं से बनाया करें। पैकेजिंग मटेरियल्स में कमी लाने के उद्देश्य से खाद्य सामग्रियों को थोक में खरीदा करें।
    • प्रसाधन सामग्रियाँ। शैम्पू, कंडीशनर, लोशन, टूथपेस्ट जैसी सभी चीजें आप खुद से बना सकते हैं। शुरुआत कुछ चीजों से करें और धीरे-धीरे अपने व्यक्तिगत उपयोग की सारी चीजों को खुद से बनाना शुरू करें। हिन्ट: नारियल के तेल को बालों और शरीर के लिए उपयोग में लाएं। यह लोशन, डीप कंडिशनर्स और फेस वाश का बेहतरीन विकल्प है।
    • सफाई की सामग्रियाँ। हर तरह की सफाई सामग्री सभी प्राकृतिक सामग्री की मदद से घर में बनाई जा सकती है।

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    कम्पोस्ट: यह एक ऐसा सुन्दर विकल्प है जिसकी मदद से न सिर्फ कूड़े की मात्रा में कमी आती है, बल्कि जिस जमीन पर आप रहते हैं उसके स्वास्थ्य की स्थिति को भी बेहतर बनाया जा सकता है। बचे हुए खाने, जूठन, खाद्य सामग्रियों को कूड़े में फेंकने की जगह कहीं इकट्ठा करके इनसे वानस्पतिक खाद बना लिया करें। जैविक कूड़े के ढेर को कुछ हफ़्तों तक यूँ ही छोड़ देने से आप अपनी बागवानी और किचन गार्डन के लिए बहुत ही अच्छा खाद स्वयं से बना लेंगे। इसके इस्तेमाल से आपके आसपास की जमीन स्वस्थ और जीवंत रहेगी।

  4. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    वृक्षारोपण करें, वृक्षों को काटिये नहीं: पेड़ भूस्खलन रोकते हैं और पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) का अभिन्न अंग है। वृक्षों की रक्षा करके आप सिर्फ धरती की ही नहीं, बल्कि जल और वायु की भी रक्षा करेंगे। अगर आपके आँगन में जगह है, तो भविष्य को ध्यान में रखते हुए उनमें कुछ पेड़ जरूर लगाएं।

    • अपने क्षेत्र के वातावरण के अनुकूल एवं उपयोगी वृक्षों का शोध करें। स्थानीय अवस्थाओं में फलने-फूलने वाले पेड़ लगाएं।
    • ऐसे पेड़ लगाएं जो लंबे और बड़े होकर छाया देंगे।[५]

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    निर्वनीकरण (clearcutting) और भूमि खनन (mining) को रोकने की दिशा में काम करें: निर्वनीकरण और भूमि खनन जमीन को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं। इन गतिविधियों से धरती का ऐसा तहस-नहस होता है कि वह पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं के रहने के योग्य ही नहीं रहता। किसी ऐसी संस्था के सदस्य बनें जो इन गतिविधियों की ओर चौकन्ना रहती है और धरती को होने वाले नुकसान को रोकने की दिशा में काम करती है।[६]

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    अपनी जमीन, अपने निवास को वन्यजीवों के रहने के अनुकूल बनाएं: पक्षियों, हिरण से लेकर कीट-पतंगों तक के रहने के अच्छे खासे स्थानों की बलि मानव जनित विकास ने ले ली है। आपने किसी चिड़िया को तेल मिश्रित पानी में डुबकी लगाते या किसी हिरण को शहरी आबादी के बीच भटकते शायद देखा भी हो, क्योंकि इनके पास इसके अलावा कुछ और करने का या कहीं और जाने का कोई विकल्प ही नहीं बचा है। अगर आपके पास जगह है तो ऐसे जीव-जंतुओं को जो आपके साथ रहने में सहज हों, उनके स्वागत को तत्पर रहें। आप अपने निवास स्थान को निम्नलिखित तरीकों से जीव-जंतुओं के रहने के अनुकूल बना सकते हैं:

    • जितना संभव हो, अपनी जमीन पर ऐसे फूल वाले पौधे, झाड़ीनुमा पेड़ और बड़े पेड़ लगाइये जो वन्यजीवन को आकृष्ट करते हैं।
    • पक्षियों के लिए बर्ड फीडर में स्वच्छ दाना और बर्ड बाथ में स्वच्छ पानी रखें।
    • फायदा पहुँचाने वाले विषहीन साँपों, मकड़े, मधुमक्खियां, चमगादड़ और अन्य जंतुओं को रहने दीजिये। इन जंतुओं का आपके आस-पास रहना यह साबित करता है कि आपके इर्द-गिर्द का इकोसिस्टम (ecosystem) अच्छी हालत में है।
    • अगर जगह है, तो मधुमक्खियों के लिए छत्तापेटी, यानि बीहाइव की व्यवस्था करें।
    • कपड़ों की सुरक्षा के लिए नेफ़थलीन की गोलियां या अन्य कीटनाशक की जगह देवदार के चिप्स या और कोई खुशबूदार जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करें।
    • रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग न करें।
    • चूहों को मारने वाली दवा कीटनाशकों के स्थान पर चूहे और कीट-पतंगों को फंसाने वाले पिंजड़ों और जालियों जैसे विधियों का इस्तेमाल करें।
    • गैस से चलने वाले लॉनमूवर (lawnmover) यानि घास काटने वाली मशीन की जगह पर बिजली या अपने हाथ से चलने वाले लॉनमूवर का उपयोग करें।

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    सिर्फ स्थायी तरीके से पकड़ी गयीं मछलियों को खाएं: महासागरों में प्रदूषण और अत्यधिक मात्रा में पकड़े जाने की वजहों से मछलियों की कमी हो रही है। महासागरों की 90% बड़ी मछलियां विलुप्त हो चुकी है।[७] आप स्थायी तरीकों से, उनके अनुकूल मौसम में पकड़ी गयी मछलियों का इस्तेमाल करके समुद्री जल जीवन की रक्षा में योगदान कर सकते हैं।

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    जानवरों की इज्जत करें: बहुत सारे जीव-जंतुओं घातक न होने पर भी ऐसा समझा जाता है। जंगलों में, मानव से अंजान जगहों पर रहने वाले जीव-जंतु हमारी नजर में तो रहते नहीं, जिसकी वजह से हम उनकी जरूरतों को समझ नहीं पाते हैं। दर्जनों जीव-जंतु प्रतिदिन विलुप्त हो रहे हैं,[८] इसलिए उनको हर संभव मदद की दरकार है। उनका ध्यान आप निम्नलिखित तरीकों से रख सकते हैं:

    • छछूंदर, ग्राउंडहॉग और गिलहरी जैसे जंतुओं की हत्या न करें, उनको जीवित रहने दें। हो सकता है इनके वजह से आपको अपने बगीचे में थोड़ी दिक्कत हो सकती है, पर यह आपके क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
    • जीव-जंतुओं के प्राकृतिक निवास स्थल, जैसे जंगल, सागर तट इत्यादि को अशांत या अस्त-व्यस्त न करें। जब आप इन जगहों पर घूमने-फिरने जाते हैं, तो इसके लिए निर्धारित मार्ग पर चलें और निर्धारित स्थल पर ही ठहरे, ताकि अनजाने में भी किसी जंतु के निवास को नुकसान नहीं पहुंचता।

  4. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    जीव-जंतुओं के निवास स्थानों की सुरक्षा की दिशा में काम करें:[९] यदि आप भूमंडल के विलुप्तप्राय जीव-जंतुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार के प्रति संवेदनशील है, तो जानवरों के अधिकारों की रक्षा और उनपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली किसी संस्था के सदस्य बनें। यह संस्था आपके समय और उत्साह का सदुपयोग करके, जानवरों के प्रति आपकी चिंताओं को मूर्त रूप प्रदान करने में आपकी सहायता करेगी।

  1. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    घर के बाहर सौर ऊर्जा (solar power) पर चलने वाले लाइट्स लगवाएं: इन बत्तियों के साथ रिचार्जेबल बैटरी आती है, जो दिन में सूर्य की रोशनी से चार्ज होती है।

  2. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    पानी को गर्म करने के लिए भी सौर ऊर्जा का उपयोग करें: इस तरह के उपकरण उपलब्ध कराने वाले स्थानीय केंद्रों से संपर्क करके आप इस तकनीक का इस्तेमाल आसानी से कर सकते हैं।

  3. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    बाथरूम में कम वाट पर चलने वाले मोशन सेंसर नाईट लाइट लगवाएं: ज्यादा चमकदार रोशनी आपकी नींद के लिए ठीक नहीं है। इसलिए बाथरूम में कम वाट पर चलने वाला नाईट लाइट न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि इससे ऊर्जा की भी बचत होती है।

  4. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    शॉवर वाटर रीसायकलर लगवाएं: इस उपकरण से आपका शॉवर वॉटर फिल्टर होकर टॉयलेट फ्लश में प्रयुक्त हो जाता है।

  5. धरती और मार्ग कैसे होने चाहिए? - dharatee aur maarg kaise hone chaahie?

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    स्कूल्स में एनर्जी सेव करें: आपके स्कूल के इक्विपमेंट और बिल्डिंग बहुत सारी एनर्जी यूज़ करते हैं। इसे कम करने के भी कई तरीके हैं, जैसे जब लाइट्स का यूज़ न हो रहा हो तो उन्हें ऑफ कर रखें। आपस में बात कर ऐसे प्लान्स और तरीके खोजें जिनसे आप एनर्जी सेव कर सकें और हीटिंग और कूलिंग जैसी चीज़ों पर कम से कम एनर्जी बर्बाद हो।

सलाह

  • अपनी उम्र और अनुभव के अनुसार, रीसाइक्लिंग करने में अपने घर के किसी वयस्क की मदद लें। इसे फैमिली प्रोजेक्ट का रूप दें।
  • रीसाइक्लिंग करके आप मानवता की रक्षा में हाथ बटा रहे हैं।
  • यदि आपमें कलात्मकता है, तो आप रीसाइक्लिंग के द्वारा बहुत अच्छी चीजें बना सकते हैं।
  • रीसाइक्लिंग आपकी आमदनी का भी एक जरिया बन सकता है, जब आप घर में इस्तेमाल होने वाले कैन या रास्ते में किसी से फेंके गए कैन को बेचें, अगर आपके क्षेत्र में इसका विकल्प है तो।
  • पॉप बॉटल्स को स्थानीय भंगार या रद्दी वाले के पास ले जाएं। इन्हें बेचकर आपको कुछ पैसे मिलेंगे और यह देखकर आपको आश्चर्य होगा कि कितनी जल्दी आपके पास 5 से 10 रुपये जुड़ते जाएंगे।
  • बॉटल्स को बॉटल बैंक में जमा करें। बगीचे के काट-छाँट का कम्पोस्ट खाद बनाया करें। कागजों को रीसाइकिल (recycle) करें और अपने मित्र, सगे-संबन्धियों को भी ऐसा करने के लिए कहें।

विकीहाउ के बारे में

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

हम इस धरती को स्वर्ग कैसे बना सकते हैं?

यदि धरती को स्वर्ग बनाना है तो, सबसे पहले तो आतंकवाद को खत्म करना होगा, भाईचारे को बढ़ावा देना होगा। इसके साथ साथ जंगलों और पेड़ पौधों को काटकर हम प्रकृति को नष्ट करते जा रहे हैं, उसे रोकना होगा या उसके लिए कोई दूसरा उपाय खोजना होगा।

कविता में भारत को धरती का स्वर्ग कहा गया है क्यों?

Answer: कविता में भारत का धरती का स्वर्ग इसलिए कहा गया है क्योंकि यहां के लोगों में ऐसी एकता होती है ऐसा प्रेम होता है और यहां के लोग अखंडित होते हैं और यह भी माना जाता है कि यहां हर वह चीज जो स्वर्ग में मिलती है वह सब धरती पर भारत नामक देश में है।

कवि क्या सौगंध लेने की बात कर रहे हैं?

नाग) कवि किस प्रकार से काम लेने की बात कहता ग्र कवि स्नेह से काम लेने की बात कहते है।