चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कब है? - chaitr shukl paksh kee poornima kab hai?

Chaitra Purnima 2022: पूर्णिमा यानी माह का वह दिन जब चंद्रमा अपने पूरे विस्तार पर नजर आता है. वैसे तो हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एक-एक बार पूर्णिमा (Purnima) की तिथि आती है, लेकिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कई मायने में विशेष है. इसी दिन महावीर हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है. ये भी मान्यता है कि इस तिथि पर गोकुल में श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव मनाया था. चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के दिन पवित्र नदियों, कुंड, सरोवर में स्नान करना भी काफी अच्छा माना जाता है, कहते हैं इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. 

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16 अप्रैल को है चैत्र शुक्ल पूर्णिमा

इस वर्ष यानी साल 2022 में चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Shukla Purnima)16 अप्रैल को पड़ रही है. तिथि का आरंभ शनिवार को तड़के 2.15 से होगा और इसकी समाप्ति अगले दिन यानी रविवार को सुबह 12.24  मिनट पर मानी जा रही है. पवित्र नदियों में स्नान और व्रत इत्यादि 16 अप्रैल को ही संपन्न हो सकेंगे. इस दिन सूर्योदय सुबह 5.55 पर होगा, जबकि सूर्यास्त 6.47 बजे होगा. कई लोग इस दिन चन्द्रमा को भी अर्घ्य देते हैं. चन्द्रमा का उदय शाम 6.27 पर कहा जा रहा है.  श्रद्धालु इस दिन माता लक्ष्मी पूजन और भगवान सत्यनारायण की कथा का भी आयोजन करते हैं.

कैसे करें हनुमान जी का पूजन

अगर हनुमान जयंती पर व्रत रख रहे हैं तो माना जाता है कि उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. मान्यतानुसार सुबह जल्दी जागकर हनुमान जी के साथ उनके आराध्य भगवान श्रीराम और माता सीता का भी स्मरण करना चाहिए. स्नान-ध्यान से निवृत होकर हनुमान जी (Hanuman Ji) का पूजन किया जाता है. हनुमान जी को लाल सिंदूर, केवड़ा, गुलाल, चंदन और चावल अर्पित करें. हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने से भी मान्यता है कि बजरंग बली प्रसन्न होते हैं. पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के भाव के साथ उनकी आरती कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है. प्रसाद में चने, पेड़े या बूंदी के लड्डू जैसी कोई भी मिठाई रखी जा सकती है. वैसे हनुमान जी को कलयुग का जागृत देव कहा जाता है. माना जाता है कि उन्हें प्रसन्न करने से मनोकामना जल्द से जल्द पूर्ण होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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धर्म और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर कई महापुरुषों तथा देवी-देवताओं का अवतरण हुआ है, इतना ही नहीं इस तिथि पर होलिका दहन, रक्षा बंधन जैसे कई बड़े त्योहार भी मनाए जाते हैं, अत: पूर्णिमा का अपना खास महत्व है। इस दिन चंद्रमा भी सोलह कलाओं से युक्त तथा अपने पूर्ण रूप में होता है। अत: इस तिथि पर नदी या तीर्थ स्नान, अर्घ्य, दान और व्रत करना चाहिए, ताकि सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो सकें।

चैत्र पूर्णिमा एक भारतीय त्योहार है जो हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है, विशेषकर तमिल। हिन्दू वर्ष का सबसे पहला पूर्णिमा होने के कारण इसका ख़ास महत्व हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र (अप्रैल या मई) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को व्रत रखकर चाँद की पूजा की जाती हैं इसके अलावा भगवान् विष्णु की भी पूजा की जाती है और भक्त सत्यनारायण की कथा सुनते हैं।

चैत्र पूर्णिमा पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:

त्यौहार के नामदिनत्यौहार के तारीखचैत्र पूर्णिमा पूजाशनिवार16 अप्रैल 2022

चैत्र पूर्णिमा पूजा समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 02:25 - 16 अप्रैल 2022
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 00:25 - 17 अप्रैल 2022

चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी स्नान का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि इस दिन पानी में तुलसी डालकर स्नान करने से पुण्य मिलता हैं। इस दिन पूजा करने से भक्तों के सभी दुःख, कष्ट और दरिद्रता दूर हो जाते हैं।

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शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कब है?

शरद पूर्णिमा की तिथि अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा तिथि रविवार, 09 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी. पूर्णिमा तिथि अगले दिन सोमवार, 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी.

चैत्र मास की पूर्णिमा कब है २०२२?

चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल दिन शनिवार को तड़के 02 बजकर 25 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 17 अप्रैल दिन रविवार को 12:24 एएम तक मान्य है. ऐसे में चैत्र पूर्णिमा 16 अप्रैल दिन रविवार को है.

चैत्र मास में पूर्णिमा कब है?

इस साल चैत्र मास की पूर्णिमा (Chaitra Purnima) तिथि 16 अप्रैल 2022, शनिवार को पूर्वाह्न 02:25 बजे से शुरु होकर पूरे दिन रहेगी. इस दिन चंद्रोदय सायंकाल 06:27 बजे होगा.

पूर्णिमा कब है 2022 June?

Vat Purnima 2022 Date and Muhurat: वट पूर्णिमा व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस साल वट पूर्णिमा 14 जून 2022, मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं।