गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

गैरमजरूआ भूमि की दाखिल-खारिज के लिए देने होंगे रैयती प्रमाण

वर्षो से गैरमजरूआ भूमि पर अधिकार जमाए लोगों को अब रैयती प्रमाण पत्र देना होगा। उसके बाद गैरमजरूआ भूमि की दाखिल-खारिज हो सकेगी।

बगहा । वर्षो से गैरमजरूआ भूमि पर अधिकार जमाए लोगों को अब रैयती प्रमाण पत्र देना होगा। उसके बाद गैरमजरूआ भूमि की दाखिल-खारिज हो सकेगी। शुक्रवार को बगहा एक सीओ उदयशंकर मिश्र ने राजस्वकर्मियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की। बैठक में दौरान हल्कावार दाखिल खारिज की समीक्षा की गई। समीक्षा में 2100 आवेदनों में मात्र 300 का ही निष्पादन होने में कर्मियों को फटकार लगाया । कर्मचारियों ने बताया कि दाखिल- खारिज मामले में अधिक त्रुटि जमाबंदी को लेकर है। बिना इसे सुधारे दाखिल-खारिज संभव नहीं है। सीओ ने सभी को एक सप्ताह के अंदर जमाबंदी सुधार के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही सीओ ने गैरमजरूआ भूमि के लिए दाखिल-खारिज का आवेदन करने वालों से जमीन का रैयती राइट संबंधित कागजात की मांग करने का निर्देश दिया है। गैरमजरूआ जमीन का रैयती मालिकाना हक देने तथ जांच में सही पाए जाने पर वैसी भूमि का दाखिल-खारिज किया जा सकता है। इसके साथ ही विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की समीक्षा की गई। सीओ ने बताया कि लोक सभा चुनाव को देखते हुए सभी कर्मियों के अवकाश रद कर दिए गए हैं। बैठक में विजय कुमार, किशोर राम, विकास कुमार श्रीवास्तव, राजीव कुमार आदि उपस्थित थे।

Edited By: Jagran

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राज्य सरकार का निर्णय:रैयती गैरमजरूआ जमीन की अब कटेगी लगान रसीद, दाखिल-खारिज भी हो सकेगा

रांची2 वर्ष पहले

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गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

  • भू-राजस्व विभाग ने रसीद काटने के लिए सीओ को किया अधिकृत

गैरमजरूआ जमीन के संदेहास्पद जमाबंदी वाली रैयती जमीनों की बंद लगान रसीद अब कटेगी।  ऐसे जमीनों का दाखिल खारिज भी हो सकेगा। भू राजस्व सचिव केके सोन ने सभी उपायुक्तों को इस आशय का पत्र भेज दिया है। मालूम हो कि 13 मई 2016 से इस प्रकृति की जमीनों की लगान रसीद जारी करने पर राज्य सरकार ने रोक लगा दी थी। अब सरकार के ताजा फैसले से हजारों रैयतों को लाभ मिलेगा,

जिनकी जमीन की लगान रसीद फिलहाल जारी नहीं की जा रही थी। इसके चलते वह अपनी जमीन का उपयोग या उसकी खरीद-बिक्री नहीं कर पा रहे थे। राज्य में संदेहास्पद व अवैध जमाबंदी की श्रेणी के करीब 6 लाख एकड़ जमीन हैंं। राजस्व, भूमि सुधार और निबंधन विभाग के इस फैसले पर विधि विभाग और मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त है। सभी डीसी को एक माह के अंदर अभियान चलाकर इन निर्देशों का अमल करने काे कहा गया है।

भूमि की जांच कर नियमितीकरण की जाएगी

पत्र में अवैध या संदेहास्पद जमाबंदी को रद्द करने के लिए खोले गए अभिलेख पर जब तक अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक बंद जमाबंदी की लगान रसीद काटने का प्रावधान किया गया है। नियमों के सरलीकरण में भूमि की जांच कर नियमितीकरण की कार्रवाई भी करने को कहा गया है। पहले यह कार्रवाई सीओ से होते हुए डीसी तक जाता था। अब नई व्यवस्था में उस भूमि के नियमितीकरण की पूरी प्रक्रिया के लिए सीओ को अधिकृत कर दिया गया है।

पिछली सरकार ने रसीद काटने पर लगाई थी राेक

उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार ने जनवरी 1946 के पूर्व निबंधित विक्रय पत्र , पट्‌टा, हुकुमनामा के आधार पर पंजी 2 में संधारित गैर मजरूआ भूमि से संबंधित जमाबंदी ऑनलाइन दाखिल खारिज और रसीद काटने पर रोक लगा दी गई थी । उसमें था कि अंचलाधिकारी के सत्यापन के बाद उसे एलआरडीसी को भेजा जाता था और एलआरडीसी उस पर एसडीओ से आदेश लेता था। लेकिन पिछली सरकार में जांच के बाद नियमित करने की कार्रवाई नहीं हुई।

अब जमाबंदी पर अंतिम फैसला सीओ करेंगे

भू-राजस्व विभाग द्वारा जारी नए निर्देशाें के अनुसार पंजी 2 में दर्ज गैरमजरूआ जमीन से संबंधित जमाबंदी में अंतिम रूप से सीओ द्वारा ही यह कार्रवाई की जाएगी। अगर जमीन का खाता रैयती होगा तो उसका पहले की भांति ऑनलाइन लगान रसीद जारी हाेती रहेगी। इसके अलावा राज्य सरकार से जमीन से संबंधित कोई आदेश या फिर राजस्व रसीद जारी किये जाने के विरुद्ध रोक का कोई अंतरिम आदेश न पारित हो।

गैरमजरूआ जमीन क्या है? गैरमजरूआ खास जमीन क्या है? आज के इस पोस्ट में आपको गैरमजरूआ जमीन से संबंधित सभी जानकारी दूंगा…

  • गैरमजरूआ जमीन क्या है? Gairmajarua Jamin Kya hai?
    • गैरमजरूआ जमीन के प्रकार
  • गैरमजरूआ आम
  • गैरमजरूआ खास
  • गैरमजरूआ जमीन को लेकर क्या कहता है कानून?
    • गैरमजरूआ खास जमीन पर ऐसे दवा करें
    • क्या गैरमजरूआ जमीन का रसीद कटेगा?
    • क्या रैयती ज़मीन गैरमजरूआ खास हो सकता है?
      • गैरमजरूआ खास को कैसे रैयती करा सकते हैं?

गैरमजरूआ जमीन क्या है? Gairmajarua Jamin Kya hai?

गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

प्राप्त जानकारी के मुताबिक वैसी जमीन जो विगत सर्वे में किसी भी रैयत को तत्कालीन जमींदार द्वारा बंदोबस्त नहीं की जा सकी उसे ही गैरमजरूआ जमीन कहा जाता है। गैरमजरूआ जमीन को सर्वसाधारण जमीन भी कहते हैं।

गैरमजरूआ जमीन के प्रकार

गैरमजरूआ जमीन दो प्रकार की होती है।

  1. गैरमजरूआ आम
  2. गैरमजरूआ खास

गैरमजरूआ आम

गैरमजरूआ आम पूर्ण रूप से सरकारी जमीन होती है। गैरमजरूआ आम का प्रयोग सरकारी रास्ता, सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल, सरकारी मैदान, पहाड़ या सैरात आदि होती है। इसकी खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती। यह जमीन सरकार की होती हैं।

गैरमजरूआ खास

गैरमजरूआ खास जिसे गैरमजरूआ मालिक भी कहते हैं। इसकी खरीद-बिक्री हो सकती है, लेकिन सिर्फ उसी जमीन की, जो सरकार की प्रतिबंधित सूची में दर्ज नहीं हो और संबधित जमीन की जमाबंदी कायम है।

गैरमजरूआ जमीन को लेकर क्या कहता है कानून?

नियम के मुताबिक गैरमजरूआ आम जमीन को सरकारी कामों में उपयोग के लिया लाया जा सकता हैं। सरकारी कार्यों के लिए इसे आरक्षित की गयी है। बिहार सरकार व झारखंड सरकार इस जमीन पर कल-कारखाना लगाने, स्कूल खोलने, उद्योग लगाने, नाली, गली बनाने, सरकारी भवन, रास्ता बनाने जैसे काम कर सकती हैं।

गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

कानून के मुताबिक बिहार और झारखंड में गैरमजरूआ जमीन की खरीद बिक्री करना अपराध माना जाता हैं। ऐसा करने पर प्रशासन कारवाई कर सकती हैं। क्यों की यह जमीन राज्य सरकार की होती है। इन जमीन को आप ना तो खरीद सकते हैं और ना ही बेच सकते हैं। न ही आप अपने पर्सनल प्रयोग का लिए ला सकते है।

गैरमजरूआ खास जमीन पर ऐसे दवा करें

आपको जिस जमीन पर आपका घर, बगीचा, तालाब व खेत आदि है उसे वैध प्रमाणित करना होगा। अर्थात गैरमजरूआ खास भूधारकों की भूमि वैध प्रमाणित करने के लिए कई शर्तें लगाई गई है। ऐसा अवैध जमाबंदी की पहचान के उद्देश्य से किया गया है। संयुक्त सचिव के आदेश के तहत भू धारकों को कई शर्तों का अनुपालन करते हुए सीओ, एलआरडीसी एंव एसी के समक्ष साक्ष्य भी प्रस्तुत करना है। ताकि वैध भूमि का लगान रसीद निर्गत किया जा सके।

गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

ये है शर्तें:

1. वैसे गैरमजरूआ खास भूमि जिसका हस्तांतरण 1.1.46 के पूर्व पंजीकृत डीड, इंस्ट्रूमेंट से गैरमजरूआ मालिक भूमि का अंतरण, भूतपूर्व जमींदार द्वारा बंदोबस्ती से प्राप्त किया गया है, वैसे मामलों पर कार्रवाई की जाएगी।

2. बंदोबस्ती की तिथि से 1956 के पूर्व तक भूतपूर्व जमींदारी रसीद निर्गत होती रही हो एंव 1956 से लगातार उक्त जमाबंदियों में रसीद निर्गत नहीं करने की अवधी तक सरकारी लगान रसीद निर्गत होती रही हो।

3. समीक्षा के दौरान यह दृष्टिगोचर हो की 1.1.46 के पूर्व जिस रैयत के साथ भूमि की बंदोबस्ती की थी, परंतु उसने 55-56 के पूर्व भूमि का हस्तांतरण निबंधित दस्तावेज से किसी रैयत को कर दिया हो, वैसे मामलों में भू-हस्तांतरण से संबंधित निबंधित दस्तावेज।

4. 1955-56 के पूर्व भूमि क्रेताओं के नाम भूतपूर्व जमींदार द्वारा निर्गत जमींदारी रसीदें तथा 1956 के बाद क्रेता को लगातार निर्गत सरकारी रसीदें व क्रमानुसार हस्तांतरित दखल-कब्जा का सत्यापन।

क्या गैरमजरूआ जमीन का रसीद कटेगा?

गैरमजरूआ मालिक भूमि का दाखिल खारिज कैसे करें - gairamajarooa maalik bhoomi ka daakhil khaarij kaise karen

नहीं; क्योंकि आपको पहले हीं हमनें बताया है गैरमजरूआ जमीन सरकार के खाता का ज़मीन होता है। मध्यवर्ती सर्वे के अनुसार अगर उस जमीन के खतियान पर अवैध दखल लिखा हो या वो व्यक्ति के कब्जे में किसी के नाम है तो ओ उसका बंदोबस्ती करा कर फिर रसीद काटा सकते है।

क्या रैयती ज़मीन गैरमजरूआ खास हो सकता है?

कई लोगों का सवाल होता है की क्या रैयती ज़मीन गैरमजरूआ खास हो सकता है? तो इसका जबाब है हाँ; अगर आपकी रैयती जमीन है लेकिन कुछ नीचे वर्णित शर्तें आप पुरा नहीं करते हैं तो इसे भी गैरमजरूआ खास करार दिया जा सकता है। ये शर्तें हैं:

1. आप बहुत दिनो से ज़मीन का रसीद नहीं काटा रहे है तो ये अपने आप सरकार के खाता में चला जाएगा लेकिन अवैध दखल में आपका नाम रहेगा मतलब जो उस ज़मीन के मौजूदा मालिक होगा उसका रहेगा।

2. फ़िलहाल चल रहे सर्वे में आपके पास उसका पुराना काग़ज़ात नहीं होने पर ये सरकार के खाता में चला जाएगा लेकिन अवैध दखल में आपका नाम रहेगा, मान लिजीय आपका उस ज़मीन का काग़ज़ात कहीं खो गया होगा या फिर उस समय आपके पास नहीं था उस कंडिशन में गैरमजरूआ खास हो सकता है।

गैरमजरूआ खास को कैसे रैयती करा सकते हैं?

गैरमजरूआ खास को आप रैयती करा सकतें हैं और इसका पुरा कागज भी सही करवा सकतें हैं। गैरमजरूआ खास को 3 प्रकार से रैयती करा सकते है। मतलब इस जमीन को नीचे वर्णित तरीकों के अनुसार अपने खाता, जमबंदी या फिर अपने नाम पर करा सकते है।

1. अगर आपके पास इसका पुराना काग़ज़ात होगा तो आप अपने ब्लॉक के भूमि एवं राजस्व विभाग के कर्मचारी, सीआई अथवा सीओ से मिल सकते है। इसके लिए आपको एक ऐप्लिकेशन लिखना होगा की ये हमारे पुराने सर्वे के अनुसार रैयती ज़मीन था लेकिन फ़िलहाल के सर्वे में ये बिहार सरकार या झारखंड सरकार के खाता में चला गया है।

2. आप इस जमीन का बंदोबस्ती करा सकते हैं।

3. आप कोर्ट में टाइटल सूट कर सकते है।

इसमें आपके लिए सबसे सही तरीका 1 और 2  रहेगा।

आपको बताएं बिहार और झारखंड में हज़ारों एकड़ ज़मीन गैरमजरूआ खास है। लेकिन ऐसा नहीं कि कोई और इसको क़ब्ज़ा कर ले। इसमें से कुछ तो वाजिब में सरकार के हैं जिसमें सरकारी काम होगा जैसे की स्कूल, हॉस्पिटल, पंचायत भवन आदि और कुछ सर्वे के ग़लतियों के बज़ह से ओरिजिनल मालिक के ज़मीन को सरकार के खाता में ड़ाल दिया है। लेकिन जैसे जैसे सर्वे हो रहे हैं ऐसे कई केस सामनें आ रहा है कि ये राज्य सरकार का है तो कोई भी क़ब्ज़ा कर सकता है। ऐसा कहकर कुछ दबंग लोग, कमजोर और सीधेसाधे लोगों को ज़मीन हड़प रहे है। ये पूर्णतः गलत है।

आपको बताएं बिहार सरकार या झारखंड सरकार के ज़मीन होने से कोई भी इसपर क़ब्ज़ा नहीं कर सकता। नियम के अनुसार जिसका लंबें समय से अवैध दख़ल है उसी का हक़ बनता है या फिर उसके पास कोई पुराना खतीयनी ज़मीन हो। ज़मीन मालिक (अवैध दख़ल या फिर पास पुराना खतीयन के अनुसार) का ज़िम्मेवारी है की वो राज्य सरकार से उपर वर्णित नियमों के अनुसार अपने नाम करायें।

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अगर आप लोगों में कोई ऐसा है तो किसी का गैरमजरूआ खास ज़मीन को अपने क़ब्ज़ा में लिए है तो कृपया उस पर ऐसा अन्याय न करे अगर उसका वास्तविक मालिक आपसे ज़मीन का माँग कर रहा है तो आप उसे बिना परेशान किए उसे लौटा दें क्योंकि नियमों के अनुसार वो जमीन भविष्य में उसी का होगा। इसके लिए आपको  दबंगई करना भाड़ी पर सकता है। आपपर वो कानूनी कार्यवाई भी कर सकता है।

क्योंकि बिहार सरकार या झारखंड सरकार के भूमि सुधार अधिनियम के अनुसार किसी गैरमजरूआ आम जमीन जोकि आपके घर के अगल बगल में है का आधिकार उस जमीन के चौहद्दी में हीं किसी रैयती (जिसके पास उसके अपने जमीन के सारे पुक्ते कागज होगा) का होगा। कोई दूर या बाहर से आकर इसपर हक नहीं जमा सकता है।

अगर आप किसी और का ज़मीन अपने क़ब्ज़े में धोखे से रखेंगे और आपके पास इसका पुराना कगजात नहीं होगा और मामला कोर्ट तक पहुंचती है तो आपके सजा भी हो सकती है। और साथ में उसमें जितना खेती से अब तक आपने कमाया होगा , अगर वास्तविक मालिक अपना नुक़सान दाखिल करेगा तो आपको ये सब चीजो कि भरपाई करनी पड़ेगी।

जमीन से जुड़ें अन्य सभी समस्याओं के लिए आप हमारे भूमि जानकारी के पूरे सीरीज को पढ़ सकतें हैं। अगर आपको जमीन से जुड़े कुछ समस्या है तो कॉमेंट बॉक्स में अपना समस्या लिखें हम बहुत जल्द उसपर आर्टिकल लिखेंगे तथा आपको उचित सहायता पहुॅचायेंगे।

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गैरमजरूआ खास जमीन का दाखिल खारिज कैसे करें?

वर्षो से गैरमजरूआ भूमि पर अधिकार जमाए लोगों को अब रैयती प्रमाण पत्र देना होगा। उसके बाद गैरमजरूआ भूमि की दाखिल-खारिज हो सकेगी।

गैरमजरूआ जमीन का रसीद कब से कटेगा?

गैरमजरूआ जमीन जिनका विक्रय पत्र, पट्टा या हुक्मनामा 1946 के पूर्व निर्गत हो चुका है उसकी अब रसीद कटेगी।

गैरमजरूआ खास जमीन क्या है बिहार?

Gairmajarua Jamin Kya hai? प्राप्त जानकारी के मुताबिक वैसी जमीन जो विगत सर्वे में किसी भी रैयत को तत्कालीन जमींदार द्वारा बंदोबस्त नहीं की जा सकी उसे ही गैरमजरूआ जमीन कहा जाता है। गैरमजरूआ जमीन को सर्वसाधारण जमीन भी कहते हैं।

दाखिल खारिज करने में कितना पैसा लगता है?

दाखिल खारिज करने में 2000 रुपये से 3000 रुपये लगता है।